शुक्रवार, 18 मई 2012

नुस्खे सेहत के /दिमाग के सीखने की क्षमता को कुंद कर सकता हैं शक्कर से लदी चीज़ों का अधिक सेवन

नुस्खे सेहत के /दिमाग के सीखने की क्षमता को कुंद कर सकता  हैं शक्कर से लदी चीज़ों का अधिक सेवन 

Have  a sweet tooth? It may make you stupid 

sugar -Rich Diet Alters Brain's Ability To  Learn: Study/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,MAY 17,2012/P15


क्या  आप  रोज़ - बा - रोज़ अपनी खुराक में शक्कर से सनी चीज़ें यथा स्पोंज केक्स ,कोला पेय आदि (सोफ्ट ड्रिंक्स ) शामिल किए हुए हैं ?यदि ऐसा है तो साइंसदानों की इस चेतावनी पर ध्यान दीजिये -ये चीनी से भी ज्यादा मीठी चीज़ें रोजमर्रा की खुराक में शामिल रहने पर आप की सीखने की क्षमता को कुंद कर सकतीं हैं आपको ना -समझ बना सकतीं हैं चंद हफ़्तों में ही .

चूहों पर संपन्न अपने प्रयोगों में रिसर्चरों ने  केलिफोर्निया विश्व विद्यालय ,लासेंज़िलीज़ कैम्पस में  पता लगाया है कि हाई फ्रक्तोज़ खुराक यथा खुराक में केक्स ,जेम्स ,जेलीज़ ,क्रेकर्स ,डोनाट्स ,केन्दीज़ तथा कार्बोनेतिद सोफ्ट ड्रिंक्स (सोडा ) का शरीक रहना छ :हफ़्तों में ही व्यक्ति को ना -समझ बना सकता है .

जबकि  ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स बहुल खुराक इस आई क्यु लोस (बौद्धिक कोशांक )/बुद्धि लब्धि IQ की  भरपाई  ,पुनर  भरण  कर  सकती  है  .शक्कर बहुल खुराक से होने वाली नुकसानी को निष्प्रभावी बना सकती है इसलिए यदि खुराक में ज्यादा शक्कर जगह बनाए हुए है तो उससे पैदा होने वाली ना -समझी को बे -असर करने के लिए ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स युक्त खाद्यों को भी खुराक में जगह दीजिए .

रिसर्चरों का यही सुझाव है आम औ ख़ास के लिए .बकौल इनके अन्वेषण के जो कुछ आप खातें हैं वह आपके सोचने के ढंग को प्रभावित करता है .यु बिकम व्हाट यु ईट .जैसा अन्न वैसा मन वैसी समझाइश .

दीर्घावधि तक हाई -फ्रक्तोज़ खुराक खाते रहने से आपके दिमाग के सीखने और सीखे हुए पाठों को याद रखने की क्षमता असर ग्रस्त होती है .लेकिन खुराक में ओमेगा थ्री फेटि एसिड बहुल चीज़ों को जगह देकर आप इस नुकसानी को कम कर सकतें हैं .

lLIVE SCIENCE में इस रिपोर्ट का ज़िक्र किया गया है .जर्नल ऑफ़ फिजियोलोजी में यह रिसर्च प्रकाशित हुई है .बेशक यह शोध चूहों पर की गई है लेकिन उनकी ब्रेन केमिस्ट्री में बहुत कुछ हमारे जैसा ही है .

अपने अध्ययन में रिसर्चरों ने हाई -फ्रक्तोज़ कोर्न सिरप को केंद्र में रखा .यह शक्कर से छ :गुना ज्यादा मीठालेकिन कम कीमत ,सस्ते में उपलब्ध  तरल होता है जिसे अकसर संशाधित  खाद्यों में मिलाया जाता है .सोडा में भी इसे मिलाया जाता है .गौर तलब है अमरीका में तमाम कोला पेय कार्बोनेतिद शक्कर युक्त पेय को सोडा ही कह दिया जाता है . इसे तमाम तरह के बेबी फूड्स  में ,स्वाद वर्धक पदार्थ के रूप में भी मिलाया जाता है .एपिल सोस में भी .

 प्रयोग शुरू करने से पहले सभी चूहों को एक भूलभुलैयाँ में प्रवेश लेना सिखलाया गया .मार्ग को चिन्हित किया गया ताकि रास्ता याद रहे आवाजाही का .

अब चूहों को दो समूहों में रखा गया .जल के रूप में दोनों समूह को फर्क्तोज़ घोल(विलयन ) ही  दिया गया .लेकिन इनमे से आधों को ओमेगा थ्री फेटि एसिड भी दिया गया .समझा जाता है यह साईनेप्सिस (न्य्रोनों neuronsके बीच के जंक्शन ) को होने वाली नुकसानी को निष्प्रभावी करता है .दिमागी कोशाओं के बीच के रासायनिक संपर्क (केमिकल कनेक्शन )को साइनेप्स  कह सकतें हैं .यही कनेक्शन याददाश्त और सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है असरदार बनाता है .

छ  :सप्ताह तक नै खुराक पर रखने  के बाद रिसर्चरों ने इनका परीक्षण लिया.देखा गया किसे  भूल भुलैयां का कितना रास्ता याद है है भी या नहीं .ओमेगा थ्री फेटि एसिड समूह ने इस परीक्षण में बाज़ी अपने नाम कर ली .इन्होने जल्दी से सारा रास्ता  तय कर लिया .

जिन्हें ओमेगा थ्री फेटि एसिड नहीं दिया गया था उनके दिमाग में  साईनेप्तिक  एक्टिविटी कमतर रही .क्षय हुआ Synaptic  activity का  . दिमागी कोशाओं को परस्पर संकेत भेजने समझने में दिक्कत पेश आई .ज़ाहिर है  चूहों की  समझाइश विच्छिन हो गई थी .उन्हें रास्ता याद नहीं रहा था .वे ठीक से सोच नहीं पा रहे थे .

(यकीन मानिए कोई ३० ,००० जीवन  इकाइयां (जींस )  हमारी और चूहों की यकसां हैं .चंद जीवन इकाइयां ही जुदा हैं वरना हम भी चूहे होते .समझाइश में कई तो आज भी हैं,ये गणतंत्री चूहे कहलातें हैं संसद से सड़क तक किताब में कवि धूमल ने इन्हीं की गुण कथा  सुनाई है  ).

    नुस्खे सेहत के 

(१) कब्ज़ से राहत के लिए 
सुबह सवेरे चीकू खाइए इसमें मौजूद खाद्य रेशे एक विरेचक लेक्ज़ेतिव का काम करते हैं .पेट को साफ़ रखने में मददगार सिद्ध होतें हैं .

(२)बालों का झड़ना थामिए  

नारियल के तेल में मीठा  नीम्बू का रस मिलाके ऊंगली के पौरों से खोपड़ी में नित मलिए .

(3)मूत्राशय की सेहत के लिए 

मशरूम (खुम्बी ) विटामिन डी और सेलीनियम का बढ़िया स्रोत है .ये दोनों ब्लेडर के लिए अति -उत्तम सिद्ध हुए हैं .

(४)चिकिन नियासिन (विटामिन बी ३ )का अच्छा स्रोत है .यह उम्र के साथ होने वाले बोध सम्बन्धी ह्रास ,संज्ञानात्मक छीज़न को रोकता है .

शोध की खिड़की से 

(१)बेशक इतर फुलेल खुशबू पर आज बे -हिसाब खर्च किया जाता है लेकिन मानस गंध शरीर की अपनी सुवास मादक गंध सम्मोहित करती है आपके प्रिय पात्र को .सबसे बड़ा सम्मोहक है आज भी देह का गंध परबत .बेशक मासिक चक्र के दौरान महिला शरीर से उडती सुवास अपना सम्मोहक तत्व खो देती है लेकिन अंड क्षरण (ओव्यूलेशन ) के दिन यही गंध मारक बन जाती है .गज़ब ढ़ा देती है .जादू वही जो सर चढ़के बोले .

GOOD CHOLESTEROL DOESN'T REDUCE HEART ATTACK RISK

महज़  एक  मिथ हो सकती है यह मान्यता कि दिल का दोश्त HDL CHOLESTEROL दिल  के  दौरों  के  खतरे  का  वजन  कम  करता  है  .

कुछ लोगों में जन्मजात प्रवृत्ति के बतौर एक आनुवंशिक सोफ्ट वेयर के तहत  HDL CHOLESTEROL का  स्तर उच्च बना रहता है लेकिन उनके लिए हार्ट अटेक का ख़तरा कमतर नहीं होता है . 



दिमाग के सीखने की क्षमता को कुंद कर सकता  हैं शक्कर से लदी चीज़ों का अधिक सेवन 

Have  a sweet tooth? It may make you stupid 

sugar -Rich Diet Alters Brain's Ability To  Learn: Study/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,MAY 17,2012/P15


क्या  आप  रोज़ - बा - रोज़ अपनी खुराक में शक्कर से सनी चीज़ें यथा स्पोंज केक्स ,कोला पेय आदि (सोफ्ट ड्रिंक्स ) शामिल किए हुए हैं ?यदि ऐसा है तो साइंसदानों की इस चेतावनी पर ध्यान दीजिये -ये चीनी से भी ज्यादा मीठी चीज़ें रोजमर्रा की खुराक में शामिल रहने पर आप की सीखने की क्षमता को कुंद कर सकतीं हैं आपको ना -समझ बना सकतीं हैं चंद हफ़्तों में ही .

चूहों पर संपन्न अपने प्रयोगों में रिसर्चरों ने  केलिफोर्निया विश्व विद्यालय ,लासेंज़िलीज़ कैम्पस में  पता लगाया है कि हाई फ्रक्तोज़ खुराक यथा खुराक में केक्स ,जेम्स ,जेलीज़ ,क्रेकर्स ,डोनाट्स ,केन्दीज़ तथा कार्बोनेतिद सोफ्ट ड्रिंक्स (सोडा ) का शरीक रहना छ :हफ़्तों में ही व्यक्ति को ना -समझ बना सकता है .

जबकि  ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स बहुल खुराक इस आई क्यु लोस (बौद्धिक कोशांक )/बुद्धि लब्धि IQ की  भरपाई  ,पुनर  भरण  कर  सकती  है  .शक्कर बहुल खुराक से होने वाली नुकसानी को निष्प्रभावी बना सकती है इसलिए यदि खुराक में ज्यादा शक्कर जगह बनाए हुए है तो उससे पैदा होने वाली ना -समझी को बे -असर करने के लिए ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स युक्त खाद्यों को भी खुराक में जगह दीजिए .

रिसर्चरों का यही सुझाव है आम औ ख़ास के लिए .बकौल इनके अन्वेषण के जो कुछ आप खातें हैं वह आपके सोचने के ढंग को प्रभावित करता है .यु बिकम व्हाट यु ईट .जैसा अन्न वैसा मन वैसी समझाइश .

दीर्घावधि तक हाई -फ्रक्तोज़ खुराक खाते रहने से आपके दिमाग के सीखने और सीखे हुए पाठों को याद रखने की क्षमता असर ग्रस्त होती है .लेकिन खुराक में ओमेगा थ्री फेटि एसिड बहुल चीज़ों को जगह देकर आप इस नुकसानी को कम कर सकतें हैं .

lLIVE SCIENCE में इस रिपोर्ट का ज़िक्र किया गया है .जर्नल ऑफ़ फिजियोलोजी में यह रिसर्च प्रकाशित हुई है .बेशक यह शोध चूहों पर की गई है लेकिन उनकी ब्रेन केमिस्ट्री में बहुत कुछ हमारे जैसा ही है .

अपने अध्ययन में रिसर्चरों ने हाई -फ्रक्तोज़ कोर्न सिरप को केंद्र में रखा .यह शक्कर से छ :गुना ज्यादा मीठालेकिन कम कीमत ,सस्ते में उपलब्ध  तरल होता है जिसे अकसर संशाधित  खाद्यों में मिलाया जाता है .सोडा में भी इसे मिलाया जाता है .गौर तलब है अमरीका में तमाम कोला पेय कार्बोनेतिद शक्कर युक्त पेय को सोडा ही कह दिया जाता है . इसे तमाम तरह के बेबी फूड्स  में ,स्वाद वर्धक पदार्थ के रूप में भी मिलाया जाता है .एपिल सोस में भी .

 प्रयोग शुरू करने से पहले सभी चूहों को एक भूलभुलैयाँ में प्रवेश लेना सिखलाया गया .मार्ग को चिन्हित किया गया ताकि रास्ता याद रहे आवाजाही का .

अब चूहों को दो समूहों में रखा गया .जल के रूप में दोनों समूह को फर्क्तोज़ घोल(विलयन ) ही  दिया गया .लेकिन इनमे से आधों को ओमेगा थ्री फेटि एसिड भी दिया गया .समझा जाता है यह साईनेप्सिस (न्य्रोनों neuronsके बीच के जंक्शन ) को होने वाली नुकसानी को निष्प्रभावी करता है .दिमागी कोशाओं के बीच के रासायनिक संपर्क (केमिकल कनेक्शन )को साइनेप्स  कह सकतें हैं .यही कनेक्शन याददाश्त और सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है असरदार बनाता है .

छ  :सप्ताह तक नै खुराक पर रखने  के बाद रिसर्चरों ने इनका परीक्षण लिया.देखा गया किसे  भूल भुलैयां का कितना रास्ता याद है है भी या नहीं .ओमेगा थ्री फेटि एसिड समूह ने इस परीक्षण में बाज़ी अपने नाम कर ली .इन्होने जल्दी से सारा रास्ता  तय कर लिया .

जिन्हें ओमेगा थ्री फेटि एसिड नहीं दिया गया था उनके दिमाग में  साईनेप्तिक  एक्टिविटी कमतर रही .क्षय हुआ Synaptic  activity का  . दिमागी कोशाओं को परस्पर संकेत भेजने समझने में दिक्कत पेश आई .ज़ाहिर है  चूहों की  समझाइश विच्छिन हो गई थी .उन्हें रास्ता याद नहीं रहा था .वे ठीक से सोच नहीं पा रहे थे .

(यकीन मानिए कोई ३० ,००० जीवन  इकाइयां (जींस )  हमारी और चूहों की यकसां हैं .चंद जीवन इकाइयां ही जुदा हैं वरना हम भी चूहे होते .समझाइश में कई तो आज भी हैं,ये गणतंत्री चूहे कहलातें हैं संसद से सड़क तक किताब में कवि धूमल ने इन्हीं की गुण कथा  सुनाई है  ).






9 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

nice

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

शक्कर छोड़ने को मत कहिये अब..

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बालों का झड़ना थामिए
नारियल के तेल में मीठा नीम्बू का रस मिलाके ऊंगली के पौरों से खोपड़ी में नित मलिए ।

चीटियाँ तो नहीं चिपट जाएँगी :)

अच्छा लेख है , जानकारी पूर्ण ।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

उम्र के इस पडाव पर मीठा खाना कुछ ज्यादा भाता है
अच्छी जानकारी देता आलेख,.....

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

ओह ....मीठा इतना खतरनाक है है सेहत के लिए ...... अच्छी जानकारी

मनोज कुमार ने कहा…

कमाल के नुस्खे हैं। बुक मार्क कर लिया है।

SM ने कहा…

full of information
controlled sugar is good for health.

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बिल्कुल सही फ़रमाया आपने

दिगम्बर नासवा ने कहा…

तो मतलब आज से मीठा बंद ...
अरे ये जुलम न करें ... मिठाइयों कों देख के वैसे भी दिल ललचाता है ...
राम राम जी ...