बुधवार, 23 नवंबर 2011

शहर और सेहत संग साथ नहीं चलते .आंकडा ३६ का है .

शहर और सेहत संग साथ नहीं चलते .आंकडा ३६ का है .
(Health and the city :They don't go together)/TIMES TRENDS ,TOI,NEW -DELHI /p21.
अध्ययनों से पुष्ट हुआ है अनेक मानसिक और भौतिक व्याधियों से रु -बा -रु रहते हैं .शहर में पैदा होने वाले नौनिहाल .
शहर में रहने की कीमत सेहत को चुकानी पड़ सकती है .मसलन शहरी रह वास आपको अवसाद ग्रस्त ,मोटापा ग्रस्त तथा बाँझ (अनुर्वरक ,इन -फर्टाइल )बना सकता है .इतना ही नहीं शहरी रिहाइश आपको घातक' जीवन शैली रोग 'कैंसर की ज़द में भी ला सकता है .
अनेक अध्ययनों से यह पता चला है शहरों में पैदा हुए बच्चे यहाँ परवरिश पाते बढ़ते विकसते पलते नौनिहाल अनेक स्वास्थ्य गत समस्याओं से घिरे रहतें हैं .ये समस्याएं इनके भौतिक (कायिक )और मानसिक दोनों किस्म के स्वास्थ्य को असर ग्रस्त करतीं हैं .
लाइलाज और दीर्घावधि कायम रहने वाली रोग प्रतिरक्षा प्रणाली से सम्बद्ध इम्यून डिजीज के अलावा शहरी रहनी सहनीआबोहवा शहरी प्रदूषण आर्थराइटिस ,दिल की बीमारियों के अलावा कैंसर रोग समूह तथा प्रजनन सम्बन्धी मुश्किलात के वजन को बढाए रहती है .
प्रदूषण से रोज़ -बा -रोज़ पड़ने वाला साबका गर्भस्थ को भी असर ग्रस्त करता रहता है .यानी आप अभी पैदा भी नहीं हुए हैं और संकट आपकी सेहत पर मंडराने लगा है .यही से उम्र भर के लिए रोग प्रवणता सेहत के लिए जोखिम बढ़ते जातें हैं .
बेशक शहर में पैदा शिशु बड़े डील डौल लिए तौल में भी ज्यादा होतें हैं (भले उनकी माँ तौल में कम रही हो ,)अपने ग्रामीण हमउम्रों के बरक्स .लेकिन जब शहरी और ग्रामीण माताओं के पुरइन(placentas)की अलग अलग जांच की गई तब चौकाने वाले नतीजे सामने आये .
पता चला शहरी क्षेत्रों की माताओं के खून में शहरी रासायनिक प्रदूषक Xenoestrogens (ज़ीनोईस्त्रोजन्स )का डेरा है तथा इन शहरी प्रदूषकों की मात्रा शहर में पैदा हुए पले बढे शिशुओं केरक्त में भी अपने ग्रामीण हम उम्रों के बरक्स कहीं ज्यादा है .
ये उद्योगिक रसायन समूह है जो हमारी सेहत को असरग्रस्त करता है चौपट करता है .अपने असर में यह स्त्री हारमोन इस्ट्रोजन जैसा ही होता है .जन्म के समय शहर में पैदा हुए बिगर बेबीज़ तथा हेवियर बेबीज़ की वजह यही बन रहा है .भ्रूण की ज़रुरत से ज्यादा (अतरिक्त बढ़वार) के पीछे इसी उद्योगिक रसायन समूह का हाथ रहता है .
लेकिन अतिरिक्त बढ़वार के संग साथ सौगात मिलती है इन नौनिहालों को मोटापे की हाइपरएक्टिविटी की ,जल्दी से युवावस्था के देहलीज़ पर पाँव रखने की उम्र से पहले ही जवान हो जाने की puberty की .प्रजनन सम्बन्धी समस्याओं की लंग ,ब्रेस्ट तथा प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि ) कैंसर की .
University of Granada ,स्पेन के रिसर्चरों ने यह भी पता लगाया है कि एक तरफ शहरी माताएं हालाकि उम्र में बड़ी थीं,तौल में भी कमतर थीं अपनी ग्रामीण बहना के बरक्स लेकिन फिर भी इनके शिशु बड़े डील डौल वाले थे .They still gave birth to larger babies. .
यह सब करामात विषाक्त ज़ीनोईस्त्रोजन्स(xenoestrogens) की रही है .इसका बेहद का प्रभाव पड़ता है गर्भस्थ शिशु की बढ़वार पर .यही कहना है रिसर्चर Maria Marcos का .आपकी रपट दो टूक खुलासा करती है प्रमाण प्रस्तुत करती है कि शहरी आबोहवा ,प्रदूषकों से गंधाती हवा बच्चों की सामान्य बढ़वार को असरग्रस्त करती है .
बात तमाम यही जाके खत्म नहीं होती है ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में की गई आजमाइशों से पता चला है शहरी प्रदूषक तत्व शिशुओं में चयअपचयन सम्बन्धी (metabolic changes)बदलाव ला सकतें हैं . नतीज़तन इनका ब्लड सुगर लेविल बढ़ सकता है ,इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध भी पनपता है .
ram ram bhai


इन वीट्रो फ़र्तिलाइज़ेशन की कामयाबी के लिए .
इन वीट्रो फ़र्तिलाइज़ेशन की कामयाबी के लिए .
दो प्रकार का गर्भाधान होता है एक कुदरती यानी इन -वाइवो जैसे माँ के गर्भ में स्त्री पुरुष के स्वाभाविक मैथुन के बाद और दूसरा परखनली गर्भाधान यानी इन -वीट्रो एज इन ए ग्लास ट्यूब या फिर पेट्री डिश में
साइंसदानों ने पता लगाया है परखनली निषेचन की कामयाबी के मौके तब निश्चय ही बढ़ जातें हैं जब संतान का इच्छुक पुरुष जो कुदरती गर्भाधान कर पाने में किसी भी वजह से असमर्थ है और विकल्प के लिए इन -वीट्रो फ़र्तिलाइज़ेशन का सहारा ले रहा है अपनी खुराक में अधिकाधिक फल और अनाजों (खासकर चोकर युक्त अनाज )का सेवन करता है तथा रेड मीट का न्यूनतर .अलावा इसके एल्कोहल और कोफी भी जिसकी जीवन शैली में कम से कम है .ब्राजील में हाल में पुरुष स्पर्म्स (Spermatozoon ,a male reproductive cell (gamete) that has an over head with a nucleus ,a short neck ,and a tail by which it moves to find and fertilize an ovum,also spermaozoan) जिसे आम भाषा में लूजली वीर्य भी कह दिया जाता है की गुणवत्ता पर संपन्न एक अध्ययन में उक्त नतीजे निकाले गए हैं .
महिलाओं की प्रजनन सम्बन्धी गड़बड़ियों का रिश्ता जहां बॉडी वेट (शरीर भार ,तौल )से जोड़ा गया है ,शराब और धूम्रपान से जोड़ा गया है वहीँ इस अध्ययन से पहले यह साफ़ नहीं हुआ था कि क्या पुरुषों के लिए भी यह बात इन -वीट्रो -ट्रीटमेंट के दौरान लागू होती है .
अध्ययन में कुल २५० मर्द शरीक थे जो एक दम्पति के बतौर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के लिए आ रहे थे .यह ख़ास इलाज़ था -'Intracytoplasmic sperm injection '.
Ram Ram Bhai !Ram Ram Bhai !

भावी माँ मोटापा कम करे वरना ....
भावी माँ मोटापा कम करे वरना .....
(Obese moms make babies fat :)/Short Cuts /TOI,NOV21,2011,P17,New-Delhi.,ed .
भावी माताओं को साइंसदानों की यही हिदायतें हैं गर्भ धारण करने से पहले मोटापा ,अतिरिक्त चर्बी शरीर से हटायें वरना शिशु भी आगे चलके मोटापे की गिरिफ्त में आने से बच नहीं सकेगा ..एक नए अध्ययन के अनुसार मोटापे से लथपथ संतान की इच्छुक भावी माताओं में मोटापे का विनियमन करने वाला एक हारमोन सम्बन्धी विकार पैदा होजाता है .यह विकार सहज ही माँ से संतानों में अंतरित हो जाता है चला आता है चुपके से इसलिए अपनी भावी संतान को मोटापे की गिरिफ्त में जाने से बचाने के लिए भावी माताएं खुद फ्लेब से छुटकारा पाने के उपाय करे तब गर्भ धारण करने का सोचें .
पढ़ाकू कंप्यूटर .

(This computer can read like humans )/SHORT CUTS/TOI/NOV21,2011,New-Delhi ed.
समझा जाता हमारे दौर में साइंसदान एक ऐसा कंप्यूटर विकसितकरने में में जुटे हुएँ हैं जो विज्ञान साहित्य का अनुशीलन कर सकता है अनथक .तथ्यों के बीच की कड़ी खोज सकता है उनका संयोजन कर सकता है .परिकल्पनाएं प्रस्तुत कर सकता है . इस दौर में प्रकाशित लाखों लाख रिसर्च पेपर्स से काम की सूचना खोज सकता है .उनका सटीक विश्लेषण और समालोचना कर सकता है .
केम्ब्रिज विश्वविद्यालय की एक रिसर्च टीम के मुताबिक़ इसे CRAB कहा जा रहा है .
राम राम भाई !राम राम भाई !
सील्स नेविगेशन निपुण होतीं हैं .
समुन्दर के अपेक्षाकृत ठन्डे इलाकों में मछलियों का शिकार करके पेट भरने वाला मांसाहारी जीव होता है सील जो एक स्तनपाई है .इसका छरहरा बदन तैरने के अनुकूल बनाया है कुदरत ने .स्ट्रीम लाइंद है इसकी स्लीक बॉडी तथा इसके झिल्लीदार पैर कालान्तर में फ्लिपर्स में तबदील हुएँ हैं .
साइंसदानों के मुताबिक़ यह समुद्री स्तनपाई जीव समुन्दर में सालों साल (तकरीबन पांच साल की अवधि )बिताने के बाद भी अपना जन्म स्थल ढूंढ निकालता है अतल असीम सागर में .ऐसी ही इनकी नेविगेशन प्रवीणता ., कौशल्य .

4 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ा रुसवा किया इस शहर ने हमें भी।

Dr Ved Parkash Sheoran ने कहा…

shahar.....aa gye hum gaon k log

Arvind Mishra ने कहा…

डोस्सियर है जी डोस्सियर-एक साथ कितने विषयों का मजा

रविकर ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति ||

बधाई महोदय ||

dcgpthravikar.blogspot.com