बुधवार, 23 नवंबर 2011

आखिर दुनियाभर से कोरल्स का सफाया क्यों हुआ ?

आखिर दुनियाभर से कोरल्स का सफाया क्यों हुआ ?
आलमी स्तर पर बढ़ते हुए तापन के चलते दुनिया भर से कोरल्स प्रवाल या मूंगे की चट्टानों का देखते ही देखते क्यों सफाया हुआ इस रहस्य से साइंसदानों ने पर्दा उठाने में कामयाबी हासिल की है .ऑस्ट्रेलियाई साइंसदानों के अनुसार समुद्री जल के गरमाने के साथ ही प्रवाल अपनी संक्रमित कोशाओं (infected cells )को आत्मघात कर लेने के आशय का संकेत भेजतें हैं .ताकि सुरक्षित कोशायें जहां तक संक्रमण अभी नहीं पहुंचा है वहां ठीकठाक बनी रहें वहां से .रिकवर कर सकें .
ARC Centre of Excellence for Coral Reefs Studies तथा जामेस कुक यूनिवर्सिटी के साइंसदानों की एक सांझी टीम का कहना है :समुद्री जल का बढ़ता तापमान प्रवाल के कुदरती रंगों को ले उड़ता है उनके रंगहीन होकर विरंजित होने की वजह बन जाता है .बढ़ते तापमान ही कोरल ब्लीचिंग की वजह बनते हैं .
बढ़ते हुए तापमान प्रवाल और उसके साथ सहजीवन पाती एल्गी के लिए Heat stress की वजह बन जातें हैं .फलस्वरूप इन दोनों की लिविंग टुगेदर परस्पर सहजीवन और पल्लवन खंडित होजाता है . अब एल्गी ही तो कोरल्स का प्राथमिक आहार होता है शिशु के लिए माँ के दूध सा ,एल्गी की मौत या फिर कोरल द्वारा बहिष्करण आखिर में कोरल्स की मौत की भी वजह बन जाता है .
सन्दर्भ -सामिग्री :Mystery behind coral deaths solved :TIMES TRENDS /TOI,NOV 22,2011/p21
ram ram bhai !ram ram bhai !
रूस के दूरदराज़ निर्जन क्षेत्र में येती का अता पता ?
(Experts :Yeti nests found in remote Russian area)/TIMES TRENDS/TOI/NOV 21,2011/p17
रिसर्चरों ने दावा किया है हिमालय क्षेत्र का परिवासी येती जिसे Abominable Snowman भी कह दिया जाता है ,अब तलक रहस्य के आवरण में लिपटा ape like cryptid न सिर्फ अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं रूस के दूरदराज के क्षेत्र में इसने वृक्षों की डालों और बड़ी बड़ी शाखों को झुका मिलाकर अपने घरोंदे परिवास भी बनाए हुए हैं .
Cryptids are the yet-to-be discovered animals or recovered supposedly extinct zoological species that are being sought by cryptozoologists, zoologists, anthropologists, and other researchers through fieldwork in the wild, reexaminations of specimens in zoological collections, and searches of archival materials.

हाल ही में रूस में संपन्न एक अंतर -राष्ट्रीय संगोष्ठी में साइंसदानों ने ,कई माहिरों ने घोषणा की थी कि देश के दूरदराज़ निर्जन क्षेत्र में अजीबोगरीब अंदाज़ में विशालकाय वृक्षों का झुका होना शाखों का परस्पर गुंथा होना यह बतलाता है कि रहस्य रोमांच के परदे में लिपटा कोई जीव यहाँ ओरंगउतान तथा गुरिल्लाओं की मानिंद ही अपने परिवास बनाता है .
एक मेहराब सी बानाए हुए है परस्पर बुनी हुई बटी हुई रस्सी सी शाखें जिन्हें सायास बलपूर्वक बंटा बुना गया है .रूस के kemerovo region में ये अज़ब गज़ब रहवास देखे गएँ हैं .यह इलाका इस बहु -चर्चित येती के बाराहा देखे जाने के किस्सों के लिए जाना जाता रहा है .
निएंदर्थाल तथा आधुनिक मानव के बीच की विलुप्तप्राय कड़ी के बतौर जाना समझा जाता है इस Wildman को .दावे के साथ साइंसदान आत्म विशावस से भरपूर कहतें हैं चंद महीनों की बात है हम इस के पुख्ता प्रमाण जुटा लेंगें .यह वक्तव्य Igor Burtsev के सौजन्य से आया है .आप International Centre Of Hominology के मुखिया हैं .
कनाडा के येती अन्वेषक जॉन बिन्देर्नागेल कहतें हैं :साइबेरिया में हमने जो कुछ देखा है पेड़ों की शाखों को जिस हालजिस तरह गुंथे हुए लिपटे हुए देखा है वह किसी मनुष्य के बूते की बातनहीं है . ब्रितानी टेबलोइड


"दी सन'' ने इस पूरी कथा को प्रकाशित किया है .अमरीका रूस तथा कनाडा से अन्य अनेक माहिर भी इन दावों से सहमत प्रतीत होतें हैं अपने इलाके में येती की मौजूदगी से ये इत्तेफाक रखतें हैं ..

3 टिप्‍पणियां:

SM ने कहा…

yes read about yeti.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

उफ, ये गर्मी, समुद्र में भी..

डॉ टी एस दराल ने कहा…

interesting news .
शुक्रिया वीरुभाई जी ।