नोटों का मसला अंजाम नहीं आगाज़ है
मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है ,
वही होता है जो मंजूर खुदा होता है।
ट्रम्प और मोदी ईश्वरीय योजना के तहत उस परिवर्तन का निमित्त बने हैं जो २०३४ तक मेरा युवाभारत देखेगा। पूरा विश्व देखेगा। मोदी के बाद अब जो भी आएगा करना उसे भी वही पड़ेगा जिसके होने के निमित्त मोदी बने हैं।
इस मौके पर स्वप्न दृष्टा भारत माता के गौरव एपीजे साहब की यादें ताज़ा हो उठीं , २०२० तक जिस बड़े सपने के होने की जो आशा उन्होंने भारत को एक विश्वशक्ति बनके उभरने की थी उस दिशा में देश आगे बढ़ने लगा है।
साक्षी भाव से प्रेक्षक बने हम भी इस परिवर्तन को देखेंगे । आजकल ८० -८५ साल तक आदमी जी जाता है। ईश्वरीय विधान इस समय दुनिया में काम कर रहा है उसे ही साकार करने मोदी सोच के लोग आएं हैं।
आप हमें भी लाख गाली दे लें कहेंगे हम वही जो भारत के हित में है। हम भारत वासी तो तुलसी का पता तोड़ते वक्त ,पूजा के निमित्त वेलपत्र लेते वक्त भी इस जीव जगत से भी क्षमा मांगते हैं ,प्रकृति को खुद का हिस्सा मानते आएं हैं वही भारत का सनातन (प्रचलित रूप हिंदु मन ) ही वैश्विक योजना को मूरत देगा।
हमारे पर्वों पर धरती भारत से लेकर ढ़ाका तक खून से नहीं रंगती। हमारे लिए जड़ जंगम उसी ईश्वर की अभिव्यक्ति हैं।
इसलिए हम निश्चिन्त हैं :
चिंता ताकि कीजिये जो अनहोनी होय ,
इह मारग संसार का ,नानक थिर नहीं कोय।
एक प्रतिक्रिया :
https://www.youtube.com/watch?v=h52oPQPi5xI
मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है ,
वही होता है जो मंजूर खुदा होता है।
ट्रम्प और मोदी ईश्वरीय योजना के तहत उस परिवर्तन का निमित्त बने हैं जो २०३४ तक मेरा युवाभारत देखेगा। पूरा विश्व देखेगा। मोदी के बाद अब जो भी आएगा करना उसे भी वही पड़ेगा जिसके होने के निमित्त मोदी बने हैं।
इस मौके पर स्वप्न दृष्टा भारत माता के गौरव एपीजे साहब की यादें ताज़ा हो उठीं , २०२० तक जिस बड़े सपने के होने की जो आशा उन्होंने भारत को एक विश्वशक्ति बनके उभरने की थी उस दिशा में देश आगे बढ़ने लगा है।
साक्षी भाव से प्रेक्षक बने हम भी इस परिवर्तन को देखेंगे । आजकल ८० -८५ साल तक आदमी जी जाता है। ईश्वरीय विधान इस समय दुनिया में काम कर रहा है उसे ही साकार करने मोदी सोच के लोग आएं हैं।
आप हमें भी लाख गाली दे लें कहेंगे हम वही जो भारत के हित में है। हम भारत वासी तो तुलसी का पता तोड़ते वक्त ,पूजा के निमित्त वेलपत्र लेते वक्त भी इस जीव जगत से भी क्षमा मांगते हैं ,प्रकृति को खुद का हिस्सा मानते आएं हैं वही भारत का सनातन (प्रचलित रूप हिंदु मन ) ही वैश्विक योजना को मूरत देगा।
हमारे पर्वों पर धरती भारत से लेकर ढ़ाका तक खून से नहीं रंगती। हमारे लिए जड़ जंगम उसी ईश्वर की अभिव्यक्ति हैं।
इसलिए हम निश्चिन्त हैं :
चिंता ताकि कीजिये जो अनहोनी होय ,
इह मारग संसार का ,नानक थिर नहीं कोय।
एक प्रतिक्रिया :
https://www.youtube.com/watch?v=h52oPQPi5xI
नोटों का मसला अंजाम नहीं आगाज़ है
मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है ,
वही होता है जो मंजूर खुदा होता है।
ट्रम्प और मोदी ईश्वरीय योजना के तहत उस परिवर्तन का निमित्त बने हैं जो २०३४ तक मेरा युवाभारत देखेगा। पूरा विश्व देखेगा। मोदी के बाद अब जो भी आएगा करना उसे भी वही पड़ेगा जिसके होने के निमित्त मोदी बने हैं।
इस मौके पर स्वप्न दृष्टा भारत माता के गौरव एपीजे साहब की यादें ताज़ा हो उठीं , २०२० तक जिस बड़े सपने के होने की जो आशा उन्होंने भारत को एक विश्वशक्ति बनके उभरने की थी उस दिशा में देश आगे बढ़ने लगा है।
साक्षी भाव से प्रेक्षक बने हम भी इस परिवर्तन को देखेंगे । आजकल ८० -८५ साल तक आदमी जी जाता है। ईश्वरीय विधान इस समय दुनिया में काम कर रहा है उसे ही साकार करने मोदी सोच के लोग आएं हैं।
आप हमें भी लाख गाली दे लें कहेंगे हम वही जो भारत के हित में है। हम भारत वासी तो तुलसी का पता तोड़ते वक्त ,पूजा के निमित्त वेलपत्र लेते वक्त भी इस जीव जगत से भी क्षमा मांगते हैं ,प्रकृति को खुद का हिस्सा मानते आएं हैं वही भारत का सनातन (प्रचलित रूप हिंदु मन ) ही वैश्विक योजना को मूरत देगा।
हमारे पर्वों पर धरती भारत से लेकर ढ़ाका तक खून से नहीं रंगती। हमारे लिए जड़ जंगम उसी ईश्वर की अभिव्यक्ति हैं।
इसलिए हम निश्चिन्त हैं :
चिंता ताकि कीजिये जो अनहोनी होय ,
इह मारग संसार का ,नानक थिर नहीं कोय।
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