संजीव भाई आजका एडिट प्लेटर का विश्लेषण हमारे सामजिक मन की उथल पुथल को संग लिए आया। इस बाबत एक बात उल्लेख्य है सरकार ने BPL लोगों ,अन्य उपेक्षित वर्गों को ज़ीरो केश से एकाउंट्स खोलने की सुविधा दी थी। यही वक्त है जिनकी कोठियां हज़ार पांच सौ के नोटों से भरी पड़ी है वह इस वर्ग का आवाहन करे चांदनी चौक जैसे स्थानों पर जाकर जहां रोज़ रोटियां बांटी जाती हैं। बीस बीस हज़ार इन खाता धारियों को कमसे कम दें। बड़े आशीष मिलेंगे। घर के डोमेस्टिक हेल्प्स का हिंदुस्तान में बे -तरह शोषण होता आया है न उनकी साप्ताहिक छुट्टी न संतोष की पगार। ऊपर से डाट डपट।
उन्हें दिल खोलकर दें जो असल में इनका घर चला रहीं हैं। आपके ही पड़ोस में ,सटे हुए नीति बाग़ में भी में कई कई डोमेस्टिक हेल्प 24x7x365 आपको एक घर में मिलेंगे। लोगों के पास अकूत पैसा है। खान मार्किट में दूकानें हैं। तीर्थ यात्रा है यह उनके लिए।
साथ ही अब तो अघोषित आय घोषित कर पहल करके आगे आएं ,४५%टेक्स दें और शेष राशि को मान्य (वाइट )बनाएं।
मोदी साहब के इस कदम का हिंदुस्तान ने दिल खोकर स्वागत किया है असुविधा के बावज़ूद लोग अंदर से खुश हैं। रही बात ट्रम्प और अमरीका की ये तो भारत ही है जो ट्रम्प जैसी जवान बोलने वालों ,कट्टर पंथियों की गोद में खेलने वालों रक्तरंगी लेफ्टियों को पचाता आया है ,बदजुबानी के लिए विख्यात मायावतियों ,लालू सोच मुलायम सोच के छद्म सेकुलर पुत्रों की बकवास को बर्दाश्त करता आया है। अब मंजर बदल रहा है। आपके राष्ट्र प्रेम और संतुलित विश्लेषण को जो समाज की नव्ज़ से जुड़ा रहा है प्रणाम।
एक प्रतिक्रिया एडिट प्लेटर हिंदी पर :
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My take on the day's top stories! Only on Edit Platter! 11th November, Friday
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