गुरुवार, 3 नवंबर 2016

कितनी आसानी से मशहूर किया है खुद को , मैं ने अपने से बड़े शख्श को गाली दी है।

कितनी आसानी से मशहूर किया है खुद को ,

मैं ने अपने से बड़े शख्श को गाली दी है।

http://indianexpress.com/article/india/india-news-india/rng-awards-live-narendra-modi-at-ramnath-goenka-awards-3733744/

वैसे तो ज़मीन पे थूकना ही बुरी बात है लेकिन आसमान पे थूकना और भी बुरी बात होती है क्यंकि थूका हुआ थूकने वाले में मुंह पर ही लौटकर गिरता है। खुदा को गाली देने से खुदा छोटा नहीं हो जाता। मोदी की अवमानना करने से कोई मोदी से बड़ा नहीं हो जाता -भले व्यक्ति मोदी को आप नापसन्द करते हों पर संविधान के कार्यकारी मुखिया के पद पे कार्यरत व्यक्ति से आपको क्या आपत्ति है।

जिस पत्रकार की  हेट डाह ईर्ष्या ,मोदी विद्वेष उसके पत्रकारिता कर्म से बड़ी हो जाए वह पत्रकारिता भी क्या करता होगा। अब तक आप समझ गए होंगे,हम चर्चा किसकी कर रहें हैं।

उस लौटंकी बाज़ की जो कुख्यात लौटंक अशोक बाजपेई का नया अवतार बनके व्यक्त हुआ है। आपका नाम जो भी हो आप डर्टी पत्रकारिता , छिद्रान्वेषी पत्रकारिता के शीर्ष बनके उभरें हैं। आप बुद्धि जीवी होते हुए भी बुद्दुजीवी जैसा व्यवहार कर रहें हैं। आपकी पत्रकारिता भी बौद्धिकगुलाम लेफ्टियों जैसी छद्म पत्रकारिता ही होगी बहरहाल इसके  फर्दर अन्वेषण की ज़रुरत है।

हम अपने मुंह से और छोटी सी अक्ल से और क्या कहें आप खुद ही सुन लीजये इस दौर की सबसे सम्मानीय मीडिया कंपनी -एडिट प्लेटर हिंदी का सधा हुआ विश्लेषण इस प्रसंग पर नीचे जिसका लिंक दिया गया है।

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