जब एक मित्र से हमने पूछा -स्मोकर्स लंग्स ,विंटर सिटी आफ स्मोग तथा केजरबवाल इन तीनों में से दिल्ली के लिए कौन सी एक चीज़ सबसे ज्यादा घातक है वह छूटते ही बोले -केजरबवाल। हमें ये पूछने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी कि क्यों सबसे ज्यादा मारक केजरबवाल हैं। उन्होंने जब एक बार बोलना शुरु किया तो रुके नहीं। कहने लगे पहले इस आदमी ने दिल्ली को गंदगी से पाट दिया। सफाई कर्मचारियों के वेतन का भुगतान महीनों निलम्बित रहा यह इसका जिम्मा था जो किसी और पर डालता रहा। यह स्वामि असत्यानंद उर्फ़ केजरबवाल अपनी अकर्मण्यता ,काम न करने के लिए जाना जाता है। दूसरी इसकी आदत है दोषारोपण करना इस पर उस पर ,यानी अपनी शेव बनाकर साबुन दूसरे के मुंह पर फैंक देना। इसके अंदर का पॉल्यूशन (आंतरिक प्रदूषण )बाहर के स्थूल प्रदूषण के मुकाबले बेहद का ज्यादा है।
सब जानते हैं पानी अपना रास्ता खुद बा खुद ढूंढ लेता है ऊपर के तल से नीचे , ऊंचाई से ढ़लान की ओर बहता बढ़ता रहता है। हरयाणा ,पंजाब ,राजस्थान और उत्तरप्रदेश में कृषि कचरा बरसों से जलाया जाता रहा है हवाएं दिल्ली में ही आकर क्यों ठहर जाती है। क्या केजरबवाल के डर से दाबांतर चुक जाता है?प्रेशर डिफ़रेंस समाप्त हो जाता है। पता नहीं क्या हुआ अचानक हम दोनों के बीच कनेक्शन कट गया।
(ज़ारी )
सब जानते हैं पानी अपना रास्ता खुद बा खुद ढूंढ लेता है ऊपर के तल से नीचे , ऊंचाई से ढ़लान की ओर बहता बढ़ता रहता है। हरयाणा ,पंजाब ,राजस्थान और उत्तरप्रदेश में कृषि कचरा बरसों से जलाया जाता रहा है हवाएं दिल्ली में ही आकर क्यों ठहर जाती है। क्या केजरबवाल के डर से दाबांतर चुक जाता है?प्रेशर डिफ़रेंस समाप्त हो जाता है। पता नहीं क्या हुआ अचानक हम दोनों के बीच कनेक्शन कट गया।
(ज़ारी )
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