मंगलवार, 8 नवंबर 2016

राहुल की ताजपोशी पर अब ये ही कहा जा सकता है - शेख ने मस्ज़िद बना ,मिसमार मयखाना किया , पहले कुछ सूरत तो थी अब साफ़ वीराना किया।


      1. राहुल की ताजपोशी पर अब ये ही कहा जा सकता है -
        शेख ने मस्ज़िद बना ,मिसमार मयखाना किया ,
        पहले कुछ सूरत तो थी अब साफ़ वीराना किया।
        बेशक जैसा बीज वैसा फल ,तो भी सोनिया मायनो का कुछ तो रोबदाब था ही भले ही वह मदरसे के बालकों की तरह उचक उचक कर रोमन लिपि में लिखा कुछ बोलती थीं जो अक्सर हिंदी जैसा लगता था। राहुल विन्ची को तो कोई सीरियसली लेता ही नहीं है। पहले एक दिगपराजय सिंह थे कांग्रेस में अब दो हो गए। एक अच्छी बात यह भी हो गई नेहरू इंदिरा वंशीय खूँटा अब उखड़ना चाहता है राहुल ने देश पर बड़ा उपकार किया है शादी न करके ,ठीक वैसे ही जैसे रोमन लिपि ने हिंदी की बड़ी सेवा की है।दोनों माँ बेटे इस देश की अब तक न जुबान सीख सकें हैं न मुहावरा। विषय वस्तु से भटकाव की एक बड़ी वजह यही रही है। आपके विश्लेषण से भला हम क्यों इनकार करने लगे ,देश के लिए अच्छे है कांग्रेस को मटियामेट कर देंगें कांग्रसियों को भी। हमारा मानना है जब तक इस देश में एक भी कांग्रेसी है देश को खतरा है ,एक रक्त बीज है हरेक कांग्रेसी।डॉ' कर्ण सिंह एक अपवाद हैं। दूसरा कोई दिखाई नहीं देता। इस पार्टी में आकर सुप्रीम कोर्ट का उकील भी एक परिवार का वकील होकर रह जाता है।
        अमरीकी चुनाव का नज़ारा कल हम भी देखेंगे करीब से ,बतलादें आपको यहां कल आठ नवम्बर को भी सामूहिक अवकाश नहीं है। सुबह सात बजे से रात्रि आठ बजे तक आप अपना वोट कभी भी कर सकते हैं काम पर जाने से पहले भी बाद को भी। आज से ईस्टर्न टाइम एक घंटे और पीछे हो गया है प्रत्येक नवम्बर के पहले सोमवार से यह बदलाव लागू किया जाता है।दिलचस्पी की सारी हदें पर कर गया है अमरीकी राष्ट्रपतीय चुनाव। पहलवान रहे डोनाल्ड ट्रम्प जल्दी हार मान लेने वाले नहीं हैं -बकौल शिवकांत जी ट्रम्प के लिए -'चित्त भी मेरी ,पट्ट भी मेरी ,अंटा मेरे बाबा का। डोनाल्ड ट्रम्प वांट्स बोथ वेज़ विन एन्ड आनली विन -हार नहीं मानूंगा ,राड़ भी पूरी ठानूंगा।
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        • Sanjeev Srivastava
        • Maitreyee Yagyavalkya
        • Deepti Kumari
        • Rajan Shukla
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        Virendra Sharma
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