भ्रष्टाचार का कोरम पूरा करने वाले लोग
ये अजीब बात है कि राजनीति संसद से निकलकर सड़कों पर आ गई है। मनमोहन सिंह के राज में संसद को पीठ दिखाने के चलन को बढ़चढ़ कर परवान चढ़ाया गया ताकि सेकुलर राजनीति भ्रष्टाचार - कोरम पूरा करवाकर मनचाहे बिल पास कर सके। विपक्ष के संसद से वाकआउट करने की ये सेकुलर भट्ट प्रतीक्षा करते थे ताकि निहित स्वार्थ वाले बिल पास करवाये जा सकें । और ऐसा थोक के भाव किया गया।
हद तो ये है महात्मा गांधी का माया आवरण ओढ़ कर एक व्यक्ति ट्रेन में सवार हो गया है जब की महात्मा गांधी से कथित नेहरू -गांधी राजनीति का दूर -दूर तक रिश्ता नहीं है।नेहरू के कुनबे के साथ अदबदाकर गांधी का क्षेपक ठीक वैसे ही जोड़ दिया गया जैसे संविधान में सेकुलर शब्द इंदिराजी के कार्यकाल में चस्पां कर दिया गया।
किसकी कैमफ्लाजिंग कर रहें हैं ये शहजादे छद्म आवरण लगाके।इन्हें कहते सुना गया है :किसानों की बदहाली की ख़बरें मुझ तक पहुँच रहीं हैं (जो सेकुलर भट्ट मीडिया पहुंचाता भी रहा है ,जो खुद इस दौर में इसी सड़क छाप राजनीति का एक सक्रिय पक्ष हो गया है ,इस छिद्रान्वेषी मीडिआ को कुछ भी अच्छा नज़र नहीं आता ,नेपाल संकट की वेला में भी इसे कूटनीति ही नज़र आती है भारत की द्रुत इमदाद नहीं ),अब मैं खुद जाकर देखना चाहता हूँ।
भैया जी जीजू का किया धरा आपको दिखाई नहीं दिया किसान की दिल्ली से सटी उपजाऊ ज़मीन एक मुख्यमंत्री का टेका लगाकर हड़प गए। थोड़ा सा टुकड़ा ही उस ज़मीन का किसानों को वापस दिलवादो। छा जाएंगे आप किसानों के बीच सचमुच के हीरो बन जाएंगे।
ये अजीब बात है कि राजनीति संसद से निकलकर सड़कों पर आ गई है। मनमोहन सिंह के राज में संसद को पीठ दिखाने के चलन को बढ़चढ़ कर परवान चढ़ाया गया ताकि सेकुलर राजनीति भ्रष्टाचार - कोरम पूरा करवाकर मनचाहे बिल पास कर सके। विपक्ष के संसद से वाकआउट करने की ये सेकुलर भट्ट प्रतीक्षा करते थे ताकि निहित स्वार्थ वाले बिल पास करवाये जा सकें । और ऐसा थोक के भाव किया गया।
हद तो ये है महात्मा गांधी का माया आवरण ओढ़ कर एक व्यक्ति ट्रेन में सवार हो गया है जब की महात्मा गांधी से कथित नेहरू -गांधी राजनीति का दूर -दूर तक रिश्ता नहीं है।नेहरू के कुनबे के साथ अदबदाकर गांधी का क्षेपक ठीक वैसे ही जोड़ दिया गया जैसे संविधान में सेकुलर शब्द इंदिराजी के कार्यकाल में चस्पां कर दिया गया।
किसकी कैमफ्लाजिंग कर रहें हैं ये शहजादे छद्म आवरण लगाके।इन्हें कहते सुना गया है :किसानों की बदहाली की ख़बरें मुझ तक पहुँच रहीं हैं (जो सेकुलर भट्ट मीडिया पहुंचाता भी रहा है ,जो खुद इस दौर में इसी सड़क छाप राजनीति का एक सक्रिय पक्ष हो गया है ,इस छिद्रान्वेषी मीडिआ को कुछ भी अच्छा नज़र नहीं आता ,नेपाल संकट की वेला में भी इसे कूटनीति ही नज़र आती है भारत की द्रुत इमदाद नहीं ),अब मैं खुद जाकर देखना चाहता हूँ।
भैया जी जीजू का किया धरा आपको दिखाई नहीं दिया किसान की दिल्ली से सटी उपजाऊ ज़मीन एक मुख्यमंत्री का टेका लगाकर हड़प गए। थोड़ा सा टुकड़ा ही उस ज़मीन का किसानों को वापस दिलवादो। छा जाएंगे आप किसानों के बीच सचमुच के हीरो बन जाएंगे।
A friend in need: China, India turn on aid diplomacy in Nepal ...
www.dawn.com/news/11787041 day ago - "We have no faith in our government, only India and [Prime Minister Narendra] Modi are helping us," said villager Dhruba Kandel in Dhading. ... Nepal & India are like brothers, its secularism that has created all the problems. ... IndianMedia is saying "Disaster politics: India, China, Pak compete in quake-hit ...
1 टिप्पणी:
भैया जी जीजू का किया धरा आपको दिखाई नहीं दिया किसान की दिल्ली से सटी उपजाऊ ज़मीन एक मुख्यमंत्री का टेका लगाकर हड़प गए। थोड़ा सा टुकड़ा ही उस ज़मीन का किसानों को वापस दिलवादो। छा जाएंगे आप किसानों के बीच सचमुच के हीरो बन जाएंगे।
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सर जी, एक इंच जमीन भी वापस नहीं मिलेगी। सियासतदान और इनके रिश्तेदारों ने कभी हड़पा हुआ आज तक वापस किया है क्या? दामाद जी भी नहीं करेंगे।
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