आज फेस बुक पर दिन में एक पोस्ट पढ़ी। लब्बोलुआब था :एक कांग्रेसी सोच के व्यक्ति मेरठ से सेवानिवृत्त हुए हैं। किसी बड़ी पोस्ट पर रहें हैं। नेपाल भूकम्प के लिए आप मोदी को कुसूरवार ठहराते हुए कहते हैं :
'यथा राजा तथा प्रजा ' ये भूकम्प मोदी की करनी का फल है।
कहने को ये सज्जन किस्म के व्यक्ति ये भी कह सकते थे -मोदी की ऊपर वाले से सांठ गाँठ थी। शेषनाग से कह दिया तू फ़न हिला दे। भूकम्प तो फिर आना ही था।
चलिए मान लिया भूकम्प तो मोदी की वजह से आया पर भैया जी प्रजा क्यों चाहेगी कि भूकम्प आये। अलबत्ता आप भी मेरठ वासी होने के नाते प्रजा का अंग हैं। क्या इसका आवाहन आपने तो नहीं किया।
भगवान ने बुद्धि का निम्नतम स्तर भी मनुष्य को ही दिया है। ऊपर से ये सज्जन कांग्रेसी सोच से ग्रसित भी हैं। करेला और नीमचढ़ा।
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1 टिप्पणी:
उनकी वुद्धि का अपचय हो चुका है ...माँ कहती थी 'पागल कुछ भी कहता है 'l
काव्य सौरभ (कविता संग्रह ) --द्वारा -कालीपद "प्रसाद "
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