कोई मरे या जीवे ,खुसरा घोल पताशे (बताशे )पीवे।
साप्ताहिक स्मृति का स्वामी होने के अनेक फायदे हैं। किसी भी घटना के बस दो तीन दिन पहले और दो तीनदिन बाद की स्मृति आदमी को रहे तो वह भरपूर सुख लूटे भले लोग उसे विमूढ़ कहें। इसीलिए कहा गया है -'सबसे भले विमूढ़' न संसार के सुख की चिंता न संसार की गति की चिंता। कांग्रेस में ऐसे साप्ताहिक स्मृति के स्वामी अकेले मंद बुद्धि बालक के रूप में विख्यात सिर्फ राहुल बाबा नहीं हैं ऐसी ही लोगों की चौकड़ी गत ६० -६५ सालों में कांग्रेस के कथित रहनुमाओं को घेरे रही है। इमरजेंसी के दौरान यही टुकड़ी कॉकस के रूप में भी बहु -चर्चित रही है।
खैर मंद बुद्धि बालक का इस स्मृतिभ्रंश में कोई कुसूर नहीं है। मानसी संतति का बीज उसके वंशधरों से जाना जाता है। जिस बालक की माता गत ४५ सालों में इस देश की ज़बान नहीं सीख सकी उसके बालक से आप और क्या अपेक्षा रखियेगा। और क्या ऐसी अपेक्षा रखना वाज़िब समझा जाएगा।
भारत में परम्परा रही है औरतों का सम्मान किया जाता है ,इसलिए हम उन्हें मंदबुद्धि कहने की धृष्टता नहीं कर सकते अलबत्ता विज्ञान मानता है कि भले पेड़ में उसका बीज दिखाई न दे लेकिन बीज पेड़ की सारी इंटेलिजेंस छिपाए रहता है। सारा सॉफ्टवेयर लिए रहता है कब अंकुरण होगा ,नव कोपलें फूटेंगी पत्ते आएंगे ,फूल खिलेगा ,फल आएगा।
ये तमाम साप्ताहिक स्मृति के स्वामी भूल गए -गत पंद्रह सालों की अवधि में कुल कितने किसानों ने आत्महत्याएं कीं । टर्मिनेटर सीड्स ने कपास की खेती करने वालों को किस तरह तबाह किया ,किसान को बतलाया गया था इस बीज से पैदा फसल को कीड़ा नहीं लगेगा। लेकिन सारी फसल को कीड़े ही खा गए किसान क्या करता फिर।
आंकड़े उठाकर देख लें विदर्भ क्षेत्र के याद कर लें उस समय देश में किस पार्टी का शासन था।
लेबल :साप्ताहिक याददाश्त के मालिक शहज़ादे
साप्ताहिक स्मृति का स्वामी होने के अनेक फायदे हैं। किसी भी घटना के बस दो तीन दिन पहले और दो तीनदिन बाद की स्मृति आदमी को रहे तो वह भरपूर सुख लूटे भले लोग उसे विमूढ़ कहें। इसीलिए कहा गया है -'सबसे भले विमूढ़' न संसार के सुख की चिंता न संसार की गति की चिंता। कांग्रेस में ऐसे साप्ताहिक स्मृति के स्वामी अकेले मंद बुद्धि बालक के रूप में विख्यात सिर्फ राहुल बाबा नहीं हैं ऐसी ही लोगों की चौकड़ी गत ६० -६५ सालों में कांग्रेस के कथित रहनुमाओं को घेरे रही है। इमरजेंसी के दौरान यही टुकड़ी कॉकस के रूप में भी बहु -चर्चित रही है।
खैर मंद बुद्धि बालक का इस स्मृतिभ्रंश में कोई कुसूर नहीं है। मानसी संतति का बीज उसके वंशधरों से जाना जाता है। जिस बालक की माता गत ४५ सालों में इस देश की ज़बान नहीं सीख सकी उसके बालक से आप और क्या अपेक्षा रखियेगा। और क्या ऐसी अपेक्षा रखना वाज़िब समझा जाएगा।
भारत में परम्परा रही है औरतों का सम्मान किया जाता है ,इसलिए हम उन्हें मंदबुद्धि कहने की धृष्टता नहीं कर सकते अलबत्ता विज्ञान मानता है कि भले पेड़ में उसका बीज दिखाई न दे लेकिन बीज पेड़ की सारी इंटेलिजेंस छिपाए रहता है। सारा सॉफ्टवेयर लिए रहता है कब अंकुरण होगा ,नव कोपलें फूटेंगी पत्ते आएंगे ,फूल खिलेगा ,फल आएगा।
ये तमाम साप्ताहिक स्मृति के स्वामी भूल गए -गत पंद्रह सालों की अवधि में कुल कितने किसानों ने आत्महत्याएं कीं । टर्मिनेटर सीड्स ने कपास की खेती करने वालों को किस तरह तबाह किया ,किसान को बतलाया गया था इस बीज से पैदा फसल को कीड़ा नहीं लगेगा। लेकिन सारी फसल को कीड़े ही खा गए किसान क्या करता फिर।
आंकड़े उठाकर देख लें विदर्भ क्षेत्र के याद कर लें उस समय देश में किस पार्टी का शासन था।
लेबल :साप्ताहिक याददाश्त के मालिक शहज़ादे
Are GM Seeds to Blame for Indian Farmer Suicides? - Record
www.newsrecord.co › NewsFeb 21, 2013 - Since 1995, more than 270,000 farmers have committed suicide in India, ... within the cotton producing regions of Vidharbha, Andhra Pradesh, Punjab, ...new seeds each year, since GM varieties contain a special “terminator ...
The Seeds Of Suicide: How Monsanto Destroys Farming ...
www.globalresearch.ca/the-seeds-of-suicide-how...farming/5329947Mar 13, 2014 - The Seeds Of Suicide: How Monsanto Destroys Farming ... of Bt cotton is in Maharashtra and this is also where the highest farmer suicides are. ... (Called “
Terminator technology” by the media, sterile seed technology is a type ...
Farmers' suicide in Vidarbha region of Maharashtra state: A ...
www.ncbi.nlm.nih.gov › NCBI › Literature › PubMed Central (PMC)
by PB Behere - 2008 - Cited by 26 - Related articlesFarmers' suicide is not only reported in Vidarbha region of Maharashtra, but also from ... as much as 15 acres of land and hence considered a well off farmer inVidarbha, ... of Vidarbha is 12 lakhs, so number of suicide should be around 116 peryear. ... A total of 7000 farmers have committed suicide during the last 3 years.
2 टिप्पणियां:
शहजादे ही क्यों ... ये बात तो देश की आम जनता और सबसे ज्यादा मुखर मीडिया भी तो भूल चूका है ... जो क़ानून अभी आया नहीं उसके माथे सब मौतें ठोकी जा रही हैं ... वाह रे मीडिया ...
शायद झूठ बोलकर पब्लिक उल्लू बन जाती है शहजादे सीख चुके है. अब क्या करें कुछ तो करना ही पड़ेगा राजा बनने के लिए.
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