नुसखे और आरोग्य समाचार
हफ्ते में एक बार एक ही समय और स्थान पर एक ही स्केल (वेइंग मशीन )पर अपना वजन कीजिये। तभी
सही कयास लगा पायेंगें आप वेट लॉस या वेट गेन का।
(1)Weigh your self once a week on the same day and time and with the same scale to estimate your weight
loss effectively .
बस एक ग्लास पानी या ग्रीन टी ले लीजिए बर्जर पर टूटने से पहले। आप ओवर ईट नहीं करेंगे।
(2)Have a glass of water or herbal tea before you dive into that burger .It will help you eat less and stay
healthy .
आँखों के बीच में गोल काला सुराख (आँखों की पुतली )का आकार बाहरी प्रकाश से उद्दीपन ले घटता बढ़ता
रहता है। आप एक शीशे में खुद को देखिये पहली मरतबा प्रकाश स्रोत की और मुख करके दूसरी मरतबा
प्रकाश स्रोत की तरफ पीठ करके। प्रकाश अभिमुख होने पर आकार सुकुड़ता है विमुख होने पर फैलता है।
अँधेरे में अधिकतम फ़ैल जाती है पुतली ताकि अधिकतम प्रकाश प्रवेश पा सके। यह सब कुछ एक अनुक्रिया
के तहत होता है जो उद्दीपन पर निर्भर करता है।
अब पता चला है मन में यह विचार करने पर कि हम सूरज को देख रहे हैं खिली धूप में बागीचे में बैठे हैं।
पुतली फैलने लगती है। महज़ उद्दीपन आधारित नहीं है यह अनुक्रिया पुतली के फैलने और सिकुड़ने की।
यूं हमारी पुतली के आकार (डायमीटर )में तेज़ प्रकाश की ओर देखने पर २-४ मिलीमीटर का सिकुड़ाव और
अन्धकार में देखने पर ४-८ मिलीमीटर का फैलाव दर्ज़ किया जा सकता है। दोनों पुतलियाँ आम तौर पर
समान आकार प्रकार की होती हैं। चमकादड़ उल्लू सरीखे रात्रिचर पक्षियों ,पशुओं , और बिल्लियों (बिग
कैट्स
आल्सो ),ऊदबिलाव आदि की पुतलियाँ अँधेरे में असामान्य तौर पर विस्फारित हो जातीं हैं ताकी ये अपने
शिकार पे घात लगा सकें।
जब हम किसी सिनेमा हाल में प्रवेश करते हैं जबकि शो शुरू हो चुका है तब यकायक कुछ क्षण के लिए हाथ
को हाथ नहीं सूझता है लेकिन कुछ सेकिंडों के अंतराल पर सब कुछ साफ़ एक दम साफ़ दिखने लगता है।
अँधेरे हाल में प्रवेश लेने पर न सिर्फ हमारी पुतलियाँ अप्रत्याशित तौर पर फैलती हैं एक रंगीन पदार्थ हमारी
रेटिना पर फैली कोन्स और बोन्स की टिप्स पर बनता है। जो दृश्य को धूमिल कर देता है लेकिन इसकी तेज़ी
से ब्लीचिंग होती है और फिर नज़र एक दम से साफ़ और कुशाग्र हो जाती है।
Nocturnal animals are animals that are very active during the night and sleep during the
day. They are animals that have highly developed senses especially hearing, smell and
eyesight. Bats, cats and rabbits are examples of the nocturnal animals.
(३) EYE PUPIL CAN ADJUST TO IMAGINARY LIGHT
Conjuring up a visual image in the mind -like a sunny day -has a corresponding effect effect on the size of
our
pupil ,as if we were actually seeing the image .The findings suggest that the size of our pupils is not simply a
mechanistic response .
The normal pupil size in adults varies from 2 to 4 mm in diameter in bright light to 4 to 8 mm in the dark. The
pupils are generally equal in size. They constrict to direct illumination (direct response) and to illumination of the
opposite eye (consensual response). The pupil dilates in the dark. Both pupils constrict when the eye is focused
on a near object (accommodative response). The pupil is abnormal if it fails to dilate to the dark or fails to
constrict to light or accommodation.
हफ्ते में एक बार एक ही समय और स्थान पर एक ही स्केल (वेइंग मशीन )पर अपना वजन कीजिये। तभी
सही कयास लगा पायेंगें आप वेट लॉस या वेट गेन का।
(1)Weigh your self once a week on the same day and time and with the same scale to estimate your weight
loss effectively .
बस एक ग्लास पानी या ग्रीन टी ले लीजिए बर्जर पर टूटने से पहले। आप ओवर ईट नहीं करेंगे।
(2)Have a glass of water or herbal tea before you dive into that burger .It will help you eat less and stay
healthy .
आँखों के बीच में गोल काला सुराख (आँखों की पुतली )का आकार बाहरी प्रकाश से उद्दीपन ले घटता बढ़ता
रहता है। आप एक शीशे में खुद को देखिये पहली मरतबा प्रकाश स्रोत की और मुख करके दूसरी मरतबा
प्रकाश स्रोत की तरफ पीठ करके। प्रकाश अभिमुख होने पर आकार सुकुड़ता है विमुख होने पर फैलता है।
अँधेरे में अधिकतम फ़ैल जाती है पुतली ताकि अधिकतम प्रकाश प्रवेश पा सके। यह सब कुछ एक अनुक्रिया
के तहत होता है जो उद्दीपन पर निर्भर करता है।
अब पता चला है मन में यह विचार करने पर कि हम सूरज को देख रहे हैं खिली धूप में बागीचे में बैठे हैं।
पुतली फैलने लगती है। महज़ उद्दीपन आधारित नहीं है यह अनुक्रिया पुतली के फैलने और सिकुड़ने की।
यूं हमारी पुतली के आकार (डायमीटर )में तेज़ प्रकाश की ओर देखने पर २-४ मिलीमीटर का सिकुड़ाव और
अन्धकार में देखने पर ४-८ मिलीमीटर का फैलाव दर्ज़ किया जा सकता है। दोनों पुतलियाँ आम तौर पर
समान आकार प्रकार की होती हैं। चमकादड़ उल्लू सरीखे रात्रिचर पक्षियों ,पशुओं , और बिल्लियों (बिग
कैट्स
आल्सो ),ऊदबिलाव आदि की पुतलियाँ अँधेरे में असामान्य तौर पर विस्फारित हो जातीं हैं ताकी ये अपने
शिकार पे घात लगा सकें।
जब हम किसी सिनेमा हाल में प्रवेश करते हैं जबकि शो शुरू हो चुका है तब यकायक कुछ क्षण के लिए हाथ
को हाथ नहीं सूझता है लेकिन कुछ सेकिंडों के अंतराल पर सब कुछ साफ़ एक दम साफ़ दिखने लगता है।
अँधेरे हाल में प्रवेश लेने पर न सिर्फ हमारी पुतलियाँ अप्रत्याशित तौर पर फैलती हैं एक रंगीन पदार्थ हमारी
रेटिना पर फैली कोन्स और बोन्स की टिप्स पर बनता है। जो दृश्य को धूमिल कर देता है लेकिन इसकी तेज़ी
से ब्लीचिंग होती है और फिर नज़र एक दम से साफ़ और कुशाग्र हो जाती है।
Nocturnal animals are animals that are very active during the night and sleep during the
day. They are animals that have highly developed senses especially hearing, smell and
eyesight. Bats, cats and rabbits are examples of the nocturnal animals.
(३) EYE PUPIL CAN ADJUST TO IMAGINARY LIGHT
Conjuring up a visual image in the mind -like a sunny day -has a corresponding effect effect on the size of
our
pupil ,as if we were actually seeing the image .The findings suggest that the size of our pupils is not simply a
mechanistic response .
The normal pupil size in adults varies from 2 to 4 mm in diameter in bright light to 4 to 8 mm in the dark. The
pupils are generally equal in size. They constrict to direct illumination (direct response) and to illumination of the
opposite eye (consensual response). The pupil dilates in the dark. Both pupils constrict when the eye is focused
on a near object (accommodative response). The pupil is abnormal if it fails to dilate to the dark or fails to
constrict to light or accommodation.
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