बुधवार, 18 दिसंबर 2013

लोकपाल विधेयक पर राहुल


  1. लोकपाल विधेयक पर राहुल

    लोकपाल विधेयक पर राहुल बाबा ऐसे बोल रहें हैं जैसे पकी पकाई खिचड़ी के बाद कोई कहे -भाई 
  2. साहब मैंने

    ही ये चावल बोये थे जिनकी खिचड़ी आज आप खा रहे हैं।  अपने जन्म से पहले से मैं इस विधेयक पे 

  3. काम कर रहा हूँ। हालत ये है पस्त कांग्रेसियों 
  4. की -

    हाथ न मुठ्ठी फड़फड़ा उठ्ठी। कोई न कोई मुद्दा चाहिए वोट कबाड़ने के लिए चाहे फिर वह समलिंगी सेक्स हो 
  5. या

    लोकपाल विधेयक।शहज़ादे के अभिषेक से पहले उसे कुछ करते हुए दिखना भी चाहिए।

    गांगुली वाले मुद्दे पे पता नहीं शहज़ादा क्या सोचके चुप है हालाकि इनके क़ानून मंत्री सुप्रीम कोर्ट के कंधे 
  6. पे

    रखके बन्दूक चलाते दिख रहे हैं।ये राजनीति के धंधे बाज़ खुद कुछ नहीं करेंगे। जो कुछ करे न्यायिक 
  7. संस्था

    ही करे। सबूत भी वही जुटाए। प्राथमिकी (,प्रथम दृष्टया FIR)भी वही दर्ज़ कराये। ये राजनीति के धंधे 
  8. बाज़

    सिर्फ गाल बजायेंगें। न गृह विभाग के  तहत काम करने वाली पुलिस प्राथमिकी दर्ज़ करेगी न सबूत 
  9. जुटाएगी। 
  10. बिन

    किये का श्रेयस लेना चाहते हैं ये कांग्रेसी।

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