मंगलवार, 11 जुलाई 2017

चीन की बांसुरी बजाने ही गए थे ये वहां

भारतीय सौभाग्य के लिए राहू (राहुल नहीं शनिचर की तरह वक्र चलने वाला राहु )अपनी वक्र चाल से चीनी दूतावास जा पहुंचा, पूछने के- उनके लिए क्या प्रोग्राम है। जबकि ये ज़नाब न देश की सीमाओं के बारे में कुछ जानते हैं न भारत की भू-भौतिक ,भू -भौगोलिक पारस्थितियों के बारे में ये कुछ जानते हैं ?चीन की बांसुरी बजाने  ही गए थे ये वहां। 

पूछा जा सकता है किसी मित्र देश के दूतावास ये ज़नाब क्यों नहीं पहुंचे। मज़ेदार बात ये है कई दिन तक राहु की इस विज़िट के बारे में सोनिया के वफादार प्रवक्ता कुछ भी बोलने से पूरा परहेज़ बरतते रहे। 

मोदी तो लिहाज़ करते हैं इस मंदमति को प्यार से शहज़ादा तो कहते हैं इस का बस चले तो मणिशंकर अय्यर की तरह चीन जाकर कह दे -हमें लाओ मोदी हटाओ। फिर हम आपको अपने नाना की तरह और बहुत कुछ सौगात में देंगे। गौर तलब है धूर्त अय्यर ने  पाक जाकर यही कहा था। 

1 टिप्पणी:

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सच कहा आपन्व, ये राहुल नही राहु ही है.
रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग