बेगमापा -राहुल- केजर बवाल को यदि मिला दिया जाए तो एक नया डिजिटल शख्स पैदा हो जाएगा जिसे ट्रोल या ट्रॉलर भी कहा जाएगा। ये भले देखने में तीन दिखलाई देते हों काम तीनों का एक ही है ट्रॉल्लिंग। तमाम संविधानिक संस्थाओं के खिलाफ यह न सिर्फ भ्रम फैला रहें हैं अफवाहें भी फैला रहें हैं। इनमें से एक बेगम आपा ट्रोल बनर्जी दो मई से पहले ही साबित कर रहीं हैं कि वह डोनाल्ड ट्रम्प का फीमेल संस्करण हैं।
आप ने दो टूक कहा है बिना लारा लप्पा के मैं चुनाव आयोग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाऊंगी। टिकैत के संरक्षक शेष दो की बात बाद में करेंगे पहले स्मरण कीजिये टिकैत को जो किसी की नहीं मानते किसी को नहीं मानते न कोरोना को न कोर्ट को।ना कर्फ्यू को।
यही तिकड़ी है जो देश में मानसिक संक्रमण फैला रही है जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। कोरोना तो चला जाएगा ये ट्रॉलर यूं ही भारत धर्मी समाज की छाती पे मूंग दलेंगे।
दोस्तों इनके खिलाफ खबरदारी ज़रूरी है आइंदा आने वाले विधानसभाई चुनाव २०२२ में भी इन्हें ज़ोरदार पटखनी देनी है।
दोस्तों चलते चलते एक अच्छी खबर आपके साथ सांझा करता चलूँ -रेल रोड एयर मिलकर ग्रीन कॉरिडोर्स के ज़रिये ऑक्सीजन किल्लत को आगामी पांच दिनों में ठीक कर लेंगे। अगले लेख में इसके बारे में जानिये :क्या होता है ग्रीन कॉरिडोर ?
विशेष :ट्रोल एक अवमानना परक भाषा में रची लिखी गई शब्दावली है जो सामने वाले को अपमानित करे गालीगलोच से आगे की चीज़ है ट्रोल ,ट्रॉलर हद दर्ज़े का पाज़ी होता है।
The viral picture shows Arvind Kejriwal shaking hands with Rahul Gandhi. (Photo: Facebook)
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