करेंसी नोट वापसी का तीर किसे लगा ,कौन कौन मारा गया ?
हमारा मानना है इस एक तीर से कई शिकार किये गए हैं। सबसे पहले तो वह हाफीज़ सईद मारा गया जिसने हवाला के मार्फ़त हिंदुस्तान में फेक करेंसी भेजकर भारत पर बड़ा आतंकी हमला करवाने का मंसूबा बनाया था।
काश्मीर में बेहद की फेक करेंसी इस दौरान आ गई थी जिसके दम पर छोटे छोटे बच्चों से स्कूल जलवाए जा रहे थे। वो तमाम स्लीपर सेल्स मारे गए।
वो सलमान खुर्शीद मारा गया जो पाकिस्तान जाकर देश का सौदा करके आया था वह मणिशंकर अय्यर भी मारा गया जो पाक में कहकर आया था मोदी को हटाओ हमें लाओ।
आलू की फेक्ट्री लगाने वाले अब बैंगन की फेक्ट्री लगा लें।
वो राजनीतिक दल मारे गए जो लैप टॉप बांटते थे वोट खरीद के लिए अन्य कई और साधनों कम्बल ,शबाब और शराब का इस्तेमाल करते थे ,सब तबाह हैं आज। मायावतियां और मुलायम आलिया ,तमाम राजनीति के धंधे बाज़ तबाह हैं। रोना गरीब का हिंदुस्तान के आम आदमी का रो रहें हैं उस केजरबवाल के पास अब काला धन आना बन्द हो जाएगा, जिसका आंतरिक प्रदूषण दिल्ली के स्थूल प्रदूषण से बड़ा हो गया था। अब फिर वो एलजी को पकड़ेगा मोदी का रोना रोयेगा। रोवो भैया फूट फूट के रोवो।
इसीलिए इनके भौंपू चैनलों पर गरीबों का क्या होगा ,किसी को अपनी बेटी की शादी करनी है वह अब क्या और कैसे करेगा ?वगैरहा वगैरहा की आड़ में अपनी हताशा निकाल रहे हैं।
इस एक खबर ने हिंदुस्तान में अमरीकी चुनाव की खबरों को दोयम दर्ज़े पे ला खड़ा किया है।
हम स्वयं यहां कैंटन (मिशिगन )में दो चुनाव बूथों पर प्रात :साढ़े नौ बजे (ईस्टर्न स्टेंडर्ड टाइम ) का मुआयना करके आये। लिखा था वोटिंग प्रीसिंक्ट ,यहां आप वोट कर सकते हैं नम्बर ३८ (ओल्ड चेरी हिल विलेज स्कूल ,जो फिलवक्त एक चर्च है ),नम्बर ३५ केंटन ह्यूमेन सर्विसेज़ सेंटर। वोटिंग अहाता अंदर जाकर देखा यहां मैन्यूअल वोटिंग है ,बस अपना वोट एक स्केनर में होते हुए एक केन के हवाले कर दें जिसमें एक स्केनर लगा होता है। कोई अफरा तफरी नहीं बूथ के बाहर ,कोई पुलिस नहीं। वही शालीन क्यू परस्पर वैसी ही दूरी बनाए हुए जैसी यहां के हवाई अड्डों पर चेक इन के दरमियान होती है।
फेसबुक पर आये ,इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर फलेश हुई देखा भारत में हड़कंप मचा हुआ है। मचना चाहिए था हाफ़िज़ के घर में ,बड़े री-अल्टर्स के घरों में ,उनके घरों में जो भारत सरकार की उस योजना में शामिल नहीं हुए जिसमें काले को सफ़ेद धन में बदलने की व्यवस्था थी।
लो एक और खबर फलेश हुई है दलाल स्ट्रीट चीयर्स मोडीज़ स्टेप ,फॉर्गेटस वरीज़ आफ यूएस इलेक्शन्स।
चेतो मेरे दोस्तों !ये कदम भारत की सुरक्षा से जुड़ा है। हमारे लोकमंगल से जुड़ा है भारत की तरक्की से जुड़ा है। स्वागत करो तहेदिल से इस कदम का -ये काम वही कर सकता था -'जिसके आगे नाथ न पीछे पगा।'जो निष्कामता के साथ भारत के लिए काम कर रहा है बिना सुस्ताए।
एडिट प्लेटर का विश्लेषण इस मुद्दे पर हर बार की तरह इस दफह भी मानवीय पहलु को साथ लिए आया ,बधाई एडिट प्लेटर यु आर ऑल्वेज़ पॉज़िटिव ,आपके लिए देश सबसे ऊपर रहा है।
https://www.facebook.com/EditPlatterHindi/
हमारा मानना है इस एक तीर से कई शिकार किये गए हैं। सबसे पहले तो वह हाफीज़ सईद मारा गया जिसने हवाला के मार्फ़त हिंदुस्तान में फेक करेंसी भेजकर भारत पर बड़ा आतंकी हमला करवाने का मंसूबा बनाया था।
काश्मीर में बेहद की फेक करेंसी इस दौरान आ गई थी जिसके दम पर छोटे छोटे बच्चों से स्कूल जलवाए जा रहे थे। वो तमाम स्लीपर सेल्स मारे गए।
वो सलमान खुर्शीद मारा गया जो पाकिस्तान जाकर देश का सौदा करके आया था वह मणिशंकर अय्यर भी मारा गया जो पाक में कहकर आया था मोदी को हटाओ हमें लाओ।
आलू की फेक्ट्री लगाने वाले अब बैंगन की फेक्ट्री लगा लें।
वो राजनीतिक दल मारे गए जो लैप टॉप बांटते थे वोट खरीद के लिए अन्य कई और साधनों कम्बल ,शबाब और शराब का इस्तेमाल करते थे ,सब तबाह हैं आज। मायावतियां और मुलायम आलिया ,तमाम राजनीति के धंधे बाज़ तबाह हैं। रोना गरीब का हिंदुस्तान के आम आदमी का रो रहें हैं उस केजरबवाल के पास अब काला धन आना बन्द हो जाएगा, जिसका आंतरिक प्रदूषण दिल्ली के स्थूल प्रदूषण से बड़ा हो गया था। अब फिर वो एलजी को पकड़ेगा मोदी का रोना रोयेगा। रोवो भैया फूट फूट के रोवो।
इसीलिए इनके भौंपू चैनलों पर गरीबों का क्या होगा ,किसी को अपनी बेटी की शादी करनी है वह अब क्या और कैसे करेगा ?वगैरहा वगैरहा की आड़ में अपनी हताशा निकाल रहे हैं।
इस एक खबर ने हिंदुस्तान में अमरीकी चुनाव की खबरों को दोयम दर्ज़े पे ला खड़ा किया है।
हम स्वयं यहां कैंटन (मिशिगन )में दो चुनाव बूथों पर प्रात :साढ़े नौ बजे (ईस्टर्न स्टेंडर्ड टाइम ) का मुआयना करके आये। लिखा था वोटिंग प्रीसिंक्ट ,यहां आप वोट कर सकते हैं नम्बर ३८ (ओल्ड चेरी हिल विलेज स्कूल ,जो फिलवक्त एक चर्च है ),नम्बर ३५ केंटन ह्यूमेन सर्विसेज़ सेंटर। वोटिंग अहाता अंदर जाकर देखा यहां मैन्यूअल वोटिंग है ,बस अपना वोट एक स्केनर में होते हुए एक केन के हवाले कर दें जिसमें एक स्केनर लगा होता है। कोई अफरा तफरी नहीं बूथ के बाहर ,कोई पुलिस नहीं। वही शालीन क्यू परस्पर वैसी ही दूरी बनाए हुए जैसी यहां के हवाई अड्डों पर चेक इन के दरमियान होती है।
फेसबुक पर आये ,इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर फलेश हुई देखा भारत में हड़कंप मचा हुआ है। मचना चाहिए था हाफ़िज़ के घर में ,बड़े री-अल्टर्स के घरों में ,उनके घरों में जो भारत सरकार की उस योजना में शामिल नहीं हुए जिसमें काले को सफ़ेद धन में बदलने की व्यवस्था थी।
लो एक और खबर फलेश हुई है दलाल स्ट्रीट चीयर्स मोडीज़ स्टेप ,फॉर्गेटस वरीज़ आफ यूएस इलेक्शन्स।
चेतो मेरे दोस्तों !ये कदम भारत की सुरक्षा से जुड़ा है। हमारे लोकमंगल से जुड़ा है भारत की तरक्की से जुड़ा है। स्वागत करो तहेदिल से इस कदम का -ये काम वही कर सकता था -'जिसके आगे नाथ न पीछे पगा।'जो निष्कामता के साथ भारत के लिए काम कर रहा है बिना सुस्ताए।
एडिट प्लेटर का विश्लेषण इस मुद्दे पर हर बार की तरह इस दफह भी मानवीय पहलु को साथ लिए आया ,बधाई एडिट प्लेटर यु आर ऑल्वेज़ पॉज़िटिव ,आपके लिए देश सबसे ऊपर रहा है।
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2 टिप्पणियां:
एकदम दुरुस्त कहा आप ने। लेकिन अवैधियों के चक्कर में हम जैसे छोटे लोग भी परेशान होंगे 500 और 1000 के कुछ हजार के नोट बैंक की लाइन में लगकर वापस लौटाने और नए नोट लेने के लिए। वैसे वहां ट्रंप ही होगा शायद विजयी। बहुत दिनों बाद आप से इस माध्यम से बात हो रही है। प्रणाम।
बिल्कुल सही...
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