धमनियों को अवरुद्ध कर दिल को मुसीबत में डालने वाले LDL
Cholesterol को एक दम से कम करने वाली दवाएं इन दिनों नैदानिक
परीक्षणों से गुज़र रहीं हैं बेशक इन दवाओं का रख रखाव और भंडारण बेहद
सावधानी और विनियमित तापमान पे इन्हें बनाए रखने की मांग करेगा
.खासी महंगी होने के अलावा इन्हें दो तीन हफ्ते में एक ही मर्तबा चमड़ी के
नीचे सुइयों से ही लेना पडेगा लेकिन इनके दीर्घावधि फायदे इन छोटी
मोटी दिक्कतों से कहीं ज्यादा हैं .
इन निर्माणाधीन दवाओं को कहा जा रहा है PCSK9 inhibitors.मशहूर
दवा
कम्पनियां Sanofi और Regeneron इन्हें तैयार करने में जुट गईं हैं .
ये दवाएं एक ख़ास जीवन इकाई (जीन )की सक्रियता का शमन करती हैं
जिसका काम यह देखना होता है ,हमारा यकृत कितना कोलेस्ट्रोल शरीर से
बाहर करने की कूवत रखता है .
These drugs will suppress a particular gene that regulates how much cholesterol the liver can filter out of the body .
तीसरे चरण के आरम्भिक परीक्षणों में इस दवा के उत्साह जनक नतीजे
मिले हैं .PCSK9 inhibitors न सिर्फ जोखिम से परे सुरक्षित साबित हुए हैं
बेहद कारगर भी सिद्ध हुए हैं कोलेस्ट्रोल को अब तक के ज्ञात न्यूनतम
स्तरों तक लाने में .
अध्ययनों से पता चला ,जिन लोगों में .PCSK9 जीवन इकाइयां (जींस
)ज़रुरत से कम सक्रिय रह जातीं हैं उनमें हृदय के लिए अमित्र कोलेस्ट्रोल
LDL Cholesterol का स्तर ही कमतर नहीं रहता है परिहृदय धमनी रोगों
के मौके भी कमतर (न्यूनतर ) रहते हैं .
बतलादें आपको Sanofi के अलावा भी दो और बड़ी दवा कम्पनियां
Amgen और Pfizer भी इन जीवन इकाइयों की हु -ब -हू नकल उतारने
वाली दवाएं बनाने की दौड़ में कूद पड़ीं हैं .
The best approach, experts say, will be through monoclonal
antibodies: antibodies that are created in a lab and help your
immune system fight a disease or, in this case, fight
cholesterol.
"PCSK9 inhibitors could offer an important treatment option
for patients, particularly for those who are in need of greater
LDL-C reductions beyond what the current standards of care
can offer," said MacKay Jimeson, a spokesman for Pfizer,
one of the companies working on this new type of drug.
"This is not to replace statin therapy," said Joe Miletich,
senior vice president of research and development at
Amgen. "This is actually to get patients to (their) goal who
can't get there."
अमरीकी हृदय संस्था के मुताबिक़ (१ ० ० - १ ३ ० )मिलीग्राम /
डेसीलिटर LDL Cholesterol का सामान्य स्तर माना गया है .
Statins (कोलेस्ट्रोल कम करने वाली परम्परागत दवाएं )इस स्तर को
अमूमन
(७ ० - १ ० ० )mg/dl तक ले आतीं हैं .
"If you use these monoclonal antibodies, you could see a
number way less than 50."said Dr. Elliott Antman, president-
elect of the American Heart Association and a dean at
Harvard Medical School.
एक साल से नीचे के शिशु की धमनियां एक दम से स्मूथ रहतीं हैं तथा
कोलेस्ट्रोल का स्तर ४ ० mg /dl या फिर इससे भी कम रहता है .
The initial research into the PCSK9 gene also found people
with virtually no PCSK9 activity who lived their entire lives
with extremely low cholesterol. Researchers observed no ill
effects in those patients.
The safety data from the clinical trials are good, and experts
say these drugs could help patients who can't tolerate or do
not respond to traditional cholesterol-lowering drugs.
उम्मीद की जाती है आगामी दो बरसों में ये दवाएं बाज़ार में आ जायेंगी
.अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था से इन्हें मंजूरी भी मिल जायेगी .
ॐ शान्ति
Cholesterol को एक दम से कम करने वाली दवाएं इन दिनों नैदानिक
परीक्षणों से गुज़र रहीं हैं बेशक इन दवाओं का रख रखाव और भंडारण बेहद
सावधानी और विनियमित तापमान पे इन्हें बनाए रखने की मांग करेगा
.खासी महंगी होने के अलावा इन्हें दो तीन हफ्ते में एक ही मर्तबा चमड़ी के
नीचे सुइयों से ही लेना पडेगा लेकिन इनके दीर्घावधि फायदे इन छोटी
मोटी दिक्कतों से कहीं ज्यादा हैं .
इन निर्माणाधीन दवाओं को कहा जा रहा है PCSK9 inhibitors.मशहूर
दवा
कम्पनियां Sanofi और Regeneron इन्हें तैयार करने में जुट गईं हैं .
ये दवाएं एक ख़ास जीवन इकाई (जीन )की सक्रियता का शमन करती हैं
जिसका काम यह देखना होता है ,हमारा यकृत कितना कोलेस्ट्रोल शरीर से
बाहर करने की कूवत रखता है .
These drugs will suppress a particular gene that regulates how much cholesterol the liver can filter out of the body .
तीसरे चरण के आरम्भिक परीक्षणों में इस दवा के उत्साह जनक नतीजे
मिले हैं .PCSK9 inhibitors न सिर्फ जोखिम से परे सुरक्षित साबित हुए हैं
बेहद कारगर भी सिद्ध हुए हैं कोलेस्ट्रोल को अब तक के ज्ञात न्यूनतम
स्तरों तक लाने में .
अध्ययनों से पता चला ,जिन लोगों में .PCSK9 जीवन इकाइयां (जींस
)ज़रुरत से कम सक्रिय रह जातीं हैं उनमें हृदय के लिए अमित्र कोलेस्ट्रोल
LDL Cholesterol का स्तर ही कमतर नहीं रहता है परिहृदय धमनी रोगों
के मौके भी कमतर (न्यूनतर ) रहते हैं .
बतलादें आपको Sanofi के अलावा भी दो और बड़ी दवा कम्पनियां
Amgen और Pfizer भी इन जीवन इकाइयों की हु -ब -हू नकल उतारने
वाली दवाएं बनाने की दौड़ में कूद पड़ीं हैं .
The best approach, experts say, will be through monoclonal
antibodies: antibodies that are created in a lab and help your
immune system fight a disease or, in this case, fight
cholesterol.
"PCSK9 inhibitors could offer an important treatment option
for patients, particularly for those who are in need of greater
LDL-C reductions beyond what the current standards of care
can offer," said MacKay Jimeson, a spokesman for Pfizer,
one of the companies working on this new type of drug.
"This is not to replace statin therapy," said Joe Miletich,
senior vice president of research and development at
Amgen. "This is actually to get patients to (their) goal who
can't get there."
अमरीकी हृदय संस्था के मुताबिक़ (१ ० ० - १ ३ ० )मिलीग्राम /
डेसीलिटर LDL Cholesterol का सामान्य स्तर माना गया है .
Statins (कोलेस्ट्रोल कम करने वाली परम्परागत दवाएं )इस स्तर को
अमूमन
(७ ० - १ ० ० )mg/dl तक ले आतीं हैं .
"If you use these monoclonal antibodies, you could see a
number way less than 50."said Dr. Elliott Antman, president-
elect of the American Heart Association and a dean at
Harvard Medical School.
एक साल से नीचे के शिशु की धमनियां एक दम से स्मूथ रहतीं हैं तथा
कोलेस्ट्रोल का स्तर ४ ० mg /dl या फिर इससे भी कम रहता है .
The initial research into the PCSK9 gene also found people
with virtually no PCSK9 activity who lived their entire lives
with extremely low cholesterol. Researchers observed no ill
effects in those patients.
The safety data from the clinical trials are good, and experts
say these drugs could help patients who can't tolerate or do
not respond to traditional cholesterol-lowering drugs.
उम्मीद की जाती है आगामी दो बरसों में ये दवाएं बाज़ार में आ जायेंगी
.अमरीकी खाद्य एवं दवा संस्था से इन्हें मंजूरी भी मिल जायेगी .
ॐ शान्ति
6 टिप्पणियां:
उत्तम जानकारी मिली, कोलेस्ट्रोल हमारी खुद की गलत खानपान की आदतों का नतीजा है, पुराने जमाने के खानपान में कोलेस्ट्रोल पास में भी नही फ़टकता था.
बहुत सारवान आलेख.
रामराम.
उम्मीद है कि अच्छा होगा परन्तु साइड इफेक्ट को भी जानना जरुरी है!
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दवाओं की गुलामी से जितना बचा जा सके बचना चाहिए
दवाओं पर जीवन जितना कम निर्भर हो, उसके लिए ज्यादा प्रयास हों तो सुखकारी लगेगा।
इनके आनुषांगिक दुष्परिणाम तो नहीं होंगें ?
कठिन प्रयोग..
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