कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा की ये पेशकश कि अपने विदेशी दौरों में मोदी जहां जहां जाएँ उनके साथ काॅन्ग्रेसी प्रवक्ता भी साथ साथ जाए दिलचस्प है। इस काम के लिए उनसे उपयुक्त और भरोसेमंद व्यक्ति सोनियावी हुश हुश कांग्रेस को और कौन मिल सकता है। शौक से जाएँ और एनआरआईज़ जो अब विदेशों में स्वाभिमान के साथ चलने लगें हैं ये बतलाएं (हालांकि की वे कांग्रेस की औकात को स्वदेशी भारतीयों से ज्यादा जानते हैं ) कि हमने अपने दस साला शासन में बिला नागा हर साल एक घोटाला किया था।
ये भी बतलाएं :महात्मा गांधी के कंधे पे चढ़के ही पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमन्त्री बने थे। इंदिरा की मार्फ़त गांधी नाम भी हथिया लिया और नेहरू कांग्रेस जबरजस्ती नेहरूगाँधी कांग्रेस बन बैठी। आज तक भी आज़ादी के बाद की पीढ़ी को नेहरू विरासत का सच नहीं मालूम।
कांग्रेसी प्रतीक मानक जवाहरलाल कश्मीर मामले को घसीटकर यूएनऒ में उस समय ले गए जबकि भारतीय फ़ौज़ के जांबाज़ सिपाही कबाइलियों को घसीटते हुए पाकिस्तान में खासा अंदर घुसचुके थे।और ये सब पंडितजी ने सिर्फ अपनी आलमी छवि चमकाने के इरादे से ही किया था। कश्मीर समस्या भारत के लिए तभी से एक नासूर बना रहा है।
ज़िक्र अपने उस पूर्व विदेश मंत्री का भी करें जो यूएनओ में जाकर किसी और देश के लिए लिखा गया भाषण (वक्तव्य /प्रतिवेदन ))पढ़ने लगा था।ज़नाब सलमान खुर्शीद के बारे में ये भी बतलाएं कि उन्होंने किस तरह किसी नामचीन गुंडे की तरह स्वामी असत्यानन्द (केजरीवाल )को अपनी जांघ ठोकते हुए ये कहकर धमकाया था -मेरे इलाके में आके दिखा। केज़रीवाल ने सिर्फ विकलांगों के लिए उस ट्रस्ट द्वारा खर्च की गई राशि का हिसाब माँगा था जिसकी सर्वेसर्वा मोतरमाखुर्शीदा बेगम थीं।
शौक से कांग्रेस प्रवक्ता विदेशी दौरों में मोदी के पीछे जाएं और विदेशियों को कलंकित कांग्रेस का कलंकित इतिहास बतलायें। कौन रोकता है सच बोलने से।
ये भी बतलाएं :महात्मा गांधी के कंधे पे चढ़के ही पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमन्त्री बने थे। इंदिरा की मार्फ़त गांधी नाम भी हथिया लिया और नेहरू कांग्रेस जबरजस्ती नेहरूगाँधी कांग्रेस बन बैठी। आज तक भी आज़ादी के बाद की पीढ़ी को नेहरू विरासत का सच नहीं मालूम।
कांग्रेसी प्रतीक मानक जवाहरलाल कश्मीर मामले को घसीटकर यूएनऒ में उस समय ले गए जबकि भारतीय फ़ौज़ के जांबाज़ सिपाही कबाइलियों को घसीटते हुए पाकिस्तान में खासा अंदर घुसचुके थे।और ये सब पंडितजी ने सिर्फ अपनी आलमी छवि चमकाने के इरादे से ही किया था। कश्मीर समस्या भारत के लिए तभी से एक नासूर बना रहा है।
ज़िक्र अपने उस पूर्व विदेश मंत्री का भी करें जो यूएनओ में जाकर किसी और देश के लिए लिखा गया भाषण (वक्तव्य /प्रतिवेदन ))पढ़ने लगा था।ज़नाब सलमान खुर्शीद के बारे में ये भी बतलाएं कि उन्होंने किस तरह किसी नामचीन गुंडे की तरह स्वामी असत्यानन्द (केजरीवाल )को अपनी जांघ ठोकते हुए ये कहकर धमकाया था -मेरे इलाके में आके दिखा। केज़रीवाल ने सिर्फ विकलांगों के लिए उस ट्रस्ट द्वारा खर्च की गई राशि का हिसाब माँगा था जिसकी सर्वेसर्वा मोतरमाखुर्शीदा बेगम थीं।
शौक से कांग्रेस प्रवक्ता विदेशी दौरों में मोदी के पीछे जाएं और विदेशियों को कलंकित कांग्रेस का कलंकित इतिहास बतलायें। कौन रोकता है सच बोलने से।
4 टिप्पणियां:
आपने धो दिया है कांग्रेसियों को अच्छी तरह। लेकिन बहुत से अभी ऐसे हैं जो गांधी मायाजाल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं और एक साल में ही इन्हें साठ सालों के खोदे गए गड्ढे क्यों नहीं भरे, इसकी चिंता है। और इसीलिए अच्छे दिनों को इन्होंने इस रूप में लिया है कि मोदी जैसे कोई जादूगर हों और वे जादू करते हुए पान-गुटखा-बीड़ी-सिगरेट फांकते, दारू निगलते अौर मां-बहन की गालियां बकते एक-एक भारतीय को एक साल में ही बिल गेट्स बना दें।
इसी तरह साथ साथ रहे तो कुछ सीख अवश्य जायेंगे।
Very nice post ...
Welcome to my blog on my new post.
कांग्रेस की अच्छी खबर ली है सर जी। कश्मीर के विषय में जानकारी पसंद आई।
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