गुलामवंशी कांग्रेस और अराजकतावादी ' आप पार्टी 'की नैतिकता
बेरोज़गार बधुआ मजदूरों को 'आप टोपी ' पहनाकर स्वामीअसत्यानन्द केजरीवाल सुषमा जी के घर के गिर्द चक्कर लगवा रहे हैं। इन बधुवा मजदूरों को 'आप ' से ज्यादा पैसा देकर कोई भी केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन करवा सकता है। इनका 'आप' से कोई लेनादेना नहीं हैं । सवाल नैतिकता का है।
क्या ज़नाब असत्यानन्द केजरी अपनी किसी मोतरमा की संकट में सहायता नहीं करेंगे। मिसेज़ ललित मोदी ने कोई राष्ट्रीय अपराध गुलामवंशी कांग्रेस की तरह नहीं किया है जिसने पुरलिया में बम गिराने वालों को भागने में मदद की थी। मामा क्वात्रोची को ससम्मान भागने में मदद की थी।
उठना बैठना और सम्बन्ध व्यक्ति के किसी से भी हो सकते हैं। मानवीय आधार पर कोई भी किसी की मदद कर सकता है। करनी चाहिए।सुषमा जी ने एक नेक काम किया है विदेश मंत्री के बतौर। संवेदन शून्य गुलामवंशी पार्टी कांग्रेस सिर्फ स्केम करने में माहिर है।
इसी कांग्रेस ने भोपालगैस काण्ड के अपराधी को भागने दिया था।दाऊद इब्राहीम के समधी जावेद मियाँदाद का इसी कांग्रेस ने भारत में लालज़ाज़म बिछाकर स्वागत किया था।
अब कौन सी नैतिकता की बात कर रही है ये कांग्रेस। ललित मोदी क़ानून के अपराधी हो सकते हैं। कांग्रेस उनका पासपोर्ट और वीज़ा तब ज़ब्त कर सकती थी। अब क्यों रिरिया रही है अनैतिकता वादी कांग्रेस।
बेरोज़गार बधुआ मजदूरों को 'आप टोपी ' पहनाकर स्वामीअसत्यानन्द केजरीवाल सुषमा जी के घर के गिर्द चक्कर लगवा रहे हैं। इन बधुवा मजदूरों को 'आप ' से ज्यादा पैसा देकर कोई भी केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन करवा सकता है। इनका 'आप' से कोई लेनादेना नहीं हैं । सवाल नैतिकता का है।
क्या ज़नाब असत्यानन्द केजरी अपनी किसी मोतरमा की संकट में सहायता नहीं करेंगे। मिसेज़ ललित मोदी ने कोई राष्ट्रीय अपराध गुलामवंशी कांग्रेस की तरह नहीं किया है जिसने पुरलिया में बम गिराने वालों को भागने में मदद की थी। मामा क्वात्रोची को ससम्मान भागने में मदद की थी।
उठना बैठना और सम्बन्ध व्यक्ति के किसी से भी हो सकते हैं। मानवीय आधार पर कोई भी किसी की मदद कर सकता है। करनी चाहिए।सुषमा जी ने एक नेक काम किया है विदेश मंत्री के बतौर। संवेदन शून्य गुलामवंशी पार्टी कांग्रेस सिर्फ स्केम करने में माहिर है।
इसी कांग्रेस ने भोपालगैस काण्ड के अपराधी को भागने दिया था।दाऊद इब्राहीम के समधी जावेद मियाँदाद का इसी कांग्रेस ने भारत में लालज़ाज़म बिछाकर स्वागत किया था।
अब कौन सी नैतिकता की बात कर रही है ये कांग्रेस। ललित मोदी क़ानून के अपराधी हो सकते हैं। कांग्रेस उनका पासपोर्ट और वीज़ा तब ज़ब्त कर सकती थी। अब क्यों रिरिया रही है अनैतिकता वादी कांग्रेस।
2 टिप्पणियां:
अफ़सोस तो कई मीडिया वालों पे होता है जो नेतिकता के नाम पर बिके हुए से लगते हैं ...
शुष्मा जी से बड़े बड़े की कई महारती हैं जिनका नाम तक लेने से डरते हैं ये मीडिया वाले ...
ललित मोदी तो घोटलों का पैसा ठिकाने का माध्यम लगाने के लिए बनाई गई आईपीएल लीग के कर्ताधर्ता बनकर खुश हो गए। पर उन्हें नहीं पता था कि इस आईपीएल की व्यवस्था किन पैसों पर की जा रही है। और हद बात ये है कि जिस पचड़े में मोदी फंसे हैं, वो कांग्रेसजनित नीतियों का दुष्परिणाम था तो इसमें सुषमा कहां से आ गईं। एक आप हैं जो कांग्रेसियों को उनका असली मुंह दिखा रहे हैं और एक वो श्ार्मा हैं जो उनकी पार्टी में अानंद ले रहे हैं।
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