राजनीति में जातिवाद का ज़हर फैलाने वाले गुलामवंशी कांग्रेसी इन दिनों जाति सूचक शब्द मोदी को बदनाम कर रहें हैं। आजकल ये कुछ चुनिंदा शब्द बोल रहे हैं जैसे बड़ा मोदी ,छोटा मोदी। पता नहीं इन्होनें बिहार के सुशील मोदी को क्यों छोड़ दिया है और उस मोदी को क्यों छोड़ दिया है जिनके नाम से एक पूरा नगर मोदी नगर बसा हुआ है।
अब जबकि ललित मोदी ने कपिल सिब्बल से भी अपनी (२०१० -२०१४ )के दरमियान कई मर्तबा भेंट होने का ज़िक्र किया है कांग्रेस की सरपरस्त सोनिया और हाईकमान के अंग रूप माने जाने वाली प्रियंका और राबर्ट वाड्रा से भी अलग अलग भेंट की बात की है। कौन सी ताकत है जो हाईकमान को जुबां खोलने से रोक रही है। इनका चुप इनके इन्वॉल्वमेंट की खबर देता है। आखिर ललित मोदी को यूपीए शासन के (२०१०-१४ )की अवधि में भगोड़ा घोषित क्यों नहीं घोषित किया गया। किसने रोका था। अब जबकि हाई कोर्ट के चार मान्य न्यायाधीश अलग अलग मौकों पे उन्हें निर्दोष घोषित कर चुके हैं। कांग्रेस क्यों उन्हें बदनाम कर रही है क्या इसीलिए की वे जातिसूचक शब्द मोदी से जाने जाते हैं।
कांग्रेस खुद महात्मा समझे जाने वाले मोहनदास कर्मचन्द गांधी की ओट लिए बैठी है। इसे बे -ओट करके राबर्ट गांधी के नाम से ही आइन्दा जाना जायेगा।कांग्रेस ने राजनीति में जातिवाद का ज़हर फैलाने के लिए अपने दरबारियों को खुला छोड़ रखा है।
देश सावधान रहे ज़मीन हड़पु दामाद वाड्रागांधी कांग्रेस से।
पादनी बोले सो बोले इंटोरा भी बोले। सरपरस्त सोनिया फ़टाफ़ट मुंह खोले वरना उन्हें सांठगाँठिया ही समझा जाएगा।
अब जबकि ललित मोदी ने कपिल सिब्बल से भी अपनी (२०१० -२०१४ )के दरमियान कई मर्तबा भेंट होने का ज़िक्र किया है कांग्रेस की सरपरस्त सोनिया और हाईकमान के अंग रूप माने जाने वाली प्रियंका और राबर्ट वाड्रा से भी अलग अलग भेंट की बात की है। कौन सी ताकत है जो हाईकमान को जुबां खोलने से रोक रही है। इनका चुप इनके इन्वॉल्वमेंट की खबर देता है। आखिर ललित मोदी को यूपीए शासन के (२०१०-१४ )की अवधि में भगोड़ा घोषित क्यों नहीं घोषित किया गया। किसने रोका था। अब जबकि हाई कोर्ट के चार मान्य न्यायाधीश अलग अलग मौकों पे उन्हें निर्दोष घोषित कर चुके हैं। कांग्रेस क्यों उन्हें बदनाम कर रही है क्या इसीलिए की वे जातिसूचक शब्द मोदी से जाने जाते हैं।
कांग्रेस खुद महात्मा समझे जाने वाले मोहनदास कर्मचन्द गांधी की ओट लिए बैठी है। इसे बे -ओट करके राबर्ट गांधी के नाम से ही आइन्दा जाना जायेगा।कांग्रेस ने राजनीति में जातिवाद का ज़हर फैलाने के लिए अपने दरबारियों को खुला छोड़ रखा है।
देश सावधान रहे ज़मीन हड़पु दामाद वाड्रागांधी कांग्रेस से।
पादनी बोले सो बोले इंटोरा भी बोले। सरपरस्त सोनिया फ़टाफ़ट मुंह खोले वरना उन्हें सांठगाँठिया ही समझा जाएगा।
4 टिप्पणियां:
इनकी लीला राख होने में समय नहीं लगेगा।
सही कहा भाई जी
ये गलती मोदी जी की भी है ... अगर ये कांग्रसी सब भ्रष्टाचारी हैं तो क्यों नहीं इनके पिटारे रोज खोल रही मोदी सरकार ... किसका इंतज़ार है ... पुलिस, सी बी आई एंटी करप्शन ब्यूरो को काम क्यों नहीं सौंप रहे मंत्री ... सच कहो तो बाजपेयी सरकार ने भी नहीं किया ऐसा कोई काम न ही मोदी सरकार कर रही है ... भाजपा वाले भी गांधी फोबिया से ग्रस्त रहते हैं ...
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