हम तो जाते अपने गाम अपनी राम राम राम
गोलोक सिधारे जगद्गुरु कृपालुजी महाराज
ये न्यूज़ मुझे तब मिली जब मैं मुम्बई के अन्तर-राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फ्रेंकफर्ट -मुम्बई फलाइट से उतरकर वील चेअर की प्रतीक्षा कर रहा था। न्यूज़ देने वाली कैण्टन (मिशिगन )से मेरी बिटिया गुंजन शर्मा थी।उसने कहा जगद -गुरु-कृपालुजी महाराज आज गोलोक चले गए।
कृष्ण और राधा तत्व का आप विस्तार थे। राधा -रसावतार.आपके प्रति अनुराग पैदा किया आपके परम भाग्य -शाली कृष्ण चेतना से संसिक्त शिष्य स्वामी मुकुन्दानन्द जी के प्रवचनों ने। मेरा अमरीका प्रवास बहुत सफल रहा। दो चार मोती मैं भी बीन ही लाया।
यहाँ मिलना बिछड़ना नियम है अपवाद नहीं। अनंत कोटि जन्मों में अनन्त बार हम परस्पर सब सम्बन्धों में मिले हैं
जगद्गुरुकृपालुजी महाराज ने हमें सिखलाया वैकुण्ठ /कृष्ण लोक /गोलोक जाने का एक ही रास्ता है कृष्ण चेतना ,राधा भाव में बने
रहना आजन्म से अमृत्यु तक। उनके गोलोक वास करने पर वह हमारे लिए और भी अनुकरणीय हो गए हैं। जय राधे !
ज़िंदगी भर हम अपने भौतिक सुखसाधन ,दैहिक सम्बन्धों को सुख माने रहते हैं। इस शरीर को मैं (शरीरी )माने रहते हैं जबकि यह मैं
तो अ -शरीरी है शरीर अलग है शरीरी अलग है। शरीर मैटीरियल एनर्जी है शरीरी नान -मैटिरीअल एनर्जी है एक से अन्य शरीरों में
आता
जाता रहता है। जन्मजन्मान्तरों से यही सिलसिला चल रहा है। फिर भी जीव इस माया (भौतिक ऊर्जा )में उलझा में हुआ
है। इससे बाहर निकले तो बेहद का आनंद मिले स्वयं के स्वरूप का भान हो।
Jagadguru Kripaluji Maharaj Passes Away and Brings
Visible
Pastimes to a Close (Nov. 15th, 2013)
Kripaluji Maharaj passes away after remaining critical for days
Jagadguru Kripaluji Maharaj, a Hindu spiritualleader from Allahabad, died today in a Gurgaonhospital, official sources said.
"Jagadguru Kripalu Maharaj breathed his last at 7:05 am on Friday, on November 15, 2013 at Fortis Memorial Research Institute, Gurgaon," the hospital statement said.
The 91-year-old spiritual guru was flown in from Allahabad on November 11 at 2004 hrs in acritical condition on ventilator support to Fortis hospital, they said.
An emergency surgery for an acute subdural haemotoma, which he had developed after a fall in his ashram, was performed by Dr Rana Patir and his team with completeintensive care back up in the middle of the night.
He was in comatose condition from which a patient may or may not be revived, ever since he was brought here, the hospital sources said.
"The spiritual Guru had been on ventilator support ever since. He was being closelymonitored by our team of specialists till his last breath," they added.
The precarious condition had led to reports about his death doing the rounds for the past few days.
The guru was the preceptor of Jagadguru Kripalu Parishat, a worldwide Hindu non-profit organisation with five main spiritual centres - four in India and one in the US.
He had received the title of Jagadguru (world teacher) at the age of 34 by Kashi Vidvat Parishad, the oldest and most recognised body of Varanasi's intellectuals, on Makar Sankranti day, January 14, 1957. UNI SK NK 1706 NNNN
Ram Kripalu Tripathi, popularly known as Jagadguru Kripaluji Maharaj passed away on 15 November 2013 at New Delhi. He was 91 years old. He was given the title of Jagadguru (the world teacher) at the age of 34 years, in 1957.
Life History of Ram Kripalu Tripathi
• Ram Kripalu Tripathi was born in October 1922 at Allahabad, India.
• He was the preceptor of Jagadguru Kripalu Parishat, which is the worldwide Hindu non-profit organization with 5
main spiritual centers. This is considered as one among the largest Hindu Temple complexes in entire Northern
Hemisphere.
• His discourses were broadcasted everyday on various religion channels such as Zee Jagran, Aastha TV and
Sanskar TV.
• He authored various books such as Prem Ras Siddhant, Bhakti Shatak and Radha Govind Geet.
इलाहाबाद के जगद गुरू कृपालु जी महाराज का बुधवार को गुडगांव के एक निजी अस्पातल में निधन हो
गया। वे 91 वर्ष के थे।
सूत्रों के मुताबिक कृपालु महाराज प्रतापगढ स्थित अपने आश्रम में फिसल गए थे। जिसके कारण वे घायल हो गये थे। इसके बाद उन्हें गुडगांव के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां, बुधवार सुबह महाराज ने अंतिम सांस ली।
सूत्रों के अनुसार कृपालु महाराज, जगदगरू कृपालु परिषद के संरक्षक थे। उन्होंने हिन्दू धर्म की शिक्षा और योग के लिए भारत में चार और अमेरिका में एक केन्द्र की स्थापना की थी। उन्हें जगद गुरू की उपाधि भी प्रदान की गई थी।
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http://www.jagranjosh.com/current-affairs/ram-kripalu-tripathi-popularly-known-as-jagadguru-kripaluji-maharaj-died-
1384581142-1#sthash.jvzBkhxZ.dpuf
Ram Kripalu Tripathi, Popularly Known as Jagadguru Kripaluji Maharaj, Died - See more at:
http://www.jagranjosh.com/current-affairs/ram-kripalu-tripathi-popularly-known-as-jagadguru-kripaluji-maharaj-died-
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गोलोक सिधारे जगद्गुरु कृपालुजी महाराज
ये न्यूज़ मुझे तब मिली जब मैं मुम्बई के अन्तर-राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फ्रेंकफर्ट -मुम्बई फलाइट से उतरकर वील चेअर की प्रतीक्षा कर रहा था। न्यूज़ देने वाली कैण्टन (मिशिगन )से मेरी बिटिया गुंजन शर्मा थी।उसने कहा जगद -गुरु-कृपालुजी महाराज आज गोलोक चले गए।
कृष्ण और राधा तत्व का आप विस्तार थे। राधा -रसावतार.आपके प्रति अनुराग पैदा किया आपके परम भाग्य -शाली कृष्ण चेतना से संसिक्त शिष्य स्वामी मुकुन्दानन्द जी के प्रवचनों ने। मेरा अमरीका प्रवास बहुत सफल रहा। दो चार मोती मैं भी बीन ही लाया।
यहाँ मिलना बिछड़ना नियम है अपवाद नहीं। अनंत कोटि जन्मों में अनन्त बार हम परस्पर सब सम्बन्धों में मिले हैं
जगद्गुरुकृपालुजी महाराज ने हमें सिखलाया वैकुण्ठ /कृष्ण लोक /गोलोक जाने का एक ही रास्ता है कृष्ण चेतना ,राधा भाव में बने
रहना आजन्म से अमृत्यु तक। उनके गोलोक वास करने पर वह हमारे लिए और भी अनुकरणीय हो गए हैं। जय राधे !
ज़िंदगी भर हम अपने भौतिक सुखसाधन ,दैहिक सम्बन्धों को सुख माने रहते हैं। इस शरीर को मैं (शरीरी )माने रहते हैं जबकि यह मैं
तो अ -शरीरी है शरीर अलग है शरीरी अलग है। शरीर मैटीरियल एनर्जी है शरीरी नान -मैटिरीअल एनर्जी है एक से अन्य शरीरों में
आता
जाता रहता है। जन्मजन्मान्तरों से यही सिलसिला चल रहा है। फिर भी जीव इस माया (भौतिक ऊर्जा )में उलझा में हुआ
है। इससे बाहर निकले तो बेहद का आनंद मिले स्वयं के स्वरूप का भान हो।
Jagadguru Kripaluji Maharaj Passes Away and Brings
Visible
Pastimes to a Close (Nov. 15th, 2013)
Kripaluji Maharaj passes away after remaining critical for days
Jagadguru Kripaluji Maharaj, a Hindu spiritualleader from Allahabad, died today in a Gurgaonhospital, official sources said.
"Jagadguru Kripalu Maharaj breathed his last at 7:05 am on Friday, on November 15, 2013 at Fortis Memorial Research Institute, Gurgaon," the hospital statement said.
The 91-year-old spiritual guru was flown in from Allahabad on November 11 at 2004 hrs in acritical condition on ventilator support to Fortis hospital, they said.
An emergency surgery for an acute subdural haemotoma, which he had developed after a fall in his ashram, was performed by Dr Rana Patir and his team with completeintensive care back up in the middle of the night.
He was in comatose condition from which a patient may or may not be revived, ever since he was brought here, the hospital sources said.
"The spiritual Guru had been on ventilator support ever since. He was being closelymonitored by our team of specialists till his last breath," they added.
The precarious condition had led to reports about his death doing the rounds for the past few days.
The guru was the preceptor of Jagadguru Kripalu Parishat, a worldwide Hindu non-profit organisation with five main spiritual centres - four in India and one in the US.
He had received the title of Jagadguru (world teacher) at the age of 34 by Kashi Vidvat Parishad, the oldest and most recognised body of Varanasi's intellectuals, on Makar Sankranti day, January 14, 1957. UNI SK NK 1706 NNNN
Ram Kripalu Tripathi, popularly known as Jagadguru Kripaluji Maharaj passed away on 15 November 2013 at New Delhi. He was 91 years old. He was given the title of Jagadguru (the world teacher) at the age of 34 years, in 1957.
Life History of Ram Kripalu Tripathi
• Ram Kripalu Tripathi was born in October 1922 at Allahabad, India.
• He was the preceptor of Jagadguru Kripalu Parishat, which is the worldwide Hindu non-profit organization with 5
main spiritual centers. This is considered as one among the largest Hindu Temple complexes in entire Northern
Hemisphere.
• His discourses were broadcasted everyday on various religion channels such as Zee Jagran, Aastha TV and
Sanskar TV.
• He authored various books such as Prem Ras Siddhant, Bhakti Shatak and Radha Govind Geet.
इलाहाबाद के जगद गुरू कृपालु जी महाराज का बुधवार को गुडगांव के एक निजी अस्पातल में निधन हो
गया। वे 91 वर्ष के थे।
सूत्रों के मुताबिक कृपालु महाराज प्रतापगढ स्थित अपने आश्रम में फिसल गए थे। जिसके कारण वे घायल हो गये थे। इसके बाद उन्हें गुडगांव के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां, बुधवार सुबह महाराज ने अंतिम सांस ली।
सूत्रों के अनुसार कृपालु महाराज, जगदगरू कृपालु परिषद के संरक्षक थे। उन्होंने हिन्दू धर्म की शिक्षा और योग के लिए भारत में चार और अमेरिका में एक केन्द्र की स्थापना की थी। उन्हें जगद गुरू की उपाधि भी प्रदान की गई थी।
नहीं रहे जगदगुरू कृपालु महाराज
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5 टिप्पणियां:
अपने गाम सबों को जाना ही पड़ता है पर कुछ ही इस गाम में अमर होते हैं ..
भावभीनी श्रद्धांजलि ........
नमन है कृपालू जी को ... भावभीनी श्रधांजलि ... भक्तों के दिल में रहेंगे अब वे ...
विनम्र नमन व श्रद्धांजलि...
कृपालु जी के सुंदर वचन याद आ रहे हैं..कितना उत्साह रहता था उनकी वाणी में.शत शत नमन..
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