राहुल गांधी और काले झंडे .
राहुल गांधी और काले झंडे .
श्रीमान ! राहुल गांधी को काले झंडे
दिखलाने का क्या अर्थ है इसे बूझने के लिए उनके सदगुरु दिग्विजय सिंह को
कोई शब्द कोष देखने की ज़रुरत नहीं है .काले झंडे काले धन का प्रतीक हैं
.जनता चाहती है काला धन निकालो जो स्विस बैंक में राहुल गांधी के नाम फूल
कर कुप्पा हो रहा है .जनता राहुल को भगाना नहीं चाहती चुनाव सभा से,सुनना
चाहती है .भगाना ही चाहती तो लाल कपड़ा दिखाती (मंद मति ,अश्थिर ,अन -स्टेबिल प्राणी ,भैंसे आदि को भगाने के लिए लाल कपड़ा हिलाया जाता है )काला झंडा तो बस एक प्रतीक है ,जन अभिव्यक्ति है .दिग्विजय भी
यही चाहते हैं काला धन बाहर आये .यदि नहीं तो वह भी कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं
के साथ काला झंडा दिखाने वालों को कूटने के लिए आगे क्यों नहीं आते .उनके
चेहरे को देख कर लगता है उफान आ रहा है भरे पड़े हैं कुछ कहना चाहतें हैं कह
नहीं पा रहें हैं .
2 टिप्पणियां:
अंध-गुरू की मती-मंद, दंद-फंद सह जंग |
शब्द-कोष में ढूढ़ते, कृष्ण रंग से दंग |
कृष्ण रंग से दंग, नंग जनता कर देगी |
गुरु-गुरुर को भंग, तंग कर झंडा लेगी |
दण्ड करे शत-खंड, और प्रतिबन्ध शुरू की |
जन-जन चंडी-चंड , सुताई अंध-गुरु की ||
तम्बाकू के खिलाफ तमाम प्रयासों और मौत के आंकड़ों के बावजूद कोई ठोस नतीज़ा निकलता नहीं दिखता। कोई और तरकीब सोचनी होगी।
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