दिल के दौरे की संभावना को बढ़ा सकता है 'डाईट सोडा '?
भले डाईट सोडा कुछेक को वैस्ट्लाइन पर काबू रखने में सहायक हो लेकिन रोज़ -बा -रोज़ इसका सेवन दिल और दिमाग के दौरों के मौके बढ़ा सकता है .व्यक्ति हार्ट और ब्रेन अटेक की चपेट में आ सकता है .यही लब्बोलुआब है एक अमरीकी अध्ययन का .
General Internal Medicine विज्ञान प्रपत्र (Journal )में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार जो उम्र दराज़ लोग रोजाना डाईट सोडा लेते हैं उनके लिए दिल के दौरों का ख़तरा ४४%बढ़ जाता है .बेशक इसका आशय यह नहीं है ,केवल सुगर विहीन ड्रिंक्स ही इस बढ़ोतरी के लिए कुसूरवार हैं .
डाईट सोडा के दीवानों में कुछ और वजूहातें भी हो सकतीं हैं इस अंतर सम्बन्ध की .यही कहना है अध्ययन के प्रमुख रचनाकार Hannah Gardener का .
सन्दर्भ -सामिग्री :Study:Daily diet soda may up risk of heart attack ,stroke/TIMES TRENDS/TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB21,2012,P19.
राम राम भाई ! राम राम भाई !
साप्ताहिक उपवास चक्र से जुडी हो सकती है लम्बी उमरिया की नव्ज़.
Fasting once or twice a week could help you live longer/TIMES TRENDS/TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB21,2012,P19.
एहम सवाल रहा है यह बूझना ,क्या हफ्ते में एक दो बार उपवास रखना सेहत के लिए अच्छा है ?एक ताज़ा अध्ययन के अनुसार उत्तर सकारात्मक है .
नेशनल इंस्टिट्यूट आन एजिंग के रिसर्चरों के अनुसार सप्ताह में एक या दो मर्तबा व्रत उपवास रखना न्यूरोदिजेंरेतिव डिजीज यथा अल्जाइमार्स ,पार्किन्संस सिंड्रोम आदि से बचाए रह सकता है क्योंकि यह लम्बी उम्र की कुंजी है .उपवास दिमाग को दुरुस्त रखता है .दिमागी कोशाओं को नष्ट करने वाले अपविकासी रोगों से बचाए रह सकता है .
उपवास दिमागी जैव -रासायनिक हरकारों ,केमिकल मेसिंजर्स का पुनर बलीकरण ,पोषण करता है .वजह बनती है केलोरीज़ में घटाव .
केलोरीज़ के कम करने से इन रासायनिक राजदूतों के काम में तेज़ी आ जाती है .
विज्ञानियों को इल्म रहा है ,चूहों का जीवन सौपान उनके भोजन में एक दम से कटौती करने के साथ ही बढ़ने लगता है .सुझाव और अनुमान यह भी रहा है ,मनुष्यों में भी केलोरीज़ में अप्रत्याशित कटौती जीवन अवधि बढ़ा सकती है .रिसर्चर्स ने पहली मर्तबा उपवास के सकारात्मक नतीजे मिलने की बात की है .अखबार 'दी डेली टेलीग्राफ' ने इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रकाशित की है .
Prof Mark Mattson ,head of the institute's laboratory of neurosciences ,said :"Reducing your calorie intake could help your brain ,but doing so by cutting your intake of food is not likely to be the best method of triggering this protection .It is likely to be better to go on intermittent bouts of fasting ,in which you eat hardly anything at all ,and then have periods when you eat as much as you want ."
अन्नाजी जैसा उपवास (निर्जला नहीं ,नीम्बू पानी लेते रहें ) वह भी सप्ताह में बस एक दो बार .दीर्घावधि नहीं लाभदायक सिद्ध होगा .इसके इधर उधर जी भर खाएं (पौष्टिक आहार से मतलब है यहाँ अटरम शटरम से नहीं ).
राम राम भाई ! राम राम भाई !
शरीर में पानी की कमी का मतलब ?
शरीर में पानी की कमी हमारे चित्त को भी प्रभावित करती है .ऊर्जा स्तर को असरग्रस्त करती है .यहाँ तक की हमारी सोचने की शक्ति भी असर ग्रस्त होने लगती है .पर्याप्त पानी दिन भर में पीना सेहत के लिए बहुविध उपयोगी रहता है .पर्याप्त पानी पीते रहने से चित्त शांत रहता है .खासतौर से यदि आपको गुस्सा आ रहा हो .आवेश में हों आप किसी भी वजह से .कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने पता लगाया है शरीर में जल की थोड़ी सी भी कमी (Even mild dehydration ) मिजाज़ को असर ग्रस्त कर सकती है.मूड खराब कर सकती है .
मिजाज़ को बिगाड़ने के लिए मात्र १.५% शरीर में जल की कमीबेशी (1.5% loss in normal water volume in the body)ही काफी है.पानी की इतनी कमी तो रोज़ मर्रा की गतिविधियों के दौरान ही हो रहती है .औरतों के मामले में इतनी सी कमी से ही उनका मिजाज़ बिगड़ जाता है .सोच असर ग्रस्त होने लगती है .औरतें शरीर में पानी की कमी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होतीं हैं .पानी शरीर की चार्जिंग करता रहता है ऊर्जा स्तर को बनाए रहता है .पीते रहना चाहिए काम के दरमियान पानी का एक ग्लास .बहुत बुरे असर पड़ते हैं औरतों पर जल की थोड़ी सी भी कमी के .यही कहना है हर्रिस लिएबेर्मन का .प्रस्तुत रिसर्च में आपकी भी भागे दारी रही है .रहीम दास ने यूं ही नहीं कहा होगा -
रहिमन पानी राखिये ,बिन पानी सब सून ,
पानी गए न ऊबरे ,मोती ,मानुस ,चून.
शरीर में पानी की कमी का मतलब ?
सन्दर्भ -सामिग्री:Dehydration can alter mood:/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB20,2012,P13.
राम राम भाई ! राम राम भाई !
सेहत के नुश्खे :
शिशु के मुख स्वास्थ्य की हिफाज़त के लिए :शिशु के मुलायम गम्स (गम लाइन, ज़ब्डों)को मुलायम सूती जाली दार गौज़ से सुखाइये .साफ़ करिए .ज़बान को भी शिशु की साफ़ रखिये ताकि ज़ब्डों पर प्लाक ज़मा न हो पाए तथा मुख में माइक्रोओर्गेनिज्म डेरा न डाल सकें ..
Gently wipe your baby's gums with gauge and keep their tongue clean and free of plaque and microorganism .
चमड़ी पर उभरे लाल दाने या चकत्तों में फ़ौरन राहत के लिए कोड लीवर आयल और विटामिन ई का मिश्र मलिए ,एक दम से आराम आयेगा .
Rub a mixture of cod liver oil and Vitamin E on the skin to soothen a rash instantly.
राम राम भाई ! राम राम भाई !
आज का नीतिपरक दोहा :
रूठे सुजन मनाइए ,जो रूठे सौ बार ,
रहिमन फिर फिर पाइए टूटे मुक्ताहार .
रहीम दास कहतें हैं सज्जन पुरुष यदि नाराज़ हो जाएँ तो मान मनोव्वल करके उन्हें मना लीजिए चाहे ऐसा कितनी ही बार क्यों न करना पड़े .आखिर सच्चे मोती की माला टूटने पर मोती चुग कर माला फिर बना ली जाती है .सच्चे मोतिन हैं न . सज्जन पुरुष को अपने से रूठने न दें .
याददाश्त और सीखने की प्रक्रिया को सुधारती है नियमित कसरत .
Regular exercise improves memory and learning /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB20,2012,P13.
टहल की पहल करना सेहत के लिए सदैव ही अच्छा बतलाया गया है .अब एक नए अध्ययन से इल्म हुआ है एक घंटा नियमित व्यायाम करते रहने से आबालवृद्धों की याददाश्त और सीखने, अध्ययन से ज्ञान और कौशल प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी सुधार आता है .
रिसर्चरों ने पता लगाया है तकरीबन छ :महीने से एक साल तक की अवधि तक नियमित घंटा भर की सैर करने या फिर साइकिल चलाते रहने से याददाश्त और पहेली सुलझाने ,समस्याओं के हल तक पहुँचने की प्रक्रिया में साथ ही सीखे गए को याद रखने की प्रक्रिया में भी १५%से २०%तक सुधार आता है .डेली टेलीग्राफ ने इसे अपनी खबर बनाया है .अखबार में इस अध्ययन की पूरी रिपोर्ट छपी है .
पता चला है इस प्रकार के व्यायाम करने से दिमाग के कुछ अत्यधिक महत्वपूर्ण ,निर्णायक हिस्सों के आकार में वृद्धि होने लगती है .अध्ययन के नतीजों का बच्चों के स्कूल में सीखने की प्रक्रिया से गहरा सम्बन्ध है .इनके ज्ञानार्जन कौशल को बढाया जा सकता है .
UNIVERSITY OF ILLINOIS से सम्बद्ध BECKMAN INSTITUTE FOR ADVANCED SCIENCE AND TECHNOLOGY के निदेशक प्रोफ़ेसर आर्ट क्रेमर ने इस अध्ययन का नेत्रित्व किया है .
राम राम भाई !राम राम भाई !
जीते है शह सवार ही मैदाने जंग में ,
वह तिफ्ल क्या जो रेंग कर घुटनों के बल चले .
डॉक्टरों ने जन्म से पहले ही उसके माँ बाप को बतला दिया था ,पैदा होते ही उसे पेसमेकर लगाना पडेगा वरना वह चंद घंटों की मेहमान ही रह पायेगी .उसकी हार्ट रेट खतरनाक तरीके से बहुत कम थी .सामान्य स्वस्थ गर्भस्थ की हार्टरेट से कहीं कम .एक स्वस्थ नवजात का दिल प्रति मिनिट १२०-१५० बार धुक धुक (लुब डुब)करता है जब की गर्भस्थ जया के दिल की धड़कने ४५ प्रति मिनिट थीं .वह जन्मजात हृदय अवरोध (Congenital heart block)से ग्रस्त थी .यह एक विरल स्थिति थी जिसमें माँ की रोग रोधी प्रणाली मुगालते में आके गर्भस्थ के नर्व फाइबर्स को निशाना बना रही थी .हमला कर रही थी गर्भस्थ के स्नायु तंतुओं पर ,नसों के रेशों पर .जबकि यही नर्व फाइबर्स गर्भस्थ के दिल को धड्काते हैं .समाधान एक ही था गर्भावस्था की सामान्य अवधि से पहले ही लेबर इन्द्युस करके कृत्रिम दर्द की लहर पैदा कर प्रसव करवाया जाए जल्दी से जल्दी और पैदा होने के १५ मिनिट बाद ही पेसमेकर लगा दिया जाए .अभी गर्भावस्था की सामान्य अवधि को ९ सप्ताह बाकी थे .प्रसव करवा दिया गया .
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के माहिरों की इस टीम में २० एक्सपर्ट शामिल थे .वेन्यु था विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 'Lucile Packard Children's Hospital '.
मात्र ३.५ (साढ़ेतीन पोंड )पोंड था जन्मके समय जया का वजन .सामान्य आकार के अखरोट के बराबर था उसका नन्ना सा दिल जिससे कुशलता पूर्वक पेसमेकर के तार (लीड्स )जोड़ दिए गए .दस सालों तक काम करता रहेगा यह कृत्रिम दिल .जया अब तीन माह की है उसका वजन ८ पोंड्स से थोड़ा ज्यादा ही है .उसका विकास सामान्य तरीके से हो रहा है .जया ने नाम के अनुरूप मृत्यु को जन्म से पूर्व ही परास्त कर दिखाया है .दूसरे छोर पर सधे हुए हाथों का कौशल है जो आज कुछ भी कर सकतें हैं .
जीते है शह सवार ही मैदाने जंग में ,
वह तिफ्ल क्या जो रेंग कर घुटनों के बल चले .
भले डाईट सोडा कुछेक को वैस्ट्लाइन पर काबू रखने में सहायक हो लेकिन रोज़ -बा -रोज़ इसका सेवन दिल और दिमाग के दौरों के मौके बढ़ा सकता है .व्यक्ति हार्ट और ब्रेन अटेक की चपेट में आ सकता है .यही लब्बोलुआब है एक अमरीकी अध्ययन का .
General Internal Medicine विज्ञान प्रपत्र (Journal )में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार जो उम्र दराज़ लोग रोजाना डाईट सोडा लेते हैं उनके लिए दिल के दौरों का ख़तरा ४४%बढ़ जाता है .बेशक इसका आशय यह नहीं है ,केवल सुगर विहीन ड्रिंक्स ही इस बढ़ोतरी के लिए कुसूरवार हैं .
डाईट सोडा के दीवानों में कुछ और वजूहातें भी हो सकतीं हैं इस अंतर सम्बन्ध की .यही कहना है अध्ययन के प्रमुख रचनाकार Hannah Gardener का .
सन्दर्भ -सामिग्री :Study:Daily diet soda may up risk of heart attack ,stroke/TIMES TRENDS/TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB21,2012,P19.
राम राम भाई ! राम राम भाई !
साप्ताहिक उपवास चक्र से जुडी हो सकती है लम्बी उमरिया की नव्ज़.
Fasting once or twice a week could help you live longer/TIMES TRENDS/TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB21,2012,P19.
एहम सवाल रहा है यह बूझना ,क्या हफ्ते में एक दो बार उपवास रखना सेहत के लिए अच्छा है ?एक ताज़ा अध्ययन के अनुसार उत्तर सकारात्मक है .
नेशनल इंस्टिट्यूट आन एजिंग के रिसर्चरों के अनुसार सप्ताह में एक या दो मर्तबा व्रत उपवास रखना न्यूरोदिजेंरेतिव डिजीज यथा अल्जाइमार्स ,पार्किन्संस सिंड्रोम आदि से बचाए रह सकता है क्योंकि यह लम्बी उम्र की कुंजी है .उपवास दिमाग को दुरुस्त रखता है .दिमागी कोशाओं को नष्ट करने वाले अपविकासी रोगों से बचाए रह सकता है .
उपवास दिमागी जैव -रासायनिक हरकारों ,केमिकल मेसिंजर्स का पुनर बलीकरण ,पोषण करता है .वजह बनती है केलोरीज़ में घटाव .
केलोरीज़ के कम करने से इन रासायनिक राजदूतों के काम में तेज़ी आ जाती है .
विज्ञानियों को इल्म रहा है ,चूहों का जीवन सौपान उनके भोजन में एक दम से कटौती करने के साथ ही बढ़ने लगता है .सुझाव और अनुमान यह भी रहा है ,मनुष्यों में भी केलोरीज़ में अप्रत्याशित कटौती जीवन अवधि बढ़ा सकती है .रिसर्चर्स ने पहली मर्तबा उपवास के सकारात्मक नतीजे मिलने की बात की है .अखबार 'दी डेली टेलीग्राफ' ने इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रकाशित की है .
Prof Mark Mattson ,head of the institute's laboratory of neurosciences ,said :"Reducing your calorie intake could help your brain ,but doing so by cutting your intake of food is not likely to be the best method of triggering this protection .It is likely to be better to go on intermittent bouts of fasting ,in which you eat hardly anything at all ,and then have periods when you eat as much as you want ."
अन्नाजी जैसा उपवास (निर्जला नहीं ,नीम्बू पानी लेते रहें ) वह भी सप्ताह में बस एक दो बार .दीर्घावधि नहीं लाभदायक सिद्ध होगा .इसके इधर उधर जी भर खाएं (पौष्टिक आहार से मतलब है यहाँ अटरम शटरम से नहीं ).
राम राम भाई ! राम राम भाई !
शरीर में पानी की कमी का मतलब ?
शरीर में पानी की कमी हमारे चित्त को भी प्रभावित करती है .ऊर्जा स्तर को असरग्रस्त करती है .यहाँ तक की हमारी सोचने की शक्ति भी असर ग्रस्त होने लगती है .पर्याप्त पानी दिन भर में पीना सेहत के लिए बहुविध उपयोगी रहता है .पर्याप्त पानी पीते रहने से चित्त शांत रहता है .खासतौर से यदि आपको गुस्सा आ रहा हो .आवेश में हों आप किसी भी वजह से .कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने पता लगाया है शरीर में जल की थोड़ी सी भी कमी (Even mild dehydration ) मिजाज़ को असर ग्रस्त कर सकती है.मूड खराब कर सकती है .
मिजाज़ को बिगाड़ने के लिए मात्र १.५% शरीर में जल की कमीबेशी (1.5% loss in normal water volume in the body)ही काफी है.पानी की इतनी कमी तो रोज़ मर्रा की गतिविधियों के दौरान ही हो रहती है .औरतों के मामले में इतनी सी कमी से ही उनका मिजाज़ बिगड़ जाता है .सोच असर ग्रस्त होने लगती है .औरतें शरीर में पानी की कमी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होतीं हैं .पानी शरीर की चार्जिंग करता रहता है ऊर्जा स्तर को बनाए रहता है .पीते रहना चाहिए काम के दरमियान पानी का एक ग्लास .बहुत बुरे असर पड़ते हैं औरतों पर जल की थोड़ी सी भी कमी के .यही कहना है हर्रिस लिएबेर्मन का .प्रस्तुत रिसर्च में आपकी भी भागे दारी रही है .रहीम दास ने यूं ही नहीं कहा होगा -
रहिमन पानी राखिये ,बिन पानी सब सून ,
पानी गए न ऊबरे ,मोती ,मानुस ,चून.
शरीर में पानी की कमी का मतलब ?
सन्दर्भ -सामिग्री:Dehydration can alter mood:/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB20,2012,P13.
राम राम भाई ! राम राम भाई !
सेहत के नुश्खे :
शिशु के मुख स्वास्थ्य की हिफाज़त के लिए :शिशु के मुलायम गम्स (गम लाइन, ज़ब्डों)को मुलायम सूती जाली दार गौज़ से सुखाइये .साफ़ करिए .ज़बान को भी शिशु की साफ़ रखिये ताकि ज़ब्डों पर प्लाक ज़मा न हो पाए तथा मुख में माइक्रोओर्गेनिज्म डेरा न डाल सकें ..
Gently wipe your baby's gums with gauge and keep their tongue clean and free of plaque and microorganism .
चमड़ी पर उभरे लाल दाने या चकत्तों में फ़ौरन राहत के लिए कोड लीवर आयल और विटामिन ई का मिश्र मलिए ,एक दम से आराम आयेगा .
Rub a mixture of cod liver oil and Vitamin E on the skin to soothen a rash instantly.
राम राम भाई ! राम राम भाई !
आज का नीतिपरक दोहा :
रूठे सुजन मनाइए ,जो रूठे सौ बार ,
रहिमन फिर फिर पाइए टूटे मुक्ताहार .
रहीम दास कहतें हैं सज्जन पुरुष यदि नाराज़ हो जाएँ तो मान मनोव्वल करके उन्हें मना लीजिए चाहे ऐसा कितनी ही बार क्यों न करना पड़े .आखिर सच्चे मोती की माला टूटने पर मोती चुग कर माला फिर बना ली जाती है .सच्चे मोतिन हैं न . सज्जन पुरुष को अपने से रूठने न दें .
याददाश्त और सीखने की प्रक्रिया को सुधारती है नियमित कसरत .
Regular exercise improves memory and learning /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB20,2012,P13.
टहल की पहल करना सेहत के लिए सदैव ही अच्छा बतलाया गया है .अब एक नए अध्ययन से इल्म हुआ है एक घंटा नियमित व्यायाम करते रहने से आबालवृद्धों की याददाश्त और सीखने, अध्ययन से ज्ञान और कौशल प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी सुधार आता है .
रिसर्चरों ने पता लगाया है तकरीबन छ :महीने से एक साल तक की अवधि तक नियमित घंटा भर की सैर करने या फिर साइकिल चलाते रहने से याददाश्त और पहेली सुलझाने ,समस्याओं के हल तक पहुँचने की प्रक्रिया में साथ ही सीखे गए को याद रखने की प्रक्रिया में भी १५%से २०%तक सुधार आता है .डेली टेलीग्राफ ने इसे अपनी खबर बनाया है .अखबार में इस अध्ययन की पूरी रिपोर्ट छपी है .
पता चला है इस प्रकार के व्यायाम करने से दिमाग के कुछ अत्यधिक महत्वपूर्ण ,निर्णायक हिस्सों के आकार में वृद्धि होने लगती है .अध्ययन के नतीजों का बच्चों के स्कूल में सीखने की प्रक्रिया से गहरा सम्बन्ध है .इनके ज्ञानार्जन कौशल को बढाया जा सकता है .
UNIVERSITY OF ILLINOIS से सम्बद्ध BECKMAN INSTITUTE FOR ADVANCED SCIENCE AND TECHNOLOGY के निदेशक प्रोफ़ेसर आर्ट क्रेमर ने इस अध्ययन का नेत्रित्व किया है .
राम राम भाई !राम राम भाई !
जीते है शह सवार ही मैदाने जंग में ,
वह तिफ्ल क्या जो रेंग कर घुटनों के बल चले .
डॉक्टरों ने जन्म से पहले ही उसके माँ बाप को बतला दिया था ,पैदा होते ही उसे पेसमेकर लगाना पडेगा वरना वह चंद घंटों की मेहमान ही रह पायेगी .उसकी हार्ट रेट खतरनाक तरीके से बहुत कम थी .सामान्य स्वस्थ गर्भस्थ की हार्टरेट से कहीं कम .एक स्वस्थ नवजात का दिल प्रति मिनिट १२०-१५० बार धुक धुक (लुब डुब)करता है जब की गर्भस्थ जया के दिल की धड़कने ४५ प्रति मिनिट थीं .वह जन्मजात हृदय अवरोध (Congenital heart block)से ग्रस्त थी .यह एक विरल स्थिति थी जिसमें माँ की रोग रोधी प्रणाली मुगालते में आके गर्भस्थ के नर्व फाइबर्स को निशाना बना रही थी .हमला कर रही थी गर्भस्थ के स्नायु तंतुओं पर ,नसों के रेशों पर .जबकि यही नर्व फाइबर्स गर्भस्थ के दिल को धड्काते हैं .समाधान एक ही था गर्भावस्था की सामान्य अवधि से पहले ही लेबर इन्द्युस करके कृत्रिम दर्द की लहर पैदा कर प्रसव करवाया जाए जल्दी से जल्दी और पैदा होने के १५ मिनिट बाद ही पेसमेकर लगा दिया जाए .अभी गर्भावस्था की सामान्य अवधि को ९ सप्ताह बाकी थे .प्रसव करवा दिया गया .
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के माहिरों की इस टीम में २० एक्सपर्ट शामिल थे .वेन्यु था विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 'Lucile Packard Children's Hospital '.
मात्र ३.५ (साढ़ेतीन पोंड )पोंड था जन्मके समय जया का वजन .सामान्य आकार के अखरोट के बराबर था उसका नन्ना सा दिल जिससे कुशलता पूर्वक पेसमेकर के तार (लीड्स )जोड़ दिए गए .दस सालों तक काम करता रहेगा यह कृत्रिम दिल .जया अब तीन माह की है उसका वजन ८ पोंड्स से थोड़ा ज्यादा ही है .उसका विकास सामान्य तरीके से हो रहा है .जया ने नाम के अनुरूप मृत्यु को जन्म से पूर्व ही परास्त कर दिखाया है .दूसरे छोर पर सधे हुए हाथों का कौशल है जो आज कुछ भी कर सकतें हैं .
जीते है शह सवार ही मैदाने जंग में ,
वह तिफ्ल क्या जो रेंग कर घुटनों के बल चले .
15 टिप्पणियां:
आभार ||
जया के बारे में पढकर बहुत अच्छा लगा .
भगवान उसे लंबी उम्र दें ....
soda is a soda even if name is changed it has side effects.
nice information.
डाईट सोडा --हार्ट अटैक बढ़ने की वज़ह नहीं बताई ?
उपयुक्त जानकारी देने के लिय आभार....
हम तो सप्ताह में दो दिन उपवास रखते हैं। दिन मतलब दिन भर ही।
न पीते थे, अब पियेंगे भी नहीं...
बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने!
स्वास्थ्य के बारे में आपकी जानकारियां महत्वपूर्ण होती हैं।
स्वास्थ्य के बारे में बेहतरीन जानकारी
Thanks for this informative post.
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 23-02-2012 को यहाँ भी है
..भावनाओं के पंख लगा ... तोड़ लाना चाँद नयी पुरानी हलचल में .
डाईट सोडा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी...धन्यवाद!
जी , अच्छी जानकारी , आभार
अच्छी जानकारी....
शुक्रिया.
एक टिप्पणी भेजें