ये है आरक्षण के नाम पर हरियाणा में चमार चूढ़ों के साथ मिलकर लूट पाट करने वालों की सच्चाई। चंद जाटों में वही तबका आ घुसा है जिसने १९८४ के सिख दंगों में मारकाट लूटपाट की थी। इनके उत्प्रेरक बने हुए हैं चार उचक्के चालीस चोर कांग्रेसी जो सारी तबाही के प्रायोजक हैं। इनके आका है रक्तरंगी लेफ्टिए। ये ही लोग ट्रक ट्रेक्टर भरभरकर लोगों को हज़ार रुपया प्रतिव्यक्ति दिहाड़ी पर लूटपाट करने के लिए रोहतक और हरियाण के दीगर शहरोंकी ओर भेज रहे हैं। कल को यही दंगा जीवीकहेंगें -मोदी ने पहले गुजरात कराया अब हरियाण।
देखिये हरियाणा के जाटों की एक आर्थिक झांकी ,पदप्रतिष्ठा और सामाजिक हैसियत जो हरियाणा की कुल आबादी का मात्र २७ फीसद हैं और तमाम वह पद हथियाए हुए हैं जो मायने रखते हैं पद प्रतिष्ठा और रुतबे में।
हरियाणा में :
(१) मंत्रिमंडल में कुल ६३ फीसद जाट मंत्री हैं।
(२)७१ %जाट हरियाणा सिविल सर्विस में हैं।
(३) इंडियन पुलिस सर्विस में इनकी कुल हिस्सेदारी ६९%हैं।
(४ ) अलाइड आईएएस सेवाओं में इनकी हिस्सेदारी है ५८ % .
(५ )अन्य सरकारी सेवाओं में जाटों की हिस्सेदारी कुल ७१% है।
(६) ४३%पेट्रोल पम्प जाटों के पास हैं।
(७)४१ %गैस एजेंसियां जाटों के पास हैं।
(८)रीअल एस्टेट में इनकी भागेदारी ३९% है।
(९)६९%हथियारों के लाइसेंस जाटों के नाम हैं।
(१० )इसके बाद भी ये हाथों में कटोरा लेकर नहीं लठ्ठ लेकर आरक्षण की आड़ में निरीह गैर -जाट जनता को चुनचुनकर लूट रहे हैं। आतंकित किए हुए हैं।
अफज़लों से ज्यादा खतरनाक दिख रहें हैं ये लोग।इनके लिए खुलाखेल फरुख्खाबादी है। गैर -जाटों के स्कूल,निजी आवास,संपत्ति इनके निशाने पर आ चुकी है। देशी -विदेशी ब्रांड के स्टोरों को ये चुन चुनकर लूट रहे हैं। गैरजात तबके के तमाम लोग आतंकित हैं इनकी लूटपाट और दहशतगर्दी से। लोग अपने को सुरक्षित नहीं देख रहे हैं।
देखिये हरियाणा के जाटों की एक आर्थिक झांकी ,पदप्रतिष्ठा और सामाजिक हैसियत जो हरियाणा की कुल आबादी का मात्र २७ फीसद हैं और तमाम वह पद हथियाए हुए हैं जो मायने रखते हैं पद प्रतिष्ठा और रुतबे में।
हरियाणा में :
(१) मंत्रिमंडल में कुल ६३ फीसद जाट मंत्री हैं।
(२)७१ %जाट हरियाणा सिविल सर्विस में हैं।
(३) इंडियन पुलिस सर्विस में इनकी कुल हिस्सेदारी ६९%हैं।
(४ ) अलाइड आईएएस सेवाओं में इनकी हिस्सेदारी है ५८ % .
(५ )अन्य सरकारी सेवाओं में जाटों की हिस्सेदारी कुल ७१% है।
(६) ४३%पेट्रोल पम्प जाटों के पास हैं।
(७)४१ %गैस एजेंसियां जाटों के पास हैं।
(८)रीअल एस्टेट में इनकी भागेदारी ३९% है।
(९)६९%हथियारों के लाइसेंस जाटों के नाम हैं।
(१० )इसके बाद भी ये हाथों में कटोरा लेकर नहीं लठ्ठ लेकर आरक्षण की आड़ में निरीह गैर -जाट जनता को चुनचुनकर लूट रहे हैं। आतंकित किए हुए हैं।
अफज़लों से ज्यादा खतरनाक दिख रहें हैं ये लोग।इनके लिए खुलाखेल फरुख्खाबादी है। गैर -जाटों के स्कूल,निजी आवास,संपत्ति इनके निशाने पर आ चुकी है। देशी -विदेशी ब्रांड के स्टोरों को ये चुन चुनकर लूट रहे हैं। गैरजात तबके के तमाम लोग आतंकित हैं इनकी लूटपाट और दहशतगर्दी से। लोग अपने को सुरक्षित नहीं देख रहे हैं।
1 टिप्पणी:
सरकार भी मूक क्यों बनी हुयी है ये समझ से परे है ...
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