बुधवार, 29 फ़रवरी 2012

प्रेम का बैरोमीटर है यह हारमोन .

प्रेम  का  बैरोमीटर  है  यह  हारमोन  .
A HORMONE THAT MEASURES LOVE LIFE /THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,FEB 27,2012,P15.
क्या आपको किसी से प्रेम हो गया है ?आपका काँटा कहीं फिट हो गया है ?और आप जानना चाहते हैं इसका हश्र क्या होने वाला है कितना आगे बढेगा ,चलेगा या नहीं चलेगा टूटेगा यह प्रेम सम्बन्ध तब आप अपने खून में 'ऑक्सीटोसिन  होरमोन 'की जांच करवाइए .पता लगवाइये कितना है इसका स्तर .यही है प्रेम का बैरोमीटर जिसे साइंसदान लव होरमोन कह समझ रहें हैं .
(औरतों में यह कुदरती तौर पर गर्भाधारण की अवधि तथा बाद प्रसव स्तन पान के दरमियान खूब बनता है तथा माँ शिशु के बीच नैसर्गिक जुड़ाव प्रगाढ़ता की वजह बनता है .).
इजराइल की Barilan University के रिसर्चरों ने पता लगाया है जिन दम्पति ,प्रेमी प्रेमिका के खून में इस होरमोन का स्तर अपेक्षाकृत उच्चतर बना रहता है उनका प्रेम खूब परवान चढ़ता है ,प्रेम पगे रहतें हैं ये जोड़े प्रेमी प्रेमिका के .'वीरजारा' के ,बनिस्पत उनके जिनमें  इसका निम्तर स्तर मिलता है .
प्रेम का अंकुरण जिनके दिलों में अभी हाल फिलाल  ही हुआ था रिसर्चरों ने उनमें   इस प्रेम होरमोन का स्तर मापा .छ :माह बाद फिर इनके खून में इस हारमोन का स्तर नापा गया .जिनमें  अभी भी जुड़ाव और प्रगाढ़ता थी उनमें  इसका स्तर अभी भी उच्चतर बना हुआ था कमतर स्तर वाले छिटक कर दूर चले गए थे एक दूसरे से .
'Live Science 'में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है .
प्रेम संबंधों के शुरूआती चरण में इसका स्तर विधाई भूमिका निभाता है .आकर्षण की प्रबलता और टिकाउपन का पैमाना बनता है .
विज्ञान पत्रिका 'Psychoneuroendocrinology 'में  भी इस अध्ययन का खुलासा किया गया है .यहाँ ऑक्सीटोसिन  की भूमिका को रेखांकित किया गया है .जैविक स्तर पर यह उसी तरह का प्रबल आकर्षण है जैसा नवजात के प्रति उपजता है .
पूर्व के अध्ययन में 'ऑक्सीटोसिन के एक नेज़ल स्प्रे 'को जोड़ों  के बीच पनपते प्रेम   समबन्धों में सुधार लाने वाला बतलाया गया था .  
 प्रेम  का  बैरोमीटर  है  यह  हारमोन  .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
तलाक के भी होतें हैं खानदानी जीन ,होती है खानदानी विरासत .
DIVORCE COULD BE IN WOMEN'S GENES/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB27.2012,P15.
ज़रूरी नहीं है तलाक के मामलों में सौ फीसद आदमी को ही दोषी और नाकारा ठहराया जाए औरतों में भी हो सकतें हैं तलाक के जीवन खंड ,जीवन इकाइयां ,जींस (ज्ञान तंतु जिनसे तय होती है खानदानी विरासत ).
आपका वैवाहिक जीवन कैसा और कितनी देर चलेगा इसमें मोतरमा आपके जींस भी विधाई भूमिका निभा सकतें हैं . यही इशारा करता है एक अभिनव अध्ययन .
Karolinska Institute ,Sweden के रिसर्चरों ने पहली मर्तबा 'Female "divorce gene"पता लगाने का दावा किया है .इसके आधार पर प्रागुक्ति की जा सकेगी आपकी वैवाहिक नैया पार लगेगी या बीच भंवर में डूबेगी .पतवार हाथ से छूटेगी ?अब ऐसी औरतों की शिनाख्त की जा सकेगी जिन्हें ऐसी जींस के चलते संबंधों में प्रतिबद्धताके लिए जूझना पड़ सकता है .सम्बन्धों में पैदा होने वाली दरार देखी  जा सकेगी .
एक कोमन जीन का थोड़ा सा बदला हुआ स्वरूप जिन महिलाओं में देखने को मिला है पहले तो उन्हें सम्बन्ध बनाने किसी से भावात्मक रूप से जुड़ने तालमेल बिठाने में ही दिक्कत पेश आ सकती है लेकिन यदि वह फिर भी विवाह बंधन में बंध जातीं हैं तब सम्बन्ध विच्छेद की संभावना ५० %ज्यादा बढ़ी हुई रहेगी .रोज़ मर्रा के वैवाहिक झगडे आम होंगें .
इनके शोहर भी इनसे नाखुश रूठे रूठे ही दिखलाई दे सकतें हैं .
दरअसल यह जीवन इकाई आपके प्रेम संबंधों का निर्धारण करने वाले 'कडल  हारमोन 'को असर  ग्रस्त  करती  है ,नकारात्मक  रूप में .यह वही  हारमोन है जो गर्भावस्था और स्तन पान की अवधि में इफरात से बनता है और माँ शिशु के बीच कुदरती आत्मीय जुड़ाव की वजह बनता है .प्रेम सम्बन्धों का बैरोमीटर है यह हारमोन .यह जीवन इकाई इस हारमोन के काम करने को गडबडा देती है .क्या कीजिएगा ऐसे में ?
यही वह हारमोन है जो प्रेम की स्नेह की जीवन इकाइयों का पल्लवन करता है पोषण करता है .इसका बदला हुआ स्वरूप सब गुड गोबर कर देता है .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
हाज़िर हैं -
नुश्खे सेहत के :        नींद की गोलियों  का चलन इन दिनों बिलाशक बढ़ा है .कितने ही लोगों की नींद इन गोलियों का सिरहाना ढूंढ रही है लेकिन 'Journal BMJ Open ' में  प्रकाशित  एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक़ इन गोलियों का नियमित सेवन जहां  मौत की संभावना को ४.६%बढ़ा रहा है वहीँ इनके अभ्यस्थ(आदी )हो चले लोगों में कैंसर रोग समूह के अपेक्षाकृत ज्यादा मामले दर्ज़ हो रहें हैं .People are relying on sleeping pills more than ever to get a good night's rest , but a new study by Scripps Clinic researchers links the medications to a 4.6 times higher risk of death and a significant increase in cancer cases among regular pill users .The research appears in the journal BMJ Open.
झुर्रियों  और फाइन लाइंस से राहत  :
गाज़र  से   भरपूर  मात्रा में  मिल  जाता  है  बीटा  -केरोटीन.यही वह जादुई तत्व है जो हमें झुर्रियों और फाइन लाइंस से बचाए रह सकता है .खाइए न रोज़ एक गाज़र .पूरे साल मिलती है विलायती गाज़र .
Carrots contain beta-carotene that fights wrinkles and fine lines  .
तुलसी दल :
बस चार तुलसी के ताज़े पत्ते धौ  कर काली मिर्च के साथ चबा लीजिए .कफ में राहत मिलती है .
An effective natural cough remedy is to chew four basil leaves with black pepper.
नुश्खे सेहत के : 

नुश्खे सेहत के :
गुणकारी  किवी :विटामिन ई से भरपूर है किवी .इसमें मौजूद यही विटामिन ई  हमारे शरीर में पाए जाने वाले एक मुख्य प्रोटीन 'कोलैजन' को पराबैगनी विकिरण की मार से नष्ट होने से बचाए रहता है .गौर तलब है कोलैजन पशुओं के शरीर में पाए जाने वाला एक मुख्य तत्व है जो अंगों को जोड़ने और उन्हें आधार देने में सहायक होता है .
  Kiwi has Vitamin E ,Which protects guards against collagen damage caused by UV rays.
चाय  के साथ बस एक दो घूँट नींबू वंशीय फलों के जूस का सेवन चाय में मौजूद कैंसर के खिलाफ असरकारी एंटीओक्सिदेंतो की ज़ज्बी को अस्सी फीसद तक आसान बनाता है .सवाल यह है हमारा शरीर चाय में मौजूद एंटीओक्सिडेंट ज्यादा से ज्यादा ग्रहण करे तो कैसे करे ?
Just a swallow or two of citrus juice with tea can help absorb a whooping 80% of tea's cancer -fighting antioxidents.

सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

मजबूत स्थिति में है वाई -गुणसूत्र (Y-Chromosome.).

अपना हाथी दांत का सपना ,लेकर अपने पास ही बैठो ,
दलदल में जो फंसा हुआ था ,अब वो हाथी ,निकल गया है .
मजबूत स्थिति में है वाई -गुणसूत्र  ( Y-Chromosome.).गलत साबित हुए हैं वो गुजिस्ता दिनों के सिद्धांत जो कहते थे मर्द का सर्व नाश सुनिश्चित है क्योंकि वाई -गुणसूत्र छीज रहा है सिमट रहा है .मर्दानगी पे आंच आने वाली नहीं है एक नवीनतर आनुवंशिक अध्ययन से ऐसे ही निष्कर्ष निकाले गएँ हैं .
कोई एक दशक  पहले साइंसदानों ने बतलाया था ,वाई -गुण सूत्र आकार में सिमट रहा है ,बतलाया गया था ,जहां इसमें १४०० जीवन इकाइयां थीं वहीँ वह अब सिमट कर कुछेक दर्जन भर रह गईं हैं .
बस एक दार्शनिक बहस छिड़ गई थी .हमारा, हम मर्दों का, भी वही हश्र होने वाला है जैसा एक कृन्तक (कुतरके खाने बिलों में रहने वाला एक जीव,Transcaucasian mole vole )का हुआ था .
यह स्तनपाई विकासात्मक दवाब के तले अपना वाई -गुणसूत्र गँवा बैठा .बेशक इसकी दो प्रजातियाँ शेष रही एक वाई -गुणसूत्र से युक्त और दूसरी इससे रहित ,Y -Less.इसके  नन्नों  का  लैंगिक   अंतर कालान्तर में कैसे बूझा गया अनुमेय ही है .
कुछ विनाश वादियों ने कहा पचास लाख सालों में मर्द का भी सफाया हो जाएगा ठीक वैसे ही जैसे हिंदमहासागर के द्वीप मारीशश और उसके आसपास के उपद्वीपों से पंखों से युक्त लेकिन उड़ान भरने में असमर्थ डोडो  पक्षी विलुप्त हो गया था .
Dodo:An extinct bird a large extinct flightlless bird that once inhabited Mauritius and neighbouring islands in the Indian Ocean.
लेकिन इन विनाश वादियों और संग साथ इनके कुछ नारीवादियों को हताशा होगी यह बूझकर ,
"सुदूर अतीत में वाई -गुणसूत्र के सिमटने का सिलसिला चला ज़रूर था लेकिन उसके बाद यह संभल गया और आज मज़बूत स्थिति में है .यही मजबूती लाखों बरसों से कायम है .

यह निष्कर्ष निकाला गया है मानवीय वाई गुणसूत्र के रीसस मकाक (Rhesus macaque -a so called Old World monkey whose evolutionary path diverged from humans and chimps some 25 million years ago)बन्दर के गुणसूत्रों से तुलनात्मक अध्ययन के बाद .और इसीलिए हमने शुरू में कहा था -
'दलदल में जो फंसा हुआ था ,अब वो हाथी निकल चुका है ' 
सन्दर्भ -सामिग्री :Men are doomed ?Not quite ,says gene study/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB 24,2012,P21.
राम राम भाई!  राम राम  भाई !
 

न सही हमारी ,ट्विटर के बॉस   की कही मान लो .
   
न सही हमारी ,ट्विटर के बॉस   की कही मान लो .सेहत के लिए ठीक नहीं है घंटों ,ट्विटर मेसेजिंग साईट से चिपके रहना .लत पड़ जाती है इसकी .बकौल इस सन्देश वाहक साईट के सह -संस्थापक श्री बिज़ स्टोन उन्होंने सोचा नहीं था लोग इस कदर इससे चिपके रहकर अपनी सेहत का बेड़ा  गर्क कर लेंगें ,सोचा गया था लोग चंद लम्हों में अपने काम का मसाला लेकर आगे बढ़ जायेंगें कुछ और जीवन उपयोगी करेंगें. इसीलिए यह १४० करेक्टर्स की मेसेजिंग साईट ईजाद की गई थी .अब लोग १२ -१२ घंटा इससे चिपके बैठे रहतें हैं .
बेशक आज इस माक्रोब्लोगिंग साईट का स्तेमाल तकरीबन दुनिया भर के पचास करोड़ लोग कर रहें हैं .लेकिन इस पर घंटों जाया करना अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करना है .
Tweet is a light high pitched note ,especially one sung by a small bird.To tweet means to make the light high high pitched sound of a small bird.
Twitter(Tweet) is a message sent using the Twitter SOCIAL NETWORKING SERVICE.
TWITTER IS A LOUDSPEAKER USED TO REPRODUCE HIGH -FREQUENCY SOUNDS ,i.e IN A Hi-Fi SYSTEM.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
नुश्खे सेहत के :थकी मांदी आँखों को विराम देने के लिए गुलाब ,खस या फिर पुदीना जल (मिंट वाटर )में रुई का फाया फिगोकर आँखों पर रखिये .बारी बारी से .
To relieve tired eyes ,place a cotton ball soaked in rose ,khus or mint water.
मुहांसों  के  दागों  से  राहत  के  लिए  :
     शहद में थोड़ा सा नीम्बू रस मिलाकर मुहांसों द्वारा छोड़े निशानों पर लगाइए .दाग धब्बे धीरे धीरे कम होने लगेंगें .
    Apply honey mixed with some lemon juice on acne scars.This reduces blemishes.
आरोग्य समाचार :
आरोग्य समाचार पढ़िए -
दिल के आसन्न दौरों की इत्तला देगी यह जेकिट.
Now ,a vest that alerts you of heart attack /THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB24,2012/P21.
साइंसदानों  ने एक ऐसी जेकिट(Cardiac vest) तैयार कर ली है जो दिल का दौरा शुरू होते ही धारक को सावधान कर देगी .इस प्रकार फौरी रोग निदान में सहायक यह जेकिट दिल के दौरों का बेहतर प्रबंधन करने में विधाई भूमिका निभा सकेगी .
दिल का हृदय आरेख उतारने वाली इलेक्ट्रो -कार्डियोग्राफी प्राविधि  यूं गत ६० बरसों से चलन में है लेकिन इसकी अपनी सीमाएं खुलकर सामने आ चुकीं हैं .अमूमन ब्लड टेस्ट नतीजे आने तक १२ घंटे जाया हो जातें हैं .इस दरमियान दिल (हृद पेशी )को लगातार नुकसानी भोगनी पड़ती है .
एक ब्रितानी कम्पनी द्वारा तैयार की गई यह अभिनवजेकिट , दिल को दौरों से होने वाली नुकसानी के प्रति खबरदार करने ,चेतावनी देने वाली ,यह  हृद जेकिट, पलक   झपकते   ही ,चंद   मिनिटों   में ही, डॉ .  को पूरी   इत्तल्ला   दे   देगी .क्या मरीज़ को  दिल का दौरा पड़ रहा  है ?  यदि हाँ , तो  नुकसानी किधर   हो रही   है ?सब   कुछ   बतलाएगी     यह जेकिट .
 UK'S Bradford Royal Infirmary हृद चिकित्सा के क्षेत्र में इस क्रांतिकारी जेकिट का स्तेमाल करने वाला दुनिया का पहला अस्पताल होगा .
इसको मरीज़ की छाती और कमर से तकरीबन ८० संसूचकों (Sensors)की मदद से जोड़ा जाएगा .रोग निदान परम्परा गत निदान में खपने वाले समय से १२ घंटा पहले कर लिया जाएगा .फ़ौरन बाद इसके ,इलाज़ मुहैया करवा दिया जाएगा मरीज़ को .इसे सही ही 'HEART-SCAPE' कहा जा रहा है .
यह जेकिट दिल की दीगर बीमारियों की तरफ भी इशारा करेगी .
"It will help us gain an instant in -depth 3D view ,making it easier to interpret if a patient is having a heart -attack,enabling treatment to start earlier,"  ,said Dr.James Dunbar,consultant physician at the Bradford Royal Infirmary .
राम राम भाई !  राम राम भाई !

नुश्खे सेहत के  :
टमाटर में  मौजूद लाइकोपीन   (Lycopene) कैंसर  रोग  समूह   यथा  प्रोस्टेट  ,उदर  और  फेफड़ा   कैंसर के खतरे के वजन को कम करने में मददगार रहता है .
Lycopene in tomatoes help lower the risk of prostate ,stomach and lung cancers.
Lycopene is a powerful antioxidant of the carotenoid  group ,found in tomatoes and used in many antioxidant  dietary supplements .
फूल गोभी :फूल गोभी के एंटीओक्सिडेंट कारी गुण हृद वाहिकीय रोगों (हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों ) से बचाए रहतें हैं .
Cauliflower's antioxidant properties protect against cardiovascular diseases.Cardiovascular means related to both heart and blood vessels.

नुश्खे सेहत के :
महिलाओं के मामले में संतरा और चकोतरा जैसे नीम्बू वंशीय Citrus fruits का नियमित सेवन खून के थक्के से पैदा होने वाले ब्रेन अटेक(Brain attack or Cerebrovascular accident,or stroke) के खतरे के वजन को कम करता है .एक सद्य प्रकाशित अमरीकी अध्ययन में यह खासतौर से बतलाया गया है .
पूर्व में किये गए एक और अधययन में यह इत्तल्ला  भी दी गई थी ,इन फलों से प्राप्त फ़्लेवोनोइद्स (Citrus derived flavonoids) एक  तरफ वजन का बढना थाम सकते हैं दूसरी और Metabolic syndrome को भी मुल्तवी रख सकतें हैं .
EATING CITRUS LOWERS WOMEN'S STROKE RISK
Women who regularly eat citrus fruits such as oranges and grapefruit may have lower risk of blood -clot related stroke,according to a US study . A previous study suggested that citrus-derived flavonoids may help prevent weight gain and metabolic syndrome.
Metabolic syndrome:
    Metabolic syndrome(dysmetabolic syndrome,insulin resistance syndrome,syndrome X) is a common combination of insulin resistance and type 2 diabetes with central obesity (i.e. with fat distribution mainly around the waist ),high blood pressure ,and hyperlipidaemia.It is associated with a risk of early atherosclerosis.
फुट ओडर  से राहत के लिए :
जूते के अन्दर थोड़ा सा खाने का सोडा (Baking soda)छिड़ककर उसे रात भर यूं ही छोड़ दें .फुट ओडर से राहत मिलेगी .
Sprinkle baking soda into the shoes and leave it overnight to soak up smelly odours.
हेड फोन्स की मार से बचाव के लिए :
   आजकल हेंड्स फ्री का चलन है .आई पोड से लेकर अनेकानेक गेजेट्स में हेड फोन्स,ईअर  फोन्स   धडल्ले से काम में लिए जा रहें हैं .इनके लगातार स्तेमाल से श्रवण ह्रास हो सकता है .एक घंटा स्तेमाल के बाद कानों को कमसे कम १०-१५ मिनिट का विराम दें हेड फोन्स निकला कर रख दें .
Protect your hearing when using earphones by taking a 10-15 minute break every hour.

Want to burn fat? Do this for 3 minutes!

 

Want to burn fat? Do this for 3 minutes!

राम राम भाई !  राम राम भाई !

दीर्घ जीवी बनातें हैं हमें फल और तरकारियाँ .
Fruits and veggies make you live longer./THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB26,2012/NEWS DIGEST/FRONT PAGE.
फल और तरकारियाँ एक तरफ हमें उच्च स्तर का पोषण मुहैया करवातें हैं वहीँ इनका केलोरी मान बहुत ज्यादा नहीं रहता .रोगोपचारक हैं , गुणों से भरपूर हैं, फल और तरकारियाँ .जो अनेक बीमारियों को दूर भगातीं हैं .पुष्टिकर तत्वों की सौगात लिए रहतीं हैं .खाद्य रेशों और प्रचुरता में जलांश भी .भूख बढ़ाती हैं .रोग प्रति -रोधक तंत्र को मजबूती देतीं हैं फल और तरकारियाँ .
कितनी ही बीमारियों को हाशिये पर रखने में मददगार सिद्ध होतीं हैं फल और तरकारियाँ .फिर चाहे वह  Chronic degenerative problems ही क्यों न हों .दिल की बीमारियाँ हों या मधुमेह और सफ़ेद मोतिया ,यहाँ तक की कैंसर रोग समूह भी ,सभी से समान रूप बचाए रहतें हैं फल और तरकारियाँ .
एंटीओक्सिडेंट से भरपूर हैं ताज़े फल और तरकारियाँ इसीलिए शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने देती हैं बशर्ते इनका पर्याप्त सेवन किया जाए रोज़ मर्रा की खुराक में .शरीर में खून की कमी नहीं होने देतीं हैं चमड़ी और केश राशि की सेहत की नव्ज़ और चमक    भी इन्हीं से जुडी है .
शोध से इल्म हुआ है खुराक में फल और तरकारियों की विविधता ,इनके इन्द्रधनुषी एवं गहरे रंग जहां कैंसर रोग समूह की संभावना को २० %खारिज करतें हैं वहीँ यह स्ट्रोक (ब्रेन अटेक) और  दिल तथा रक्त वाहिकाओं के रोगों की संभावना को ६०%तक घटा देतीं हैं .
Being a reservoir of antioxidants ,fresh fruits and vegetables boost immunity ,prevent nutritional deficiencies like anemia and maintain good hair and skin health .
खुराक में इनकी हिस्सेदारी कमसे कम 40%बनाए रहिये .
नुश्खे सेहत के कुछ और अभी :
ताकि मुक्तावली में दिखे मोतियों की आब .
दांतों को चमकीला बनाए रखने के लिए दांतों की चमक दमक के लिए टूथपेस्ट करते वक्त उसमें बस थोड़ा सा खाना सोडा (baking soda) मिला  लीजिए   .
 To whiten teeth at home ,mix a little baking soda with your toothpaste when you brush.
तैलीय चमड़ी वाले बेहतर है तीन से ज्यादा बार चेहरा रगड़  रगड़ के न धोएं,तैलीय ग्रंथि ऐसा करने से और भी ज्यादा सक्रिय हो जायेंगी .अति -सक्रीय ग्रंथि अब पहले से भी ज्यादा तैलीय पदार्थ बनाएंगी .
For oily skin ,avoid washing your face more than thrice a day or the glands get over -stimulated .

शनिवार, 25 फ़रवरी 2012

सावधान !स्तन पान से भी पहुँचती है शिशु तक केफीन .
क्या आपका शिशु रात  को सो नहीं पा रहा है ? नींद के लिए तरस रहा है ?यदि ऐसा है तो कोफी का सेवन कम कर दीजिए बेहतर हो मुल्तवी कर दें .रिसर्चरों ने पता लगाया है स्तन पान के ज़रिये भी शिशु तक केफीन पहुंचता है .माँ के दूध में यह पैठ बना लेता है .
न्यूयोर्क के रोचेस्टर यूनिवर्सिटी की एक टीम के अनुसार स्तन पान करवाने वाली माताओं का बराबर चाय कोफी और सोफ्ट ड्रिंक्स (सोडा ,कोला पेय आदि पीना )यहाँ तक की चोकलेट का सेवन इनके खून में उद्दीपक (STIMULANT ),उत्तेजक नशीले पदार्थ का स्तर बढ़ा देता है .
ऐसे में 'स्तन- पानी' शिशु उत्तेजित हो ,बे -चैनी महसूस कर सकतें हैं . चिडचिडे हो सकतें हैं उनींदे हो सकतें हैं नींद के लिए छटपटाते रह सकतें हैं क्योंकि स्तन पान के ज़रिये यह उद्दीपक उन तक पहुँचने लगता है .
जीवन के खासतौर पर पहले पखवाड़े (पहले दो हफ़्तों )में इनके लिए इसकी गिरिफ्त से बाहर आना शरीर से इसकी निकासी कर पाना नामुमकिन हो जाता है .ऐसे में इसका  जमा होते चले जाना ,सांद्रण ,एकत्रण बद से बदतर लक्षण पैदा कर सकता है .

सन्दर्भ -सामिग्री :Breastfeeding transfers caffeine to child :Study/THE TIMES OF INDIA,MUMABI ,FEB 23,2012 P17.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
रोजाना टूथ ब्रश करने की एक और वजह .
कुछ भी खाने के बाद दांत साफ़ करना कुल्ला करना महज़ मुख स्वास्थ्य बनाए  रखना नहीं है उससे भी आगे  निकलके 'दिमाग की झिल्ली में सूजन  के गंभीर रोग मेनिंनजाईतिस  से भी बचाए रह  सकता है .
Brush your teeth to stave off deadly brain disease/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA,MUMBAI,FEB23,2012,P17.
अलबत्ता मुख दुर्गन्ध ,  बेड ओडर ,दांतों को खोखला   होने तथा   अनेक   जबड़ों   की   बीमारियों   से   तो   बचाता   ही       है   भोजन    और   नाश्ते   के   बाद   ब्रश   करना .
स्विट्ज़रलैंड के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,मुख में आम तौर पर पाए जाने वाले एक जीवाणु और दिमाग की झिल्ली की सूजन की बीमारी में एक अंतर -सम्बन्ध है .
Meningitis is a bacterial infection of the membranes covering the brain and spinal chord ,the Daily Telegraph reported.
ज्यूरिख  के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,एक अभिनव जीवाणु जिसकी हाल ही में शिनाख्त हुई है 'Streptococcus tigurinus' मष्तिष्क  शोथ  से ग्रस्त मरीजों के खून में मौजूद रहता है .अलावा इसके 'Spondylodiscitis'or inflammation of the spine तथा दिल की बीमारी 'Endocarditis' से  ग्रस्त मरीजों में भी यह प्रगट हुआ है .
गंभीर रोग कारक है यह जीवाणु .ब्लीडिंग गम्स (पायरिया ,मसूढ़ों से खून जाना )के ज़रिये भी यह रक्त संचरण प्रणाली में दाखिल हो सकता है .बेशक इसका खासुलखास रिस्क फेक्टर अभी जाना जाना शेष है .
अलावा   इसके   दिमागी   झिल्ली   में   सूजन   की   और   भी   वजहें  हो  सकतीं  हैं  .
Meningitis ,the swelling of the tissue around the brain ,can be caused by bacteria,viruses or other micro-organisms.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
जिम में घंटों बिताने के बनिस्पत तीन मिनिट की गहन तीव्रता  कसरत काफी है ?
जिम में घंटों व्यायाम करते रहने वर्क आउट्स में समय बिताने से बेहतर क्या आज की तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी के अनुरूप सिर्फ तीन मिनिट का ज़ोरदार (व्यक्ति विशेष की अधिकतम क्षमता के साथ किया गया व्यायाम )अतिरिक्त चर्बी को ठिकाने लगाने के लिए ज्यादा कारगर है ?
Just three minutes of exercise a week is key to fitness/  TIMES OF INDIA ,MUMBAI/FEB 22,2012.P17.
(British researchers claim that the secret to staying slim is short bursts of intense exercise -known as high intensity interval training (HIT) .' and as such a session once a week is far more effective at burning fat than slogging away for hours in gym.
साइंसदानों  के  मुताबिक़ HIT वसा को जलाने वाले हारमोनों का स्रावी तंत्र से स्राव करवाता है .इतना ही नहीं यह खून में घुली शक्कर (glucose ) को निकालकर पेशीय ऊतकों तक पहुंचाता है जहां यह ग्लूकोज़ ऊर्जा के रूप में जल खप जाता है .
अलावा  इसके  अधिकाधिक तीव्रता का अल्पकालिक ज़ोरदार व्यायाम भूख का शमन करता है .जबकि देर तक किया गया व्यायाम क्षुधा वर्धक साबित होता है .
इसका मतलब यह हुआ जिम में देर तक व्यायाम करते रहने के बरक्स तीव्रता लिए अल्पकालिक तेज़ कदमी ज्यादा लाभदायक है शरीर से अवांछित चर्बी उतारने में .अनहेल्दी ट्रीट्स,दावत  के प्रलोभन से भी ऐसा करने वाले बचे रहेंगें  बरक्स उनके जो देर तक पसीना निकालते हैं मानव चक्की पर इतर मशीनों उपकरणों पर .जब आदमी पैदा हुआ था ये मशीनें नहीं थीं .
बिर्मिन्ग्हम और नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों का यही कहना बूझना है .
तीव्र व्यायाम पेशियों द्वारा ग्लूकोज़ की खपत को बढाने में विधाई भूमिका निभाता है .और ऐसा देखते ही देखते होने लगता है यही कहना है इस शोध के अगुवा का .
तेज़ रफ़्तार व्यायाम से आप ऐसे हारमोनों का स्राव करतें हैं जो चर्बी सरलीकृत रूपों में फ़टाफ़ट तोड़ने लगतें हैं .व्यायाम के बाद भी यह चर्बी टूटती रहती है सरलीकृत रूपों में .
इन्द्युरेंस एक्सरसाइज़ के बरक्स माहिरों ने इस विधि को कहीं कारगर बतलाया है .वक्त की तंगी के इस दौर में इससे बढ़िया और क्या बात हो सकती है .भगवान् करे माहिरों का कहना सच साबित हो .कल कोई इसे गलत साबित न कर दे .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
 बस एक गोली रोज़ और परेशां करने वाले हिप पैन से राहत .
एक मेडिकल कंडीशन होती है जिसमें जांघ की हड्डी का उपरला(Head of the femur) सिरा धीरे धीरे मृत होने लगता है .ऐसा यहाँ तक रक्तापूर्ति के निलंबित होने से होता है .This is death of a segment of a bone .चिकित्सा शब्दावली में इस स्थिति को अवेस्क्युअलर  नेक्रोसिस या फिर ओस्टियोनेक्रोसिस कहा जाता है .यह एक आम विकार है जो अकसर २०-५० साल की   उम्र के लोगों को अपना निशाना बनाता है .जोड़ों की बदली के कुल मामलों में १० %इसी ओस्टियो नेक्रोसिस से ताल्लुक रखतें हैं .५-२५ %मरीज़ दीर्घावधि कोर्तिकोस्तीरोइड्स का सेवन करने के बाद इस स्थिति में चले आतें हैं .
लाक्षणिक चिकित्सा चलती है .लगातार परेशांन करने वाला हिप पैन बर्दाश्त के बाहर हो जाता है .अश्थी तक रक्तापूर्ति न हो पाने के कारण यह स्थिति पैदा हो जाती है .
वजह बनतें हैं किसी प्रकार का सदमा (Trauma),स्तीरोइड्स ,एल्कोहल एब्यूज (शराब की लत ),कई आनुवंशिक विकार ,तकरीबन ५० %मामलों में यही कारण उत्तरदाई होतें हैं .इस स्थिति के लिए .
इलाज़ न करवा पाने से पैदा हो जाती है हिप आर्थ्राइतिस(Hip arthritis).
हर  साल एक लाखसे भी ज्यादा  लोग एवेस्क्युलर नेक्रोसिस की चपेट में आजातें हैं . अकेले मुंबई महानगरी में इसके २०,०० ० से भी ज्यादा नए मामले सामने आ रहें हैं .
हवा का ताज़ा झोंका भी वहीँ से आया है इस नेगिंग हिप पैन से निजात का .बस एक गोली रोज़ और परेशां करने वाले हिप पैन से राहत .
A pill a day can keep hip pain away/TIMES TRENDS ,THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB 22,2012,P9
बाज़ी मारी है इस दिशा में माहिम स्थित पी डी हिंदुजा अस्पताल के माहिरों के एक दस साला अध्ययन ने .अब सर्जरी करवाना ज़रूरी नहीं रह गया है ओस्टियोनेक्रोसिस से ग्रस्त होने पर .जैसे प्रोस्तेटिक एनलार्जमेंट के मामले में सिर्फ एक गोली रोजाना काफी रहती है 'Urimax -0.4mg'(Tamsulosin Hydrochloride IP...400mcg as modified released pellets)वैसे ही अवेस्कुलरनेक्रोसिस के समाधान के लिए 'Bisphosphonate 'को कारगर पाया गया है .इसे तकरीबन ४० मरीजों पर आजमाया गया .दस साल तक यह दवा इनके दर्द का बराबर समाधान प्रस्तुत करती रही है .अध्ययन 'Journal of Arthroplasty' के ओक्टूबर २०११ अंक में प्रकाशित हो चुका है .इन तमाम मरीजों पर लगातार दस सालों तक नजर रखी गई थी .
इन्हें सर्जरी की ज़रुरत नहीं पड़ी है .
Avascular necrosis is a condition where the femoral head (upper most part of a thigh bone )stops getting blood and causes the bone to collapse slowly.As the bone dies the patient experiences excruciating pain and limited or no movement.
इस स्थिति से बाहर आने के लिए अब तक शल्य चिकित्सा ही समाधान था .'Surface replacement'या फिर 'टोटल हिप रिप्लेसमेंट 'का मतलब होता था डेढ़ से तीन लाख रूपये की खर्ची .हरेक के पास कहाँ होता है इतना पैसा भारत में ?
दस साल पहले डॉ संजय अग्रवाल ने पता लगाया ,ओस्टियोपोरोसिस के इलाज़ में प्रयुक्त दवा 'बिसफोस्फोनेट 'एवेस्कुलर नेक्रोसिस ऑफ़ हिप 'के प्रबंधन में भी कारगर रहती है .अब तक ४०० मरीज़ इस दवा से लाभान्वित हो चुकें हैं .
एक महीने में कुल खर्च आता है १५० रुपया .नै रक्त कोशायें पनपने लगतीं हैं इस दवा के स्तेमाल से और बस 'bone colapse 'से बचाव हो जाता है .
डॉ .अग्रवाल के पास ज्यादातर मरीज़ रोग की बढ़ी हुई अवस्था में ही पहुँच सकें हैं .तब जब शल्य ही एक समाधान था .
डायमंड विक्रेता जिग्नेश की उम्र उस वक्त ४३ वर्ष थी .२००६ में उन्हें रोग निदान किया गया 'एवेस्कुलर नेक्रोसिस ऑफ़ हिप 'वह बामुश्किल ही चल पाते थे .डॉ .अग्रवाल के इलाज़ के बाद से आप अपनी खोई हुई क्षमता प्राप्त कर सकें हैं .चलने फिरने में पूर्ण  समर्थ हैं .
आप एक दर्शनार्थी के रूप में हर बरस गुजरात के 'Palithana temple'3800 सीढियां चढ़के पहुँचते हैं .इलाज़ के दरमियान किसी भी मरीज़ ने दवा के गंभीर पार्श्व प्रभावों से आजिज़ आने की शिकायत नहीं की है .बेशक कुछ ने पेशियों में होने वाले आम दर्द और चक्कर आने भर की शिकायत की है .शुरूआती चरण में दवा के असर बेहद अच्छे रहें हैं .दवा ने ज्यादा कारगर तरीके से काम किया है .
नुश्खे सेहत के :
बालों की रूसी सी छुटकारे के लिए रात को ताज़ा घी   कुंवार  ,अगरु      Aloevera gel  बालों  में मलके सोइए .सुबह बालों को धौ  डालिए .
To get rid of dandruff ,apply fresh aloevera gel overnight .Wash in the morning.   
चाय  में  छोटी  इलायची  मिलाकर  पीने  से  शरीर  में  ऑक्सीटोसिन का  स्राव  होता  है     जो  अवसाद  कम  करने में  सहायक  सिद्ध  होता  है  .

Adding ellaichi (cardamom)to tea releases oxytocin that helps lift depression.

गुरुवार, 23 फ़रवरी 2012

सावधान !स्तन पान से भी पहुँचती है शिशु तक केफीन .

सावधान !स्तन पान से भी पहुँचती है शिशु तक केफीन .
क्या आपका शिशु रात  को सो नहीं पा रहा है ? नींद के लिए तरस रहा है ?यदि ऐसा है तो कोफी का सेवन कम कर दीजिए बेहतर हो मुल्तवी कर दें .रिसर्चरों ने पता लगाया है स्तन पान के ज़रिये भी शिशु तक केफीन पहुंचता है .माँ के दूध में यह पैठ बना लेता है .
न्यूयोर्क के रोचेस्टर यूनिवर्सिटी की एक टीम के अनुसार स्तन पान करवाने वाली माताओं का बराबर चाय कोफी और सोफ्ट ड्रिंक्स (सोडा ,कोला पेय आदि पीना )यहाँ तक की चोकलेट का सेवन इनके खून में उद्दीपक (STIMULANT ),उत्तेजक नशीले पदार्थ का स्तर बढ़ा देता है .
ऐसे में 'स्तन- पानी' शिशु उत्तेजित हो ,बे -चैनी महसूस कर सकतें हैं . चिडचिडे हो सकतें हैं उनींदे हो सकतें हैं नींद के लिए छटपटाते रह सकतें हैं क्योंकि स्तन पान के ज़रिये यह उद्दीपक उन तक पहुँचने लगता है .
जीवन के खासतौर पर पहले पखवाड़े (पहले दो हफ़्तों )में इनके लिए इसकी गिरिफ्त से बाहर आना शरीर से इसकी निकासी कर पाना नामुमकिन हो जाता है .ऐसे में इसका  जमा होते चले जाना ,सांद्रण ,एकत्रण बद से बदतर लक्षण पैदा कर सकता है .

सन्दर्भ -सामिग्री :Breastfeeding transfers caffeine to child :Study/THE TIMES OF INDIA,MUMABI ,FEB 23,2012 P17.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
रोजाना टूथ ब्रश करने की एक और वजह .
कुछ भी खाने के बाद दांत साफ़ करना कुल्ला करना महज़ मुख स्वास्थ्य बनाए  रखना नहीं है उससे भी आगे  निकलके 'दिमाग की झिल्ली में सूजन  के गंभीर रोग मेनिंनजाईतिस  से भी बचाए रह  सकता है .
Brush your teeth to stave off deadly brain disease/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA,MUMBAI,FEB23,2012,P17.
अलबत्ता मुख दुर्गन्ध ,  बेड ओडर ,दांतों को खोखला   होने तथा   अनेक   जबड़ों   की   बीमारियों   से   तो   बचाता   ही       है   भोजन    और   नाश्ते   के   बाद   ब्रश   करना .
स्विट्ज़रलैंड के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,मुख में आम तौर पर पाए जाने वाले एक जीवाणु और दिमाग की झिल्ली की सूजन की बीमारी में एक अंतर -सम्बन्ध है .
Meningitis is a bacterial infection of the membranes covering the brain and spinal chord ,the Daily Telegraph reported.
ज्यूरिख  के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,एक अभिनव जीवाणु जिसकी हाल ही में शिनाख्त हुई है 'Streptococcus tigurinus' मष्तिष्क  शोथ  से ग्रस्त मरीजों के खून में मौजूद रहता है .अलावा इसके 'Spondylodiscitis'or inflammation of the spine तथा दिल की बीमारी 'Endocarditis' से  ग्रस्त मरीजों में भी यह प्रगट हुआ है .
गंभीर रोग कारक है यह जीवाणु .ब्लीडिंग गम्स (पायरिया ,मसूढ़ों से खून जाना )के ज़रिये भी यह रक्त संचरण प्रणाली में दाखिल हो सकता है .बेशक इसका खासुलखास रिस्क फेक्टर अभी जाना जाना शेष है .
अलावा   इसके   दिमागी   झिल्ली   में   सूजन   की   और   भी   वजहें  हो  सकतीं  हैं  .
Meningitis ,the swelling of the tissue around the brain ,can be caused by bacteria,viruses or other micro-organisms.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
जिम में घंटों बिताने के बनिस्पत तीन मिनिट की गहन तीव्रता  कसरत काफी है ?
जिम में घंटों व्यायाम करते रहने वर्क आउट्स में समय बिताने से बेहतर क्या आज की तेज़ रफ़्तार ज़िन्दगी के अनुरूप सिर्फ तीन मिनिट का ज़ोरदार (व्यक्ति विशेष की अधिकतम क्षमता के साथ किया गया व्यायाम )अतिरिक्त चर्बी को ठिकाने लगाने के लिए ज्यादा कारगर है ?
Just three minutes of exercise a week is key to fitness/  TIMES OF INDIA ,MUMBAI/FEB 22,2012.P17.
(British researchers claim that the secret to staying slim is short bursts of intense exercise -known as high intensity interval training (HIT) .' and as such a session once a week is far more effective at burning fat than slogging away for hours in gym.
साइंसदानों  के  मुताबिक़ HIT वसा को जलाने वाले हारमोनों का स्रावी तंत्र से स्राव करवाता है .इतना ही नहीं यह खून में घुली शक्कर (glucose ) को निकालकर पेशीय ऊतकों तक पहुंचाता है जहां यह ग्लूकोज़ ऊर्जा के रूप में जल खप जाता है .
अलावा  इसके  अधिकाधिक तीव्रता का अल्पकालिक ज़ोरदार व्यायाम भूख का शमन करता है .जबकि देर तक किया गया व्यायाम क्षुधा वर्धक साबित होता है .
इसका मतलब यह हुआ जिम में देर तक व्यायाम करते रहने के बरक्स तीव्रता लिए अल्पकालिक तेज़ कदमी ज्यादा लाभदायक है शरीर से अवांछित चर्बी उतारने में .अनहेल्दी ट्रीट्स,दावत  के प्रलोभन से भी ऐसा करने वाले बचे रहेंगें  बरक्स उनके जो देर तक पसीना निकालते हैं मानव चक्की पर इतर मशीनों उपकरणों पर .जब आदमी पैदा हुआ था ये मशीनें नहीं थीं .
बिर्मिन्ग्हम और नॉटिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों का यही कहना बूझना है .
तीव्र व्यायाम पेशियों द्वारा ग्लूकोज़ की खपत को बढाने में विधाई भूमिका निभाता है .और ऐसा देखते ही देखते होने लगता है यही कहना है इस शोध के अगुवा का .
तेज़ रफ़्तार व्यायाम से आप ऐसे हारमोनों का स्राव करतें हैं जो चर्बी सरलीकृत रूपों में फ़टाफ़ट तोड़ने लगतें हैं .व्यायाम के बाद भी यह चर्बी टूटती रहती है सरलीकृत रूपों में .
इन्द्युरेंस एक्सरसाइज़ के बरक्स माहिरों ने इस विधि को कहीं कारगर बतलाया है .वक्त की तंगी के इस दौर में इससे बढ़िया और क्या बात हो सकती है .भगवान् करे माहिरों का कहना सच साबित हो .कल कोई इसे गलत साबित न कर दे .
राम राम भाई !  राम राम भाई !
 बस एक गोली रोज़ और परेशां करने वाले हिप पैन से राहत .
एक मेडिकल कंडीशन होती है जिसमें जांघ की हड्डी का उपरला(Head of the femur) सिरा धीरे धीरे मृत होने लगता है .ऐसा यहाँ तक रक्तापूर्ति के निलंबित होने से होता है .This is death of a segment of a bone .चिकित्सा शब्दावली में इस स्थिति को अवेस्क्युअलर  नेक्रोसिस या फिर ओस्टियोनेक्रोसिस कहा जाता है .यह एक आम विकार है जो अकसर २०-५० साल की   उम्र के लोगों को अपना निशाना बनाता है .जोड़ों की बदली के कुल मामलों में १० %इसी ओस्टियो नेक्रोसिस से ताल्लुक रखतें हैं .५-२५ %मरीज़ दीर्घावधि कोर्तिकोस्तीरोइड्स का सेवन करने के बाद इस स्थिति में चले आतें हैं .
लाक्षणिक चिकित्सा चलती है .लगातार परेशांन करने वाला हिप पैन बर्दाश्त के बाहर हो जाता है .अश्थी तक रक्तापूर्ति न हो पाने के कारण यह स्थिति पैदा हो जाती है .
वजह बनतें हैं किसी प्रकार का सदमा (Trauma),स्तीरोइड्स ,एल्कोहल एब्यूज (शराब की लत ),कई आनुवंशिक विकार ,तकरीबन ५० %मामलों में यही कारण उत्तरदाई होतें हैं .इस स्थिति के लिए .
इलाज़ न करवा पाने से पैदा हो जाती है हिप आर्थ्राइतिस(Hip arthritis).
हर  साल एक लाखसे भी ज्यादा  लोग एवेस्क्युलर नेक्रोसिस की चपेट में आजातें हैं . अकेले मुंबई महानगरी में इसके २०,०० ० से भी ज्यादा नए मामले सामने आ रहें हैं .
हवा का ताज़ा झोंका भी वहीँ से आया है इस नेगिंग हिप पैन से निजात का .बस एक गोली रोज़ और परेशां करने वाले हिप पैन से राहत .
A pill a day can keep hip pain away/TIMES TRENDS ,THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB 22,2012,P9
बाज़ी मारी है इस दिशा में माहिम स्थित पी डी हिंदुजा अस्पताल के माहिरों के एक दस साला अध्ययन ने .अब सर्जरी करवाना ज़रूरी नहीं रह गया है ओस्टियोनेक्रोसिस से ग्रस्त होने पर .जैसे प्रोस्तेटिक एनलार्जमेंट के मामले में सिर्फ एक गोली रोजाना काफी रहती है 'Urimax -0.4mg'(Tamsulosin Hydrochloride IP...400mcg as modified released pellets)वैसे ही अवेस्कुलरनेक्रोसिस के समाधान के लिए 'Bisphosphonate 'को कारगर पाया गया है .इसे तकरीबन ४० मरीजों पर आजमाया गया .दस साल तक यह दवा इनके दर्द का बराबर समाधान प्रस्तुत करती रही है .अध्ययन 'Journal of Arthroplasty' के ओक्टूबर २०११ अंक में प्रकाशित हो चुका है .इन तमाम मरीजों पर लगातार दस सालों तक नजर रखी गई थी .
इन्हें सर्जरी की ज़रुरत नहीं पड़ी है .
Avascular necrosis is a condition where the femoral head (upper most part of a thigh bone )stops getting blood and causes the bone to collapse slowly.As the bone dies the patient experiences excruciating pain and limited or no movement.
इस स्थिति से बाहर आने के लिए अब तक शल्य चिकित्सा ही समाधान था .'Surface replacement'या फिर 'टोटल हिप रिप्लेसमेंट 'का मतलब होता था डेढ़ से तीन लाख रूपये की खर्ची .हरेक के पास कहाँ होता है इतना पैसा भारत में ?
दस साल पहले डॉ संजय अग्रवाल ने पता लगाया ,ओस्टियोपोरोसिस के इलाज़ में प्रयुक्त दवा 'बिसफोस्फोनेट 'एवेस्कुलर नेक्रोसिस ऑफ़ हिप 'के प्रबंधन में भी कारगर रहती है .अब तक ४०० मरीज़ इस दवा से लाभान्वित हो चुकें हैं .
एक महीने में कुल खर्च आता है १५० रुपया .नै रक्त कोशायें पनपने लगतीं हैं इस दवा के स्तेमाल से और बस 'bone colapse 'से बचाव हो जाता है .
डॉ .अग्रवाल के पास ज्यादातर मरीज़ रोग की बढ़ी हुई अवस्था में ही पहुँच सकें हैं .तब जब शल्य ही एक समाधान था .
डायमंड विक्रेता जिग्नेश की उम्र उस वक्त ४३ वर्ष थी .२००६ में उन्हें रोग निदान किया गया 'एवेस्कुलर नेक्रोसिस ऑफ़ हिप 'वह बामुश्किल ही चल पाते थे .डॉ .अग्रवाल के इलाज़ के बाद से आप अपनी खोई हुई क्षमता प्राप्त कर सकें हैं .चलने फिरने में पूर्ण  समर्थ हैं .
आप एक दर्शनार्थी के रूप में हर बरस गुजरात के 'Palithana temple'3800 सीढियां चढ़के पहुँचते हैं .इलाज़ के दरमियान किसी भी मरीज़ ने दवा के गंभीर पार्श्व प्रभावों से आजिज़ आने की शिकायत नहीं की है .बेशक कुछ ने पेशियों में होने वाले आम दर्द और चक्कर आने भर की शिकायत की है .शुरूआती चरण में दवा के असर बेहद अच्छे रहें हैं .दवा ने ज्यादा कारगर तरीके से काम किया है .  
नुश्खे सेहत के :
बालों की रूसी सी छुटकारे के लिए रात को ताज़ा घी   कुंवार  ,अगरु      Aloevera gel  बालों  में मलके सोइए .सुबह बालों को धौ  डालिए .
To get rid of dandruff ,apply fresh aloevera gel overnight .Wash in the morning.   
चाय  में  छोटी  इलायची  मिलाकर  पीने  से  शरीर  में  ऑक्सीटोसिन का  स्राव  होता  है     जो  अवसाद  कम  करने में  सहायक  सिद्ध  होता  है  .

Adding ellaichi (cardamom)to tea releases oxytocin that helps lift depression.


मंगलवार, 21 फ़रवरी 2012

दिल के दौरे की संभावना को बढ़ा सकता है 'डाईट सोडा '?

दिल के दौरे की संभावना को बढ़ा सकता है 'डाईट  सोडा '?
भले डाईट सोडा कुछेक को वैस्ट्लाइन  पर काबू रखने में सहायक हो लेकिन रोज़ -बा -रोज़ इसका सेवन दिल और दिमाग के दौरों के मौके बढ़ा सकता है .व्यक्ति हार्ट और ब्रेन अटेक की चपेट में आ सकता है .यही लब्बोलुआब  है एक अमरीकी अध्ययन का .
General Internal Medicine विज्ञान प्रपत्र (Journal )में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार जो उम्र दराज़ लोग रोजाना डाईट सोडा लेते हैं उनके लिए दिल के दौरों का ख़तरा ४४%बढ़ जाता है .बेशक इसका आशय यह नहीं है ,केवल सुगर विहीन ड्रिंक्स ही इस बढ़ोतरी के लिए कुसूरवार हैं .
डाईट सोडा के दीवानों  में कुछ  और वजूहातें भी हो सकतीं हैं इस अंतर सम्बन्ध की .यही कहना है अध्ययन के प्रमुख रचनाकार Hannah Gardener का  .
सन्दर्भ -सामिग्री :Study:Daily diet soda may up risk of heart attack ,stroke/TIMES TRENDS/TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB21,2012,P19.
राम राम भाई !  राम राम भाई !
साप्ताहिक  उपवास चक्र से जुडी हो सकती है लम्बी उमरिया की नव्ज़.
Fasting once or twice a week could help you live longer/TIMES TRENDS/TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB21,2012,P19.
एहम  सवाल  रहा  है  यह  बूझना ,क्या हफ्ते में एक दो बार उपवास रखना सेहत के लिए अच्छा है ?एक ताज़ा   अध्ययन  के अनुसार उत्तर सकारात्मक है .
नेशनल इंस्टिट्यूट आन एजिंग के रिसर्चरों के अनुसार सप्ताह में एक या दो मर्तबा व्रत उपवास रखना न्यूरोदिजेंरेतिव डिजीज यथा अल्जाइमार्स ,पार्किन्संस सिंड्रोम आदि से बचाए रह सकता है क्योंकि यह लम्बी उम्र की कुंजी है .उपवास दिमाग को दुरुस्त रखता है .दिमागी कोशाओं को नष्ट करने वाले अपविकासी रोगों से बचाए रह सकता है .
उपवास दिमागी जैव -रासायनिक हरकारों ,केमिकल मेसिंजर्स का पुनर बलीकरण ,पोषण करता है .वजह बनती है केलोरीज़ में घटाव .
केलोरीज़ के कम करने से इन रासायनिक राजदूतों के काम में तेज़ी आ जाती है .
विज्ञानियों को इल्म रहा है ,चूहों का जीवन सौपान उनके भोजन में एक दम से कटौती करने के साथ ही बढ़ने लगता है .सुझाव और अनुमान यह भी रहा है ,मनुष्यों में भी केलोरीज़ में अप्रत्याशित कटौती  जीवन  अवधि बढ़ा सकती है .रिसर्चर्स ने  पहली मर्तबा उपवास के सकारात्मक नतीजे मिलने की बात की है .अखबार 'दी डेली टेलीग्राफ' ने इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रकाशित की है .
Prof  Mark Mattson ,head of the institute's laboratory of neurosciences ,said :"Reducing your calorie intake could help your brain ,but doing so by cutting your intake of food is not likely to be the best method of triggering this protection .It is likely to be better to go on intermittent bouts of fasting ,in which you eat hardly anything at all ,and then have periods when you eat as much as you want ."
अन्नाजी जैसा उपवास (निर्जला नहीं ,नीम्बू पानी लेते रहें ) वह भी सप्ताह में बस एक दो बार .दीर्घावधि नहीं लाभदायक सिद्ध होगा .इसके इधर उधर जी भर खाएं (पौष्टिक आहार से मतलब है यहाँ अटरम शटरम से नहीं ).
राम राम भाई !  राम राम भाई !
शरीर में पानी की कमी का मतलब ?

शरीर में पानी की कमी हमारे चित्त को भी प्रभावित करती है .ऊर्जा स्तर को असरग्रस्त करती है .यहाँ तक की हमारी सोचने की शक्ति भी असर ग्रस्त होने लगती है .पर्याप्त पानी दिन भर में पीना सेहत के लिए बहुविध उपयोगी रहता है .पर्याप्त पानी पीते  रहने से चित्त शांत रहता है .खासतौर से यदि आपको गुस्सा आ रहा हो .आवेश में हों आप किसी भी वजह से .कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने पता लगाया है शरीर में जल की थोड़ी सी भी कमी (Even mild dehydration ) मिजाज़ को असर ग्रस्त कर सकती है.मूड खराब कर सकती है .
मिजाज़ को बिगाड़ने के लिए मात्र १.५% शरीर में जल की कमीबेशी (1.5% loss in normal water volume in the body)ही  काफी  है.पानी की इतनी कमी तो रोज़ मर्रा की गतिविधियों के दौरान ही हो रहती है .औरतों के मामले में इतनी सी कमी से ही उनका मिजाज़ बिगड़ जाता है .सोच असर ग्रस्त होने लगती है .औरतें शरीर में पानी की कमी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होतीं हैं .पानी शरीर की चार्जिंग करता रहता है ऊर्जा स्तर को बनाए रहता है .पीते रहना चाहिए काम के दरमियान पानी का एक ग्लास .बहुत बुरे असर पड़ते हैं औरतों पर जल की थोड़ी सी भी कमी के .यही कहना  है हर्रिस लिएबेर्मन का .प्रस्तुत रिसर्च में आपकी भी भागे दारी रही है .रहीम दास ने यूं ही नहीं कहा  होगा -
रहिमन पानी राखिये ,बिन पानी सब सून ,
पानी गए न ऊबरे ,मोती ,मानुस  ,चून.
शरीर में पानी की कमी का मतलब ?
सन्दर्भ  -सामिग्री:Dehydration can alter mood:/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB20,2012,P13.
राम राम  भाई  ! राम राम भाई !
सेहत के नुश्खे :
शिशु के मुख स्वास्थ्य की हिफाज़त के लिए :शिशु के मुलायम गम्स (गम लाइन, ज़ब्डों)को मुलायम सूती जाली दार गौज़ से सुखाइये .साफ़ करिए .ज़बान को भी शिशु की साफ़ रखिये ताकि ज़ब्डों पर प्लाक ज़मा न हो पाए तथा मुख में माइक्रोओर्गेनिज्म डेरा न डाल सकें ..
Gently wipe your baby's gums with gauge and keep their tongue clean and free of plaque and microorganism .
चमड़ी पर उभरे लाल दाने या चकत्तों में फ़ौरन राहत के लिए कोड लीवर आयल और विटामिन ई का मिश्र मलिए ,एक दम से आराम आयेगा .
Rub a mixture of cod liver oil and Vitamin E on the skin to soothen a rash instantly.
राम  राम  भाई !  राम राम भाई !
आज का नीतिपरक दोहा :
रूठे सुजन मनाइए ,जो रूठे सौ बार ,
रहिमन फिर फिर पाइए टूटे मुक्ताहार .
रहीम दास कहतें हैं सज्जन पुरुष यदि नाराज़ हो जाएँ तो मान मनोव्वल करके उन्हें मना लीजिए चाहे ऐसा कितनी ही बार क्यों न करना पड़े .आखिर सच्चे मोती की माला टूटने पर मोती चुग कर माला फिर बना ली जाती है .सच्चे मोतिन हैं न .  सज्जन पुरुष को अपने से रूठने न दें .
याददाश्त और सीखने की प्रक्रिया को सुधारती है नियमित कसरत .
Regular exercise improves memory and learning /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB20,2012,P13.
टहल  की पहल करना सेहत के लिए सदैव ही अच्छा बतलाया गया है .अब एक नए अध्ययन से इल्म हुआ है एक घंटा नियमित व्यायाम करते रहने से आबालवृद्धों की याददाश्त और सीखने, अध्ययन से ज्ञान और कौशल प्राप्त करने की प्रक्रिया में भी सुधार आता है .
रिसर्चरों ने पता लगाया है तकरीबन छ :महीने से एक साल तक की अवधि तक नियमित घंटा भर  की सैर करने या फिर साइकिल चलाते रहने से याददाश्त और पहेली सुलझाने ,समस्याओं के हल तक पहुँचने की प्रक्रिया में साथ ही  सीखे गए को  याद रखने की प्रक्रिया में भी १५%से २०%तक सुधार आता है .डेली टेलीग्राफ ने इसे अपनी खबर बनाया है .अखबार में इस अध्ययन की पूरी रिपोर्ट छपी है .
        पता चला है इस प्रकार के व्यायाम करने से दिमाग के कुछ अत्यधिक महत्वपूर्ण ,निर्णायक हिस्सों के आकार में वृद्धि होने लगती है .अध्ययन के नतीजों का बच्चों के स्कूल में सीखने की प्रक्रिया से गहरा सम्बन्ध है .इनके ज्ञानार्जन कौशल को बढाया जा सकता है .
UNIVERSITY OF ILLINOIS से सम्बद्ध BECKMAN INSTITUTE FOR ADVANCED SCIENCE AND TECHNOLOGY के निदेशक प्रोफ़ेसर आर्ट क्रेमर ने इस अध्ययन का नेत्रित्व किया है .
राम राम भाई !राम राम भाई !
जीते है शह  सवार ही मैदाने जंग में ,
वह तिफ्ल क्या जो रेंग कर घुटनों के बल चले .  

डॉक्टरों ने जन्म से पहले ही उसके माँ बाप को बतला दिया था ,पैदा होते ही उसे पेसमेकर लगाना पडेगा वरना वह चंद घंटों की मेहमान ही रह पायेगी .उसकी हार्ट रेट खतरनाक तरीके से बहुत कम थी .सामान्य स्वस्थ गर्भस्थ की हार्टरेट  से कहीं कम .एक स्वस्थ नवजात का दिल प्रति मिनिट १२०-१५० बार धुक धुक (लुब डुब)करता है जब की गर्भस्थ जया  के दिल की धड़कने ४५ प्रति मिनिट थीं .वह जन्मजात हृदय अवरोध (Congenital heart block)से  ग्रस्त  थी  .यह एक विरल स्थिति थी जिसमें माँ की रोग रोधी प्रणाली मुगालते में आके गर्भस्थ के नर्व फाइबर्स को निशाना बना रही थी .हमला कर रही थी गर्भस्थ के स्नायु तंतुओं पर ,नसों के रेशों पर .जबकि यही नर्व फाइबर्स गर्भस्थ के दिल को धड्काते हैं .समाधान एक ही था गर्भावस्था की सामान्य अवधि से पहले ही लेबर इन्द्युस करके कृत्रिम दर्द की लहर पैदा कर प्रसव करवाया जाए जल्दी से जल्दी और पैदा होने के १५ मिनिट बाद ही पेसमेकर लगा दिया जाए .अभी गर्भावस्था की सामान्य अवधि को ९ सप्ताह बाकी थे .प्रसव करवा दिया गया .
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के माहिरों की इस टीम में २० एक्सपर्ट शामिल थे .वेन्यु था विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 'Lucile Packard Children's Hospital '.
मात्र ३.५ (साढ़ेतीन पोंड )पोंड था जन्मके समय जया का वजन .सामान्य आकार के अखरोट के बराबर था उसका नन्ना सा दिल जिससे कुशलता पूर्वक पेसमेकर के तार (लीड्स )जोड़ दिए गए .दस सालों तक काम करता रहेगा यह कृत्रिम दिल .जया अब तीन माह की है उसका वजन ८ पोंड्स से थोड़ा ज्यादा ही है .उसका विकास सामान्य तरीके से हो रहा है .जया ने नाम के अनुरूप मृत्यु को जन्म से पूर्व ही परास्त कर दिखाया है .दूसरे छोर पर सधे  हुए हाथों का कौशल है जो आज कुछ भी कर सकतें हैं .
जीते है शह  सवार ही मैदाने जंग में ,
वह तिफ्ल क्या जो रेंग कर घुटनों के बल चले .  

   

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

सेहत के नुश्खे और बहुत कुछ :शोक संतप्त व्यक्ति को दवा नहीं दया की ज़रुरत होती है .

सेहत के नुश्खे और बहुत कुछ :
लौह तत्व का भरपूर स्रोत है केला :केला आयरन प्रचुरता में मुहैया करवाता है तथा शरीर के हिमोग्लोबिन के प्रकार्य को सुचारू रूप चलाये रखता है .
Bananas are rich in iron content and help the body;s haemoglobin function.
अंडा कुदरती विटामिन डी  से युक्त रहता है .विटामिन डी हमारी अश्थियों (हड्डियों ) की मजबूती के लिए ज़रूरी है .
Eggs contain naturally occurring  Vitamin D,which is good for the bones.
संतरे विटामिन सी से भरपूर हैं .इनका सेवन हमारे    शरीर को अनेक संक्रमणों से बचाए रहता है .अनेकानेक संक्रमणों का मुकाबला करने की क्षमता प्रदान करता  है हमारे शरीर को  .
Oranges are rich in Vitamin C and help the body fight against infections  .
काजू एकल असंत्रिप्त वसाओं से युक्त रहतें हैं .ये मोनो -अन -सेच्युरेतिद -फेटि एसिड्स हमारे दिल के लिए मुफीद रहतें हैं .दिल के दोश्त  हैं .ये वसाएं अमित्र कोलेस्ट्रोल (LDL CHOLESTEROL)की मात्रा को कम करने तथा मित्र कोलेस्ट्रोल ( HDL CHOLESTEROL)के  स्तर को बढाने में मददगार सिद्ध होतें हैं .
Cashew nuts are rich in heart- friendly monounsaturated fatty acids that help lower bad cholesterol and increase good cholesterol. 
राम राम भाई !  राम राम भाई !
शोक संतप्त व्यक्ति को दवा नहीं दया की ज़रुरत होती है .
Grief is not an illness to be cured by pills ,say docs/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB18,2012,P21.
'दी लांसेट' जर्नल ने अपने एक सम्पादकीय में 'शोक ' को बीमारी  मानने से साफ़ इनकार किया है . सम्पादक मंडल ने दो टूक कहा  अपने अति परिजन के निधन से उपजा 'शोक 'एक मानसिक बीमारी नहीं है .शोक संतप्त व्यक्ति को दया ,सहानुभूति ,तदानुभूति की ज़रुरत होती है न की दवा की .ज़रूरी है उसके दुःख में शरीक होना .समय का इंतज़ार करना जो सारे घाव भर देता है .ऐसे में चिकित्सकों को दवा लिखने की जल्दी नहीं मचानी चाहिए .दवा लिखने से बाज़ आना चाहिए .इधर कुछ चिकित्सक और माहिर एक्सट्रीम इमोशंस को मानसिक बीमारी घोषित करवाने की तैयारी में हैं .जबकि दुःख और अपनों के विछोह से उपजा मानसिक दुःख बोध ,क्लेश एक सहज मानवीय सरोकार है . एक मन :स्थिति है दुखानुभूति की वेदना की .सहज अनुक्रिया है बिछुड़ने की .जिसमे सहज ही मन के आवेग से प्रस्फुटित होता है :जाने चले जातें हैं कहाँ ,दुनिया से जाने वाले .
क्रोंच पक्षी के बहेलिया द्वारा वध को देखके बाल्मीकि के मन से सहज निकला था -
पहला गीत .जिसे सुमित्रानंदन पन्त ने कुछ यूं अभिव्यक्त किया -
वियोगी होगा पहला कवि,आह से निकला होगा गान ,
निकलकर अधरों से चुपचाप ,बही होगी कविता अनजान .
दिवंगत की  स्मृति में दो शब्द कहना .आदर पूर्वक उसे याद करना मरहम का काम करता है इसीलिए दिवंगत को पुष्पांजलि दी जाती है उसकी स्मृति में मौन रखा जाता है उसके निमित्त श्राद्ध रखा जाता है .दुःख का विरेचन ही दवा है .स्यापा करने का चलन भी इसी विरेचन से प्रेरित रहा होगा .    
      

रविवार, 19 फ़रवरी 2012

नुश्खे सेहत के :

नुश्खे सेहत के :
गुणकारी मूंगफली :एकल असंत्रिप्त वसा (Mono-unsaturated  fatty acids)  से  युक्त मूंगफली बेड   कोलेस्ट्रोल(अमित्र कोलेस्ट्रोल ,(LDL CHOLESTROL)  को कम करने में सहायक सिद्ध होती है .
हरी मटर के दाने (ग्रीन पीज़):
लौह तत्व से भरपूर है हरी मटर .सर्दियों में इसका सेवन हमारे रोग प्रति -रोधी तंत्र को मजबूती प्रदान करता है .
राजमा (Kidney -beans ):
खून में घुली चर्बी (कोलेस्ट्रोल की मात्रा) को कम करतें हैं राजमा में मौजूद रेशे .अलावा इसके ये ब्लड सूगर के स्तर को भी विनियमित करतें हैं  बढ़ने से थामतें हैं .
करी पत्ता :(Curry leaves):
गुनगुने पानी में भिगोये रखिये करी पत्ता  तकरीबन दो घंटा  सुबह सवेरे  इस पानी को एक चम्मच शहद मिलाकर पी  जाइए .कब्ज़ से राहत मिलेगी .पेट साफ़ हो जाएगा .
जाती हुई ठंड (सर्दी )से बचाव के लिए :
हमारे शरीर को सुचारू रूप काम करते रहने के लिए एक ख़ास टेम्प्रेचर रेंज (तापमान परास ,अधिकतम और न्यूनतम तापमान का अंतर )की दरकार रहती है .२४ घंटों के तापमानों में १५ सेल्सियस से ज्यादा की घट बढ़  शरीर को रास  नहीं आती .वक्त लगता है अनुकूलन में .इसीलिए जाती हुई ठंड आती हुई गर्मी अनेक संक्रमण दे जाती है जूझने को .शरीर का अंदरूनी तरीका  काम करने की मिकेनिज्म मौसम के बदलते मिजाज़ से असर ग्रस्त होता है .ऐसे में पुष्टिकर तत्वों के सेवन से रोग प्रति -रोधक क्षमता को बनाए रखना ज़रूरी रहता है .पोषण विज्ञानी कुछ कुदरती खाद्यों को इस दरमियान खाने खाते रहने की सिफारिश करतें हैं .आइये देखें क्या कहतीं हैं मुंबई की मशहूर पोषण विज्ञानी Sukhada Bhatte इस मुद्दे पर :
Flaxseeds:
फ्लेक्स सीड्स (अलसी के बीज ) ओमेगा थ्री फेटि एसिड्स संजोये रहतें हैं .खून में से यह ट्राईग्लीस्राइड्स की मात्रा को जहां घटाने में मददगार साबित होतें हैं वहीँ अच्छे कोलेस्ट्रोल (HDL CHOLESTROL) की मात्रा को बढाने में भी सहायक सिद्ध होतें हैं .
इन्हें आटे  के साथ पिसवाया जा सकता है ,सलाद पर छिडका जा सकता है भूनकर तवे पर सौंफ की तरह एक चम्मच खाने के बाद खाया जा सकता है .स्वाद के लिए गुड या इसकी बहन शक्कर (ब्राउन )का स्तेमाल भी कर सकतें हैं इन रोस्टिद सीड्स के संग .
GRAPEFRUIT OR ORANGES:
संतरा और चकोतरा कोल्ड और फ्ल्यू से बचाए रहतें हैं क्योंकि इनमें विटामिन सी के रूप में एक ऐसा एंटीओक्सिडेंट मौजूद रहता है जो कोशिकाओं की टूट फूट की मुरम्मत करता रहता है संक्रमण से हिफाज़त .
BROCCOLI :
विटामिन ए  तथा विटामिन सी के अलावा यह ग्रीन वेजिटेबिल (गोभी का ख़ास किस्म का छोटा सा फूल )ग्लूटाथियोंन (Glutathione)  का अच्छा स्रोत है .श्लेष्मल झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन )में मौजूद कोशाओं (सेल्स )को जहां विटामिन ए नम रखता है  वहीँ यह आद्रता कोशिका की टूट फूट सेल डेमेज को थाम लेती है .बस  नुक्सान दायक घटिया बेक्टीरिया (YUCKY BACTERIA)से इस प्रकार शरीर  की खुद -बा-खुद हिफाज़त हो रहती है . 
बादाम गुणों की खान :
इनमे मौजूद विटामिन ई जहां  इंटरल्युकिन -२ (एक प्रकार की उपयोगी प्रोटीन )के संस्लेषण को प्रेरित करता है वहीँ यह ख़ास प्रोटीन जीवाणुओं का सफाया करने में कारगर रहती है .विषाणुओं तथा कैंसर युक्त कोशिकाओं का भी सफाया कर देती है यह प्रोटीन .
अलावा इसके बादाम राइबोफ्लेविन तथा नियासिन और बी विटामिन का भी अच्छा स्रोत हैं .ये पुष्टिकर तत्व स्ट्रेस बस्टर  सिद्ध होतें हैं स्ट्रेस के स्तर को घटातें हैं .सलाद टोपिंग  या फिर खाने के बीच में ४-५ बादाम रोज़ खाइए .
GARLIC:
लहसुन में गुण बहुत है .कितने ही एंटीओक्सिडेंट मौजूद हैं .ये अल्सर और आमाशय का कैंसर पैदा करने वाले एक जीवाणु H-PYLORY का  सफाया  करदेता  है  .
SPINACH:
पालक भी किसी से कम नहीं :
विटामिन ए और लौह तत्व से भरपूर है पालक .इम्म्यूंन रेस्पोंस(रोग प्रति रोधी अनुक्रिया )को चुस्त दुरुस्त बनाए रहता है पालक .
IRON DEFICIENCY CAN PARALYSE THE IMMUNE RESPONSE BY IMPAIRING THE T -CELLS WHICH ARE RESPONSIBLE FOR ACTIVATING THE BODY;S IMMUNE RESPONSE .
पालक का पराठा खाइए पालक डोसा  खाइए ,सलाद में खाइए पालक ,पालक मैथी का साग खाइए .ग्रीन ही ग्रीन .
CABBAGE :
बंद गोभी :इसमें मौजूद है रोग -प्रति -रोध को बढाने वाला ग्लूटाथिओंन .एंटीओक्सिडेंट एक से ज्यादा .येबंद गोभी  न सिर्फ कोशाओं का पोषक है उनकी हिफाज़त भी करता है . यही तत्व  (एंटीओक्सिडेंट ) बीमारी को भगातें हैं .
बहु विध इसका सेवन कीजिये सलाद में पराठे में ,सूप्स में ,स्ट्युज़(STEWS)में .चावल के साथ .
CURD:
दही :इसमें मौजूद लाभकारी जीवाणु स्वेत रुधिर कोशाओं को उद्दीपन प्रदान करतें हैं .चुस्त दुरुस्त बनी रहतीं हैं वाईट ब्लड सेल्स दही के सेवन से .
'LIVE AND ACTIVE CULTURES ' से    युक्त  दही भी इन दिनों बाज़ार में  उपलब्ध है .दही मिश्ठी हो या सादा,शीत या छाछ (बटर मिल्क )के रूप में हो बहु बिध उपयोगी है .
सन्दर्भ -सामिग्री :THE FOOD SOLDIERS .Avoid falling prey to changing weather by consuming resistance building natural warriors/MUMBAI MIRROR ,FE17 ,2012/P24
   

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

धूम्रपान हमारे शरीर के लिए एक खलनायक के रूप में सामने आता है

साइनस संक्रमण में एंटीबायोटिक्स की भूमिका कितनी प्रासंगिक ?


साइनस संक्रमण में एंटीबायोटिक्स की भूमिका कितनी प्रासंगिक ?
Sinus trouble ? Antibiotics useless :TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,FEB 16,2012/P19.
साइनस संक्रमण में धड़ल्ले से दिए जाने वाले एंटीबायोटिक्स पर सवालिया निशाँ लग गया है ?एक नए अध्ययन के अनुसार साइनस संक्रमण के लक्षणों के शमन के लिए दिए जाने वाले एंटीबायोटिक्स के असर को फ़िज़ूल ,गैर -ज़रूरी ठहराया गया है .माहिरों के अनुसार एक अक्रिय साल्ट वाला प्लेसिबो (छदम दवा या मीठी गोली भी ) साइनस के लक्षणों की उग्रता का शमन करने में उतनी हो कारगर बतलाई गई है .
मरीज़ इन लक्षणों से खुद बा खुद बाहर निकल आता है उबर जाता है .अध्ययन के सह -लेखक (Co-author Jay Piccirillo)यही  राय रखतें हैं .आप आचार्य हैं otolaryngology(नाक ,कान कंठ या गले के रोग निदान और चिकित्सा से सम्बद्ध रोगों की विद्या ) के .वर्तमान में वाशिंगटन विश्वविद्यालय स्कूल ऑफ़ मेडिसन ,सेंट लुइ से सम्बद्ध हैं . बकौल आपके प्राथमिक चिकित्सा के बतौर एंटीबायोटिक्स का चलन ज़रुरत से ज्यादा हो रहा है .इस बात पर Jane M Garbtt भी अपनी मोहर लगातें हैं .
साइनस :नाक से जुडी चेहरे की हड्डियों के बीच की खाली जगह (अश्थी रंध्र ).

Sinus is one of the spaces in the bones of your face that are connected to your nose. A cavity filled with air in the bones of  the face and skull ,especially one opening into the nasal passages.
Otolaryngology:It is a branch of medicine concerned with the treatment and diagnosis of the ear,nose and throat.
राम राम भाई !
टोली बनाकर वजन कम कीजिये :
Work in teams ,weight loss can be contagious/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,FEB 16,2012.P19
यकीन  मानिए वेट लोस भी छूतहा होता है .खरबूजे को देखके खरबूजा रंग बदलता है .छूत लगती है तौल घटाने वजन कम करने की .यही लब्बोलुआब है एक नवीन    शोध का जिसमें एक भारतीय मूल के शोध करता (रिसर्चर )भी शरीक हैं .
भारतीय मूल के राजीव कुमार और मिरियम अस्पताल तथा एल्पर्ट मेडिकल स्कूल के सहचिकित्सा - कर्मियों ने पता लगाया है ,टीम आधारित वेट लोस मुकाबले में एक टीम के सभी सदस्यों का वजन तेज़ी से और प्रभावशाली तरीके से कम होता है .टीम के सदस्य एक दूसरे  के लिए प्रेरक सिद्ध होतें हैं .अध्ययन 'ओबेसिटी जर्नल 'में प्रकाशित हुआ है .सभी को समान लाभ होता है .टोली के जिन  साथियों ने सह -भागियों ने अपने संगी साथियों को उद्दीपक बतलाया सबसे ज्यादा वजन भी उन्हीं का कम होते देखा गया .इसका मतलब यह हुआ मोटापे की तरह वेट लोस भी छूतहा  होता है एक टोली के सभी सदस्यों पर अपना रंग

गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

गुण ही गुण हैं गुड़ में :

नुश्खे सेहत के :
गुण ही गुण हैं गुड़  में :
गुड़ खाने का मतलब है शरीर से अवांछित कणों  की साफ़ सफाई निकासी .गुड़ हमारे श्वसनी क्षेत्र (Respiratory tracts),खाना ले जाने वाली पाइप,भोजन  की नली जो भोजन को मुख से आमाशय या उदर तक पहुंचाती है   (food pipe ,oesophagus) को स्वच्छ रखता है .पेट और आँतों की सफाई करता है .
Eating jaggery pulls out unwanted particles from the body and cleans the respiratory tracts ,food pipe ,stomach and intestines.
मूली  पाचनतंत्र   के लिए बहुत अच्छी है सब कुछ को हज़म कर देती है लेकिन मूली को पचाने ,डकार एवं बादी से बचने के लिए मूली खाने के बाद  गुड़ की डली  खानी ज़रूरी है .लोकोक्तियो मुहावरों में रचा बसा गुड़ बेहद उपयोगी है हिमोग्लोबिन को बढाता है (खून में लौह अंश को बढाता है ).'आदमी गुड़ न भी दे तो गुड़ जैसी बात तो कह दे '.
राम राम भाई :
एक अनार सौ बीमार यूं ही नहीं कहा  गया है .एंटीओक्सिदेंतों (Antioxidents) से लदा है अनार .आपकी चमड़ी की कांति  ,ग्लो, चमक दमक को बनाए रहता है .चमड़ी को जवान बनाए रखने और झुर्रियों से बचे रहने के लिए खाइए अनार .
राम राम भाई
ज्यादा खाना याददाश्त गंवाना ?
एक अध्ययन के अनुसार वे वयस्क (बालिग़ )लोग  जो दिन भर की खुराक के तहत कुल २१०० -६००० केलोरीज़ अपने सिस्टम में डाल लेतें हैं गड़प कर लेतें हैं उनके याददाश्त क्षय (Memory loss )से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों के बरक्स दो गुना बढ़ जाती है जिनके दिन भर के भोजन में इससे कमतर केलोरीज़ शामिल रहतीं हैं .
Mild Cognitive Impairment(MCI) का सीधा रिश्ता है आपके द्वारा गप्प की गई फ़ूड केलोरीज़ से .जितनी ज्यादा खपत उतना ज्यादा छीजती है याददाश्त .यानी समानुपातिक सम्बन्ध है .केलोरीज़ की ज़रुरत  से ज्यादा  खपत के अनुरूप याददाश्त क्षय भुलक्कड़ पन बढेगा .यह एक प्रकार का संज्ञानात्मक (बोध सम्बन्धी ,प्रज्ञा सम्बन्धी ह्रास हो कहलायेगा ,  Mild memory loss आप इसे कह बूझ सकतें हैं .
राम राम भाई !  राम राम भाई !

खबरे सेहत की :
Mediterranean diet helps brain :
बढती उम्र से साथ जीवन के एक सौपान एक पड़ाव  पर पहुंचकर आदमी बुढ़ाने  लगता है,याददाश्त क्षय होने लगता है कितने ही बुढापे के इसी उम्र के साथ संग बढ़ते भुलक्कड़ पन के शिकार होने लगतें हैं .चिकित्सा शब्दावली में इसे अल्जाइ -मार्स  रोग कह दिया जाता है .भारत में इसे सठियाना कहकर दर किनार कर दिया जाता है जबकि यह एक प्रकार का डिमेंशिया है न्यूरोदिजेंरेतिव डिजीज है .
इससे    बचने के .लिए साइंसदानों ने सुझाई है 'मेडीतरेनियंन खुराक  '.यह दिमाग को चुस्त दुरुस्त प्रखर बनाए रह सकती है .दिमागी सेहत के लिए अच्छी बतलाई गई है .
मियामी विश्व विद्यालय से सम्बद्ध 'मिलर स्कूल ऑफ़ मेडिसन 'के साइंसदानों के मुताबिक़ तरकारी और फिश बहुल खुराक (ग्रीन्स और मच्छी ,मॉस -मच्छी नहीं ) के साथ साथ मोडरेट ड्रिंकिंग संज्ञानात्मक (बोध सम्बन्धी विकारों से जुड़े )लीश्जन को मुल्तवी  रखती है ,,यही माइल्ड कोगनिटिव डिसऑर्डर आगे चलके अल्जाइमर्स का रूप ले सकता है .
राम राम भाई !
साफ़ साफ़ बोलिए संभल के बोलिए छ :माहे के सामने क्योंकि :
शिशु शब्दों के अर्थ पहले ही बूझने लगतें हैं यद्यपि वह उन शब्दों यथा शरीर के अंगों के नाम और खाने पीने की चीज़ों के नाम बोलना  बाद को ही सीख पातें हैं   उनके अर्थ छ: महीने का होने पर ही समझने लगतें हैं .अब तक यही समझा जाता था शिशु एक साला होने के बाद ही शब्दों को बोलना सीख पातें हैं .इसलिए ज़रूरी है शिशुओं के सामने शब्दों के शुद्ध रूप और नाम उच्चारित किये जाएँ .रोटी को हप्पा और पानी को मम्मा न कहा जाए .हाथ पैर ऊंगली मुंह नाक कान सर बाल ,आँख पलक माथा सब साफ़ साफ़ बोला जाए .नाखून     हथेली     तलुवे    सबका   उच्चारण साफ़ साफ़ किया जाए .बच्चे की नक़ल करने की होंठों का एक्शन  पढने  बूझने चुराने  की क्षमता  बहुत  ज्यादा होती  है .
उससे   कहीं   ज्यादा   जितना      अब तक समझा जाता रहा  है .
पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के रिसर्चरों ने पता लगाया है खाने पीने और शरीर के अंगों के नामों के अर्थ बूझने समझने लगतें हैं इसीलिए जो कुछ उनके सामने बोला जाए सोच समझकर साफ़ साफ़ बोला जाए .आगे चलकर यह उनकी शब्द सामर्थ्य को बढाता है .उनकी भाषिक प्रवीणता भी निखरती है .
नतीजे 'जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ़ दी नेशनल अकादेमी ऑफ़ साइंसिज़ 'में छपे हैं परम्परा गत सोच का विरोध करतें हैं जिसके अनुसार शिशु एक साल के बाद ही शब्दों के अर्थ बूझते हैं इन्हें बोलना सीखतें हैं .हकीकत यह है अर्थ पहले समझने लगतें हैं बोलना थोड़ा बाद में सीखतें हैं .छ :महीने का होने पर अर्थ समझने ही लगतें हैं भले   बोले इसके एक साल या और भी बाद में .
हकीकत यह है अपनी स्थानीय मुंह बोली     आंचलिक या नेटिव    भाषा (Native language )की  ध्वनियों     को   बुनियादी    बनावट       को बच्चे समझने बूझने लगतें हैं .बाद का बोलना मात्र      रिहर्सल     होता     है .
सन्दर्भ सामिग्री :6 -month -olds can understand words.(EARLY LEARNER )/TIMES TRENDS /THE TIMES OF INDIA ,NEW DELHI ,FEB15,2012/P23 .
खाने  पीने की चीज़ों   शरीर  के  अंगों  के  नामों को समझने लगतें हैं नौनिहाल छमाहे .


मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

जानकारी :(किस कदर)बे -तहाशा पिघलें हैं दुनिया भर के हिमनद ?


 पिघलते हिमनदों से (२००३-२०१० )की छोटी सी अवधि में किस कदर  हिम का सफाया हुआ है इसका जायजा लिया है  'ग्रेविटी रिकवरी एंड क्लाइमेट एक्सपेरिमेंट' (GRACE)ने .ग्रेस नाम है उस सांझा उपग्रह एक्सपेरिमेंट का जिसमें अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था 'नासा 'और जर्मनी सरकार की संयुक्त भागेदारी रही है .
उपग्रहों की इस अति -विशिष्ठ जोड़ी ने नदारद होती हिम टोपियों दुनिया भर के लगातार पिघलते हिमनदों का मोनीतरण (MONITORING)  किया है .
गत दशक में हिमनदों से जितना पानी लापता हुआ है उससे ब्रिटेन की सबसे बड़ी झील ' WINDERMERE' को १३,००० बार लबालब भरा जा सकता .'ग्रेस' ने पृथ्वी के हिमगोल(FROZEN CRYOSPHERE)का विस्तृत आकलन किया है .दुनिया भर की हिम चादरें ,हिम टोपियाँ इस दरमियान बे -तहाशा पिघलीं हैं .फलस्वरूप एक हज़ार घन मील (CUBIK MILE) हिम का सफाया हो चुका है .
इसी के चलते ठीक इसी अवधि में दुनिया भर के समुन्दरों में जल का स्तर आधा इंच ऊपर उठ गया है .दूसरे शब्दों में हर साल डेढ़ मिलीमीटर जल स्तर ऊपर आया है . 
जल के तापीय प्रसार से उठने वाला स्तर इससे अलहदा है .जिसकी वजह सागरों का गर्माता जल, बढ़ता तापमान बन रहा है .
पता यह भी चला है ग्रीन लैंड और एंटार्कटिका के बाहर जो पर्बतीय हिम नद और हिमतोपियाँ हैं वह उतनी नहीं पिघलीं थीं जितना पूर्व के आकलनों ने दर्शाया था .इन बाहरी हिम नदों से इसी दरमियान कुल १४८ अरब टन हिम गायब हुआ है .ग्रीन लैंड और अन्टार्कटिका से गायब हिम राशि इस से अलहदा है .
ग्रीन लैंड और एंटार्कटिका के सीमान्त क्षेत्र से     ८० अरब टन हिम राशि गायब हुई है .अब इस  सबको जोड़ लीजिए .तस्वीर कुछ और साफ़ हो जायेगी .
पिघलाव ज़ारी है .उक्त अध्ययन विज्ञान साप्ताहिक 'नेचर 'में प्रकाशित हुआ है .
'INDEPENDENT ' अखबार  ने इसे बड़ी खबर बनाया है .
सन्दर्भ -सामिग्री :Eye in the sky reveals water loss from melting glaciers./TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,NEW -DELHI,P23.  
जानकारी :(किस कदर)बे -तहाशा  पिघलें हैं दुनिया भर के हिमनद ?

जानकारी :(किस कदर)बे -तहाशा पिघलें हैं दुनिया भर के हिमनद ?


 पिघलते हिमनदों से (२००३-२०१० )की छोटी सी अवधि में किस कदर  हिम का सफाया हुआ है इसका जायजा लिया है  'ग्रेविटी रिकवरी एंड क्लाइमेट एक्सपेरिमेंट' (GRACE)ने .ग्रेस नाम है उस सांझा उपग्रह एक्सपेरिमेंट का जिसमें अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था 'नासा 'और जर्मनी सरकार की संयुक्त भागेदारी रही है .
उपग्रहों की इस अति -विशिष्ठ जोड़ी ने नदारद होती हिम टोपियों दुनिया भर के लगातार पिघलते हिमनदों का मोनीतरण (MONITORING)  किया है .
गत दशक में हिमनदों से जितना पानी लापता हुआ है उससे ब्रिटेन की सबसे बड़ी झील ' WINDERMERE' को १३,००० बार लबालब भरा जा सकता .'ग्रेस' ने पृथ्वी के हिमगोल(FROZEN CRYOSPHERE)का विस्तृत आकलन किया है .दुनिया भर की हिम चादरें ,हिम टोपियाँ इस दरमियान बे -तहाशा पिघलीं हैं .फलस्वरूप एक हज़ार घन मील (CUBIK MILE) हिम का सफाया हो चुका है .
इसी के चलते ठीक इसी अवधि में दुनिया भर के समुन्दरों में जल का स्तर आधा इंच ऊपर उठ गया है .दूसरे शब्दों में हर साल डेढ़ मिलीमीटर जल स्तर ऊपर आया है . 
जल के तापीय प्रसार से उठने वाला स्तर इससे अलहदा है .जिसकी वजह सागरों का गर्माता जल, बढ़ता तापमान बन रहा है .
पता यह भी चला है ग्रीन लैंड और एंटार्कटिका के बाहर जो पर्बतीय हिम नद और हिमतोपियाँ हैं वह उतनी नहीं पिघलीं थीं जितना पूर्व के आकलनों ने दर्शाया था .इन बाहरी हिम नदों से इसी दरमियान कुल १४८ अरब टन हिम गायब हुआ है .ग्रीन लैंड और अन्टार्कटिका से गायब हिम राशि इस से अलहदा है .
ग्रीन लैंड और एंटार्कटिका के सीमान्त क्षेत्र से     ८० अरब टन हिम राशि गायब हुई है .अब इस  सबको जोड़ लीजिए .तस्वीर कुछ और साफ़ हो जायेगी .
पिघलाव ज़ारी है .उक्त अध्ययन विज्ञान साप्ताहिक 'नेचर 'में प्रकाशित हुआ है .
'INDEPENDENT ' अखबार  ने इसे बड़ी खबर बनाया है .
सन्दर्भ -सामिग्री :Eye in the sky reveals water loss from melting glaciers./TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,NEW -DELHI,P23.  
जानकारी :(किस कदर)बे -तहाशा  पिघलें हैं दुनिया भर के हिमनद ?      

शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

कहीं ब्रेड (डबल रोटी )के भुलावे में हम ज़रुरत से कहीं ज्यादा नमक तो नहीं खा रहें हैं ?

कहीं ब्रेड (डबल रोटी )के भुलावे में हम ज़रुरत  से कहीं ज्यादा नमक तो नहीं खा रहें हैं ?
दस में से नौ अमरीकी ज़रुरत से कहीं ज्यादा नामक खा रहें हैं और यकीन मानिए कुसूरवार (अंकल चिप्स )चिप्स या मक्का के भुने हुए दाने 'पाप्कोर्न्स 'नहीं है ,ब्रेड रोल्स ,डिनर रोल्स हैं . दिन में कई मर्तबा खाई जाने वाली ब्रेड है ,ब्रेड स्लाइस हैं ,ब्रेड पीस हैं .जो हम सुबह से शाम तक भकोसतें हैं .सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन  (सी. डी. सी .)का यही मानना समझना है .इस संस्था की मानें  तोदिन भर में हम जितना नमक अपने सिस्टम में डालतें हैं उसका  ४४%फीसद ब्रेड ,डिनर रोल्स ,कोल्ड कट्स ,क्युओर्द मीट,नमक   लगा डिब्बाबंद गोश्त  (Cured meat) ,पिज्जा (पीज़ा,पीत्सा ),सूप्स ,पोल्ट्री ,चीज़ ,सैनविचिज़ ,पास्ता डिशिज़ ,प्रेत्ज़ेल्स (स्नेक्स )एवं आलू चिप्स (आलू के छल्ले )के ज़रिये पहुँच रहा है .यूं एक आदि ब्रेड स्लाइस के ज़रिये उतना नमक हमारे शरीर में दाखिल न भी होता हो बार बार ब्रेड खाने का मतलब कुछ और होता है .सिस्टम में अतिरिक्त नमक झोंकना है ,ब्रेड का अतिरिक्त सेवन .एक स्लाइस वाईट ब्रेड का मतलब २३० मिलीग्राम नमक हो सकता है .
सिस्टम में ज्यादा नामक झोंकना ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है .यही हाइपर -टेंशन बुनियाद रखता है दिल और दिमाग की बीमारियों की .हार्ट डिजीज और ब्रेन अटेक(स्ट्रोक ,सेरिब्रल वैस्क्युलर एक्सीडेंट ) की .
औसत अमरीकी दिन भर में तकरीबन ३२६६मिलिग्रेम  नमक गड़प रहा है .इसमें वह नमक शामिल नहीं है जो खाने की मेज पर बैठने के बाद आप ऊपर से स्तेमाल करतें हैं पके पकाए भोजन ,सलाद आदि पर बुर्कते हैं .जबकि इस की निर्धारित दैनिक खपत २३०० मिलिग्रेम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए .
बारहा हाइप किया गया स्वास्थ्य कर खाद्य 'कोटेज चीज़' भी अतिरिक्त नमक से युक्त रहता है .




गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

दिमाग का दिवाला निकाल सकता है धूम्र पान .

मर्दों में मानसिक ह्रास ,बौद्धिक क्षय की वजह बन सकता है धूम्रपान .यद्यपि ठीक यही बात स्मोकिंग को लेकर औरतों के बारे में सुनिश्चित तौर पर नहीं कही जा सकती .आर्काइव्स ऑफ़ साइकियेट्री जर्नल के ऑन लाइन संस्करण में प्रकाशित एक अभिनव अध्ययन के मुताबिक़ मर्दों के दिमाग के लिए सिगरेट ठीक नहीं है यह दिमागी क्षय के साथ मर्दों को निर्बुद्धि बना सकती है .दिमागी क्षमताओं के क्षय की वजह बन सकती है .पता चला है उन मर्दों में दिमागी क्षय संज्ञानात्मक बोध सम्बन्धी क्षमताओं का ह्रास तेज़ी से होता है जो स्मोक करतें हैं बरक्स उनके को गैर -धूम्र पानी है .
इस अध्ययन के अनुसार स्मोकिंग कोगनिटिव एजिंग (संज्ञानात्मक रूप से बुढ़ाने )की वजह बनती है .इसके हृदय और रक्त वाहिकाओं ,फेफड़ा सम्बन्धी रोगों की वजह बनने  के बारे में तो मालूम था लेकिन यह बोध सम्बन्धी बुढापे की भी वजह बनती है यह खुलासा इस ताज़ा अध्ययन से ही हुआ है .
यूनिवर्सिटी कोलिज लन्दन के रिसर्चरों के अनुसार ४५ की उम्र आते आते धूम्र पान के बोध सम्बन्धी बूढा होने के असर प्रगट होने लगतें  हैं .और यह प्रभाव तब भी प्रगट होता है जब आप चैन स्मोकर न भी हों सिर्फ कथित सोशल स्मोकर हों .जब भी आप सिगरेट सुल्गातें हैं यह दिमागी नुकसानी होती ही है इसके लिए एक पेकित सिगरेट रोज़ पीना ज़रूरी नहीं है .घुन तो घुन ही है .
आज पी कल नहीं पी आज सिगरेट से तौबा और कल फिर मोहब्बत इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता .नुकसान  तो होता ही है .चाहे आप बीच बीच में छोड़ दें या धुआं दार स्मोकिग ज़ारी रखें .
एक ही बचाव है इस बीमारी से इस बला से एब से बचा जाए .रिसर्चरों ने ६००० मर्दों और २१०० औरतों की धूम्र पान सम्बन्धी आदतों का ब्योरा जुटाने के बाद उक्त नतीजे निकाले हैं .तमाम मुलाजिम(अध्ययन में शामिल लोग ) ब्रितानी नागर सेवा से ताल्लुक रखते थे .अध्ययन की अगुवाई यूनिवर्सिटी कोलिज लन्दन की Severine Sabia ने की है .
सन्दर्भ -सामिग्री :Men take note ,smoking can make you stupid/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,FEBRUARY8,2012/P23.

दिमाग का दिवाला निकाल सकता है धूम्र पान .





मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

'मन चंगा ,तो कठौती में गंगा '

जीवन  शैली रोग कैंसर से बचा जा सकता है .
कैंसर एक रोग समूह है जिसकी नव्ज़  हमारे खान- पान, रहनी- सहनी ,कुलमिलाकर आधुनिक भ्रष्ट जीवन शैली से जुडी है .जीवन शैली में बदलाव लाकर कैंसर रोग समूह के ३० %मामलों से बचे रहा जा सकता है .विश्व -कैंसर दिवस (तीन फरवरी ,२०१२ )को यही उदगार विश्व -स्वास्थ्य संगठन ने व्यक्त किये हैं .
तमाबाकू और शराब का सेवन इस रोग समूह के वजन को बढाने वाला एक बड़ा जोखिम है ,रिस्क फेक्टर है .
अलावा इसके खुराक में फल और तरकारियों की कमी ,जीवन शैली में अवकाश के लिए अवकाश का न मिल पाना इस रोग समूह के जोखिमों में शुमार है .
अकेले तम्बाकू का सेवन आलमी (भूमंडलीय स्तर )पर इस रोग समूह के लिए सबसे बड़ा जोखिम है जो इस रोग समूह से होने वाली कुल मौतों में से २२%मौतों की वजह बन रहा है .
अलावा इसके लंग कैंसर से आलमी स्तर पर होने वाली मौतों में भी इसकी हिस्सेदारी ७१ %है .संयुनक्त राष्ट्र स्वास्थ्य संस्था का यही कहना, मानना है .
ज़ाहिर है तम्बाकू के सेवन को पूर्ण विराम देकर कैंसर से होने वाली मौत की दर को कमतर किया जा सकता है .एक सिरे पर आपका शौक है दूसरे पर जीवन की गुणवत्ता .देखना आपको है आप किसे तरजीह देतें हैं .
राम राम भाई !
आज का नीतिपरक दोहा /उक्ति :
आज रविदास जी की जयंती है उसी पर विशेष :
'मन चंगा ,तो कठौती में गंगा ' 
कहतें हैं संत रविदास के शिष्य उन्हें गंगा स्नान पर ले जाना चाहते थे लेकिन अपने कर्म को समर्पित रविदास जी गंगा स्नान को नहीं गए ,कठौती का वह गंदा जल जिसमे वह राती लगाकर जूता बनाते थे वही उनके लिए गंगा जल था क्योंकि उन्होंने वायदा किया था उस रोज़ जूता बनाके देने का .रवि दास जी ने कहा-मैं उसे जूते बनाके न दे सका तो वचन भंग होगा .वचन का पालन ही उनका सबसे बड़ा धर्म था .और इसीलिए अपने इसी धर्म को समर्पित रविदास जी गंगा स्नान नहीं गए .
आज के नेता वचन भंग करने में माहिर हैं .
उनका लिखा एक और पद है -

प्रभुजी तुम चन्दन हम पानी ,गुरु दिग्विजय इसका नया संस्करण प्रस्तुत करते होंगे मन ही मन - 
राहुलजी तुम चन्दन हम पानी ,
राहुलजी तुम दीपक हम बाती,
स्तुति गान करू दिन राती ,
राहुलजी तुम दीपक हम बाती ....
राम राम भाई !

राहुल गांधी और काले झंडे .

राहुल गांधी और काले झंडे .

राहुल गांधी और काले झंडे .
श्रीमान ! राहुल गांधी को काले झंडे दिखलाने का क्या अर्थ है इसे बूझने के लिए उनके सदगुरु  दिग्विजय सिंह को कोई शब्द कोष देखने की ज़रुरत नहीं है .काले झंडे काले धन का प्रतीक हैं   .जनता चाहती है काला धन निकालो जो स्विस बैंक में राहुल गांधी के नाम फूल कर कुप्पा हो रहा है .जनता राहुल को भगाना नहीं चाहती चुनाव सभा से,सुनना चाहती है  .भगाना ही चाहती तो लाल कपड़ा दिखाती (मंद मति ,अश्थिर ,अन -स्टेबिल प्राणी ,भैंसे आदि को भगाने के लिए लाल कपड़ा हिलाया जाता है )काला झंडा तो बस एक प्रतीक है ,जन अभिव्यक्ति है .दिग्विजय भी यही चाहते हैं काला धन बाहर आये .यदि नहीं तो वह भी कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ काला झंडा दिखाने वालों को कूटने के लिए आगे क्यों नहीं आते .उनके चेहरे को देख कर लगता है उफान आ रहा है भरे पड़े हैं कुछ कहना चाहतें हैं कह नहीं पा रहें हैं .

राहुल गांधी और काले झंडे .

राहुल गांधी और काले झंडे .

राहुल गांधी और काले झंडे .
श्रीमान ! राहुल गांधी को काले झंडे दिखलाने का क्या अर्थ है इसे बूझने के लिए उनके सदगुरु  दिग्विजय सिंह को कोई शब्द कोष देखने की ज़रुरत नहीं है .काले झंडे काले धन का प्रतीक हैं   .जनता चाहती है काला धन निकालो जो स्विस बैंक में राहुल गांधी के नाम फूल कर कुप्पा हो रहा है .जनता राहुल को भगाना नहीं चाहती चुनाव सभा से,सुनना चाहती है  .भगाना ही चाहती तो लाल कपड़ा दिखाती (मंद मति ,अश्थिर ,अन -स्टेबिल प्राणी ,भैंसे आदि को भगाने के लिए लाल कपड़ा हिलाया जाता है )काला झंडा तो बस एक प्रतीक है ,जन अभिव्यक्ति है .दिग्विजय भी यही चाहते हैं काला धन बाहर आये .यदि नहीं तो वह भी कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ काला झंडा दिखाने वालों को कूटने के लिए आगे क्यों नहीं आते .उनके चेहरे को देख कर लगता है उफान आ रहा है भरे पड़े हैं कुछ कहना चाहतें हैं कह नहीं पा रहें हैं .

राहुल गांधी और काले झंडे .

राहुल गांधी और काले झंडे .
श्रीमान ! राहुल गांधी को काले झंडे दिखलाने का क्या अर्थ है इसे बूझने के लिए उनके सदगुरु  दिग्विजय सिंह को कोई शब्द कोष देखने की ज़रुरत नहीं है .काले झंडे काले धन का प्रतीक है .जनता चाहती है काला धन निकालो जो स्विस बैंक में राहुल गांधी के नाम फूल कर कुप्पा हो रहा है .जनता राहुल को भगाना नहीं चाहती चुनाव सभा से,सुनना चाहती है  .काला झंडा तो बस एक प्रतीक है ,जन अभिव्यक्ति है .दिग्विजय भी यही चाहते हैं काला धन बाहर आये .यदि नहीं तो वह भी कोंग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ काला झंडा दिखाने वालों को कूटने के लिए आगे क्यों नहीं आते .उनके चेहरे को देख कर लगता है उफान आ रहा है भरे पड़े हैं कुछ कहना चाहतें हैं कह नहीं पा रहें हैं .

शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

Struggling with sex when you're overweight

अमरीकी संस्था 'सेंटर्स  फॉर डिजीज कंट्रोल '(CDC) के  मुताबिक़ ३४ %अमरीकी ओबीस है .अलावा इसके कितने ही और लोग ओवरवेट हैं .मोटापा इनके यौन जीवन को असरग्रस्त कर रहा है .ऐसे ही लोगों पर 
 “Journal of Sex and Marital Therapy,” मेंएक अध्ययन हाल ही में  प्रकाशित हुआ है .पता चला ये लोग अन्यों के बरक्स अपने यौन जीवन से संतुष्ट नहीं हैं . 
एक और अध्ययन में ड्यूक यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने बतलाया है ,तकरीबन ३० %ओबीस  यौन अरुचि के चलते ही अपना वजन कम करवाने इलाज़ के लिए भागे भागे  आगे आयें हैं . बेशक आत्माभिमान सेल्फ रेस्पेक्ट की हिफाज़त के लिए  भी ये लोग अब अपने ओबीस होने से परेशान हैं .हर कीमत पर वजन कम करना चाहतें हैं .
लेकिन कुछ मेडिकल कंडीशंस जैसे हाई कोलेस्ट्रोल ,हाई ब्लड प्रेशर ,मधुमेह आदि में भी, मर्दों में पीनाइल आर्ट -अरीज़ (शिश्न को रक्त ले जाने वाली ब्लड वेसिल्स )को पूरा रक्त न पहुँच पाने की वजह से कामेच्छा अभाव और लिंगोथ्थान अभाव (इरेक्टाइल डिसफंक्शन )देखने में  आ रहें हैं .इन्हीं हारी -बीमारियों की वजह से औरतों की जननांगों तक पूरा रक्त न पहुँच पाना उनके भी यौन उत्तेजन अभाव की वजह बन रहा है . 
एक्स्ट्रा वेट के चलते घुटने भी जल्दी ज़वाब दे जातें हैं जिसकी वजह से कई आसन ,यौन -मुद्राएँ संपन्न ही नहीं हो पातीं .ऐसे में दम्पति को कुछ पसंदीदा पोज़िसंस को छोड़ना पड़ता है .
अलबत्ता   कई ओवरवेट मज़े में हैं अपने यौन जीवन से पूरी तरह संतुष्ट हैं .इन्हें कुछ विशेष लाभ भी हासिल हैं :
औसतन ऐसे बिरले मर्द औसतन ७.३ मिनिट तक यौन आनंद लूटते रहतें हैं जब क़ि  इनके छरहरे साथी १०३ सेकिंड्स तक ही यौन क्रीडा में सक्रीय रह ,खेल पातें हैं .
 ऐसे ही कुछ ओबीस औरतों की मर्दों के साथ सम्भोग रत रहने की संभावना बढ़ जाती है .यौन सम्बन्ध बनाने की आवृत्ति भी .यानीइनमे  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ,आपका वजन १३० पोंड है या ३३० पोंड .
समाधान :ओबीस जो यौनानंद  प्राप्त करने के लिए जूझ रहें हैं ऐसी यौन मुद्राएँ सम्भोग मुद्राएँ चुने जिनमे घुटनों पर अतिरिक्त दवाब न पड़े .
 Try a new position. Experiment with positions that take the weight off your joints (and your partner): Try spooning side by side, rear entry, and modified missionary positions with pillows under the female partner’s hips.
मर्द पीछे से प्रवेश ले सकता है .सवाल कामयाबी से दाखिला मिलने का है .
मुख मैथुन कामसूत्र में वात्सायन ने समस्या ग्रस्त लोगों के लिए ही तजवीज़ किया था .हस्त उत्तेजन भी शिखर पर ले जाके छोड़ सकता है शेष यौन क्रीडा संपन्न करने के लिए .चुम्बन आलिंगन का अपना आनंद है .सम्भोगानंद बनिए कम से कम कोशिश तो कीजे .
कभी अँधेरे का लुत्फ़ उठाइये .लग गया तो तीर नहीं तो तुक्का तो है ही है .परि- लोक ही सही .
आचार्य निशांत केतु ने एक किताब लिखी है :योषा -अग्नि इसमें एक वैश्या की आत्म कथा है जिसमे भांति भाँति के बे -डौल ,बे -साख्ता मोटे भौंडे मर्दों को नायिका काम शीर्ष तक युक्ति पूर्वक ले जाती है .मुझे न सिर्फ यह किताब पढने का सौभाग्य प्राप्त है मैं इस पुस्तक के विमोचनमें  मी भी शरीक था .विमोचन उपरान्त  पुस्तक विमर्श में भी जिसमे देश भर के चुनिन्दा यौन -माहिरों ने अपने अपने वक्तव्य दिए थे .
लिंग को योनी उन्मुख करने  के लिए नायिका ग्राहक की संतुष्टि के लिए हर तरह के पापड़ बेलती है .वैश्या धर्म है ग्राहक की संतुष्टि .'आनेस्टी इज दी बेस्ट पालिसी ' यही उसका दीनोइमान है .यही इस पुस्तक का सार है .वैश्या के चरित्र और आत्मविश्वास और उत्थान की कथा है यह उपन्यास .
सन्दर्भ -सामिग्री :
Struggling with sex when you're overweight

Struggling with sex when you're overweight

Ian Kerner, a sexuality counselor and New York Times best-selling author, blogs about sex on Thursdays on The Chart. Read more from him on his website, GoodInBed.
On the CBS sitcom “Mike & Molly,” the title characters meet at an Overeaters Anonymous support group and embark on a romantic relationship.
It’s an uncommon look at intimacy between plus-sized partners, played mainly for laughs. But with obesity rates skyrocketing in this country, sex when one or both partners is heavy is becoming a very real issue.
Nearly 34% of American adults are obese, according to the CDC, and many more are overweight. It’s not surprising that people who are carrying extra pounds may find themselves grappling with the effects on their sex lives.
Being overweight or obese can put a damper on things in the bedroom, as my clients Tom and Laura discovered. Married for 12 years, they had always enjoyed a satisfying sex life - until Laura began to gain weight. At first Tom was understanding: He knew that Laura’s self-esteem had taken a hit and he didn’t want to add to that.
When they came to see me after many sexless months, however, Tom finally admitted that he was having trouble finding Laura as attractive as he once had.
Whether you’ve always been heavy or have just put on weight over the years, you may notice that your sex life is going downhill. A recent study of moderately to severely obese people, published in the “Journal of Sex and Marital Therapy,” found that these men and women reported being less satisfied than the general population.
Another study, by researchers at Duke University, found that up to 30% of obese people who sought help controlling their weight did so due to problems with their libido, sex drive, and/or sexual performance.
While self-esteem may play a role, it’s not the only factor involved. Conditions such as high cholesterol, high blood pressure, and diabetes often accompany obesity and can impair blood flow to the genitals, resulting in problems with erectile dysfunction in men and arousal in both men and women. Extra weight can also stress the knees and other joints, making some sexual positions uncomfortable.
Of course, not everyone who is overweight is in poor health or unfit. Some research even suggests that heavier people may enjoy a few extra benefits in the bedroom: A 2008 study in “Obstetrics & Gynecology” looked at more than 7,000 women and found that those who were overweight were actually slightly more likely to report having had sex with men than their slimmer counterparts.
Another study found men who are overweight are less likely to have premature ejaculation and tend to last longer in bed—7.3 minutes, compared to just 103 seconds for thinner men. This difference is possibly because heavy men typically have higher levels of the female sex hormone estradiol, which delays climax.
It’s absolutely possible to enjoy a satisfying sex life whether you weigh 130 pounds or 330 pounds. If you’re overweight and struggling to keep things steamy, though, it’s time to take action. That doesn’t have to mean going on a diet, although shedding just 10 pounds can stimulate sex hormones and improve health.
Try a new position. Experiment with positions that take the weight off your joints (and your partner): Try spooning side by side, rear entry, and modified missionary positions with pillows under the female partner’s hips.
Enjoy intimacy. Sex isn’t just about intercourse. Explore other forms of intimacy, including oral sex, manual stimulation, toys, and even just kissing and cuddling.
Think outside the box. It may sound silly, but my clients Tom and Laura reclaimed their sex lives with a simple flick of the switch. The next time they made love, they dimmed the lights and relied on the power of fantasy to carry them both over the edge. Now they’ve discovered a new found excitement in the bedroom that has nothing to do weight
राम राम भाई !
आज का नीतिपरक दोहा :
नहाए धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाय ।
मीन  सदा जल में रहै, धोये बास न जाय ॥

















गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

'टू  जी '2G SPECTRUM घोटाले में अपना फैसला सुनाके सरकार ने जतला दिया है ,'राजा' के फैसले को भी बदला जा सकता है .साथ ही यह भी स्पस्ट कर दिया है ,इस देश का सबसे बड़ा राजा यहाँ की जनता है .

बृहस्पतिवार, 2 फरवरी 2012

चूहे से हाथी ,हाथी से चूहे की मींगनी बनने तक का सफ़र .



चूहे से हाथी ,हाथी से चूहे की मींगनी बनने तक का सफ़र .


चूहे से हाथी ,हाथी से चूहे की मींगनी बनने तक का सफ़र .
बात मुख़्तसर सी है लेकिन है बड़े काम की बड़ी अर्थपूर्ण .एक अभिनव शोध के अनुसार चूहे के आकार के किसी स्तनपाई को हाथी का आकार लेने में दोकरोड़ चौबीस लाख पीढियां लग जातीं हैं .लेकिन हाथी से चूहे तक की गिरावट राजनीतिक गिरावट की तरह द्रुत रहती है .एक लाख पीढियां लगतीं  हैं बस .और राजनीति  तो अब हाथी की लेदेके मूर्तियाँ ही गढ़ पाती है जो एन वक्त पर ढक  दी जातीं हैं .राजनीतिक गिरावट ने हाथी से चूहे तक क्या चूहे की मींगनी बनने में बहुत कम लगाया है .१९७० के बाद की राजीनीति इसकी साक्षी है .
जैव और जीवाश्म विज्ञान के माहिरों की एक टीम ने स्तन पाइयों के वैकासिक क्रम और समय -अंतराल की पड़ताल की है . विकास दर की पहली मर्तबा विधिवत (बा -कायदा )पड़ताल की गई है .
पता चला है आकार में आने वाली गिरावट बहुत तेज़ी से संपन्न होती है जब की बढ़ोतरी में वक्त लगता है .
विज्ञान प्रपत्र 'Proceedings of the National Academy of Sciences 'में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए टीम ने न सिर्फ जीवाश्मों को खंगाला है ,उपलब्ध विज्ञान साहित्य तथा इतिहासिक दस्तावेजों की भी पड़ताल की है .
स्तन पाइयों की २८ ग्रुप्स का अध्ययन विश्लेषण किया गया था .अनेक महाद्वीपों ,ओशन बेसिंस का गत सात करोड़ बरसों का उपलब्ध विकास क्रम   खंगाला गया है . 
पूर्व के अध्ययनों में केंद्र बिंदु में माइक्रो -इवोल्यूशन रहा आया है .एक ही प्रजाति  में जिसके तहत  होने वाले परिवर्तनों की सूक्ष्म जांच भर की गई थी .   
फरवरी २,२०१२,सेक्टर २८ डी/३१९०,चंडीगढ़ .
और अब आज का नीतिपरक दोहा :
जो बड़ेन को लघु कहे ,नहीं रहीम घट जाय ,
गिरधर ,मुरलीधर कहे ,कछु दुःख मानत  नाय .
बड़े बड़ाई न करें ,बड़े न बोलें  बोल ,
रहिमन हीरा कब कहे ,लाख टका मेरा मोल .
लेकिन अफ़सोस यही है जो हाथी क्या हाथी की मींगनी (बिष्टा )तक न बन सके वह ढकी हुई मूर्तियों को भी सवा लाख बतलातें हैं .


चूहे से हाथी ,हाथी से चूहे की मींगनी बनने तक का सफ़र .

Feb
1

चूहे से हाथी ,हाथी से चूहे की मींगनी बनने तक का सफ़र .

 
चूहे से हाथी ,हाथी से चूहे की मींगनी बनने तक का सफ़र .
बात मुख़्तसर सी है लेकिन है बड़े काम की बड़ी अर्थपूर्ण .एक अभिनव शोध के अनुसार चूहे के आकार के किसी स्तनपाई को हाथी का आकार लेने में दोकरोड़ चौबीस लाख पीढियां लग जातीं हैं .लेकिन हाथी से चूहे तक की गिरावट राजनीतिक गिरावट की तरह द्रुत रहती है .एक लाख पीढियां लगतीं  हैं बस .और राजनीति  तो अब हाथी की लेदेके मूर्तियाँ ही गढ़ पाती है जो एन वक्त पर ढक  दी जातीं हैं .राजनीतिक गिरावट ने हाथी से चूहे तक क्या चूहे की मींगनी बनने में बहुत कम लगाया है .१९७० के बाद की राजीनीति इसकी साक्षी है .
जैव और जीवाश्म विज्ञान के माहिरों की एक टीम ने स्तन पाइयों के वैकासिक क्रम और समय -अंतराल की पड़ताल की है . विकास दर की पहली मर्तबा विधिवत (बा -कायदा )पड़ताल की गई है .
पता चला है आकार में आने वाली गिरावट बहुत तेज़ी से संपन्न होती है जब की बढ़ोतरी में वक्त लगता है .
विज्ञान प्रपत्र 'Proceedings of the National Academy of Sciences 'में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए टीम ने न सिर्फ जीवाश्मों को खंगाला है ,उपलब्ध विज्ञान साहित्य तथा इतिहासिक दस्तावेजों की भी पड़ताल की है .
स्तन पाइयों की २८ ग्रुप्स का अध्ययन विश्लेषण किया गया था .अनेक महाद्वीपों ,ओशन बेसिंस का गत सात करोड़ बरसों का उपलब्ध विकास क्रम   खंगाला गया है . 
पूर्व के अध्ययनों में केंद्र बिंदु में माइक्रो -इवोल्यूशन रहा आया है .एक ही प्रजाति  में जिसके तहत  होने वाले परिवर्तनों की सूक्ष्म जांच भर की गई थी .   
फरवरी २,२०१२,सेक्टर २८ डी/३१९०,चंडीगढ़ .
और अब आज का नीतिपरक दोहा :
जो बड़ेन को लघु कहे ,नहीं रहीम घट जाय ,
गिरधर ,मुरलीधर कहे ,कछु दुःख मानत  नाय .
बड़े बड़ाई न करें ,बड़े न बोलें  बोल ,
रहिमन हीरा कब कहे ,लाख टका मेरा मोल .
लेकिन अफ़सोस यही है जो हाथी क्या हाथी की मींगनी (बिष्टा )तक न बन सके वह ढकी हुई मूर्तियों को भी सवा लाख बतलातें हैं .

बुधवार, 1 फ़रवरी 2012

दिमाग के लिए दूध पियो भैया .

दिमाग के लिए दूध पियो भैया .कुशला बुद्धि के लिए दूध पियो .स्मृति वर्धक है दूध .मेमोरी बूस्टर है .फिर चाहे उम्र कुछ भी हो आबाल -वृद्धों के लिए मुफीद है दूध .कुशाग्र बुद्धि होने रहने के लिए एक ग्लास दूध रोज़ पीया जाए .यही लब्बोलुआब है एक नै रिसर्च का ,शोध की एक खिड़की से झांकते नतीजों का .
दूध के नियमित सेवन से न सिर्फ पुष्टिकर तत्व में वृद्धि होती है ,न्युत्रियेंट्स  की भूख भी बढती है .मानसिक क्षमता कुशाग्रता में इजाफा होता है .
इंटर  -नेशनल  डैरी जर्नल ने इस शोध को प्रकाशित किया है .


टूट रहा है यह फ़्लाइंग मिथ .

हवा में कैसे बना रहता है हवाईजहाज़ ?एक नवीन व्याख्या पुरानी व्याख्या को गलत सिद्ध करती है .अब तक यही समझा जाता रहा है की वायुयान हवा में ऊपर उठकर इसीलिए तिरता रहता है क्योंकि उसके पंखों की बनावट पंखों के नीचे कम दाब पैदा करदेती है ऊपर के फलक (सतह )की बनिस्पत .लेकिन यह दाबांतर पैदा होता क्यों है इसे लेकर अभियानिकीविद भ्रमित रहें हैं .अब लगता है यह मिथ है यथार्थ नहीं .
टूट रहा है यह फ़्लाइंग मिथ .अब तक यही समझा जाता था की विमान का हवा में ऊपर उठना और तिरते रहना उसके पंखों की ख़ास बनावट की वजह से मुमकिन होता है .ऊपर की सतह घुमाव लिए होती है जबकी निचली सतह सपाट रहती है .ऐसे में वायु ऊपरकी घुमावदार सतह पर ज्यादा दूरी तय करती है बनिस्पत निचली सतह के जहां उसी वक्त पहुँचने के लिए उसे वेगवान रहना पड़ता है .
केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के साइंसदान होल्गेर बबिन्स्कय कहतें हैं यह मिथ भौतिकी के ज्ञात नियमों का खंडन करता प्रतीत होता है .असल व्याख्या का इस बात से कोई लेना देना नहीं है की हवा को कितना फासला कितनी दूरी तय करनी पड़ती है .
बकौल उनके पंखों का घुमाव दाबांतर इसलिए पैदा करता है क्योंकि यही घुमाव कुछ वायु राशि को ऊपर की ओर खींचता है .इसी वजह से दवाब कम होता है .जबकी शेष वायु राशि को नीचे की ओर बलपूर्वक धकेलता है .जिससे उच्च दाब पैदा होजाता है .
बेशक बर्नौली का प्रमेय कहता है :जहां जहां दवाब कम होता है वहां वायु राशि तेज़ गति करती है .इसलिए वायुराशी पंख की ऊपरली सतह पर तेज़ी से गति करती है बनिस्पत निचली सतह के वेग के .लेकिन दाबांतर की असल वजह यह नहीं है .
आपने अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए विंग के गिर्द एक स्मोक के प्रवाह को फिल्म में कैद किया है .
यदि परम्परा गत समझ सही होती तब स्मोक को पंखों के ऊपर नीचे होते हुए अग्र भाग तक एक साथ एक ही समय पर पहुंचना चाहिए था लेकिन प्ल्युम विंग की ऊपरले सिरे पर अपेक्षाकृत पहले पहुँचते हुए फिल्म किया गया .
Refrence Material:Scientists debunks flying myth.Offers A New Explanation About How Aircraft Stay Afloat/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,MUMBAI ,JANURAY26,2012/P23.
नुश्खे सेहत के :
HEALTH TIPS :
    आपकी रोजमर्रा की  सलाद में खीरे का शामिल रहना दिल और ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाओं )की बीमारियों के खतरे के वजन को कम कर देता है .  
Adding  cucumber to your salads will reduce your risk of cardiovascular disease.
आघात (ब्रेन अटेक या सेरिब्रल एक्सीडेंट/सेरिब्रो -वैस्क्युअलर एक्सीडेंट  ) से कमोबेश बचाव के लिए एक गाज़र नियमित सेवन करना चाहिए .
A carrot a day will go a long way in preventing a stroke.
क्या है साड़ी कैंसर ?जानकारी के तेहत पढ़िए :
चेन्नई के माहिरों ने हाल फिलाल साड़ी कैंसर की चर्चा की है .साडी कैंसर का सम्बन्ध पेटीकोट में प्रयुक्त नाड़े(स्ट्रिंग )से जोड़ा गया है .जो अकसर महिलायें कसके  (टाईट )बाधती हैं .अकसर एक ही जगह बांधतीं हैं .अपने निशाँ छोड़ जाता है यह नाड़ा . कुछ को इर्रिटेशन शुरू हो जाता है .डर्मातोसिस (Dermatosis) हो  जाती  है.
अब तक तीन मामले इस चमड़ी रोग के लापरवाही से कैंसर में तब्दील हो चुकें हैं .
री -कंस्ट्रक्शन सर्जरी समाधान है . लेकिन मलिग्नेंसी होने पर उसे हटाना पड़ता है .
साफ़   बचा   जा सकता है साड़ी कैंसर से .पेटी कोट का नाड़ा चौड़ा रखिये .ढीला बांधिए .स्थान नाड़ा बांधेने का बदलते रहिये .जींस या बेल्ट पहनने पर प्रेशर बड़े इलाके में विभाजित हो जाता है बंट जाता है ,कम हो जाता है चौड़ा अस्तर वाला नाड़ा पहनने से .
आज का नीतिपक्रक दोहा :
कबीरा तेरी झोंपड़ी गल कटीअन के पास ,
करेंगे सौ भरेंगे ,तू क्यों भया उदास .
बात साफ़ है जैसी करनी ,पार उतरनी /वैसी भरनी .