शिवसेना के राहुल
जिस शिवसेना को हिंदुत्व का संरक्षक माना जाता था वही शिवसेना हिन्दुविचार और धर्म के अभिन्न अंग महावीर स्वामी के अनुयायी जैनियों को प्रताड़ित कर रही है। ये काम तो सोनिया मायनो को था जिसने जैनियों को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्ज़ा देकर देश को तोड़ने की दिशा में एक कदम और रख दिया था। उनकी चलती तो दिगंबर ,स्वेत और मंदिर- सम्प्रदाय के लोगों को परस्पर लड़वा देतीं।
यदि जैनियों की आस्था का सम्मान करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अति पावन पर्युषण पर्व पर आठ दिन के लिए मांस की बिक्री पर पाबंदी आयद कर दी तो वह भारतीय स्वभाव के अनुकूल ही है।
नवरात्र और रोज़ों की अवधि में तो सभी समान वैष्णव भाव रखते हैं खानपान तन और मन दोनों की शुद्धि का विशेष ध्यान रखते हैं।
इधर शिवसेना का वैचारिक पतन देखिये कि शिवसैनिक चौराहे पर मांस बेच रहे हैं। साथ ही परम अहिंसक जैन समाज को अपशब्द भी कह रहें हैं धमकी भी दे रहे हैं। स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे अपनी इस औलाद की करतूत पर परलोक गोलोक में शर्मिंदा हो रहे होंगे।
हिन्दु समाज को बांटने और अपमानित करने का काम तो अपने को सेकुलर कहने समझने वाली नेहरु -वंशीय काँग्रेस का रहा है जिसकी प्रतिनिधि श्रीमती सोनिया मायनो हैं। शिवसेना से इतने पतन की अपेक्षा नहीं थी। इसने तो मुसलमानों का मल खाना शुरू कर दिया।ऐसी भी सत्ता की भूख क्या। ये कैसा बीजेपी विरोध है शिवसेना का ?
अरे गौ मांस पे समर्थन का विरोध तो राजकपूर के पोते रणवीर ने इसी मुंबई से करते हुए अपने बाप ऋषि कपूर को भी फटकारा था यह कहते हुए -पापा आप ये ठीक नहीं कर रहे हैं। ये काम तो इंडस्ट्री के महेशभट्टों का है आप इससे दूर रहिए।
जिस शिवसेना को हिंदुत्व का संरक्षक माना जाता था वही शिवसेना हिन्दुविचार और धर्म के अभिन्न अंग महावीर स्वामी के अनुयायी जैनियों को प्रताड़ित कर रही है। ये काम तो सोनिया मायनो को था जिसने जैनियों को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्ज़ा देकर देश को तोड़ने की दिशा में एक कदम और रख दिया था। उनकी चलती तो दिगंबर ,स्वेत और मंदिर- सम्प्रदाय के लोगों को परस्पर लड़वा देतीं।
यदि जैनियों की आस्था का सम्मान करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अति पावन पर्युषण पर्व पर आठ दिन के लिए मांस की बिक्री पर पाबंदी आयद कर दी तो वह भारतीय स्वभाव के अनुकूल ही है।
नवरात्र और रोज़ों की अवधि में तो सभी समान वैष्णव भाव रखते हैं खानपान तन और मन दोनों की शुद्धि का विशेष ध्यान रखते हैं।
इधर शिवसेना का वैचारिक पतन देखिये कि शिवसैनिक चौराहे पर मांस बेच रहे हैं। साथ ही परम अहिंसक जैन समाज को अपशब्द भी कह रहें हैं धमकी भी दे रहे हैं। स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे अपनी इस औलाद की करतूत पर परलोक गोलोक में शर्मिंदा हो रहे होंगे।
हिन्दु समाज को बांटने और अपमानित करने का काम तो अपने को सेकुलर कहने समझने वाली नेहरु -वंशीय काँग्रेस का रहा है जिसकी प्रतिनिधि श्रीमती सोनिया मायनो हैं। शिवसेना से इतने पतन की अपेक्षा नहीं थी। इसने तो मुसलमानों का मल खाना शुरू कर दिया।ऐसी भी सत्ता की भूख क्या। ये कैसा बीजेपी विरोध है शिवसेना का ?
अरे गौ मांस पे समर्थन का विरोध तो राजकपूर के पोते रणवीर ने इसी मुंबई से करते हुए अपने बाप ऋषि कपूर को भी फटकारा था यह कहते हुए -पापा आप ये ठीक नहीं कर रहे हैं। ये काम तो इंडस्ट्री के महेशभट्टों का है आप इससे दूर रहिए।
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