श्रद्धांजलि मिसाइल मैन! सादगी और विनम्रता की प्रतिमूर्ति कलाम साहब सदैव हमारे प्रेरणास्रोत
रहेंगे
आप सही अर्थों में सेकुलर थे ,
आप सही अर्थों में सेकुलर थे ,
न हिन्दू न मुसलमान ,एक हर दिल अज़ीमतर इंसान।
सलाम कलाम साहब।
आप ने ताउम्र हर भारतीय का सम्मान किया -महात्मा गांधी की समाधि पर जब भी आप रीथ चढाने गए जूते के फीते आपने खुद खोले -लीक से हटकर ,परम्परा है राष्ट्रपति के जूतों के फीते इस बाबत नियुक्त व्यक्ति ही खोलता है। आप अक्सर कहते किसी भी देश की सिविलिटी ,नागर बोध का स्तर उस मुल्क में महिलाओां को मिलने वाली तवज्जो से मापा जा सकता है।
बच्चों से जुड़ने में उन्हें प्रेरित करने में आप की विशेष रूचि थे। आप अक्सर कहते महान खाब देखो और फिर उसकी प्राप्ति के लिए अनथक
प्रयत्न करो।
बच्चों से जुड़ने में उन्हें प्रेरित करने में आप की विशेष रूचि थे। आप अक्सर कहते महान खाब देखो और फिर उसकी प्राप्ति के लिए अनथक
प्रयत्न करो।
आप सही अर्थों में सेकुलर थे ,
न हिन्दू न मुसलमान ,एक हर दिल अज़ीमतर इंसान।
2 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 29 जुलाई 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
भावपूर्ण प्रस्तुति.
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