मंगलवार, 28 जुलाई 2015

आपने कुछ ख़ास ही दिल में बना ली थी जगह,

हाज़िर है आपको आखिरी सलाम कलाम साहब :-

लाज़िमी है आँख नम होना किसी का प्यार में। 
खासकर जब आदमी अच्छा लगे व्यवहार में। । 
आपने कुछ ख़ास ही दिल में बना ली थी जगह,
आप जैसे  लोग  अब  मिलते  कहाँ संसार में। । 
-कुँवर कुसुमेश 



Poonam Lakhanpal Sharma की फ़ोटो.


श्रद्धांजलि मिसाइल मैन! सादगी और विनम्रता की प्रतिमूर्ति कलाम साहब सदैव हमारे प्रेरणास्रोत 

रहेंगे 

आप सही अर्थों में सेकुलर थे ,

न हिन्दू न मुसलमान ,एक हर दिल अज़ीमतर इंसान। 

सलाम कलाम साहब। 

आप ताउम्र एक टीचर रहे। आप  गोलोक ऐसे गए जैसे कोई व्यक्ति मृत्यु के वक्त भी कोई यात्रा कर रहा हो -शिक्षा की यात्रा। आप शिक्षक के रूप में रहे शिक्षक के रूप में गए। आप को देखने मिलने का मुझे तब सौभाग्य मिला  जब आप नेवी बाग नै दिल्ली में एक बाराती के रूप बरात में आये हैदराबाद से आई थी वह बरात आप तब डिफेन्स रिसर्च डिफेन्स ओर्गेनाइज़ेशन के मुखिया थे ,प्रधानमन्त्री के सुरक्षा सलाहकार भी थे। खुलकर एक आम आदमी की तरह आपने बात की कहने लगे आज दूल्हा मैं नहीं दूल्हे की ओर  इशारा करते हुए बोले - वह है। 

आप ने ताउम्र हर भारतीय का सम्मान किया -महात्मा गांधी की समाधि पर जब भी आप रीथ चढाने गए जूते के फीते आपने खुद खोले -लीक से हटकर ,परम्परा है राष्ट्रपति के जूतों के फीते इस बाबत नियुक्त व्यक्ति ही खोलता है। आप अक्सर कहते किसी भी देश की सिविलिटी ,नागर बोध का स्तर उस मुल्क में महिलाओां को मिलने वाली तवज्जो से मापा जा सकता है।

बच्चों से जुड़ने में उन्हें प्रेरित करने में आप की विशेष रूचि थे। आप अक्सर कहते महान खाब देखो और फिर उसकी प्राप्ति के लिए अनथक

प्रयत्न करो। 

आप सही अर्थों में सेकुलर थे ,  

न हिन्दू न मुसलमान ,एक हर दिल अज़ीमतर इंसान। 

  सलाम कलाम साहब। 






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