राजनीति के अबोध बालक सुप्रिय राहुल गांधी ! नज़र अपनी पुश्तेनी कुर्सी पर रखो। लालू आपको कभी भी लाठी पकड़ा सकते हैं। उन्होंने प्रधान मंत्री बनने की अपनी ख्वाहिश छुपाई नही है। आपको महात्मा गांधी बना कर वह भारत दर्शन पर भेजना चाहते हैं। कलावती के पास जाओ या ना जाओ, नज़र कुर्सी पर रखो। अभी तो आपकी शादी भी नही हुई है। लालू आपको महात्मा गांधी बना कर कहीं का नही छोडेंगे। थोड़े लिखे को बोहोत समझना भैय्या...
सस्नेह - वीरेन्द्र शर्मा, नई दिल्ली
सोमवार, 24 नवंबर 2008
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