इस देश में थूकने वाले बोहत हैं जो घर बाहर सब जगह हरदम थूकते रहते हैं चाहे फ़िर वह सिनेमा हॉल की दीवार हो या स्कूल की या फ़िर देश ही क्यों न हो। कुछ लोग तो आसमान की ओर मुहँ करके थूकते हैं। यह तमाम लोग विज्ञान का उपकार करने पर तुले हुए हैं, क्योंकि कैलिफोर्निया राज्य के जन स्वास्थ्य विभाग ने seliva की जांच पड़ताल करके हमारा आपका पूरा जीन पत्रा जीवन इकाइयों का लेखा किसमत का आलेख पढने बतलाने वाली सेवा आरम्भ की है। केवल लार की जांच करवाकर जीवन शैली रोगों के बारे में आपका जोखिम, vulnerability यानी संभावना का पता लगाया जा सकता है।
कुछ लोगों की इस सेवा पर ऐतराज़ है। बकौल उनके : ऐसा होने पर आप नाहक हैरान परेशान ओर आशंकित रहने लगेंगे, रोगभ्रमी (hypochondriac personality) paranoid शक्सिअत बनके रह जायेंगे। सर्विस सेक्टर इसका फायेदा उठा कर आपका शोषण कर सकता है। आपको नौकरी से दफा करेसकता है। बीमा कंपनियां आपके साथ दुभांत करे सकती हैं, जबकि आपके अपने शरीर में ही कुछ ओर ऐसे जीवन खंड सक्रिय हो करे रोग प्रवणता की काट करे सकते हैं, यानी आपकी रोगों के प्रति ओखिम के काट करे सकते हैं।
हमारा मानना है : सुनिश्चित तो विज्ञान में भी कुछ नही है। डार्क मैटर, डार्क एनर्जी जैसी entities के बारे में केवल गोचर पदार्थ (visible matter) के गुरुत्वीय प्रभावों के आधार पर ही अनुमान लगाया जाता है, निष्कर्ष निकाला जाता है। इन अबूझ चीज़ों का स्वरुप क्या है विज्ञान के लिए महज़ अनुमेय ही है अनुमित नही। केवल probability यानी प्रायिकता, संभाव्यता ही सत्य है सुनिश्चित जैसा यहाँ कुछ भी नही। यहाँ तक कि मृत्यु भी मात्र जीवन कि निरंतरता ही है। पदार्थ-ऊर्जा का यह खेल अनंत काल से चल रहा है, आइन्दा भी चलता रहेगा। फ़िर जीवन कि गुणवत्ता ke प्रति खबरदार रहने में हर्ज़ क्या है ?
कुछ लोगों की इस सेवा पर ऐतराज़ है। बकौल उनके : ऐसा होने पर आप नाहक हैरान परेशान ओर आशंकित रहने लगेंगे, रोगभ्रमी (hypochondriac personality) paranoid शक्सिअत बनके रह जायेंगे। सर्विस सेक्टर इसका फायेदा उठा कर आपका शोषण कर सकता है। आपको नौकरी से दफा करेसकता है। बीमा कंपनियां आपके साथ दुभांत करे सकती हैं, जबकि आपके अपने शरीर में ही कुछ ओर ऐसे जीवन खंड सक्रिय हो करे रोग प्रवणता की काट करे सकते हैं, यानी आपकी रोगों के प्रति ओखिम के काट करे सकते हैं।
हमारा मानना है : सुनिश्चित तो विज्ञान में भी कुछ नही है। डार्क मैटर, डार्क एनर्जी जैसी entities के बारे में केवल गोचर पदार्थ (visible matter) के गुरुत्वीय प्रभावों के आधार पर ही अनुमान लगाया जाता है, निष्कर्ष निकाला जाता है। इन अबूझ चीज़ों का स्वरुप क्या है विज्ञान के लिए महज़ अनुमेय ही है अनुमित नही। केवल probability यानी प्रायिकता, संभाव्यता ही सत्य है सुनिश्चित जैसा यहाँ कुछ भी नही। यहाँ तक कि मृत्यु भी मात्र जीवन कि निरंतरता ही है। पदार्थ-ऊर्जा का यह खेल अनंत काल से चल रहा है, आइन्दा भी चलता रहेगा। फ़िर जीवन कि गुणवत्ता ke प्रति खबरदार रहने में हर्ज़ क्या है ?
मौत का एक दिन मूय्यियन है,
नींद क्यों रात भर नही आती........
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