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जय सोनी मोनी मूढ़मते , जो केजरवाल के संग रचे , अब तो हरिहर ही लाज रखे
इनके मुंह से कभी भारत माँ की जय नहीं सूना। क्या
आपने सुना है ?
जय सोनी मोनी मूढ़मते ,
जो केजरवाल के संग रचे ,
अब तो हरिहर ही लाज रखे।
कल पढ़ियेगा ये पूरी रचना। अभी रचनाधीन है।
1 टिप्पणी:
सोच के याद आता है की सच में भारत माता की जय नहीं सुनी कभी इनकी जुबान से ...
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