A New Year, new food resolution: Mindful eating(HINDI )
नए साल के नए संकल्प :क्या खाने का इस्तेमाल हम अपने किसी अभाव की पूर्ती के लिए तो नहीं कर रहे हैं ?
कुछ चीज़ें रूढ़ हो चली हैं तो कुछ फैशन फेड बनी हमें मुंह चिढ़ा रहीं हैं हमारी खाने पीने की खासकर बिना भूख के आदतन खाने की आदत भी इसी वर्ग में आएगी। कुछ उदाहरण लेते हैं -मॉल्स में जाकर मूवीज़ देखना और पॉपकॉर्न का बड़ा पैक कुतर जाना ,चाहत किसी माशूक के साथ अधिक समय बिताने की है और उसके अभाव में हम बिना अपने संज्ञान के जरूरत से ज्यादा खाये जा रहे हैं।
सर्दी में रजाई टीवी और चिप्स की संगत खूब जमती है। नया साल हो क्रिसमस या बड़ा दिन हो फिर तो कहना ही क्या। खाने पे से नियंत्रण बिलकुल ही हट जाता है।
और ऐसा नहीं है आप यह सब जानते नहीं हैं ,उपेक्षा करते हैं आप इसकी। और बालवृंद उसे तो यह ही नहीं पता वह खा क्या रहा है। उसकी रंगत कैसी है।जो वह खा रहा है उसका स्वाद कैसा है ? खाने पीने की चीज़ों से उसका कनेक्ट ही नहीं है गेजेट्स का भक्षण कर रहा है हरेक नौनिहाल हर वक्त ,सफर में घर में। बस स्कूल की अवधि ही एक अपवाद के रूप में हो सकती है।
ऐसे में माइंडफुल ईटिंग के लिए बहुत कम स्पेस रह जाता है। नतीजा होता है ओवरईटिंग या फिर अंडरन्यूट्रिशन।
नए साल में एक नै शुरू-आत करने का संकल्प कोई और नहीं आप ही कर सकते हैं -मान लीजिये बस समस्या है -आपका खाने पीने की चीज़ों की तरफ ध्यान नहीं है ध्यान में कुछ और चीज़ें तारी हैं। मन बदलिए अपना। फॉकस अपने आप बदल जाएगा।
पोषण विज्ञान के माहिर मानते हैं खाने -पीने की शुरुआत ,खाने की प्रक्रिया खाने की चीज़ों को निहारने भर से शुरू हो जाती है। पानी पूरी गोलगप्पे देखे और मुंह में पानी भर आया। गर्मागर्म रसगुल्ले /गुलाबजामुन देखी ,सर्दी के मौसम में गाजर पाक देखा और मुंह में पानी भर आया। हारमोन बन ने शुरू हो जाते हैं सलाद की ताजागी देख के प्लेट की सजावट देखकर। विज्ञापन में नारी की तरह लोकलुभाउ दिखती है सलाद के पलेट। देखिये तो नज़र भर के।
पलट तेरा ध्यान किधर है ?
अब लार कुछ और चीज़ों को देखकर आने लगी है। इच्छा है माशूक के साथ कुछ और समय बीते लेकिन समय चिप्स के साथ कॉफी के साथ ज्यादा बीत रहा है।
खाने से जुड़िये -देखिये आपको भूख कितनी लगी है ?लगी भी है या नहीं।
पोषण विज्ञान और ख़ुराक़ के माहिर मानते हैं अपनी भूख को परखिये १- १० स्केल पर। इस स्केल पर १ अंक वाले को भुख्खड़ /बहुत भूखा कहा जाएगा और खाने के बाद हासिल १० अंकों वाले को पेटू अति भक्षी।
शुरुआत कब करें खाने की -जब इस स्केल पर भूख ३-५ अंकों के बीच है और खाना पीना संपन्न करने का मतलब है आप सात अंक को छू रहे हैं। इससे आगे निकल के बिंज ईटिंग न करें। खाना खाने की चीज़ है भकोसने की नहीं भले वह क्रिसमस वीक एन्ड हो या कुछ और उत्सव। उत्सव का मतलब उत्साह है अगली प्रात : को खराब करना नहीं है बिंज ईटिंग या बिंज ड्रिंकिंग से।
आगे आपकी मर्ज़ी। मन से ही यह तिरलोकी है। यह जगत ,आपकी माशूका इस मन में ही रहती है। यह मन आपका गुलाम हो आप इसके अनजाने में गुलाम न बने। मन ही आप हैं। यू आर योर फ़ूड प्लेट।
It's the end of December, which means there's a good chance you are thinking of ways to live healthier in the new year. Whether you want to drop 10 pounds, improve your cholesterol or have more energy, we have five food-related New Year's resolutions that will help you achieve your goals.
Being mindful when eating can help you shed pounds if you tend to nibble out of a bag of chips or a carton of ice cream in front of the TV. Mindfulness "can also help you reduce stress and think differently about food," said Caroline Passerrello, a registered dietitian and spokeswoman for the Academy of Nutrition and Dietetics.
कुछ चीज़ें रूढ़ हो चली हैं तो कुछ फैशन फेड बनी हमें मुंह चिढ़ा रहीं हैं हमारी खाने पीने की खासकर बिना भूख के आदतन खाने की आदत भी इसी वर्ग में आएगी। कुछ उदाहरण लेते हैं -मॉल्स में जाकर मूवीज़ देखना और पॉपकॉर्न का बड़ा पैक कुतर जाना ,चाहत किसी माशूक के साथ अधिक समय बिताने की है और उसके अभाव में हम बिना अपने संज्ञान के जरूरत से ज्यादा खाये जा रहे हैं।
सर्दी में रजाई टीवी और चिप्स की संगत खूब जमती है। नया साल हो क्रिसमस या बड़ा दिन हो फिर तो कहना ही क्या। खाने पे से नियंत्रण बिलकुल ही हट जाता है।
और ऐसा नहीं है आप यह सब जानते नहीं हैं ,उपेक्षा करते हैं आप इसकी। और बालवृंद उसे तो यह ही नहीं पता वह खा क्या रहा है। उसकी रंगत कैसी है।जो वह खा रहा है उसका स्वाद कैसा है ? खाने पीने की चीज़ों से उसका कनेक्ट ही नहीं है गेजेट्स का भक्षण कर रहा है हरेक नौनिहाल हर वक्त ,सफर में घर में। बस स्कूल की अवधि ही एक अपवाद के रूप में हो सकती है।
ऐसे में माइंडफुल ईटिंग के लिए बहुत कम स्पेस रह जाता है। नतीजा होता है ओवरईटिंग या फिर अंडरन्यूट्रिशन।
नए साल में एक नै शुरू-आत करने का संकल्प कोई और नहीं आप ही कर सकते हैं -मान लीजिये बस समस्या है -आपका खाने पीने की चीज़ों की तरफ ध्यान नहीं है ध्यान में कुछ और चीज़ें तारी हैं। मन बदलिए अपना। फॉकस अपने आप बदल जाएगा।
पोषण विज्ञान के माहिर मानते हैं खाने -पीने की शुरुआत ,खाने की प्रक्रिया खाने की चीज़ों को निहारने भर से शुरू हो जाती है। पानी पूरी गोलगप्पे देखे और मुंह में पानी भर आया। गर्मागर्म रसगुल्ले /गुलाबजामुन देखी ,सर्दी के मौसम में गाजर पाक देखा और मुंह में पानी भर आया। हारमोन बन ने शुरू हो जाते हैं सलाद की ताजागी देख के प्लेट की सजावट देखकर। विज्ञापन में नारी की तरह लोकलुभाउ दिखती है सलाद के पलेट। देखिये तो नज़र भर के।
पलट तेरा ध्यान किधर है ?
अब लार कुछ और चीज़ों को देखकर आने लगी है। इच्छा है माशूक के साथ कुछ और समय बीते लेकिन समय चिप्स के साथ कॉफी के साथ ज्यादा बीत रहा है।
खाने से जुड़िये -देखिये आपको भूख कितनी लगी है ?लगी भी है या नहीं।
पोषण विज्ञान और ख़ुराक़ के माहिर मानते हैं अपनी भूख को परखिये १- १० स्केल पर। इस स्केल पर १ अंक वाले को भुख्खड़ /बहुत भूखा कहा जाएगा और खाने के बाद हासिल १० अंकों वाले को पेटू अति भक्षी।
शुरुआत कब करें खाने की -जब इस स्केल पर भूख ३-५ अंकों के बीच है और खाना पीना संपन्न करने का मतलब है आप सात अंक को छू रहे हैं। इससे आगे निकल के बिंज ईटिंग न करें। खाना खाने की चीज़ है भकोसने की नहीं भले वह क्रिसमस वीक एन्ड हो या कुछ और उत्सव। उत्सव का मतलब उत्साह है अगली प्रात : को खराब करना नहीं है बिंज ईटिंग या बिंज ड्रिंकिंग से।
आगे आपकी मर्ज़ी। मन से ही यह तिरलोकी है। यह जगत ,आपकी माशूका इस मन में ही रहती है। यह मन आपका गुलाम हो आप इसके अनजाने में गुलाम न बने। मन ही आप हैं। यू आर योर फ़ूड प्लेट।
It's the end of December, which means there's a good chance you are thinking of ways to live healthier in the new year. Whether you want to drop 10 pounds, improve your cholesterol or have more energy, we have five food-related New Year's resolutions that will help you achieve your goals.
Being mindful when eating can help you shed pounds if you tend to nibble out of a bag of chips or a carton of ice cream in front of the TV. Mindfulness "can also help you reduce stress and think differently about food," said Caroline Passerrello, a registered dietitian and spokeswoman for the Academy of Nutrition and Dietetics.
Being fully present around food particularly helps if you eat in response to your emotions. "It has helped my clients pinpoint why it is they are overeating, so they uncovered their source of non-physical hunger. Maybe they are hungry for more time with a spouse -- or even more time for themselves. It's often a deep thing, and eating was a way to numb their feelings. By sitting down and figuring out the root cause of the mindless eating, they achieve a more balanced life," Passerrello said.
Taking a pause before your first bites can help you become more in tune with your hunger cues.
"To improve mindfulness, check in with yourself before a meal or snack," Passerrello said. "Ask yourself, on a scale 1 to 10, how hungry are you? And when you're done, how full are you? A '10' is Thanksgiving full; '1' is famished."
Passerrello recommends staying between a 3 and a 7. For example, if you start eating when you're between a 3 and a 5, when you are done, you might be between a 5 and a 7. "You don't want to start too hungry or too full, and you don't want to finish too hungry or too full."
Additionally, turning off any distractions while eating can help you focus on the flavor and texture of food, so you are more likely to enjoy every bite you eat.
How to measure it:
Measuring mindfulness can be a daily or weekly goal. "Ask yourself, how many meals will you focus on being mindful, and then tally it," Passerrello said. You can also write down those hunger numbers in the notes section of your phone or an online fitness tracking site and then look back to see whether you were between a 3 and a 7, she added. Mindful eating apps such as Mindful Eating Tracker and In the Moment can also be helpful.
Refereence :http://www.cnn.com/2017/12/25/health/mindful-eating-food-resolution-drayer/index.html
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