बेशक तुम्हें आज़ादी चाहिए मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलामों से। लोग तुम्हें दूसरी पीढ़ी का मार्कवादी पालतू (पैट )कहने लगें हैं। तुमने रोहित वेमुला को अपना आदर्श बनाया है। क्या उसकी आत्म-हत्या को अपना आदर्श बनाया है या उसके हश्र को जिसे बीफ पार्टी का मोहरा बनाने की कोशीश मार्क्सवादी भकुओं ने की। मैमन के समर्थन में जिससे नारे लगवाये और आखिर में उसे उस मुकाम पे ले जाके छोड़ दिया जहां आत्मघात के अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं था।
मार्क्सवादियों को तुम्हारे रूप में एक और बकरा मिल गया है। तुम अपनी उस माँ को बेहद प्यार करते हो जो आंगनवाड़ी में सेवा रत है। भारत माँ से भी बेहद प्यार करते होगे कन्नू।
भारतीय दर्शन भारतीय साहित्य का अनुशीलन करो। भारत -मन के भारत को समझो। ये मार्क्सवादी तुम्हें भी उसी मुकाम पे ले जाके छोड़ देंगे। विपरीत स्थिति में तुम्हारी हत्या भी करवा सकते हैं। इलज़ाम भारत सरकार पर मढ़ देंगे।
ये वही लोग हैं जिनकी लोकतंत्र में कभी कोई आस्था नहीं रही जो भारत को चीन और पाक के खिलाफ एक हमलावर देश मानते रहे। भला हो मास्को का जब इनकी क्लास ली गई तब इनके हाथों के तोते उड़ गए।
सीपीआई और सीपीएम के एक दूसरे से छिटक कर अलग होने का इतिहास देख लो। गूगल पे ही सब उपलब्ध है।
कन्नू (कन्हैया कल नइयां ,कल के वास्ते )तुन्हें रिज़र्व रखा हुआ है इन गुलामों ने ,तुम गुलामों के गुलाम क्यों बन रहे हो। तुम बहुत जोश में हो तुम्हें भड़का कर ये तुम्हें दोबारा भी गिरिफ्तार करवा सकते हैं।
भारत का मन भारत धर्मी समाज तुम्हें इस मार्क्सवादी ,मुस्लिम कट्टर पंथ के षड्यंत्रों से बाहर निकालना चाहता है। इस समय मार्क्सवाद का पोषण मास्को नहीं मुस्लिम कट्टरपंथ ही कर रहा है। उन्हीं के एजेंट हैं ये। अपनी मेधा को पहचानों। नादाँ मत बनो। जोश में होश मत खोवो।
जैश्रीकृष्णा !
मार्क्सवादियों को तुम्हारे रूप में एक और बकरा मिल गया है। तुम अपनी उस माँ को बेहद प्यार करते हो जो आंगनवाड़ी में सेवा रत है। भारत माँ से भी बेहद प्यार करते होगे कन्नू।
भारतीय दर्शन भारतीय साहित्य का अनुशीलन करो। भारत -मन के भारत को समझो। ये मार्क्सवादी तुम्हें भी उसी मुकाम पे ले जाके छोड़ देंगे। विपरीत स्थिति में तुम्हारी हत्या भी करवा सकते हैं। इलज़ाम भारत सरकार पर मढ़ देंगे।
ये वही लोग हैं जिनकी लोकतंत्र में कभी कोई आस्था नहीं रही जो भारत को चीन और पाक के खिलाफ एक हमलावर देश मानते रहे। भला हो मास्को का जब इनकी क्लास ली गई तब इनके हाथों के तोते उड़ गए।
सीपीआई और सीपीएम के एक दूसरे से छिटक कर अलग होने का इतिहास देख लो। गूगल पे ही सब उपलब्ध है।
कन्नू (कन्हैया कल नइयां ,कल के वास्ते )तुन्हें रिज़र्व रखा हुआ है इन गुलामों ने ,तुम गुलामों के गुलाम क्यों बन रहे हो। तुम बहुत जोश में हो तुम्हें भड़का कर ये तुम्हें दोबारा भी गिरिफ्तार करवा सकते हैं।
भारत का मन भारत धर्मी समाज तुम्हें इस मार्क्सवादी ,मुस्लिम कट्टर पंथ के षड्यंत्रों से बाहर निकालना चाहता है। इस समय मार्क्सवाद का पोषण मास्को नहीं मुस्लिम कट्टरपंथ ही कर रहा है। उन्हीं के एजेंट हैं ये। अपनी मेधा को पहचानों। नादाँ मत बनो। जोश में होश मत खोवो।
जैश्रीकृष्णा !
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