शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014

आरोग्य समाचार

आरोग्य समाचार 

(१)स्ट्राबेरीज में मौज़ूद रहता है एक पिगमेंट (रंजक )एंथोसायनिंस (anthocyanins ).बहुत उपयोगी साबित होता है यह रंजक एलडीएल कोलेस्टेरोल (दिल के मुफीद न आने वाला बैड  कोलेस्टेरोल ),ट्राइग्लिसराइड्स को असरदार तरीके से कम करने में। अलावा इसके यह प्लाज़मा लिपिड प्रोफाइल में सुधार लाता है ,प्लेटलेट के प्रकार्य (फंक्शन )तथा एंटीऑक्सीडेंट बायोमार्कर्स के काम में भी सुधारा लाता है। दिल के लिए अच्छी हैं स्ट्राबेरीज। 



(२) आपकी त्वचा को दगैल होने से रोकता है लहसुन का नियमित सेवन। हानिकारक जीवाणुओं को खून से निकाल बाहर करता है लहसुन। 

(३) Keep  a food journal .If you know that you are going to have to record what you eat and when ,you are less likely to snack .

(4) सिज़ेरियन सेक्शन से पैदा हुए नौनिहालों पे आगे चलके मोटापा चढ़ने के मौके ज्यादा रहते हैं इनके लिए ओवरवेट होने का जोखिम २६ % ज्यादा रहता है बनिस्पत उन नवजातों के जो सामान्य  प्रसव से पैदा होते हैं। १५ अध्ययनों के सांझा आंकड़ों के विश्लेषण से ये निष्कर्ष निकाले गए हैं जिनमें कुलमिलाके ३८,००० प्रतिभागी शामिल रहे हैं। जर्नल PLOS ONE में प्रकाशित हुए हैं ये अन्वेषण। 

(५) सौर विकिरण का पराबैंगनी अंश (ULTRA VIOLET RAYS )आपकी केशराशि के शाफ्ट को नष्ट कर सकता है। अल्ट्रावायलेट फिल्टर्स से लैस हेयर केयर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से इस मुसीबत से लटों को बचाया  जा सकता है। 

(६) आँखें भी कंप्यूटर पर काम करते ,एम्ब्रॉयडरी करते ,डेस्क वर्क लगातार करते करते थक जाती हैं। अल्प विराम दीजिये आँखों को। आँख बंद करके बैठ जाइये या फिर बीस मिनिट काम करने के बाद बीस फीट दूर की दीवार को बीस सेकिंड तक निहारिये। आराम मिलेगा नेत्रों को। 


बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

नपुंसक कौन ? क्या ऐसे षंड को मर्द कहा जाए ?

नपुंसक कौन 

नपुंसक वह है जो विकलांगों की बैसाखियां खा जाता है। हमारे फौजियों के कटे हुए सर  पाकिस्तान से वापस आते हैं तो भारत का विदेश मंत्री चीन में जाकर भारतवासियों को संयम बरतने की सलाह देता है। जब केजरीवाल तत्कालीन क़ानून मंत्री  के पारिवारिक एन जी ओ का पर्दाफास करते हैं विकलांगों के पैसे हड़पने के मामले में तब यही व्यक्ति बौखलाहट में उन्हें  कहतें हैं मेरे शहर में मेरी गली में आना तब मैं देखूंगा आपको। क्या ऐसा व्यक्ति मर्द कहाता है ?

ऐसा लगता है कांग्रेसी हाईकमान ने एक षंड (खस्सी सांड )को भोली कांग्रेसी गायों की दिखाऊ हिफाज़त (प्रतिरक्षा) के लिए प्रांप्ट करके छोड़ रखा है। लक्ष्य है किसी बिध साम्प्रदायिक आग भड़काना। क्या ऐसे षंड को मर्द कहा जाए ?

मोदी ने विकलांगों की बैसाखियों का पैसा नहीं खाया है। 


शाकाहारी खुराक से जुड़ी है आपके बल्ड प्रेशर की नव्ज़

शाकाहारी खुराक से जुड़ी  है आपके बल्ड प्रेशर की नव्ज़ 


Vegetarian diet may lower your blood pressure
A cup of edamame contains 676 mg of potassium, which may help lower your blood pressure.

शाकाहारी खुराक से जुड़ी  है आपके बल्ड प्रेशर की नव्ज़ 


अध्ययनों से पुष्ट हुआ है शाकाहारी खुराक बल्ड प्रेशर (रक्त चाप )को कम कर सकती है। तकरीबन एक तिहाई अमरीकी इस दबे पाँव आने वाले हाइपरटेंशन (उच्च रक्त चाप )की गिरिफ्त में हैं। एक बार हाइपरटेंशन की पकड़ मजबूत हुई फिर दिल के दौरों और दिमाग के दौरों (स्ट्रोक ,सेरिब्रल वैस्कुलर एक्सीडेंट या ब्रेन अटेक )का जोखिम भी बढ़ते देर नहीं लगती है। 

इस सायलेंट किलर से बचाव का आसान ज़रिया है शाकाहारी खुराक ,खुराक में पर्याप्त मात्रा में फल  और सब्ज़ियाँ ,सोडियम की मात्रा को सीमित रखना नियमित व्यायाम और एल्कोहल से परहेज़ी या फिर इसका सीमित कभी कभार सेवन। 

जब रक्त उलीचने की क्रिया में आपका दिल सिकुड़ता है कॉन्ट्रेक्ट करता है तब धमनियों पर पड़ने वाले रक्त दाब को सिस्टोलिक बल्ड प्रेशर कहा जाता है। यह रक्त चाप का ऊपरी पाठ होता है। सामान्य मान रक्त चाप एक सेहतमंद वयस्क  के लिए का १२० /८० माना गया है। यहाँ ऊपरी पाठ १२० सिस्टोलिक दाब है। 

जब दिल विश्राम की स्थिति में होता है ,रक्त को रिसीव करता है ,हृदय कक्ष जब रक्त से भरने लगता है तब धमनियों पर पड़ने वाले रक्त दाब को डाइसिस्टोलीक दाब कहा जाता है। १२० /८० में नीचे वाले पाठ को डाइसिस्टोलिक कहा जाएगा। 

सामान्य रक्तचाप मान १२० /८० में प्रत्येक २०/१० मान की वृद्धि बल्ड वैसिल्स तथा दिल के रोगों (cardiovascular disease )का जोखिम दो गुना कर देती है। दूसरी ओर  सिस्टोलिक प्रेशर (ऊपरी पाठ )में ५मिलीमीटर मर्करी (5mm Hg )की कमीबेशी कार्डियोवेस्कुलर डिजीज से होने वाली मौत के खतरे को ७% कम कर देती है। खुराक में फल और तरकारियाँ पर्याप्त मात्रा में शामिल करके इस लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। 

सात नैदानिक परीक्षणों (क्लिनिकल ट्रायल्स )में देखा गया ,शाकाहारी खुराक लेने वाले प्रतिभागियों का सिस्टोलिक दाब मांसाहारी प्रतिभागियों से ४. ८ मि.मी कमतर है। जबकि डाइसिस्टोलिक दाब शाकाहारियों का मांसाहारियों से औसतन २. २ मि.मी.कम रहा। 

प्रेक्षण अध्ययनों (observational studies )में यही पाठ और भी कम रहे क्रमश :६.९ तथा ४. ७ मि.मी. मर्करी  . 


क्या कारण हो सकता है इस फर्क का ?

शाकाहारी खुराक में एक तरफ पोटेशियम तथा खाद्य रेशे अपेक्षाकृत  ज्यादा रहते हैं ,सोडियम साल्ट कम रहता है मांसाहारी खुराक की बनिस्पत। संतृप्त वसा(saturated fats )बोले तो रूम टेम्प्रेचर पर जमने वाली चिकनाई  भी कमतर रहती है। 

फल और तरकारियाँ मांस की बनिस्पत उतनी केलोरी डेंस नहीं हैं। बोले तो अपेक्षाकृत कमतर केलोरी लिए रहतीं हैं।इसीलिए शाकाहार करने वालों का बॉडी मॉस इंडेक्स भी अपेक्षाकृत कम रहता है सामिष भोजन करने वालों के बरक्स।  

Vegetarian diet may lower your blood pressure


Nearly a third of American adults have high blood pressure, also known as hypertension. Often called the "silent killer" because it provides few warning signs, hypertension increases a patient's risk for heart attack and stroke.

New research suggests eating a vegetarian diet could help combat this deadly disease.

A healthy blood pressure is 120/80 mm HG. Previous studies have shown that each increase of 20/10 mm Hg in that number doubles the patient's risk of cardiovascular disease. But lowering that top number just 5 mm HG can reduce your chances of dying from cardiovascular disease by about 7%. And eating more fruits and vegetables may be a good way to do that, according to the new study, published Monday in the scientific journal JAMA Internal Medicine.

Terms to know


Systolic blood pressure - the top number on your BP reading - measures the pressure in your arteries when your heart muscle contracts, or beats.

Diastolic blood pressure - the bottom number on your BP reading - measures the pressure in your arteries when your heart is still and refilling with blood.

The study

In the seven clinical trials, participants following a vegetarian diet had a systolic blood pressure that was 4.8 mm Hg lower on average than their omnivore counterparts'. The vegetarians' diastolic blood pressure was lower by an average of 2.2 mm Hg.
In the observational studies, the difference was slightly bigger. A vegetarian diet was associated with an average decrease of 6.9 mm Hg for systolic blood pressure and 4.7 mm HG for diastolic blood pressure.

Why?
Many factors could be affecting the vegetarians' blood pressure. Vegetarian diets are often lower in sodium and saturated fats, while being higher in fiber and potassium.
Vegetarians also tend to have lower body mass indexes because fruits and vegetables are less energy dense - meaning you can eat more of them for fewer calories.
Study limitations
The definition of a "vegetarian diet" differs from person to person, so the researchers can't tell you how much meat is too much. Some of the observational studies also did not adjust for lifestyle factors such as exercise or alcohol intake that could have affected the results.
Two of the researchers are affiliated with the Physicians Committee for Responsible Medicine, which advocates for plant-based diets.
Takeaway
Eating more fruits and vegetables as part of an overall healthy diet could help lower your blood pressure, says study author Dr. Neal Barnard. You should also try to limit your sodium intake, exercise regularly and avoid drinking alcohol excessively.

Vegetarian diet may lower your blood pressure

Vegetarian diet may lower your blood pressure
A cup of edamame contains 676 mg of potassium, which may help lower your blood pressure.

शाकाहारी खुराक से जुड़ी  है आपके बल्ड प्रेशर की नव्ज़ 


अध्ययनों से पुष्ट हुआ है शाकाहारी खुराक बल्ड प्रेशर (रक्त चाप )को कम कर सकती है। तकरीबन एक तिहाई अमरीकी इस दबे पाँव आने वाले हाइपरटेंशन (उच्च रक्त चाप )की गिरिफ्त में हैं। एक बार हाइपरटेंशन की पकड़ मजबूत हुई फिर दिल के दौरों और दिमाग के दौरों (स्ट्रोक ,सेरिब्रल वैस्कुलर एक्सीडेंट या ब्रेन अटेक )का जोखिम भी बढ़ते देर नहीं लगती है। 

इस सायलेंट किलर से बचाव का आसान ज़रिया है शाकाहारी खुराक ,खुराक में पर्याप्त मात्रा में फल  और सब्ज़ियाँ ,सोडियम की मात्रा को सीमित रखना नियमित व्यायाम और एल्कोहल से परहेज़ी या फिर इसका सीमित कभी कभार सेवन। 

जब रक्त उलीचने की क्रिया में आपका दिल सिकुड़ता है कॉन्ट्रेक्ट करता है तब धमनियों पर पड़ने वाले रक्त दाब को सिस्टोलिक बल्ड प्रेशर कहा जाता है। यह रक्त चाप का ऊपरी पाठ होता है। सामान्य मान रक्त चाप एक सेहतमंद वयस्क  के लिए का १२० /८० माना गया है। यहाँ ऊपरी पाठ १२० सिस्टोलिक दाब है। 

जब दिल विश्राम की स्थिति में होता है ,रक्त को रिसीव करता है ,हृदय कक्ष जब रक्त से भरने लगता है तब धमनियों पर पड़ने वाले रक्त दाब को डाइसिस्टोलीक दाब कहा जाता है। १२० /८० में नीचे वाले पाठ को डाइसिस्टोलिक कहा जाएगा। 

सामान्य रक्तचाप मान १२० /८० में प्रत्येक २०/१० मान की वृद्धि बल्ड वैसिल्स तथा दिल के रोगों (cardiovascular disease )का जोखिम दो गुना कर देती है। दूसरी ओर  सिस्टोलिक प्रेशर (ऊपरी पाठ )में ५मिलीमीटर मर्करी (5mm Hg )की कमीबेशी कार्डियोवेस्कुलर डिजीज से होने वाली मौत के खतरे को ७% कम कर देती है। खुराक में फल और तरकारियाँ पर्याप्त मात्रा में शामिल करके इस लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकता है। 

सात नैदानिक परीक्षणों (क्लिनिकल ट्रायल्स )में देखा गया ,शाकाहारी खुराक लेने वाले प्रतिभागियों का सिस्टोलिक दाब मांसाहारी प्रतिभागियों से ४. ८ मि.मी कमतर है। जबकि डाइसिस्टोलिक दाब शाकाहारियों का मांसाहारियों से औसतन २. २ मि.मी.कम रहा। 

प्रेक्षण अध्ययनों (observational studies )में यही पाठ और भी कम रहे क्रमश :६.९ तथा ४. ७ मि.मी. मर्करी  . 


क्या कारण हो सकता है इस फर्क का ?

शाकाहारी खुराक में एक तरफ पोटेशियम तथा खाद्य रेशे अपेक्षाकृत  ज्यादा रहते हैं ,सोडियम साल्ट कम रहता है मांसाहारी खुराक की बनिस्पत। संतृप्त वसा(saturated fats )बोले तो रूम टेम्प्रेचर पर जमने वाली चिकनाई  भी कमतर रहती है। 

फल और तरकारियाँ मांस की बनिस्पत उतनी केलोरी डेंस नहीं हैं। बोले तो अपेक्षाकृत कमतर केलोरी लिए रहतीं हैं।इसीलिए शाकाहार करने वालों का बॉडी मॉस इंडेक्स भी अपेक्षाकृत कम रहता है सामिष भोजन करने वालों के बरक्स।  

Vegetarian diet may lower your blood pressure


Nearly a third of American adults have high blood pressure, also known as hypertension. Often called the "silent killer" because it provides few warning signs, hypertension increases a patient's risk for heart attack and stroke.

New research suggests eating a vegetarian diet could help combat this deadly disease.

A healthy blood pressure is 120/80 mm HG. Previous studies have shown that each increase of 20/10 mm Hg in that number doubles the patient's risk of cardiovascular disease. But lowering that top number just 5 mm HG can reduce your chances of dying from cardiovascular disease by about 7%. And eating more fruits and vegetables may be a good way to do that, according to the new study, published Monday in the scientific journal JAMA Internal Medicine.

Terms to know


Systolic blood pressure - the top number on your BP reading - measures the pressure in your arteries when your heart muscle contracts, or beats.
Diastolic blood pressure - the bottom number on your BP reading - measures the pressure in your arteries when your heart is still and refilling with blood.
The study

In the seven clinical trials, participants following a vegetarian diet had a systolic blood pressure that was 4.8 mm Hg lower on average than their omnivore counterparts'. The vegetarians' diastolic blood pressure was lower by an average of 2.2 mm Hg.
In the observational studies, the difference was slightly bigger. A vegetarian diet was associated with an average decrease of 6.9 mm Hg for systolic blood pressure and 4.7 mm HG for diastolic blood pressure.

Why?
Many factors could be affecting the vegetarians' blood pressure. Vegetarian diets are often lower in sodium and saturated fats, while being higher in fiber and potassium.
Vegetarians also tend to have lower body mass indexes because fruits and vegetables are less energy dense - meaning you can eat more of them for fewer calories.
Study limitations
The definition of a "vegetarian diet" differs from person to person, so the researchers can't tell you how much meat is too much. Some of the observational studies also did not adjust for lifestyle factors such as exercise or alcohol intake that could have affected the results.
Two of the researchers are affiliated with the Physicians Committee for Responsible Medicine, which advocates for plant-based diets.
Takeaway
Eating more fruits and vegetables as part of an overall healthy diet could help lower your blood pressure, says study author Dr. Neal Barnard. You should also try to limit your sodium intake, exercise regularly and avoid drinking alcohol excessively.

मंगलवार, 25 फ़रवरी 2014

सेहतनामा:पनीर केल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है। इसका सेवन अस्थियों और मुक्तावली को तंदरुस्त बनाये रहने में न सिर्फ मददगार सिद्ध होता है अस्थिक्षय (ओस्टियोपोरोसिसया यानी लॉस आफ बॉन मॉस )से भी बचाये रहता है।

 सेहतनामा

(१) पनीर केल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है। इसका  सेवन अस्थियों और मुक्तावली को तंदरुस्त बनाये रहने में न सिर्फ मददगार सिद्ध होता है अस्थिक्षय (ओस्टियोपोरोसिस  यानी लॉस आफ बॉन  मॉस )से  भी बचाये रहता है। 

( २ ) एक  छोटा चाय का चम्मच नीम्बू का रस (अर्क ,लेमन ज्यूस )तथा  इतना   ही शहद एक चम्मच मेथी दाने के साथ लीजिये ज्वरनाशी का काम करेगा बुखार (टेम्प्रेचर )में आराम मिलेगा। मेथी दाना रात को भिगो सकते हैं सुबह उठकर उसका पानी पियें शहद और नीम्बू मिलाकर यही काम करेगा वह भी। 

(३) SPLEEN CELLS PAVE WAY FOR NEW VACCINES 

Researchers have discovered a type of cells in human spleen called innate lymphoid cells ,are essential for the production of antibodies ,paving way for development of new vaccines to fight meningitis and pneumonia .The study was published in the journal Nature Immunology .

(4)   Europe reports alarming obesity levels among children



Alarming levels of obesity amongchildren has been reported from Europe. 


The World Health Organization has announced that over 27% of 13-year-olds and 33% of 11-year olds are overweight in Europe. 

Among 11-year-old boys and girls, the prevalence of overweight was highest in Greece (33%), Portugal (32%), Ireland (30%) and Spain (30%) and lowest in the Netherlands (13%) and Switzerland (11%). 

In 23 out of 36 countries, more than 30% of boys and girls aged 15 years and over are not getting enough physical activity. 

Among adults, women's rates of insufficient physical activity range from 16% in Greece and 17% in Estonia to 71% in Malta and 76% in Serbia. 

According to a new report published by the WHO, being overweight is so common that it risks becoming a new norm in the region. 

"Our perception of what is normal has shifted; being overweight is now more common than unusual. We must not let another generation grow up with obesity as the new norm," said the WHO Regional Director for Europe, Zsuzsanna Jakab. 

"Physical inactivity coupled with a culture that promotes cheap, convenient foods high in fats, salt, and sugars is deadly." 

"We need to create environments where physical activity is encouraged and the healthy food choice is the default choice, regardless of social group. Physical activity and healthy food choices should be taken very seriously in all environments—schools, hospitals, cities, towns and workplaces. As well as the food industry, the urban planning sector can make a difference," said Joao Breda, programme manager, nutrition, physical activity and Obesity at the WHO.

विशेष :प्रत्येक समाज के लिए अपने नौनिहालों को स्वास्थ्यकर भोजन और सक्रीय  जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। सहज सुलभ जंक  फ़ूड की सार्वत्रिक (यूनिवर्सल )उपलब्धता नौनिहालों में मोटापा ही नहीं है भावी जीवन में जीवन शैली रोगों के बीज भी बो रही है। 


Obesity is an epidemic in the developed world I surprising video


Obesity soars to 'alarming' levels in developing countries
The extent of the world's obesity epidemic has been thrown into stark relief as a report from the Overseas Development Institute (ODI) puts the number of overweight and obese adults in developing countries at more than 900 million.


Future Diets, an analysis of public data about what the world eats, says there are almost twice as many obese people in poor countries as in rich ones. In 2008, the figures were 904 million in developing countries, where most of the world's people live, compared with 557 million in industrialised nations.


"The growing rates of overweight and obesity in developing countries are alarming," said the report's author, ODI research fellow Steve Wiggins. "On current trends, globally, we will see a huge increase in the number of people suffering certain types of cancer, diabetes, strokes and heart attacks, putting an enormous burden on public healthcare systems."

The report warns that governments are not doing enough to tackle the growing crisis, partly due to politicians' reluctance to interfere at the dinner table, the powerful influence of farming and food lobbies and a large gap in public awareness of what constitutes a healthy diet.

According to the report, overweight and obesity rates since 1980 have almost doubled in China and Mexico, and risen by a third in South Africa, which now has a higher rate than the UK. Regionally, north Africa, the Middle East and Latin America all have overweight and obese rates on a par with Europe.


  1. Obesity is an epidemic in the developed world I surprising video ...

    www.youtube.com/watch?v...

    YouTube
    Jan 5, 2014 - Uploaded by Ultra News
    Obesity soars to 'alarminglevels in developing countries The extent of the ... and Latin America all have overweight and obeserates on a par with Europe. ... Childhood Obesity - Our Children are literally eating themselves to Death! ... Brazil hit by obesity epidemic by AFP news agency 17,461 views · 5:4

सोमवार, 24 फ़रवरी 2014

आखिर मांजरा क्या है ?कांग्रेस लालू के आगे चारा क्यों नहीं फैंक रही ?

आखिर मांजरा क्या है ?

हमारे एक व्यंग्यकार मित्र हैं डॉकटर वागीश ,यथा नाम तथा गुण -संपन्न। हमने उनसे पूछा -भइआ- साहब ये अपनी  कांग्रेस लालू से चुनाव पूर्ण समझौता क्यों नहीं करना चाहती।

"कांग्रेस चारा इसलिए नहीं फैंक रही है लालू के आगे क्योंकि कांग्रेस जानती है लालू चारा खा जाते हैं।"-ज़वाब मिला।  माननीयन्यायालय ने भी उन्हें प्रामाणिक चारा-खोर घोषित किया था। कांग्रेस को डर है इन्हें खुला छोड़ दिया गया तो यह राजनीति का सारा चरागाह चर जाएंगे।"

वागीश जी आगे बोले तमने आजका अखबार नहीं पढ़ा -पासवान साहब के पीए ने लालूजी को रामविलास पासवान से कनेक्ट नहीं किया। ऊपर से उन्हें यही आदेश मिला था। कांग्रेस तो कांग्रेस पासवान साहब भी उनसे कन्नी काट रहे हैं। बचके निकल रहे हैं।

बद अच्छा बदनाम बुरा ,

बिन पैसे इंसान बुरा ,

काम सभी का एक ही है पर ,

लालूजी का नाम बुरा।

आलावा इसके लालू रावण की तरह अहंकारी हैं।

हमने पूछा भैया -"फिर इन्हें ज़मानत पे क्यों छोड़ा गया है चुनावी मौसम से ठीक पहले "-मोदी को खरी खोटी सुनाने (उनकी आलोचना करने ,ऐसी की तैसी बोले तो डिमोक्रेसी )करने के लिए।

जबकि लालू कबसे राहुल की चरणपादुकाएं चाट रहें हैं। एक बार लालूजी  ने इस मंदमति बालक की तुलना गांधी जी से की थी। प्रत्युपन्नमति वागीश जी बोले -उनका आशय यह था मुन्ना  तुम लाठी लेकर लंगोट पहन भारत भ्रमण पर निकलो प्रधानमन्त्री मैं बनूंगा। अब लालू शेफर्ड प्रधानमन्त्री के खाब (ख़्वाब )देख रहे हैं।

तैश में आकर उन्होंने कहा है -I will become a 'one day -prime minister .

कांग्रेस लालू के आगे चारा क्यों नहीं फैंक रही ?




Too Much, Too Little Sleep Can Increase Risk of Depression/तन और मन दोनों की तंदरुस्ती के लिए 'हेल्दी स्लीप 'का अपना महत्व है

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ज़रूरत से कम सोना और ज़रुरत से ज्यादा सोना दोनों ही स्थितियां दीर्घावधि में अवसाद की ओर  ले जाने के जोखिम का वजन बढ़ातीं हैं। 

'जर्नल स्लीप  'में सद्य प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार दोनों ही हालातों में अवसाद से ताल्लुक रखने वाली जीवन इकाइयां (genes )सक्रीय हो जाती हैं। 

(७-९ )घंटा सोना सेहत के लिए ज़रूरी समझा गया है। अध्ययन में देखा गया जो लोग इस अवधि तक सोते हैं रोज़ाना उन पर आनुवंशिक कारणों से चले आने वाले अवसाद के लिए कुसूरवार लक्षण (आनुवंशिक प्रभाव के लक्षण) मात्र २७ %जबकि रात भर में महज़ पांच घंटा सो पाने वाले लोगों में ५३  % देखे गए। दस घंटा सोने वालों के लिए यह ४९% रहे . 



अध्ययन में शामिल सभी १७०० मामले (सब्जेक्ट्स )जुड़वांओं के थे। सिद्ध हुआ कम सोना या फिर ज़रूरत से अधिक सोना (१० घंटा हर रात या और भी ज्यादा देर तक )आनुवंशिक कारणों  से पैदा अवसाद के लक्षणों के मौके बढ़ा सकता है।यानी दोनों ही स्थितियों में अवसाद से ताल्लुक रखने वाली जीवन इकाइयां (जीवन खंड अथवा जींस सक्रीय होकर अवसाद के लक्षणों को हवा देते हैं। )

ज़रुरत के अनुरूप सोना अवसाद के इलाज़ को कामयाबी की ओर  ले जाता है। 

एक और अध्ययन में जिसमें ४,१०० बालक और किशोर शामिल थे देखा गया जो इनमें से रात भर में सिर्फ ६ घंटा या और भी कम अवधि के लिए सो पाते थे उनके लिए मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर (मेजर डिप्रेशन )का ख़तरा बढ़ा हुआ मिला साथ ही ये मेजर डिप्रेशन बेहद की अल्पावधि नींद के मौके बढ़ाता दिखा।  ज्ञात हो अब डिप्रेशन को एक स्वतन्त्र मानसिक व्याधाी का दर्ज़ा प्राप्त है। पहले इसे किसी अन्य मानसिक विकार के साथ चला आया एक आनुषंगिक लक्षण ही  माना जाता था। 

सिद्ध हुआ किशोरों में अल्पावधि नींद मेजर डिप्रेशन का पूर्व आभास हो सकता है। अलावा इसके मूढ़ से तालुक रखने वाले दूसरे विकारों (Mood disorders )का भी यह पूर्व संकेत हो सकता है। 

ऐसे में स्लीप डिस्टर्बेंस से जुड़े सवाल तथा नींद की अवधि किशोरों की मेडिकल हिस्ट्री समझी जाने चाहिए ताकि किसी भी मानसिक विकार के जोखिम का सटीक आकलन किया जा सके।  

ज़ाहिर है तन और मन दोनों की तंदरुस्ती के लिए 'हेल्दी स्लीप 'का अपना महत्व है। 
 



Too Much, Too Little Sleep Can Increase Risk of Depression



Too much or too little sleep can increase the risk of depression, according to two new studies.

Inappropriate amounts of sleep may activate depression-related genes, researchers report in the Feb. 1 issue of the journal Sleep.

One study included more than 1,700 adult twins. Among those who got normal amounts of sleep (seven to nearly nine hours a night), the genetic influence on symptoms of depression was 27 percent versus 53 percent for those who slept only five hours a night, and 49 percent among those who slept 10 hours a night.
“Both short and excessively long sleep durations appear to activate genes related to depressive symptoms,” lead investigator Dr. Nathaniel Watson, an associate professor of neurology and co-director of the University of Washington Medicine Sleep Center in Seattle, said in a journal news release.
Ensuring that patients get optimum levels of sleep may be one way to boost the effectiveness of treatments for depression, he added.
The second study included more than 4,100 youngsters aged 11 to 17. It found that sleeping six hours or less per night increased their risk for major depression, which in turn increased their risk for too little sleep.
“These results are important because they suggest that sleep deprivation may be a precursor for major depression in adolescents, occurring before other symptoms of major depression and additional mood disorders,” principal investigator Dr. Robert Roberts, professor of behavioral sciences in the School of Public Health at the University of Texas Health Science Center in Houston, said in the news release.
“Questions on sleep disturbance and hours of sleep should be part of the medical history of adolescents to ascertain risk,” he added.
“Healthy sleep is a necessity for physical, mental and emotional well-being,” Dr. M. Safwan Badr, president of the American Academy of Sleep Medicine, said in the news release. “This new research emphasizes that we can make an investment in our health by prioritizing sleep.”
More information

The U.S. National Institute of Neurological Disorders and Stroke has more about sleep.