यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास पर 2017 के साहित्य सम्मान प्राप्त रचनाकारों से मिले और उन्हें बधाई दी। सम्मान समारोह का आयोजन बुधवार को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में हुआ था।
समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्य अतिथि के तौर पर आना था लेकिन वो किसी कारणवश नहीं पहुंच सके। ऐसे में हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सदानंद प्रसाद गुप्त, निदेशक हिंदी संस्थान शिशिर, प्रमुख सचिव भाषा जितेंद्र कुमार ने साहित्यकारों को सम्मानित किया था। बृहस्पतिवार को सीएम ने सम्मानित रचनाकारों से मिलकर उन्हें बधाई दी।
बुधवार को हुए कार्यक्रम में हिंदी संस्थान की ओर से वर्ष 2017 का प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित भारत भारती सम्मान भोपाल के साहित्यकार डॉ. रमेश चंद्र शाह को दिया गया। उन्हें गंगा प्रतिमा, अंगवस्त्र, ताम्रपत्र और 5 लाख रुपये की नकद धनराशि दी गई।
गोरखपुर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामदेव शुक्ल को हिंदी गौरव सम्मान, नोएडा के डॉ. रामगोपाल शर्मा दिनेश को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, हरियाणा के डॉ. धर्मपाल मैनी को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान और पटना के शत्रुघ्न प्रसाद को अवंती बाई साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। कोलकाता के बड़ा बाजार कुमार सभा पुस्तकालय को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान इनके प्रतिनिधियों ने ग्रहण किया।
वहीं, दिल्ली के जयप्रकाश कर्दम को लोहिया साहित्य सम्मान से नवाजा गया, वे भी समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। इन सभी साहित्यकारों और संस्थाओं को 4-4 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के अलावा गंगा प्रतिमा, अंगवस्त्र, ताम्रपत्र दिए गए।
बुधवार को हुए कार्यक्रम में हिंदी संस्थान की ओर से वर्ष 2017 का प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित भारत भारती सम्मान भोपाल के साहित्यकार डॉ. रमेश चंद्र शाह को दिया गया। उन्हें गंगा प्रतिमा, अंगवस्त्र, ताम्रपत्र और 5 लाख रुपये की नकद धनराशि दी गई।
गोरखपुर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामदेव शुक्ल को हिंदी गौरव सम्मान, नोएडा के डॉ. रामगोपाल शर्मा दिनेश को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, हरियाणा के डॉ. धर्मपाल मैनी को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान और पटना के शत्रुघ्न प्रसाद को अवंती बाई साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। कोलकाता के बड़ा बाजार कुमार सभा पुस्तकालय को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान इनके प्रतिनिधियों ने ग्रहण किया।
वहीं, दिल्ली के जयप्रकाश कर्दम को लोहिया साहित्य सम्मान से नवाजा गया, वे भी समारोह में उपस्थित नहीं हो सके। इन सभी साहित्यकारों और संस्थाओं को 4-4 लाख रुपये की पुरस्कार राशि के अलावा गंगा प्रतिमा, अंगवस्त्र, ताम्रपत्र दिए गए।
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