गुरुवार, 4 जनवरी 2018

संदर्भ -भ्रष्ट शब्द और वाक्य व्यक्ति से ज्यादा खतरनाक होता है लंबूजी तुम्हारे पास सिर्फ साढ़े पांच हाथ लम्बी देह ही देह है आत्मा नहीं है इस देह में पूरे अबुध कुमार हो

लम्बू जी तुम्हारे पास सिर्फ साढ़े पांच हाथ लम्बी देह ही देह है आत्मा नहीं है इस देह में पूरे अबुध कुमार हो।  निपट अपढ़ भी हिन्दुस्तान का तुम्हें बतला देगा संथाल शब्द संस्कृत के समताल से बना है उसका अपभ्रंश  रूप है।  

और एक बात और समझ लो ईशु  ईश से बना है। संस्कृत में 'इस' का मतलब यह होता है 'उस' का वह।ईशु का ही यीशु हुआ है बेटे लम्बू जी। क्यों संथालियों को बहका रहे हो। इ से य है। 

तुम ये बतला दो तुमने आज तक और  तुम्हारी कौम ने आजतक धर्म परिवर्तन के अलावा और  क्या किया है। 

हम अपनी उद्भावना में मनुष्य के अंदर ही उस सर्वोत्तम दिव्यांश को देखते हैं। तुम में भी वही हो लेकिन  तुम्हारे अज्ञान ने उसे आच्छादित किया हुआ है। 

हमें लगता है लंबूजी ये कुसूर उस ज़मीन का है जिसने तुम्हें पैदा किया जिसके नीचे मुर्दे  दफन है। ज़मीन का अपना संस्कार होता कब्रिस्तान पूजक लंबूजी। 

और तुम्हारे वो हाफ ब्रदर्स जिस रामलला राममल्ला का ज़िक्र करते हैं वह तो खुलकर कहता है राम ही अल्लाह है। 

तुम भोले -भाले आदिवासियों को कहते हो बकरी को छोड़कर सब कुछ तुम्हारे खाने के लिए ही है गडरियों की औलाद लम्बूलाल। शास्त्रार्थ करोगे संविद पात्रा से संघ से। पहले हमसे निपटो हाँ हम विज्ञान के छात्र हैं तुम्हें सृष्टि की  उत्पत्ती  बहुविध समझा सकते हैं।ग्रहों के रंग बतला सकता है तुम्हें हमारा महाभारत। रोज़ तुमसे बात होगी फ़िक्र न करो मेरे लम्बूलाल।तुम हमारे घंटी बजाने की बात करते हो घंटी तो हम तुम्हारी भी बजा देंगे।शिष्ट रहते हुए भी। 

एक प्रतिक्रिया फेसबुक पोस्ट :

https://www.facebook.com/nirmala.neelam.5/videos/1277888945688163/

मूर्ख हिन्दुओं मनाओं और मनाओं क्रिसमस 😡
देखो ये ईसाई प्रचारक हिंदु धर्म की कैसी धज्जियां उडाते हुए आदिवासी बन्धुओं को भडका ऱहा है 🚩 और मुर्ख हिन्दू उनके त्यौहार को अनमोल समझ कर मना रहे,सच में हम जैसा बेवकुफ कोइ नही है 

कृपया यह लिंक देखें :लंबूजी आप भी देखें आपकी बुद्धि के बंद कपाट खुल 
जाएंगे। 
https://www.youtube.com/watch?v=dU8yP5cpwa0


Yog Vashisht by Swami Shravananandji Part-78

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Published on Apr 18, 2013

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