प्रवचन दिया नरेंद्र ने, हिन्दु धर्म पर ख़ास।
हिन्दु धर्म पर ख़ास, बदल जाती वह काया।
आया पुन: नरेंद्र, विश्व को राह दिखाया ।
करे राष्ट्र उत्थान, संभाली जबसे गद्दी ।
करता जाय विकास, मिटाता जाय त्रासदी ।
आध्यात्मिक शक्तियों की भूमिका
आध्यात्मिक शक्तियों की भूमिका
अपने चार मॉस के प्रारम्भिक शासन काल में ही प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र
मोदी ने देश की लय ताल और गति और आस्था बदल दी है। उनके
निमित्त से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत का पुरातन वैभव पुन : जागृत हो
रहा है।अमरीका जैसे शिखरस्थ आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टि से समृद्ध और
अपनी सर्वोच्च राजनीतिक स्थिति से आत्मतुष्ट देश में प्रधानमंत्री मोदी
ने भारतीय प्रज्ञा को अपनी वाणी से किस प्रकार प्रतिष्ठित किया है उससे
क्या यह नहीं लगता कि विश्व की नियामक आध्यात्मिक शक्ति भारत
देश के पुनर -उथ्थान को पुन : स्थापित करने को क्रियाशील हो उठी है।
ईश्वर के इस लीला विधान के सामने ऐसा कौन सा व्यक्ति होगा
जो अपनी नास्तिक रूढ़ियों से स्वयं को मुक्त न करेगा। यह मात्र व्यक्ति
के कर्ता भाव का परिणाम नहीं है -सूक्ष्म जगत की आध्यात्मिक शक्ति
इसको संचालित कर रही है।
ॐ शांति शांति शान्ति।
मेडिसन स्क्वॉयर में नरेंद्र
मोदी बोले छोटा हूं, छोटे-छाेटे
काम करूंगा
- अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की वजह से भारत पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त कर रहा है।
- जिस वक्त लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे आये उस वक्त अमेरिका में भी हजारों लोग सो नहीं पाये थे। आज मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हिंदुस्तान आकर महीनों तक रहकर अभूतपूर्व विजय दिलाने में मदद की।
- 30 साल बाद जो जीत मिली उसके परिणाम किसी पोलिटिकल पंडित के गले नहीं उतरते थे। ओपिनियन पोल भी ओपिनियन बनाने में विफल रहे।
- गरीब से गरीब व्यक्ति की लोकतंत्र में कितन अहमियत है, यह भारत के चुनाव ने बताया, लेकिन चुनाव जीतना सिर्फ पद ग्रहण नहीं होता है। चुनाव जीतना किसी कुर्सी पर विराजने का कार्यक्रम नहीं होता। चुनाव जीतना एक जिम्मेवारी होती है।
- जबसे पीएम बना हूं, तब से 15 मिनट की भी छुट्टी नहीं ली है। हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे, जिसके कारण आपको नीचा दिखने की नौबत आये।
- भारत के प्रत्येक व्यक्ति को हमारी सरकार से बहुत अपेक्षाएं हैं। मैं विश्वास से कहता हूं कि यह सरकार जनसामान्य की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में शत प्रतिशत सफल होगी।
- जब मैं गुजरात का सीएम था, मैंने कहा था जिसको हिंदुस्तान आना है, जल्दी कीजिये, देर मत कीजिये। यहां रहने वाला हर व्यक्ति कितने ही सालों से अमेरिका में बसा हो, अब उसे लगने लगा है कि एक पैर तो हिंदुस्तान में रखना ही चाहिये।
- सारा विश्व इस बात से कंविंस्ड है कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। लेकिन तमाम लोग कहते हैं कि 21वीं सदी भारत की है। कोई ऐसे ही नहीं कहता है, भारत के पास वो क्षमता और संभावनाएं हैं। अब आप संजोग भी हैं।
- आप कल्पना कीजिये, आज हिंदुस्तान दुनिया का सबसे नौजवान देश है। दुनिया की सबसे पुरातन संस्कृति वाला देश है। आज भारत में 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से नीचे है। जिसके पास सामर्थवान भुजाएं हों, जिसकी उंगलियों में कंप्यूटर से दुनिया को जोड़ने की ताकत भरी हो, जिस देश का नौजवान अपनी सामर्थ से भविष्य बनाने में सक्षम हो, उस देश को पीछे मुड़ कर देखने की आवश्यकता नहीं।
- निराशा का अब कोई कारण नहीं है। मैं बहुत विश्वास के साथ कहता हूं, कि ये देश बहुत तेज गति से आगे बढ़ने वाला है। इन नौजवानों की सामर्थ से आगे बढ़ने वाला है।
- अमेरिका दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। सारी दुनिया के लोग, अमेरिका में आकर बसे हैं और भारत के लोग सारी दुनिया में जाकर बसे हैं।
- अमेरिका का कोई शहर ऐसा नहीं है, जहां दुनिया का कोई व्यक्ति न मिले, दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं है, जहां भारतीय न मिले।
- सरकार ज्यादा से ज्यादा अपनी स्कीम लागू कर सकती है, सड़क, स्कूल, आदि बनाने में, लेकिन विकास तब होता है, जब जन भागीदारी होती है।
- दुर्भाग्य से अब तक हमारे देश में सरकारों ने डेवलपमेंट का ठेका लिया था। हमने डेवलपमेंट की जिम्मेदारी जनता के संग मिलकर करने का रास्ता अपनाया।
- सरकार का दायित्व बनता है, गुड गवरनेंस। आपकी पीड़ा को मैं भलीभांति जानता हूं। इसलिये हमारी कोशिश है कि हम, विकास को एक जन आंदोलन बनायें।
- करीब हजार बारह सौ साल तक हम गुलाम रहे। इतिहास पलट कर देखें, तो हर समय कोई न कोई जरूर था, जिसने देश के लिये बलिदान दिया। देश के लिये कितना बलिदान दिया गया है। हर युग में महापुरुषों ने देश के लिये बलिदान दिये। वे बलिदान देते थे, फांसी पर चढ़ जाते थे, फिर कोई नया पैदा होता था, फिर वो खत्म हो जाता था, फिर तीसरा आता था।
- भारत में किसी भी शहर में एक किलोमीटर की यात्रा के लिये 10 से 15 रुपए लगता है। हमें पूरी तरह स्वदेशी मंगलयान से मंगल ग्रह पर जाने में सिर्फ 7 रुपए प्रति किलोमीटर लगा।
- 7 रुपए में एक किलोमीटर। यह हमारा टैलेंट नहीं है तो क्या है। दुनिया में हिंदुस्तान पहला देश है, जो पहले ही प्रयास में मंगल पर पहुंचने में सफल हुआ है। और अमेरिका में सिर्फ नीचे ही नहीं मार्स में भी बात कर रहे हैं। 22 को अमेरिका और 24 को हम पहुंच गये। हॉलीवुड की फिल्म बनाने में जितना खर्च होता है, उससे कम खर्च में हम मंगल पर पहुंच गये।
- जिस देश के पास इतना टैलेंट हो, वो देश कई ऊंचाईयां पार कर सकता है। हमने इसके लिये स्किल डेवलपमेंट का बीड़ा उठाया है। इसके जरिये हम आधुनिक हिंदुस्तान खड़ा करेंगे। नई सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के लिये पूरा मंत्रालय बना दिया है।
- हम दो प्रकार के स्किल डेवलपमेंट करना चाहते हैं- पहला जो जाॅब क्रिएटर बने, दूसरा जॉब पाने वाले।
- इतने सारे बैंक होने के बाद भी भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास बैंक में खाता ही नहीं है।
- क्या सरकार का धन गरीब के लिये काम नहीं आना चाहिये, क्या सरकारी खजाना सिर्फ अमीरों के लिये होना चाहिये। इन्हीं सवालों का हल खोजने के लिये जनधन योजना लागू की।
- अगर आपको अच्छी गवरनेंस चाहिये, अगर मैनपावर चाहिये और लो कॉस्ट प्रॉडक्ट बनाने हैं, तो भारत से अच्छी कोई जगह नहीं।
- यह मेक इंडिया कैम्पेन ही है, जिसके जरिये आप मोबाइल फोन के जरिये भारत सरकार से जुड़ सकते हैं।
- मैंने mygov.in वेबसाइट खोली है, जिसके जरिये आप भारत का भाग्य बदलने के लिये अपने सुझाव दे सकते हैं।
- टेक्नोलॉजी के जरिये हम अपनी ताकत का प्रदर्शन कर सकते हैं।
- हमारी पहली सरकारें कानून बनाने पर गर्व करती थीं। हमने ये कानून बनाया, हमने वो कानून बनाया।
- मैंने काम दूसरा शुरू किया है। मैंने कानून जितने पुराने हैं, बेकार हैं, उनको खत्म करने का शुरू किया है।
- इतने आउडेटेड कानून, ऐसा जाल, जिसमें कोई भी गया, तो बाहर निकालना मुश्किल हो जाये।
- अगर हर दिन एक कानून खत्म कर दूं, तो मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी।
- बेकार कानूनों को खत्म करने के लिये हमने एक कमेटी बनायी है।
- लोग पूछते हैं, बड़ा विजन बताओ, बड़ा विजन। मैंने कहा भाई देखिये, मैं चाय बेचते-बेचते यहां आया। (मोदी के यह कहते ही स्टेडियम में सभी लोग खड़े हो गये। और मोदी की आंसू भर आये)।
- मैं बहुत ही छोटा इंसान हूं। मैं छोटा हूं, इसलिये मेरा मन भी छोटे-छोटे काम करने में लगता है। और छोटे-छोटे लोगों के लिये काम करने में मेरा मन लगता है।
- छोटा हूं इसलिये छोटे-छोटे लोगों के लये बड़े-बड़े काम करने का इरादा रखता हूं।
- गंगा नदी को ही ले लीजिये। हमारी गंगा शुद्ध होनी चाहिये कि नहीं, गंगा सफाई में देशवासियों की मदद करनी चाहिये कि नहीं। पक्का करोगे।
- अब तक हजारों करोड़ खर्च हो चुका है। मैंने जब यह बात उठाई तो लोगों ने कहा ये कठिन है। मैंने कहा अगर सरल चीजों को करना होता तो देश मुझे पीएम नहीं बनाता। देश की जिसमें आस्था है, उसमें मेरी भी आस्था है।
- दुनिया में पर्यावरण को लेकर जितनी चिंता होती है, उस दृष्टि से भी गंगा की सफाई आवश्यक है। इतना ही नहीं, गंगा के किनारों की जो अवस्था है- उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल... आदि हों... करीब-करीब 40 प्रतिशत भारत की आर्थिक प्रगति गंगा मैया पर निर्भर है। इसलिये एक प्रकार से बहुत बड़ा इक्नॉमिक एजेंडा भी है।
- महात्मा गांधी भी एक प्रवासी भारतीय थे। वो जनवरी 2015 में गांधी के भारत में आने के 100 साल हो रहे हैं। जनवरी में ही प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है। इस बार प्रवासी भारतीय दिवस अहमदाबाद में होने वाला है। महात्मा गांधी प्रवासी भारतीय बने, तमाम सुख भोग सकते थे, लेकिन नहीं वो भारत आये और उन्होंने भारत को आजादी दिलायी।
- अाज सभी प्रवासी भारतीयों से निवेदन है कि आप भी अपने देश का कर्ज चुकाने के बारे में सोचें।
- पीआईओ कार्ड होल्डर को आजीवन वीजा दिया जायेगा। यह निर्णय हमने लिया है। उससे भी आगे जो लंबे समय तक हिंदुस्तान में रहते हैं, उनको पुलिस थाने जाना पड़ता है, अब उन्हें थाने नहीं जाना पड़ेगा।
- उसी प्रकार से पीआईओ और ओसीआई दोनों के प्रावधानों में फर्क होने के कारण भारतीय मुल्क के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खास तौर से स्पाउस के भारतीय नहीं होने पर। कुछ ही महीनाें में हम पीआईओ और ओसीआई स्कीम्स को मिलाकर एक बना देंगे। नई स्कीम तैयार कर देंगे।
- हमारे अमेरिका में दूतावास, भारत में पर्यटन के लिये आने वाले अमेरिकी पर्यटकों के लिये लॉन्ग टर्म वीजा उपलब्ध करायेंगे।
- वीजा ऑन अराइवल भी दिया जायेगा, इससे पर्यटकों को भारत आने में आसानी होगी।
- आउटसोर्सिंग सर्विस का दायरा बढ़ाया जायेगा, ताकि आपको सरलता से वीजा प्राप्त हो सकेगा।
न्यू यॉर्क के मैडिसन स्क्वेयर में मोदी का मेगा शो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को न्यू यॉर्क के मैडिसन स्क्वेयर गार्डन में अपने अमेरिकी दौरे का मेगा शो किया। मोदी, मोदी, मोदी... के शोर के बीच दिए अपने भाषण से मोदी ने वहां मौजूद भारतीय-अमेरिकी समुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया। मोदी के भाषण में भारत की तेजी से बदल रही छवि का जिक्र था, तो साथ ही अपनी सरकार द्वारा उठाए कदम भी उन्होंने गिनाए। मोदी ने भाषण के दौरान प्रवासी भारतीयों को तोहफा देते PIO कार्ड होल्डर्स को आजीवन वीज़ा देने का फैसला किया। मोदी ने लंबे समय तक भारत में रहने वालों को पुलिस थाने जाने जाने की की जरूरत को भी खत्म करने की घोषणा की।
मेक इन इंडियाः पीएम मोदी ने कहा कि पूरे विश्व के लोग अमेरिका में रहने आते हैं जबकि भारतीय पूरी दुनिया में रहते हैं।मोदी ने प्रवासियों को भारत आने का न्योता दिया और हाल में शुरू अभियान 'मेक इन इंडिया' के तहत बिजनस शुरू करने का आह्वान कहा।
प्रवासी भारतीय को तोहफाः मोदी ने प्रवासी भारतीयों को तोहफा देते हुए कहा कि PIO कार्ड होल्डर्स की वीजा की कई समस्याएं हैं। हमने फैसला किया है कि उन्हें आजीवन वीज़ा दिया जाएगा। लंबे समय तक भारत में रहने वालों को पुलिस थाने जाना पड़ता है, अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा। PIO और OCI स्कीम्स में अंतर से कई समस्याएं पैदा होती हैं। हम दोनों को मिला कर एक स्कीम बनाएंगे। जल्द ही वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा भी लॉन्च कर दी जाएगी। पर्यटन के लिए आने वाले यूएस सिटिजंस को लॉन्ग-टर्म वीज़ा मिलेगा।
जन-धन योजना का जिक्रः प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जन-धन योजना के तहत बैंकों में अबतक करीब 1500 करोड़ रुपए जमा हुए हैं जबकि लोग शून्य धनराशि से भी नया खाता खुलवा सकते थे। पीएम ने कहा कि इस योजना में करीब चार करोड़ नए खाते खोले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में आधे से ज्यादा परिवारों के पास बैंक खाते नहीं है।
छोटा इंसान, बड़ा विजनः देश की विशाल आबादी की एक बड़ी बुनियादी समस्या 'शौचालय' के अभाव को दूर करने के लिए अपने दृष्टिकोण को मोदी ने छोटे आदमी की बड़ी सोच की संज्ञा दी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक छोटा आदमी हूं और छोटे लोगों के लिए बड़े काम करने की इच्छा रखता हूं।
गंदगी मुक्त भारतः प्रधानमंत्री बनने के बाद शौचालय बनाने की बात करने पर लोग सवाल उठाते हैं कि क्या यह पीएम के काम हैं लेकिन मैं नहीं जानता और मैंने तय किया है कि मैं टॉइलेट बनाने के काम करूंगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को दो बातें प्रिय थी। एक देश को आजादी दिलाना और देश को स्वच्छ बनाना। उन्होंने सवाल किया कि जब गांधीजी ने देश को आजादी दिला दी तो क्या हमारा यह दायित्व नहीं है कि हम भारत को गंदगी से मुक्त करें।
व्यर्थ के कानून खत्म करने में आनंदः मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि वह नए-नए कानून बनाने के लिए अपनी पीठ थपथपाती थीं जबकि उनकी सरकार ने पुराने पड़ चुके कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। मोदी ने कहा, 'पहले की सरकारें इस बात पर गर्व किया करती थी कि उन्होंने कितने कानून बनाए लेकिन मैंने इसका उलटा शुरू किया है। मैंने जितने बेकार कानून हैं, सबको खत्म करने का फैसला किया है।
30 साल बाद पूर्ण बहुमतः मोदी ने अपने भाषण में लोकसभा चुनाव में भारतीय के योगदान के लिए आभार जताया। मोदी ने कहा, 'आप में से कुछ को ही मतदान का मौका मिला होगा, लेकिन नतीजों के लिए आप में से कोई सोया नहीं होगा। जितना जश्न हिंदुस्तान मना रहा था, उससे भी कई गुना जश्न यहां भारतीय समाज मना रहा था। भारत के चुनाव अभियान में जुड़ने वाले लोगों को मैं थैंक्स कहता हूं। 30 साल के बाद भारत में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनी है।'
आलोचकों पर निशानाः पीएम ने लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी नतीजों के अनुमानों पर तंज कसते हुए कहा, 'कोई भी राजनीतिक पंडित या जनमत को प्रभावित करने वाले इस प्रकार के जनादेश को भांप नहीं पाए।' मोदी ने कहा कि चुनाव जीतने के साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी आ गई है. जबसे मैंने काम संभाला है, 15 मिनट की भी छुट्टी नहीं ली है।