उन सलमान खुर्शीदों और कांग्रेसी शंकराचार्यों के लिए जिन्हें हर हर
मोदी
पे एतराज है लीजिये प्रस्तुत है नया नारा :
महादेव हर हर ,
मोदी घर घर।
चलिए इन तमाम स्वयं घोषित सेकुलरों के लिए एक और नारा है :
बसपा -सपा कांग्रेस ,तीन तिलंगे
हर हर गंगे ,वोट मांगते भिखमंगे।
भैया सेकुलरों एक बार सच्चे मन से हर हर गंगे कह लो ,गंगा मैया तुम्हारे
आगे पीछे के (सब पाप ) धौ देगी। और सोनिया मैया से पूछ
आओ -
महादेव हर हर ,
मोदी घर घर।
से कहीं उन हिदू देवताओं की हेटी तो नहीं होती जिन्हें ये सेकुलर
अपना ईष्ट मानने
लगे हैं। बड़ा आदर उमड़ पड़ा है इनके मन में इन देवी देवताओं के प्रति।
सेकुलर हैं ये ?
'मोदी भारत को कांग्रेस के साथ भगवान से भी मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रहे हैं'
फर्रूखाबाद। केंद्रीय विदेश मंत्री एवं कांग्रेस के स्टार प्रचारक सलमान खुर्शीद ने चुनाव आयोग
से भारतीय जनता पार्टी के ‘हर-हर मोदी’ के नारे का संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि मोदी भारत को कांग्रेस से ही नहीं वरन भगवान से भी मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
सलमान खुर्शीद ने ‘हर-हर महादेव’ के धार्मिक उद्घोष की तर्ज पर भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा ‘हर-हर मोदी’ के नारे पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि हम लोकतंत्र का सम्मान करते हैं, पर भगवान तो लोकतंत्र से भी ऊपर है। अपने निर्वाचन क्षेत्र के एक दिवसीय तूफानी दौरे के बाद कांग्रेस के स्टार प्रचारक ने यह टिप्पणी कल पत्रकारों के समक्ष की।
विदेश मंत्री ने दावा किया कि दिल्ली के एक प्रेस सम्मेलन में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी मोदी ने
कहा था कि ‘‘अब भगवान भी उन्हे सत्ता में आने से नहीं रोक सकते।’’ किन्तु वे इस बात को भूल गये कि भारत की सांस्कृतिक सोच में कोई भी चीज भगवान से ऊपर नहीं हो सकती।
कांग्रेस के स्टार प्रचार सलमान ने कहा कि सतपालजी महाराज द्वारा कांग्रेस छोड़ने का उन्हे खेद है पर शायद भाजपा द्वारा अपना चुनाव चिन्ह दीपक (जनसंघ काल) छोड़ने से वहां अंधेरा हो गया और उस अंधकारमय वातावरण में प्रकाश पुंज बनने के लिए वे भाजपा में गये।
उन्होंने कांगेस के कुछ नेताओं के पार्टी छोड़ देने से उसकी सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है और अगली सरकार भी कांग्रेस के नेतृत्व में ही बनेगी।
यह कहते हुए कि भाजपा में बुजुर्ग नेताओं का सम्मान नहीं हो रहा, खुर्शीद ने कहा कि देखना है कि सतपाल महाराज का क्या हश्र होता है।
(भाषा)
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'हर-हर मोदी' से शंकराचार्य नाराज, भागवत से की बात
बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के लिए लगने वाले 'हर-हर मोदी' के नारे पर विवाद खड़ा हो गया है। द्वारका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगदगुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने नारे पर आपत्ति जताते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत से बात की है। स्वरूपानंद का कहना है कि भागवत ने भी माना है कि यह नारा सही नहीं है। भागवत इस नारे पर रोक लगाने के लिए राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के सीनियर नेताओं से बात करने वाले हैं। इसका असर भी दिखा। स्वामी स्वरूपानंद और मोहन भागवत की बातचीत के कुछ ही देर बाद बीजेपी का अधिकारिक बयान आ गया। बीजेपी ने कहा कि 'हर-हर मोदी' हमारा नारा नहीं है। हमारा नारा है 'अबकी बार, मोदी सरकार।'
'यह नारा भगवान का अपमान है'
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती पहले ही मोदी को चिट्ठी लिख अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। स्वरूपानंद का कहना है कि यह नारा हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के लिए लगाया जाता है। किसी व्यक्ति विशेष से नारा जोड़ने पर लोगों की धार्मिक आस्था आहत हो रही है। स्वरूपानंद का कहना है कि इस तरह के नारे से भगवान का अपमान हो रहा है।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती पहले ही मोदी को चिट्ठी लिख अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। स्वरूपानंद का कहना है कि यह नारा हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के लिए लगाया जाता है। किसी व्यक्ति विशेष से नारा जोड़ने पर लोगों की धार्मिक आस्था आहत हो रही है। स्वरूपानंद का कहना है कि इस तरह के नारे से भगवान का अपमान हो रहा है।
...तो क्या आरएसएस भी कर रही व्यक्ति पूजा?
स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि गोलवलकर की किताब विचार नवनीत में व्यक्ति पूजा को आरएसएस के सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है। अगर आएसएस के कार्यकर्ता भी एक व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) की पूजा कर रहे हैं, तो ये खुद संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है।
स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि गोलवलकर की किताब विचार नवनीत में व्यक्ति पूजा को आरएसएस के सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है। अगर आएसएस के कार्यकर्ता भी एक व्यक्ति (नरेंद्र मोदी) की पूजा कर रहे हैं, तो ये खुद संघ के सिद्धांतों के खिलाफ है।
पढ़ें, मोदी के नाम पर शंकराचार्य ने मारा थप्पड़
कौन हैं स्वरूपानंद सरस्वती
जगदगुरु स्वरूपानंद सरस्वती द्वारका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद को कांग्रेस का करीबी माना जाता है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी स्वरूपानंद के शिष्य हैं। स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रह चुके हैं।
कौन हैं स्वरूपानंद सरस्वती
जगदगुरु स्वरूपानंद सरस्वती द्वारका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद को कांग्रेस का करीबी माना जाता है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी स्वरूपानंद के शिष्य हैं। स्वरूपानंद सरस्वती स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी रह चुके हैं।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
5 टिप्पणियां:
आपके विचार प्रायः मेरे खुद के विचार लगते हैं -शंकराचार्यों ने अपनी गरिमा घटायी है !
बहुत ख़ूब!
मस्त नारे हैं ...
अब दिग्गी कि मिर्ची का तो कोई इलाज नहीं ..
जो धर्म रक्षार्थ महादेव बन कर काम करेगा तो क्या अन्तर पड़ता है उसे महादेव के अनुनामकरण से पहचानने में।
रोचक पोस्ट !
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