देश के क़ानून मंत्री आई एस आई से जांच करवाना चाहते हैं ?
भारत सरकार के माननीय क़ानून मंत्री अपने ही क़ानून को मानने से
इंकार कर रहे हैं। गुजरात दंगों की जांच किसी स्वतंत्र निजी एजेंसी से
करवाना चाहते हैं। क्या उनका इशारा आईएसआई की तरफ है ?यदि नहीं
तो स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एजेंसी )पर उन्हें भरोसा क्यों नहीं है जो
माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई थी। हमारा मानना है ऐसे
व्यक्ति को विधान सभा या फिर संसद का चुनाव लड़ने के अयोग्य जन्म
भर के लिए घोषित किया जाए जो क़ानून मंत्रीर के लिबास में गैर -
कानूनी
बात कर रहें हैं। जो आदमी अपने देश के सुप्रीम कोर्ट पर विश्वाश
न करता हो उसके क़ानून मंत्री बने रहने की हैसियत ही कहाँ है। चांदनी
चौक के चंद वोटों के चक्कर में जो सुप्रीम कोर्ट को अपमानित करने से
बाज़ नहीं आते सुप्रीम कोर्ट को चाहिए कि उन्हें निलम्बित करके राष्ट्रीय
दृष्टि से उन पर मुकदमा चलाया जाए। भारत के राष्ट्र जन की भावना का
निरादर करने वाले क़ानून मंत्री बने इस शख्श को खुद ही इस्तीफा दे देना
चाहिए। इतनी शर्म तो उनमें बची ही होगी ?
भारत में तो उनकी निगाह में कोई जांच एजेंसी स्वतन्त्र बची ही नहीं
कहीं
ऐसा तो नहीं है कि वे आईएसआई द्वारा जांच किये जाने का इशारा कर
रहे हों ?
4 टिप्पणियां:
आखिरी जांचना क्या है इन्हें।
आपकी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
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आपकी इस अभिव्यक्ति की चर्चा कल सोमवार (24-03-2014) को ''लेख़न की अलग अलग विद्याएँ'' (चर्चा मंच-1561) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर…!
आपकी राय से सहमत हैं, शुभकामनाएं.
रामराम.
आपका कहना तो सही है .. पर ये करवाएगा कौन ... मोदी जी भी अपनी सरकार आने के बाद नहीं करवा पायेंगे ये काम ... ऐसे लोगों को तो बस अब जनता को जूते ही मारने पड़ेंगे ...
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