राहुल शीर्षासन में खड़े होकर दो टूक माफ़ी मांगें देश और संसद से
इस छैला राजकुमार की तब बांछें खिल गईं थीं जब राफेल मुद्दे पर पांच अलग अलग याचिकाएं दायर हुई थीं और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था जो कुछ आप सूचना देना चाहें बंद लिफाफे में देवें क्योंकि मामला देश की प्रतिरक्षा व्यवस्था से जुड़ा है। स्वागत किया तब राहुल दत्तात्रेय ने सुप्रीम कोर्ट का यह कहते हुए अब खुलेगी पोल।
अब ये उसी कोर्ट के फैसले को मान ने के लिए तैयार नहीं हैं। जॉइंट पार्लिअमेंटरी कमिटी बनाने की मांग उठवा रहें हैं अपने खड़गों-सूरजो से। वह सूरजे तो यह भी कह देगा मैं सुरजे नहीं हूँ। यह वह पार्टी है जिसमें एक कमल घात शहज़ादे का अम्बुपान करते करते मुख्यमंत्री बन गए हो सकता है कल को खड़गे के हाथ भी कुछ लग जाए।
बतलातें चलें आपको जो मामला देश की अस्मिता से जुड़ा है (प्रत्येक सरकार के देश की सुरक्षा से जुड़े कुछ मामले होते हैं जो सार्वजनिक नहीं किये जाते )किस हस्ती से ये मतिमंद कुमार राहु राजनीति का ,ज़वाब देही मांग रहा है सरकार से। सुप्रीम कोर्ट को तो ये मानते नहीं। इनकी दादी इन्हें आज भी परलोक से सन्देश भेज रही है -शाबाश बेटा डटे रहो।
सवाल एक और उठता है दादी को सन्देश कौन से देश का उपग्रह भेज रहा है क्या चीन यह सब कर रहा है या आईएसआई ?कौन चला रहा है यह अर्थ टू सैटेलाइट बेक टू अर्थ सम्प्रेषण ?
पहले राहुल -कॉल अपना स्रोत बतलाएं कहाँ से उन्हें यह संबोध हुआ कि राफेल सौदा ३० ,००० करोड़ का हुआ है ?किस हक़ से वह सरकार पर संसद पर इस देश की सुरक्षा से जुड़े इस बेहद महत्वपूर्ण मामले पर ऊँगली उठा रहें हैं आखिर कौन नचा रहा है उन्हें अपनी उंगलियों के इशारे पर यह संसदीय नांच ?साफ़ -साफ़ बतलायें।
अगर वह यह सब वोट के मद्दे नज़र कर रहें हैं तो भी उन्हें यह खेल तमाशा महंगा पड़ेगा।
और आखिर में दोस्तों देश के इन कांग्रेस रचित हालातों पर चंद दोहे आएं हैं :
बड़ा अनोखा हो गया लोगों का व्यवहार ,
भारत का हर -जन उद्वेलित झुलसाती संसद की काया ,
इस छैला राजकुमार की तब बांछें खिल गईं थीं जब राफेल मुद्दे पर पांच अलग अलग याचिकाएं दायर हुई थीं और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था जो कुछ आप सूचना देना चाहें बंद लिफाफे में देवें क्योंकि मामला देश की प्रतिरक्षा व्यवस्था से जुड़ा है। स्वागत किया तब राहुल दत्तात्रेय ने सुप्रीम कोर्ट का यह कहते हुए अब खुलेगी पोल।
अब ये उसी कोर्ट के फैसले को मान ने के लिए तैयार नहीं हैं। जॉइंट पार्लिअमेंटरी कमिटी बनाने की मांग उठवा रहें हैं अपने खड़गों-सूरजो से। वह सूरजे तो यह भी कह देगा मैं सुरजे नहीं हूँ। यह वह पार्टी है जिसमें एक कमल घात शहज़ादे का अम्बुपान करते करते मुख्यमंत्री बन गए हो सकता है कल को खड़गे के हाथ भी कुछ लग जाए।
बतलातें चलें आपको जो मामला देश की अस्मिता से जुड़ा है (प्रत्येक सरकार के देश की सुरक्षा से जुड़े कुछ मामले होते हैं जो सार्वजनिक नहीं किये जाते )किस हस्ती से ये मतिमंद कुमार राहु राजनीति का ,ज़वाब देही मांग रहा है सरकार से। सुप्रीम कोर्ट को तो ये मानते नहीं। इनकी दादी इन्हें आज भी परलोक से सन्देश भेज रही है -शाबाश बेटा डटे रहो।
सवाल एक और उठता है दादी को सन्देश कौन से देश का उपग्रह भेज रहा है क्या चीन यह सब कर रहा है या आईएसआई ?कौन चला रहा है यह अर्थ टू सैटेलाइट बेक टू अर्थ सम्प्रेषण ?
पहले राहुल -कॉल अपना स्रोत बतलाएं कहाँ से उन्हें यह संबोध हुआ कि राफेल सौदा ३० ,००० करोड़ का हुआ है ?किस हक़ से वह सरकार पर संसद पर इस देश की सुरक्षा से जुड़े इस बेहद महत्वपूर्ण मामले पर ऊँगली उठा रहें हैं आखिर कौन नचा रहा है उन्हें अपनी उंगलियों के इशारे पर यह संसदीय नांच ?साफ़ -साफ़ बतलायें।
अगर वह यह सब वोट के मद्दे नज़र कर रहें हैं तो भी उन्हें यह खेल तमाशा महंगा पड़ेगा।
और आखिर में दोस्तों देश के इन कांग्रेस रचित हालातों पर चंद दोहे आएं हैं :
बड़ा अनोखा हो गया लोगों का व्यवहार ,
संसद को छलने लगे छैला राजकुमार।
इतने शहरी हो गए लोगों के ज़ज़्बात ,
संसद में चलने लगे चप्पल घूसें लात।
अबला संसद हो गई ,दुर्मुख हुए दलाल ,
संसद को करने लगे खड़गे खूब हलाल।
वाहगुरुजिओ
भारत का हर -जन उद्वेलित झुलसाती संसद की काया ,
दूर खड़ा छैला हर्षाया खड़गे को नंगा नचवाया। ..
kabirakhadabazarmein.blogspot.com
vaahgurjio.blogspot.com
परलोकि दादी मुस्काए ,करदे बेटा रेलमपेल।
रखियो लाज कुटुम की पूरी वरना बेचेगा तू तेल।
फिर से फाड़ विधानिक निर्णय खड़गे सुरजे को ही ठेल।
होते रहते रोज़ फैसले ,चुके मत ना, बना दे रेल।
राफेल को बोफोर्स बना दे ,सौदे को यकदम बे -मेल।
veerujan.blogspot.com
vaahgurujio.blogspot.com
veerusa.blogspot.com
जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम ,
बिलकुल शेष नहीं है शेम।
देश सुरक्षा गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम,
संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम।
कोर्ट के निर्णय को धकियाते ,
हो जाती जब टै टै टैम।
संसद बनी रखैल है ,इनकी खड़गे -सुरजे हो गए जैम।
लीला -पुरुष खड़ा हतप्रभ है ,फिर भी करता इनसे प्रेम।
प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )
वो पक्का यौद्धा है और परम बोधा है ,
वो बुद्धू नहीं है जैसा तुम सोचो। (मेरा प्यारा चाय वाला ,सबसे निराला मतवाला मस्त )
जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम ,
बिलकुल शेष नहीं है शेम।
देश सुरक्षा गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम,
संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम।
कोर्ट के निर्णय को धकियाते ,
हो जाती जब टै टै टैम।
संसद बनी रखैल है ,इनकी खड़गे -सुरजे हो गए जैम।
लीला -पुरुष खड़ा हतप्रभ है ,फिर भी करता इनसे प्रेम।
प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )
वो पक्का यौद्धा है और परम बोधा है ,
वो बुद्धू नहीं है जैसा तुम सोचो। (मेरा प्यारा चाय वाला ,सबसे निराला मतवाला मस्त )
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