देख लो भैया गौर से इस काले कौवे को ,
जैसा इसका रूप हैं वैसी ही करतूतें।
राजनीति के ये 'केतु' हैं ,'राहु' अपने राहुल भइया ,
अपभाषा में माहिर हैं ,दोनों ही ये मरदूदे।
देख लो भैया गौर से इस काले कौवे को ,
जैसा इसका रूप हैं वैसी ही करतूतें।
राजनीति के ये 'केतु' हैं ,'राहु' अपने राहुल भइया ,
अपभाषा में माहिर हैं ,दोनों ही ये मरदूदे।
असत्यानन्द कहो दोनों को ,
राजनीति के इब्न बतूते।
छद्म भेष धारे हैं दोनों ,
जाने किस- किस के बलबूते।
बात बनाने में प्रवीण हैं ,
कटी न ऊँगली पर ये मूतें।
राजनीति के भूत न भागें ,
बिना लात सिर पे सौ जूते।
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