रविवार, 16 दिसंबर 2018

राहुल शीर्षासन में खड़े होकर माफ़ी मांगें देश और संसद से

राहुल शीर्षासन में खड़े होकर दो टूक माफ़ी मांगें देश और संसद से 

इस छैला राजकुमार की तब बांछें खिल गईं  थीं जब राफेल मुद्दे पर पांच अलग अलग  याचिकाएं दायर हुई थीं  और सुप्रीम कोर्ट ने कहा  था  जो कुछ आप सूचना देना चाहें बंद लिफाफे में देवें क्योंकि मामला देश की प्रतिरक्षा व्यवस्था  से जुड़ा है। स्वागत किया तब राहुल दत्तात्रेय ने सुप्रीम कोर्ट का यह कहते हुए अब खुलेगी पोल। 

अब ये उसी कोर्ट के फैसले को मान ने के लिए तैयार नहीं हैं। जॉइंट पार्लिअमेंटरी कमिटी बनाने की मांग उठवा रहें हैं अपने  खड़गों-सूरजो से। वह सूरजे तो यह भी कह देगा मैं सुरजे नहीं हूँ। यह वह पार्टी है जिसमें एक कमल घात शहज़ादे का  अम्बुपान करते करते मुख्यमंत्री बन गए हो सकता है कल को खड़गे के हाथ भी कुछ लग जाए। 
बतलातें चलें आपको जो मामला देश की अस्मिता से जुड़ा है (प्रत्येक सरकार के देश की सुरक्षा से जुड़े कुछ मामले  होते हैं जो सार्वजनिक  नहीं किये  जाते  )किस हस्ती से ये मतिमंद कुमार राहु राजनीति का ,ज़वाब देही  मांग रहा है सरकार से। सुप्रीम कोर्ट को तो ये मानते नहीं। इनकी दादी इन्हें आज भी परलोक से सन्देश भेज रही है -शाबाश बेटा डटे रहो। 

सवाल एक और उठता है दादी को सन्देश कौन से देश का उपग्रह भेज रहा है क्या चीन यह सब कर रहा है या आईएसआई ?कौन चला रहा है यह  अर्थ टू सैटेलाइट बेक टू अर्थ सम्प्रेषण ?

पहले राहुल -कॉल अपना स्रोत बतलाएं कहाँ से उन्हें यह संबोध हुआ कि राफेल सौदा ३० ,००० करोड़ का हुआ है ?किस हक़ से वह सरकार पर संसद पर इस देश की सुरक्षा से जुड़े इस बेहद महत्वपूर्ण मामले पर ऊँगली उठा रहें हैं आखिर कौन नचा  रहा है उन्हें अपनी उंगलियों के इशारे पर यह संसदीय नांच ?साफ़ -साफ़ बतलायें। 

अगर वह यह सब वोट के मद्दे नज़र कर रहें हैं तो भी उन्हें यह खेल तमाशा महंगा पड़ेगा। 

और आखिर में दोस्तों देश के इन कांग्रेस रचित हालातों पर चंद दोहे आएं हैं :
बड़ा अनोखा हो गया लोगों का व्यवहार ,
संसद को छलने लगे छैला राजकुमार। 

इतने शहरी हो गए लोगों के ज़ज़्बात ,
संसद में चलने लगे चप्पल  घूसें  लात। 

अबला संसद हो गई ,दुर्मुख हुए दलाल ,
संसद को करने  लगे खड़गे खूब हलाल। 
वाहगुरुजिओ 

भारत का हर -जन उद्वेलित झुलसाती संसद की काया ,

दूर खड़ा छैला हर्षाया खड़गे को नंगा नचवाया। .. 

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परलोकि दादी मुस्काए ,करदे बेटा रेलमपेल। 

रखियो लाज कुटुम की पूरी वरना बेचेगा तू तेल। 

फिर से फाड़  विधानिक निर्णय खड़गे सुरजे को ही ठेल। 

होते रहते रोज़ फैसले ,चुके मत ना, बना दे रेल। 

राफेल को बोफोर्स बना दे ,सौदे को यकदम बे -मेल। 

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veerusa.blogspot.com

जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम ,

बिलकुल शेष नहीं है शेम।

देश सुरक्षा  गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम,

संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम।

कोर्ट के निर्णय को धकियाते ,

 हो जाती जब  टै टै टैम।

संसद बनी रखैल है ,इनकी  खड़गे -सुरजे हो गए जैम।

 लीला -पुरुष खड़ा हतप्रभ है ,फिर भी करता इनसे प्रेम।


प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )

वो पक्का यौद्धा  है और परम बोधा है ,
वो बुद्धू  नहीं है जैसा तुम सोचो। (मेरा प्यारा चाय वाला ,सबसे निराला मतवाला मस्त )

सोमवार, 10 दिसंबर 2018

देख लो भैया गौर से इस काले कौवे को , जैसा इसका रूप हैं वैसी ही करतूतें।



देख लो भैया गौर से इस काले कौवे को ,
जैसा इसका रूप हैं वैसी ही करतूतें। 


राजनीति के ये 'केतु' हैं ,'राहु' अपने राहुल भइया ,
अपभाषा में माहिर हैं ,दोनों ही ये मरदूदे। 


देख लो भैया गौर से इस काले कौवे को , 

जैसा इसका रूप हैं वैसी ही करतूतें।


राजनीति के ये 'केतु' हैं ,'राहु' अपने राहुल भइया ,
पभाषा में माहिर हैं ,दोनों ही ये मरदूदे। 

असत्यानन्द कहो दोनों को ,
राजनीति के इब्न बतूते। 

छद्म भेष धारे हैं दोनों ,
जाने किस- किस के बलबूते। 


बात बनाने में प्रवीण हैं ,

कटी न ऊँगली पर ये मूतें। 



राजनीति के भूत न भागें ,

बिना लात सिर पे सौ जूते। 



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जब स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आयुष्मान योजना को लेकर केजरीवाल को आइना दिखाया। जरूर पढ़ें।

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Virendra Sharma बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले,
उन्होंने यह तय किया कि सारे उड़ने वाले
उनके ढंग से उड़े,, रुकें, खायें और गायें
वे जिसको त्यौहार कहें सब उसे मनाएं

कभी कभी जादू हो जाता दुनिया में
दुनिया भर के गुण दिखते हैं औगुनिया में
ये औगुनिए चार बड़े सरताज हो गये
इनके नौकर चील, गरुड़ और बाज हो गये.

हंस मोर चातक गौरैये किस गिनती में
हाथ बांध कर खड़े हो गये सब विनती में
हुक्म हुआ, चातक पंछी रट नहीं लगायें
पिऊ-पिऊ को छोड़े कौए-कौए गायें

बीस तरह के काम दे दिए गौरैयों को
खाना-पीना मौज उड़ाना छुट्भैयों को
कौओं की ऐसी बन आयी पांचों घी में
बड़े-बड़े मनसूबे आए उनके जी में

उड़ने तक तक के नियम बदल कर ऐसे ढाले
उड़ने वाले सिर्फ़ रह गए बैठे ठाले
आगे क्या कुछ हुआ सुनाना बहुत कठिन है
यह दिन कवि का नहीं, चार कौओं का दिन है

उत्सुकता जग जाए तो मेरे घर आ जाना
लंबा किस्सा थोड़े में किस तरह सुनाना ?
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शीर्षक :देख लो भैया गौर से इस काले कौवे को ,

जैसा इसका रूप है वैसी करतूतें हैं 

बुधवार, 5 दिसंबर 2018

कुम्भाराम या कुम्भकरण बतला रहें हैं मसखरा राहू

कुम्भाराम या कुम्भकरण बतला रहें हैं मसखरा राहू 

हाल ही में राजस्थान की एक चुनावी सभा में मसखरा राहु ने एक कुम्भकरण लिफ्ट योजना का दो बार ज़िक्र किया ,जब तीसरी बार अशोक गहलोत साहब ने इस मसखरे को टहोका मारते हुए फुसफुसाया -कुम्भाराम आर्य तब यह बोला कुम्भा योजना हमने आरम्भ की है। 

हम यह पोस्ट अपने अनिवासी भारतीयों को बा -खबर करने के लिए लिख रहें हैं ,कि मान्यवर यह व्यक्ति (मसखरा राहु ,शहज़ादा कॉल ,मतिमंद दत्तात्रेय आदिक नामों से ख्यात )जब आलू की फैक्ट्री लगवा सकता है इनके महरूम पिता श्री गन्ने के कारखाने लगवा सकते हैं तब यह  'कौतुकी -लाल' श्री लंका में सुदूर त्रेता -युग में कभी पैदा हुए कुंभकर्ण को आराम से कुम्भाराम का पर्याय बतला सकता है इसके लिए दोनों में कोई फर्क इसलिए नहीं है क्योंकि इन्हें और इनकी अम्मा को न इस देश के इतिहास का पता है और न भूगोल का और ये मतिमंद अबुध कुमार अपने आप को स्वयं घोषित भावी प्रधानमन्त्री मान बैठने का मैगलोमनिया पाले बैठा है। 

भारत धर्मी समाज का काम लोगों तक सूचना पहुंचाना है।हमने किसी से कोई लेना देना नहीं है अलबत्ता भारत धर्मी समाज को सचेत करते रहना हमारा धर्म है। हमारे लिए सब समान हैं।  

न काहू से दोस्ती न काहू से बैर ,
कबीरा खड़ा बाज़ार में सबकी चाहे खैर। 

विशेष :जल्दी ही आप पढ़ेंगे इनकी मातु श्री को कितने नामों से जाना जाता है कहीं वह सिग्नोरा गांधी हैं कहीं अंतोनियो मायनो , कहीं सोनिया गांधी। (http://newsloose.com/)कौन है क्रिश्चियन मिशेल क्या है सोनिया गांधी उर्फ़ सिग्नोरा गांधी से रिश्ता ,सन्दर्भ अगस्ता वैस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद (२० १० )

शनिवार, 1 दिसंबर 2018

(नज़र कभी आये नहीं ,जो भारत के साथ , सत्ता वे यदि पा गए ,होगा हिन्द अनाथ।आतंकी ज़ेहादियों के जो पैरोकार , जीत गए तो देश का होगा बंटाधार।

मित्रवर कविवर  स्वर्णकार ,जी की राष्ट्रवाद से संसिक्त  सामयिक दोहावली :

२०१९ के आलोक में :

 दोस्तों आप सभी वाकिफ है उन ताकतों से नेहरू पंथी कांग्रेस के अवशेषों से जो देश को विखंडित करने की हर चाल चलते रहें हैं नेहरू से लेकर मतिमंद राजकुमार तक सब यही करते आये हैं। 

रक्तरंगियों के किस्से जिन्हें मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम इसीलिए कहा जाता है ये अपने को बौद्धिक मानते बतलाते हैं ,आज़ादी के  पहले से पुरानी पीढ़ी जानती है। अंग्रेज़ों के ये मुखबिर और इनके पाले हुए कन्हैयानुमा शातिर आज भी यही काम कर रहें हैं। 

और उस भोपाली बाज़ीगर को आप भूले नहीं होंगे जो ओसामा बिन लादेन को ओसामा कहके अदब से बात करने की ताकीद करता था। जिसके अमरीकी लड़ाकू दस्तों द्वारा मारकर सागर में कहीं फेंक देने के बाद  इसी बाज़ीगर ने कहा था :आदर पूर्वक सुपुर्दे ख़ाक होने का हक़ सब को दिया जाना चाहिए। इसका बस चलता तो लादेन की यह मज़ार अपने आंगन में बनवा देता। यही वे लोग हैं जो एक आतंकी की  फ़ासी मुलतवी करवाने आधी रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा देते हैं राफेल जैसे मुद्दे पर अपनी  देशद्रोही आदत के आगे ढीठ बने हुए हैं। इनका सरयू तीरे  तर्पण  करने का वक्त आ गया है। भगवान् इनकी भी आत्मा को शान्ति प्रदान करे। 

(१ )भेदभाव करते सदा जो हिन्दू के साथ ,

वोट उन्हें देकर अरे !क्यों कटवाए हाथ। 

(२ )हमलावर जिनके लिए ,बने हुए आदर्श ,

वोट उन्हें क्यों ?हम करें ,मंथन और विमर्श। 

(३ )गद्दारों आतंकियों से जिनके सम्बन्ध ,

वोट उन्हें दे क्यों बने ,हम अंधे मतिमंद ?

 (४ )ज़ेहादी हैं प्रिय जिन्हें ,प्रिय हैं दहशदगर्द ,

हिन्दू के वे कब हुए ,हितचिंतक हमदर्द ?

(५ )हैं हिन्दू माँ बाप की ,हम तुम यदि संतान ,

बैर रखें हिंदुत्व से उनको लें  पहचान। 

(६ )गले मिलें ज़ेहादियों से जो खुल्लेआम !

उन्हें चुने क्यों ?प्रिय नहीं जिन्हें हमारे राम। 

(७ )भारत माता की जिन्हें ,जय भी नहीं पसंद !

पहचानो इनको ,यही भारत के जयचंद। 

(८ )दिखते जो हिन्दू ,मगर ,हिन्दू से ही घात ,

दिखलादो उन दोगलों, को उनकी  औक़ात। 

(९ )मत भूलो किसने कहा -भारत मुर्दाबाद ,

भरतवंशियों के वही हत्यारे जल्लाद। 

(१० )देशद्रोहियों के बने ,रक्षक पहरेदार ,

भूल न जाना हैं वही ,भारत के गद्दार। 

(११ )जो भारत को तोड़ने ,को बैठे तैयार !

नमकहरामों से जुड़े उन कुटिलों के तार।| 

 (१२ )सत्ता उन्हें न सौंपिये ,जिन्हें गैर से प्यार ,

कहीं न अपनी पीढ़ियां भुगतें अत्याचार। 

(१३ )आतंकी ज़ेहादियों के जो पैरोकार ,

जीत गए तो देश का होगा बंटाधार। 

(१४ )नज़र कभी आये नहीं ,जो भारत के साथ , 

सत्ता वे यदि पा गए ,होगा हिन्द अनाथ। 

(१५ )देते आये भूल से ,अगर गलत का साथ !

अब भी चेतो  साथियों ,जागो तभी प्रभात। 

(१६  )'नोटा 'राष्ट्रविरोधियों का है इक षड़यंत्र ,

राष्ट्र हितैषी को चुने ,वोट अमोलक मंत्र। 

प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा 'बोले तो' आपका वीरुभाई (भारत धर्मी समाज )

कैन्टन (मिशिगन )यूएसए 

विशेष :नीचे दी गई तेलंगाना से एक रिपोर्ट और राजस्थान अंचल के  राष्ट्रीय  कवि  के उद्गारों में साम्य होना क्या महज़ इत्तेफाक है या इसके गहरे निहितार्थ हैं ?निर्णय आप कीजिये :

BJP national general secretary P Muralidhar Rao on Friday accused the Congress of joining hands with the Naxals to oust Prime Minister Narendra Modi.

"Congress party has joined hands with Naxalites to oust Prime Minister Narendra Modi and his leadership,” Rao told reporters here at a press conference.
In his poll rallies, Modi has also accused the Congress of backing 'urban Maoists'.
Rao also claimed that Congress has promised Scheduled Caste (SC) status to the Christians in its election manifesto for Telangana.
"The promise made in the election manifesto is an open challenge to Indian Constitution. It has pointed fingers on the country's entire system," he said.