'जो आदमी कुत्ते की तरह फुटपाथ पे सोता है वह कुत्ते की मौत मरता है। सड़क गरीबों के बाप की नहीं हैं' -ये उदगार सलमान हादसे पर गायक अभिजीत के थे। तिस पर उन्होंने ये भी जड़ दिया -मैं भी डेढ़ साल तक बे -घर था मैं तो फुटपाथ पे नहीं सोया। गोया उन्होंने प्रकारांतर से मान लिया है कि डेढ़ साल तक वह भी कुत्ता थे।
सड़क तो गरीबों के बाप की नहीं हैं फुटपाथ क्या अमीरों के बाप का है।
गायक का सबंध भावना से होता है लेकिन अचनाक वह भौंकने लगे तो आश्चर्य होता है। ये अच्छी बात है उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ है और उन्होंने माफ़ी मांग ली है अपनी इस संवेदहीनता के लिए। वह कुत्ता से फिर आदमी बन गए हैं इसीलिए हमें भी एक गायक के रूप में अब वे स्वीकार्य है।
डेढ़ सालतक मैं भी कुत्ता था
सड़क तो गरीबों के बाप की नहीं हैं फुटपाथ क्या अमीरों के बाप का है।
गायक का सबंध भावना से होता है लेकिन अचनाक वह भौंकने लगे तो आश्चर्य होता है। ये अच्छी बात है उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ है और उन्होंने माफ़ी मांग ली है अपनी इस संवेदहीनता के लिए। वह कुत्ता से फिर आदमी बन गए हैं इसीलिए हमें भी एक गायक के रूप में अब वे स्वीकार्य है।
डेढ़ सालतक मैं भी कुत्ता था
1 टिप्पणी:
राम राम सर जी।
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