कुमार विश्वास से बकवास तक की यात्रा
'आप ' पार्टी के कुमार विश्वास आजकल चर्चा -कुचर्चा में हैं। चर्चा में रहना उन्हें बाखूबी आता है। मसलन स्वयं पर टमाटर अंडे फिंकवाना उनका मौलिक अभ्यास हो गया है। यहां तक के मुंह पे स्याही पुतवा लेना भी उनके शौक में शामिल है। दरअसल 'आप ' पार्टी के अराजक कहे जाने वाले लोगों ने ऐसी ऐसी हरकतें की हैं कि लोगों में उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। अब जनसामान्य की दृष्टि में कुमार विश्वास ,कुमार बकवास हो गए हैं। हम तो नहीं चाहते कि उनका ऐसा यश फैले पर किस्से इस तरह से फैलते हैं तो बहुत सारी पर्तें खुलतीं हैं।
जिस मुस्लिम महिला ने खुद को बदनाम किये जाने को कुमार विश्वास से जोड़ा है उसकी मांग मात्र इतनी है कि इस मामले में सार्वजनक खंडन करके उनकी टूटती पारिवारिक ज़िंदगी को बचा लें क्योंकि उनके शौहर ने बदनामी की वजह से उस महिला को घर से बाहर कर दिया है। उस महिला के दो बच्चे हैं जिन पर इस तरह की परेशानी में पड़ जाने वाली महिला ने यदि कुमार विश्वास से ये अपेक्षा की है कि वह ऐसी बातों का खंडन करें खासकर तब जब वह कुमार विश्वास के चुनाव के दौरान अमेठी में उनके पक्ष में वहीँ रहकर प्रचार कर चुकीं हैं।
अब इन सब बातों को देखते हुए कुमार विश्वास का मीडिया कर्मियों पर झल्लाना समझ से परे है। मीडियाकर्मी महिलाओं से यह कहना कि तुम्हारे घर में बहन बेटियां नहीं हैं ये तो विश्वास की भाषा नहीं है। शायद इसी वजह से लोगों ने उन्हें कुमार बक़वास कहना शुरू कर दिया है। पता नहीं माँ बाप ने उनका नाम विश्वास कुमार रखा होगा पर शीर्षासन करके वे कुमार विश्वास हो गए। पर विश्वास से बकवास तक की यात्रा लोक मन को भी दुःख देती है।
जब उस महिला के पति महिला आयोग में हाज़िर होकर अपनी बात कह चुके हैं तो उस कुमार विश्वास को क्या दिक्कत है कि वह उस महिला से अपने कथित संबंधों को सार्वजनिक खंडन करे। सार्वजनक जीना जिस पर वैयक्तिक नैतिकता की खाल ओढ़ना ये लोक मन को स्वीकार नहीं। हमें इस बात का दुःख है कि स्वयं को कुमार बकवास कहे जाने के औचित्य को वे सिद्धांत का जामा पहना रहे हैं। लोकापवाद का निराकरण बहुत ज़रूरी है।
'आप ' पार्टी के कुमार विश्वास आजकल चर्चा -कुचर्चा में हैं। चर्चा में रहना उन्हें बाखूबी आता है। मसलन स्वयं पर टमाटर अंडे फिंकवाना उनका मौलिक अभ्यास हो गया है। यहां तक के मुंह पे स्याही पुतवा लेना भी उनके शौक में शामिल है। दरअसल 'आप ' पार्टी के अराजक कहे जाने वाले लोगों ने ऐसी ऐसी हरकतें की हैं कि लोगों में उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। अब जनसामान्य की दृष्टि में कुमार विश्वास ,कुमार बकवास हो गए हैं। हम तो नहीं चाहते कि उनका ऐसा यश फैले पर किस्से इस तरह से फैलते हैं तो बहुत सारी पर्तें खुलतीं हैं।
जिस मुस्लिम महिला ने खुद को बदनाम किये जाने को कुमार विश्वास से जोड़ा है उसकी मांग मात्र इतनी है कि इस मामले में सार्वजनक खंडन करके उनकी टूटती पारिवारिक ज़िंदगी को बचा लें क्योंकि उनके शौहर ने बदनामी की वजह से उस महिला को घर से बाहर कर दिया है। उस महिला के दो बच्चे हैं जिन पर इस तरह की परेशानी में पड़ जाने वाली महिला ने यदि कुमार विश्वास से ये अपेक्षा की है कि वह ऐसी बातों का खंडन करें खासकर तब जब वह कुमार विश्वास के चुनाव के दौरान अमेठी में उनके पक्ष में वहीँ रहकर प्रचार कर चुकीं हैं।
अब इन सब बातों को देखते हुए कुमार विश्वास का मीडिया कर्मियों पर झल्लाना समझ से परे है। मीडियाकर्मी महिलाओं से यह कहना कि तुम्हारे घर में बहन बेटियां नहीं हैं ये तो विश्वास की भाषा नहीं है। शायद इसी वजह से लोगों ने उन्हें कुमार बक़वास कहना शुरू कर दिया है। पता नहीं माँ बाप ने उनका नाम विश्वास कुमार रखा होगा पर शीर्षासन करके वे कुमार विश्वास हो गए। पर विश्वास से बकवास तक की यात्रा लोक मन को भी दुःख देती है।
जब उस महिला के पति महिला आयोग में हाज़िर होकर अपनी बात कह चुके हैं तो उस कुमार विश्वास को क्या दिक्कत है कि वह उस महिला से अपने कथित संबंधों को सार्वजनिक खंडन करे। सार्वजनक जीना जिस पर वैयक्तिक नैतिकता की खाल ओढ़ना ये लोक मन को स्वीकार नहीं। हमें इस बात का दुःख है कि स्वयं को कुमार बकवास कहे जाने के औचित्य को वे सिद्धांत का जामा पहना रहे हैं। लोकापवाद का निराकरण बहुत ज़रूरी है।
India News | Edited by Abhinav Bhatt | Tuesday May 5, 2015
The Delhi Commission for Women has summoned prominent Aam Aadmi Party leader Kumar Vishwas and his wife on a complaint by a woman volunteer of his party, who wants him to make a public clarification that they were not in an "illicit relationship" whi...
2 टिप्पणियां:
वीरू भाई मैं आप की रॉय से एकदम सहमत हूँ ...
शुभकामनायें |
सहमत ... कवी तो वैसे भी सरल ह्रदय होना चाहिए ...
एक टिप्पणी भेजें