अमेठी फ़ूड पार्क
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के लिए अमेठी का फ़ूड पार्क उनके गले की हड्डी बन गया है। लोकसभा में राहुल ने इस मुद्दे को ज़ोरदार हंगामे के साथ उठाया। इससे पहले उन्होंने वर्तमान सरकार के लिए चोर शब्द का बेहूदा इस्तेमाल भी किया।सत्कार की भाषा तो इस शहज़ादे को आती नहीं है। क्योंकि भाषा बोध संस्कारों से जुड़ा होता है और संस्कार ये दुर्बुद्ध उस महान महीयसी के लिए है जो गत पांच दशकों में भी न तो इस देश की भाषा सीख सकी हैं न हिन्दुस्तानी तहज़ीब।
अमेठी फ़ूड परियोजना मूलतया यूपीए शासन काल में २०१० में उठायी गई थी ,किन्तु पांच साल तक यूपीए सरकार सोती रही। लेकिन चुनाव से पहले राहुल की ज़िद पर अमेठी फ़ूड पार्क की घोषणा करा दी गई। इस फ़ूड पार्क को विकसित करने वाली आदित्य बिरला कम्पनी की ओर से सोलह जनवरी दो हज़ार तेरह (16.01.2013)को सहयोग के लिए यूपीए सरकार को चिठ्ठी लिखी गई। किन्तु यूपीए सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कम्पनी से सरकार से सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की बात कही थी। उन्होंने जगदीशपुर के गेलप्लांट से गैस देने की मांग भी की थी। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि फ़ूड पार्क के लिए यूपीए सरकार के उस समय के पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने घरेलू प्राकृतिक गैस उपलब्ध कराने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी। ये तो उस समय की बात है जब यूपीए सरकार की सोनिया का रूतबा पूरी बुलंदियों पर था। यूपीए सरकार ने इस योजना के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसा कोई पिता अपनी सौतेली औलाद के साथ भी नहीं करता होगा।
आखिर उस समय श्रीमती सोनिया क्या कर रहीं थीं। क्यों नहीं उस समय श्रीमती सोनिया ने अपने अगूंठे के नीचे चल रही यूपीए सरकार का गला दबाया ?उल्लेखनीय है कि अपने उत्कर्ष काल में इस यूपीए सरकार ने जिस योजना को २०१० में मंजूरी दी थी उसके लिए वांछित ७२ एकड़ की ज़मीन में कमसे पचास एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना ज़रूरी था। अक्टूबर दो हज़ार तरह तक अमेठी फ़ूड पार्क की इस परियोजना को यूपीए सरकार आठ बार विस्तार दे चुकी थी। बिना बात के बात ही बात में केंद्रीय सरकार के लिखित निर्णय को फाड़ कर फैंक देने का नाटक करने वाले श्रीमान राहुल चुप रहे। इसके लागू न करने का दोष मोदी सरकार पर लगा रहे हैं ,उन्हें ज़मीन अधिग्रहण करने से किसने रोका था ?फिर इस सब के हुए बिना श्रीमती सोनिया और राहुल को अक्टूबर २०१३ में इस फ़ूड पार्क का शिलान्यास करते समय थोड़ी सी भी शर्म नहीं आई ?
Rahul Gandhi's own UPA govt junked
Amethi food park project in 2013
NEW DELHI: While Congress and Rahul Gandhi are accusing the Modi government of resorting to "politics of vendetta" on mega food park in Amethi, the documents accessed by Times Now show that the Amethi project was shelved by the UPA government in January, 2013.
Amethi food park's corporate partner pulled out due to the UPA government's decision of not allowing it to access natural gas from GAIL plant, Times Now reported on Wednesday.
Earlier in the day, the issue of mega food park in Rahul Gandhi's constituency Amethi again generated heat in the Lok Sabha.
There were verbal exchanges between members of Congress and treasury benches after leader of the Congress Mallikarjun Kharge referred to the food park scrapped by the Narendra Modi government.
Alleging that "politics of vendetta" was being resorted to either by cancelling or not proceeding ahead with projects cleared by the erstwhile UPA regime, he came out names of several such projects including a canal project in Rajasthan named after Indira Gandhi and 1000-bedded National Cancer Institute as part of expansion of AIIMS in Delhi.
"If this is not politics of vendetta, what is it," Kharge asked.
He then referred to the statement made by food processing minister Harsmirat Kaur on the reasons for cancellation of the Amethi food park.
Immediately Kaur repeatedly sought to have a say, contending that her name has been taken by the Congress leader and she should be given right to reply.
READ ALSO: On Amethi food park issue, Rahul accuses PM Modi of 'politics of revenge'
Amethi food park: Govt mounts counter attack on Rahul
Egged on by BJP members including Kirit Somaiya and ministers like Smriti Irani sitting by her side, Kaur pressed for having a say despite Speaker Sumitra Mahajan repeatedly telling her that she was not allowing her to speak.
Kaur's attempts angered Congress members who stormed into the well of the House forcing the Speaker to adjourn the House for 20 minutes.
The issue was first raised by Rahul in the House last week.
When the House re-assembled, the Speaker allowed Kaur to table her response drawing sharp reaction from the Congress members.
As the Speaker pacified the Congress members and took up the Negotiable Instruments Bill for consideration, some BJP members from Rajasthan raised slogans alleging that Congress was misleading the House on the Rajasthan canal project aimed at providing drinking water to some towns.
A visibly annoyed Speaker then adjourned the House till 2pm observing that the members did not appear to be in a mood for smooth conduct of the House.
Rahul Gandhi, Congress vice-president, had last week attacked the government over the issue and also accused Prime Minister Narendra Modi of practising politics of revenge.
(With inputs from PTI)
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल के लिए अमेठी का फ़ूड पार्क उनके गले की हड्डी बन गया है। लोकसभा में राहुल ने इस मुद्दे को ज़ोरदार हंगामे के साथ उठाया। इससे पहले उन्होंने वर्तमान सरकार के लिए चोर शब्द का बेहूदा इस्तेमाल भी किया।सत्कार की भाषा तो इस शहज़ादे को आती नहीं है। क्योंकि भाषा बोध संस्कारों से जुड़ा होता है और संस्कार ये दुर्बुद्ध उस महान महीयसी के लिए है जो गत पांच दशकों में भी न तो इस देश की भाषा सीख सकी हैं न हिन्दुस्तानी तहज़ीब।
अमेठी फ़ूड परियोजना मूलतया यूपीए शासन काल में २०१० में उठायी गई थी ,किन्तु पांच साल तक यूपीए सरकार सोती रही। लेकिन चुनाव से पहले राहुल की ज़िद पर अमेठी फ़ूड पार्क की घोषणा करा दी गई। इस फ़ूड पार्क को विकसित करने वाली आदित्य बिरला कम्पनी की ओर से सोलह जनवरी दो हज़ार तेरह (16.01.2013)को सहयोग के लिए यूपीए सरकार को चिठ्ठी लिखी गई। किन्तु यूपीए सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कम्पनी से सरकार से सस्ती बिजली उपलब्ध कराने की बात कही थी। उन्होंने जगदीशपुर के गेलप्लांट से गैस देने की मांग भी की थी। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि फ़ूड पार्क के लिए यूपीए सरकार के उस समय के पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने घरेलू प्राकृतिक गैस उपलब्ध कराने में असमर्थता व्यक्त कर दी थी। ये तो उस समय की बात है जब यूपीए सरकार की सोनिया का रूतबा पूरी बुलंदियों पर था। यूपीए सरकार ने इस योजना के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसा कोई पिता अपनी सौतेली औलाद के साथ भी नहीं करता होगा।
आखिर उस समय श्रीमती सोनिया क्या कर रहीं थीं। क्यों नहीं उस समय श्रीमती सोनिया ने अपने अगूंठे के नीचे चल रही यूपीए सरकार का गला दबाया ?उल्लेखनीय है कि अपने उत्कर्ष काल में इस यूपीए सरकार ने जिस योजना को २०१० में मंजूरी दी थी उसके लिए वांछित ७२ एकड़ की ज़मीन में कमसे पचास एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना ज़रूरी था। अक्टूबर दो हज़ार तरह तक अमेठी फ़ूड पार्क की इस परियोजना को यूपीए सरकार आठ बार विस्तार दे चुकी थी। बिना बात के बात ही बात में केंद्रीय सरकार के लिखित निर्णय को फाड़ कर फैंक देने का नाटक करने वाले श्रीमान राहुल चुप रहे। इसके लागू न करने का दोष मोदी सरकार पर लगा रहे हैं ,उन्हें ज़मीन अधिग्रहण करने से किसने रोका था ?फिर इस सब के हुए बिना श्रीमती सोनिया और राहुल को अक्टूबर २०१३ में इस फ़ूड पार्क का शिलान्यास करते समय थोड़ी सी भी शर्म नहीं आई ?
शिलान्यास करके मुद्दे को छोड़ देना कांग्रेसियों की पुरानी आदत है। ऐसा ही व्यवहार राजीव गांधी ने राम मंदिर मुद्दे पर किया था।उससे जुडी अन्य योजनाओं का क्या होगा जिनकी घोषणा श्रीमती सोनिया और राहुल ने गला फाड़ आवाज़ में की थी। अब अमेठी ऊंचाहार रेल खंड योजना का क्या होगा ?रायबरेली एम्स की सेटेलाइट शाखा का कब काम करेगी। उस सैनिक स्कूल का क्या होगा जिसके लिए पचास एकड़ भूमि देने का चुनावी नारा दिया गया था। उस समय केंद्रीय विद्यालय और अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा भी की गई थी। यूपीए सरकार नेट्रिप प्रॉजेक्ट (National Automotive Testing Research and Infrastructure Project,NATRIP )के लिए भी बढ़चढ़कर घोषणाएं की थीं। लेकिन सभी योजनाओं के लिए न कोई साधन जुटाए गए और न ही वांछित ज़मीन का अधिग्रहण किया गया। कांग्रेस के लिए तो एक ही तरीका शेष बचा है कि श्रीमती सोनिया हो रही इस भद्द के लिए मनमोहन सरकार पर हमला बोल दें।अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए राहुल को भी यही करना चाहिए। मनमोहन सरकार ने इस मामले में कुछ किया ही नहीं मैं क्या करता ? अब पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह यदि अपनी आत्मा की आवाज़ सुनेंगे तो यही कहेंगे कि मैं क्या कर सकता था। श्रीमती सोनिया ने कुछ करने ही नहीं दिया। अब दरअसल ये सारा फसाद श्रीमती सोनिया ओर राहुल के बीच का है,और पिस रही है अमेठी की गरीब जनता। अब अमेठी की जनता को आगे सावधान हो जाना चाहिए कि परिवार -सीमित -कांग्रेस फिर कोई और छल न कर दे। लोगों की ये टिप्पणी बिलकुल सही बैठती है कि श्रीमान राहुल और सोनिया जिस फ़ूड पार्क को अपने गले का हार बनाने जा रहे थे वह उनके गले का फंदा बन गया है।
Rahul Gandhi's own UPA govt junked
Amethi food park project in 2013
NEW DELHI: While Congress and Rahul Gandhi are accusing the Modi government of resorting to "politics of vendetta" on mega food park in Amethi, the documents accessed by Times Now show that the Amethi project was shelved by the UPA government in January, 2013.
Amethi food park's corporate partner pulled out due to the UPA government's decision of not allowing it to access natural gas from GAIL plant, Times Now reported on Wednesday.
Earlier in the day, the issue of mega food park in Rahul Gandhi's constituency Amethi again generated heat in the Lok Sabha.
There were verbal exchanges between members of Congress and treasury benches after leader of the Congress Mallikarjun Kharge referred to the food park scrapped by the Narendra Modi government.
Alleging that "politics of vendetta" was being resorted to either by cancelling or not proceeding ahead with projects cleared by the erstwhile UPA regime, he came out names of several such projects including a canal project in Rajasthan named after Indira Gandhi and 1000-bedded National Cancer Institute as part of expansion of AIIMS in Delhi.
"If this is not politics of vendetta, what is it," Kharge asked.
He then referred to the statement made by food processing minister Harsmirat Kaur on the reasons for cancellation of the Amethi food park.
Immediately Kaur repeatedly sought to have a say, contending that her name has been taken by the Congress leader and she should be given right to reply.
READ ALSO: On Amethi food park issue, Rahul accuses PM Modi of 'politics of revenge'
Amethi food park: Govt mounts counter attack on Rahul
Egged on by BJP members including Kirit Somaiya and ministers like Smriti Irani sitting by her side, Kaur pressed for having a say despite Speaker Sumitra Mahajan repeatedly telling her that she was not allowing her to speak.
Kaur's attempts angered Congress members who stormed into the well of the House forcing the Speaker to adjourn the House for 20 minutes.
The issue was first raised by Rahul in the House last week.
When the House re-assembled, the Speaker allowed Kaur to table her response drawing sharp reaction from the Congress members.
As the Speaker pacified the Congress members and took up the Negotiable Instruments Bill for consideration, some BJP members from Rajasthan raised slogans alleging that Congress was misleading the House on the Rajasthan canal project aimed at providing drinking water to some towns.
A visibly annoyed Speaker then adjourned the House till 2pm observing that the members did not appear to be in a mood for smooth conduct of the House.
Rahul Gandhi, Congress vice-president, had last week attacked the government over the issue and also accused Prime Minister Narendra Modi of practising politics of revenge.
(With inputs from PTI)
2 टिप्पणियां:
युवराज जी ऐसे नेता हैं जो बस बोलना चाहते हैं शायद टी आर पी चाहते हैं ... बस बोलेंगे ... जवाब नहीं देंगे ... उनके लिए उनके चमचे हैं ...
अमेठी फूड पार्क के मुद्दे पर कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है। अच्छी बात ये है कि ज्यादातर लोग सब जानते हैं।
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