बुधवार, 16 जुलाई 2014

एक तो कांग्रेसी और ऊपर से दिग्विजय

"एक तो कांग्रेसी और ऊपर से दिग्विजय ","तोषा  और पोषा" (यानी तोषण और पोषण करने वाला ),एक ही व्यक्ति दिग्विजय के सन्दर्भ में भारत में ये दोनों अभिनव मुहावरे पुराने घिसे पिटे मुहावरों -"करेला और ऊपर से नीमचढ़ा" तथा तुष्टि और पुष्टि की जगह लेते जा रहे हैं। इनकी अर्थच्छटा को वैयाकरण के नव आचार्यों  ने अर्थ और सौंदर्य दोनों की दृष्टि से ज्यादा सार्थक बतलाया है कोढ़ी और खजेला किसी को कहना वैसे भी ठीक नहीं है। अलबत्ता दिग्विजय कांगेस के लिए वही काम कर रहे हैं जो कोढ़ में खाज करती है।

तो आतंकियों के लिए "ज़नाब" और "जी "का सम्बोधन करने वाले ,उनके एनकाउण्टर में  मारे जाने पर उनके घर जाकर शोक प्रगट करने वाले ,आतंकियों को बिरयानी खिलाने वाले ,ओसामा बिन लादेन के समुन्दर में फैंक दिए जाने पर हाथ पाँव पटकते हुए  उन्हें भी सम्मान पूर्वक सुपुर्दे ख़ाक करने की हिमायत करने वाले "दिग्विजय का सत्य "भारत ही नहीं दुनिया भर में बोले जाना वाला  सबसे बड़ा झूठ है।

सन्दर्भ राष्ट्रवादी धारा के लेखक -पत्रकार वेदप्रताप वैदिक जी की बहुचर्चित हाफ़िज़ सईद के साथ हालिया भेंट से जुड़ा है।दिग्विजय कह रहे हैं वैदिक ने दोनों कश्मीरों की आज़ादी की हिमायत की है। कहा है दोनों परस्पर खुश रहें।

ज़नाब दिग्विजय डॉन अखबार ने जो कुछ भी छाप दिया है उसे सच मान रहे हैं। पहले वैदिक जी से पूछ तो लिया जाए उन्होंने उस भेंट में क्या कहा था।ऐसा कुछ कहा भी था या नहीं।   एक राष्ट्रवादी के ऊपर डॉन को  तरजीह देकर वैदिक की  गिरिफ्तारी की मांग दिग्विजय ही कर सकते हैं।

दिग्विजय सोच के कांग्रेसी आज कांग्रेस के लिए ख़तरा बने हुए हैं इनसे यह एक सो पच्चीस  साला पार्टी जितनी जल्दी छुटकारा पाये उतना ही पार्टी और देश दोनों के हित  में होगा ऐसा भारत धर्मी समाज मानता है।

जय भारत !

Met Hafiz Saeed only


 as a journalist, Ramdev


 aide Ved Prakash Vaidik says

NEW DELHI: Even as his meeting with 26/11 attack mastermind Hafiz Saeed created a furore in Parliament and outside, journalist and Baba Ramdev associate Ved Prakash Vaidik said he had consented to meet the Jamaat-ud-Dawa boss purely at the behest of a journalist friend from Pakistan.

"When I was in Pakistan, the media criticism of Hafiz Saeed in India came up for discussion. It was then that a Pakistani journalist asked me if I would like to meet Saeed in person. I agreed and a call was immediately made to fix the meeting," he told TOI, denying any other motive to his appointment with the most-wanted terrorist.

Refuting allegations that he had met Saeed as an envoy of the Narendra Modi government, Vaidik told TOI that his interface with the Jamaat-ud-Dawa boss was driven only by journalistic considerations. "I would like to tell Congress, which is alleging that I met him on behalf of the government, to attack the Modi regime directly rather than train its guns from my shoulders".

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"I am a known name in Pakistan. My writings and articles are translated and reproduced in Pakistani media. In my 55 years of journalistic career, I have not declined to meet anyone. I have met Maoist leaders and LTTE leaders including Prabhakaran," said Vaidik. "I wanted to analyse Saeed's mind and know why he committed heinous crimes against India," he added.

He denied being part of the Vivekananda International Foundation, with which IB chief Ajit Kumar Doval was earlier associated. This has been alleged as the reason why he was chosen to play the government's 'envoy' to reach Saeed. "I have never been associated with the government and do not look at such association in the future. I am an independent journalist who is free to meet anyone," he told TOI.



"I have met enemies of the country in the past ... my experience says resolution of conflict is possible not through the gun but talks," he said.


However, asked if he was advocating talks with Saeed, Vaidik said, "I am neither the prime minister not the government's representative.... It is for the government, Army chief, police and the courts to discharge their responsibilities in this regard," he underlined.

The issue led to two adjournments in the Rajya Sabha. Though the government said it had nothing to do with the meeting and that there was no 'Track-2 or Track-3' diplomacy involved, opposition members led by Congress sought to link Vaidik's controversial enterprise with the BJP and highlighted Ramdev's support for Modi's prime ministerial bid.

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There was uproar in Lok Sabha too with members seeking response over the "purpose and motive" behind the meeting from the home minister or external affairs minister.

Leader of the upper House and finance minister Arun Jaitley said for India, Saeed was a terrorist and indeed involved in terrorism against India. Government had nothing to do with "directly, indirectly or even remotely" with any journalist meeting Saeed.

As the controversy refused to die down, minister of state for parliamentary affairs and environment Prakash Javadekar said, "I want to clarify that we don't approve any such activity (meeting with Saeed)".

Even as Vaidik termed his meeting with Saeed as a journalistic call, the latter tweeted: "Row in Indian Parliament over a journalist's meeting with us shows the extremism, narrow-mindedness of their (Indian) politicians...utterly shameful".

"We meet everyone with an open heart, whoever wants to meet; regardless of nation, belief or religion...Sadly, so-called 'secular' India is unable to bear an informal meeting of her journalist, Mr Vaidik, another eg (example) of Indian narrow-mindedness," Saeed tweeted through his official Twitter handle.

Giving a peek into what transpired during the interview, Saeed said, "We discussed how all 26/11 evidences provided by India have been rejected and (I) asked Mr Vaidik why India does not respect Pakistani courts. Vaidik asked if we would protest Modi's visit to Pakistan, on which I replied, 'We don't participate in such politics and protests'."

देखो संसद को सिर पे उठा 



रखा है इन कांग्रेसियों ने :



वैदिक ने पाकिस्तान में किया कश्मीर की आजादी का समर्थन?


डॉ. वेद प्रताप वैदिक लगातार दूसरे दिन विवाद में हैं। मंगलवार सुबह पाकिस्तान के न्यूज चैनल डॉन न्यूज को दिए वैदिक का इंटरव्यू भी सामने आ गया, जिसमें एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान राजी हों तो कश्मीर की आजादी में कोई हर्ज नहीं है। अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर दोनों तरफ के कश्मीरी तैयार हो और दोनों देश भी तैयार हो तो आजाद कश्मीर बनाने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर कश्मीर आजाद मुल्क बन गया तो वह पाकिस्तान के लिए बड़ा सिरदर्द बन जाएगा।

26/11 मुंबई हमले के आरोपी मास्टरमाइंड हाफिज सईद से पाकिस्तान जाकर मुलाकात करने वाले पत्रकार वेद प्रताप वैदिक को लेकर लगातार दूसरे दिन राजनीतिक घमासान जारी है। कांग्रेस ने दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाया और कार्यवाही नहीं चलने दी, जबकि सरकार ने कहा कि हाफिज-वैदिक की मुलाकात की उसे जानकारी तक नहीं थी और यह एक निजी मुलाकात थी। कांग्रेस उपध्यक्ष राहुल गांधी भी इस विवाद में कूद पड़े हैं। उन्होंने वेद प्रताप वैदिक को आरएसएस का आदमी करार दिया है।

आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद से वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात को लेकर कांग्रेस आक्रामक रुख अपनाए हुए है। आज उसने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में हंगामा किया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य गृह मंत्री से इस पर जवाब की मांग करने लगे। कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और 'वैदिक को मत बचाओ, गृह मंत्री जवाब दो' तथा हाफिज का सच बताओ के नारे लगाने लगे। लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट कहना चाहती हूं कि वेद प्रताप वैदिक की पाकिस्तान यात्रा या हाफिज सईद से उनकी मुलाकात से भारत सरकार का दूर-दूर का भी संबंध नहीं है। उन्होंने कहा,'वैदिक ने ना तो पाकिस्तान जाने से पहले और न ही वहां जाकर हमें ऐसी कोई सूचना दी कि वह हाफिज सईद से मिलने वाले हैं।' विदेश मंत्री ने कहा कि वैदिक की पाकिस्तान यात्रा और सईद से मुलाकात निजी और व्यक्तिगत थी।

राज्यसभा में वैदिक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कांग्रेस ने जोरदार हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस मुद्दे पर हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में प्रश्नकाल नहीं हो पाया। प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने वेद प्रताप वैदिक की हाफिज सईद से मुलाकात का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया।

कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है और सरकार को बताना चाहिए कि उसने क्या कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब बेहद जरूरी है कि आखिर वैदिक ने किसकी अनुमति से सईद से मुलाकात की। पार्टी के अन्य सदस्यों ने और एसपी, बीएसपी, जेडीयू, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया। सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से कहा कि कल भी यह मुद्दा उठाया गया था और इस पर जवाब मिल चुका है। इसलिए प्रश्नकाल चलने दिया जाना चाहिए।

इसी बीच कांग्रेस और एसपी के सदस्य वैदिक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारे लगाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए। व्यवस्था बनते न देख सभापति ने बैठक शुरू होने के महज 3 मिनट बाद ही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। 15 मिनट बाद बैठक फिर शुरू हुई तो सदन में वही नजारा था। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दे को बेहद हल्के तौर पर कैसे लिया जा सकता है। विपक्षी सदस्य एक बार फिर वैदिक की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। हंगामा थमते न देख अंसारी ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 12 बजे कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वैदिक आरएसएस के आदमी हैं। उन्होंने कहा, 'हम यह जानना चाहते हैं कि वैदिक की मुलाकात हाफिज सईद से करवाने में कहीं पाकिस्तान में भारतीय ऐंबेसी ने मदद तो नहीं की थी।'

राहुल के आरोप के जवाब में वैदिक ने कहा कि बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस में मेरे ज्यादा भक्त हैं। बीजेपी का कहना है कि वैदिक न तो आरएसएस से जुड़े हैं और नही बीजेपी से। पार्टी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया है कि वैदिक कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद के साथ पाकिस्तान गए थे, ऐसे में वह RSS के आदमी कैसे हो सकते हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में मणिशंकर अय्यर और खुर्शीद से भी पूछताछ होनी चाहिए।

बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि पहले भी कई पत्रकार कश्मीरी आतंकियों से मिलते रहे हैं, इसमें कोई नई बात नहीं है। आरएसएस से बीजेपी में गए राम माधव ने भी साफ किया है कि वैदिक संघ से नहीं जुड़े हैं। संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने भी सफाई देते हुए कहा कि वैदिक हमारे साथ जुड़े नहीं हैं।

राम माधव ने कहा, 'किसी भी सूरत में हाफिज सईद आतंकवादी है। वह जब कभी भारत आएगा, उसे भारतीय कानून व्यवस्था के तहत एक अपराधी के तौर पर लाया जाएगा।' पाकिस्तानी मीडिया में पीओके और कश्मीर को एक देश की शक्ल देने के वैदिक के बयान पर माधव ने कहा, 'देश में करोड़ो लोगों के करोड़ों विचार हो सकते हैं। पीओके भारत का हिस्सा है। इस पर पाकिस्तान का गैरकानूनी और असंवैधानिक कब्जा है। इसे मुक्त कराना भारतीय संसद का संकल्प है। इस संकल्प को पूरा किया जाना है।' यह पूछे जाने पर कि क्या पत्रकार वैदिक के बयान से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं तो राम माधव ने कहा, 'निश्चित तौर पर ऐसा हुआ है।'

आरएसएस के आदमी हैं वैदिक: राहुल गांधी

आरएसएस के आदमी हैं वैदिक: राहुल गांधी
Who met Hafiz Saeed, an RSS man or a friend of Congress politicians?
Shiv Sena members burn an effigy of Ved Pratap Vaidik during a protest in Jammu on Tuesday


Rahul says Vaidik is RSS man but Sangh denies links with man who 'moves around with Khurshid'.

Rahul Gandhi on Tuesday called journalist Ved Pratap Vaidik an "RSS man", and the RSS hit back saying "anyone who roams around with Mani Shankar Aiyer and Salman Khurshid" cannot be associated with the Sangh. 

Parliament was rocked for the second consecutive day yesterday over a meeting between freelance journalist Vaidik and 26/11 Mumbai attack mastermind Hafiz Saeed of the Jamaat-ud-Dawah in Lahore on July 2, with the Congress pressing for the government's response. 

The Modi government has already washed its hands off the matter, saying it cannot be held responsible for the "diplomatic misadventure of a private individual", but both the Lok Sabha and the Rajya Sabha saw disruptions as soon as the two Houses met for the day on Tuesday. 

Both Houses were disrupted during the Question Hour, and again during the Zero Hour with Congress and other opposition members storming the Well. 

In the Lok Sabha, External Affairs Minister Sushma Swaraj said the government has nothing to do with the journalist meeting India's one of the most-wanted terrorists in Pakistan. 

"Allegations that the government facilitated the journalist's meeting with Hafiz Saeed are false and baseless. Neither did he, while going to Pakistan, nor after going there, informed us that he was meeting Hafiz Saeed. This is purely a private visit and a personal meeting," she said. 

In the Rajya Sabha, the leader of the House, Finance Minister Arun Jaitley said, "This is a diplomatic misadventure of a private individual. The Indian State has nothing to do with it... The person or his views have nothing to do with either the government or my party." 


His statement led to uproar, with sloganshouting Congress members storming the Well. As soon as Lok Sabha met for the day, the Congress members, led by Mallikarjun Kharge, were on their feet demanding a reply from the government on the meeting of the journalist with Saeed. 

When the Speaker declared that Question Hour will not be suspended, Congress members trooped into the Well shouting slogans such as "Vaidik ko mat bachao", "Home Minister jawab do", and "Hafiz ka sach batao". 

In the Rajya Sabha, the leader of the opposition, Ghulam Nabi Azad said someone in this government must have facilitated the meeting. Azad said that Vaidik told a Pakistani TV channel that had he been the prime minister, he would have allowed Saeed's entry into Kashmir without visa, that he was for Kashmir's 'aazadi' and that the Pakistan-occupied Kashmir and 'Indian Kashmir' should unite to form a separate entity. 

Vaidik had met Saeed in while visiting Pakistan with a group of journalists and politicians invited by a peace research institute. 


Rahul attacks govt 

While calling Vaidik an "RSS man", Congress vice-president Rahul Gandhi questioned whether the Indian High Commission in Islamabad had facilitated his meeting with Saeed. 

"The question is, did the Indian embassy facilitate the gentleman or not? We are curious to find out if the Indian embassy has facilitated this event... whether they helped this gentleman in any way. That's what we are curious about," Rahul told reporters. 

Vaidik has already denied links with the RSS, while Ram Madhav, the RSS leader who recently joined the BJP, said, "The person who roams around with Mani Shankar Aiyer and Salman Khurshid is not from RSS." MMB



2 टिप्‍पणियां:

Anita ने कहा…

बात का बतंगड बनाये बिना उसे हल करना राजनीतिज्ञों को आता ही नहीं है

राजीव कुमार झा ने कहा…

पता नही सच क्या है? लेकिन पत्रकार जब नक्सली,वीरप्पन से मिल सकते हैं,तो फिर इतनी हाय तौबा क्यों?