संघ ही शक्ति है कलियुग की
माननीय नीतीश कुमार जीत के अहंकार में बड़बोलेपन से ग्रस्त होते दिख रहें हैं। जो काम नेहरु खानदान आज तक न कर सका ,कोई मीरजाफर न कर सका उसे करने की बात नीतीश कह रहें हैं :संघमुक्त भारत बनाएंगे नीतीश।
कहीं नीतीश कुमार नेहरू मदरसे जनेऊ के पढ़े लिखे तो नहीं हैं ,बिहार में तो नालंदा की परम्परा रही है। कहीं नीतीश अफ़ज़ल गैंग के कन्हैया से तो दीक्षा नहीं ले बैठे हैं जो ऐसी अहकी -बहकी बातें कर रहें हैं।
श्रीमान नीतिश जी संघ को तोड़ने का काम आज तक कोई सोनिया न कर सकी कोई राहुल न कर सका ,उनका कोई धर्मगुरु पॉप न कर सका वह आप अंजाम देंगे , उस बिहार की धरती से जहां ऐसे ही लोगों के कुशासन के खात्मे के लिए कौटिल्य पैदा हुए थे।
संघ प्रतीक है राष्ट्रीय गौरव ,अक्षुण भारतीय संस्कृति और उस सनातन धारा को जो युगों से प्रवहमान है। किस माई के लाल ने अपनी माँ का दूध पीया है जो भारत से संघ का सफाया कर सके।
जनाब नीतीश कुमार कांग्रेस मुक्त भारत और संघ मुक्त भारत का यकसां अर्थ नहीं है। कांग्रेस भ्रष्ट तंत्र का प्रतीक बन चुकी थी उसे अपनी मौत मरना ही था ,कांग्रेस तो राजनीतिक पार्टी है ,संघ तो भारत को जोड़ने वाली एक सांस्कृतिक संघटन है ,कड़ी है सांस की धौंकनी है जन मन की।
माननीय नीतीश कुमार जीत के अहंकार में बड़बोलेपन से ग्रस्त होते दिख रहें हैं। जो काम नेहरु खानदान आज तक न कर सका ,कोई मीरजाफर न कर सका उसे करने की बात नीतीश कह रहें हैं :संघमुक्त भारत बनाएंगे नीतीश।
कहीं नीतीश कुमार नेहरू मदरसे जनेऊ के पढ़े लिखे तो नहीं हैं ,बिहार में तो नालंदा की परम्परा रही है। कहीं नीतीश अफ़ज़ल गैंग के कन्हैया से तो दीक्षा नहीं ले बैठे हैं जो ऐसी अहकी -बहकी बातें कर रहें हैं।
श्रीमान नीतिश जी संघ को तोड़ने का काम आज तक कोई सोनिया न कर सकी कोई राहुल न कर सका ,उनका कोई धर्मगुरु पॉप न कर सका वह आप अंजाम देंगे , उस बिहार की धरती से जहां ऐसे ही लोगों के कुशासन के खात्मे के लिए कौटिल्य पैदा हुए थे।
संघ प्रतीक है राष्ट्रीय गौरव ,अक्षुण भारतीय संस्कृति और उस सनातन धारा को जो युगों से प्रवहमान है। किस माई के लाल ने अपनी माँ का दूध पीया है जो भारत से संघ का सफाया कर सके।
जनाब नीतीश कुमार कांग्रेस मुक्त भारत और संघ मुक्त भारत का यकसां अर्थ नहीं है। कांग्रेस भ्रष्ट तंत्र का प्रतीक बन चुकी थी उसे अपनी मौत मरना ही था ,कांग्रेस तो राजनीतिक पार्टी है ,संघ तो भारत को जोड़ने वाली एक सांस्कृतिक संघटन है ,कड़ी है सांस की धौंकनी है जन मन की।