बेशक ऐसा किया जा सकता है लेकिन इक तो इंसुलिन की आपके लिए निर्धारित सही मात्रा लेना दूसरे इक ही समय पर भोजन करना .सुबह आठ बजे तक ब्रेकफास्ट करलेना भी ज़रूरी है .भोजन में रेशे सलाद ज्यादा हो ,चिकनाई का प्रयोग कम ।
बहुत अधिक मीठी चीज़ों आम ,केला ,अंगूर ,सरीफा ,चीकू ,चीनी से तैयार मिठाइयां ,पेस्ट्री ,केक ,आइसक्रीम ,चोकलेट,एल्कोहल ,रेग्युलर सोडा (मीठा पेय ,कोक ,पेप्सी )आदि से परहेज़ रखना ज़रूरी है ।
केलोरी डेंस भोजन से फास्ट फ़ूड से बचे रहना है .खाने को साफ़ सुथरा तंदरुस्त और बहुत कुछ है .अलबत्ता चख कुछ भी सकतें हैं ।
१०,००० कदम रोज़ चलें ।
व्यायाम और खान -पानी मधु -मेह प्रबंधन का एहम हिस्सा है .खाना -पीना नियमित और मधुमेह रोगी के लिए दिन भर में ६-७ बार इलाज़ का एहम हिस्सा है जो ब्लड ग्लूकोज़ को इक स्वीकृत और वांछित रेंज में बनाए रखने में विधाई भूमिका निभाता है .अकेले इंसुलिन लेकर आप निश्चिन्त नहीं रह सकते .
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