पेज

बुधवार, 27 जुलाई 2011

ग्रीन एनर्जी से हमारा मतलब क्या है ? हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी )की अवधारणा को आत्म सात करने से पहले हमें यह समझना होगा "ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण और निर

ग्रीन एनर्जी से हमारा मतलब क्या है ?

हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी )की अवधारणा को आत्म सात करने से पहले हमें यह समझना होगा "ऊर्जा स्रोतों के संरक्षण और निरंतरता "से हमारा क्या आशय है ?आज हम जिन ऊर्जा स्रोतों को बरत रहें हैं कहीं हम उनका बिलकुल सफाया ही ना कर दें ,आइन्दा आने वाली पीढ़ियों के लियें भी कुछ सोचें .यानी किसी भी ऊर्जा स्रोत का "होना " उसकी "इज्नेस "बनी रहे भावी पीढ़ियों के लिए .अलबत्ता ग्रीन एनर्जी एक ब्रोड -स्पेक्ट्रम टर्म है ,व्यापक अर्थ है हरित ऊर्जा का .कायम रहने लायक ऊर्जा स्रोतों को ग्रीन ऊर्जा कहा जा सकता है .पुनर प्रयोज्य ऊर्जा स्रोतों का भी यही अर्थ लगाया समझा जाएगा ."क्लीन डिवेलपमेंट मेकेनिज्म "स्वच्छ ऊर्जा को भी हम ग्रीन एनर्जी कहेंगें .ज़ाहिर है उत्पादन की ऐसी प्रकिर्या हमें चाहिए जो हमारे पर्यावरण को कमसे कम क्षति पहुंचाए .यही कायम रह सकने लायक विकास है .जब हम ही नहीं रहेंगे तो हमारी हवा पानी मिटटी को निरंतर गंधाने वाले ऊर्जा स्रोतों की प्रासंगिकता का मतलब ही क्या रह जाएगा ?इसीलिए "ग्रीन एनर्जी /क्लीन एनर्जी "इस दौर की ज़रूरीयात है ,महज़ लफ्फाजी नहीं है .इस दौर में हम कोयला और जीवाश्म ईंधनों का बला की तेज़ी से सफाया कर रहें हैं ,कल यह स्रोत रहें ना रहें .पर्यावरण तो टूट ही रहा है जलवायु का ढांचा ,मौसम का मिजाज़ डांवां-दोल है .इसे बचाने के लिए "ग्रीन एनर्जी चाहिए ।
जैव ईंधनों (बायो -फ्यूल्स )सौर ऊर्जा पवन ऊर्जा तरंग ऊर्जा ,भू -तापीय एवं ज्वारीय ऊर्जा जिनका स्तेमाल अभी अपनी शैशव अवस्था में हैं ग्रीन एनर्जी के तहत ही आयेंगी ।
ऊर्जा दक्षता में इजाफा करने वाली अभिनव प्रोद्योगिकी को इसी श्रेणी में रखा जाएगा इनमे पहली पीढ़ी की जल और भूतापीय ऊर्जा दूसरी की सौर एवं पवन ऊर्जा तथा तीसरी की "जैव -मात्रा गैसीकरण "यानी बायोमास गैसीफिकेशन सौर -तापीय इसी वर्ग में जगह पाएंगी ।

एल एस डी और एक्सटेसी की तरह घातक है शराब .

एडिक्शन (लत )के माहिर तथा ओटागो विश्व विद्यालय में प्रोफ़ेसर के बतौर कार्य -रत डौग सेल्लमन के मुताबिक़ जहां तक सम्बद्ध खतरों का सवाल है एल्कोहल हेरोइन और जी एच बी की तरह ही खतरनाक है ।
जहां तक भांग (केनाबीज़ ,मारिजुयाना )का सवाल है एल्कोहल जितना ख़तरा इनसे नहीं हैं ।
आधे मामलों में मारपीट (भौतिक और शारीरिक हमला ),यौन हिंसा के पीछे शराब का ही हाथ होता है .एक साल में १००० से ज्यादा लोगों की जान ले लेती है शराब .इनमे आधे से ज्यादा युवा होतें हैं .(भारत के सन्दर्भ में शराब पीकर गाडी चलाने वाले एक साल में कितनी दुर्घटनाएं करतें हैं ,रोड रेज का खुला तमाशा करतें हैं ,इसका जायजा लेना खासा दिलचस्प होगा .यहाँ शराब पीकर गाडी चलाना आम बात है ,फेशनेबिल समझा जाता है ।).
एल एस डी :एन इल्लीगल ड्रग देत मेक्स यु सी थिंग्स एज मोर ब्यूटीफुल स्ट्रेंज फ्राईत्निंग ,आर मेक्स यु सी थिंग्स देत दू नात एग्जिस्ट (हेल्युसिनेशानस )।
ईट इज ए हेल्युसिनोजेनिक ड्रग मेड फ्रॉम लाइसर्जिक एसिड देत वाज़ यूस्ड एक्स्पेरिमेंतली एज ए मेडिसन एंड इज टेकिन एज एन इल्लीगल ड्रग ।

स्तन पान कम करता है मधुमेह और हृद रोगों का ख़तरा .

जो माताएं अपने नवजातों को ज्यादा अवधि तक स्तन पान (ब्रेस्ट फीडिंग )करवातीं हैं उनके लिए आगे चलकर प्रोढा-वस्था मेंजीवन शैली मधुमेह(सेकेंडरी दायाबीतीज़ ) और हृद रोगों का ख़तरा कमतर हो जाता है .एक अध्धय्यन के मुताबिक़ जो महिलायें नवजातों को कमसे कम एक माह तक नियमित स्तन पान करवातीं हैं उनमे प्री -डाय -बिटीज़ का जोखिम घटकर आधा रह जाता है .आगे चलकर यही पूर्व -मधुमेह रोग की स्तिथि पूरे लक्षणों के संग डायबिटीज़ और हृद रोगों की वजह बनती है ।
२०सालों तक ज़ारी रहने वाले इस अध्धय्यन के अनुसार जो महिलायें इस दरमियान पैदा होने वाले अपने नौनिहालों को स्तन पान करवाती रहीं हैं उनमे बोतल से दूध पिलाने वाली महिलाओं के बरक्स खून में घुली चर्बी और शक्कर का स्तर स्वास्थाय्कर स्तरों पर दर्ज किया गया है ।
अध्धय्यन में उन ७०४ महिलाओं पर निगरानी रखी गई जो अपने पहले बच्चे का इंतज़ार कर रहीं थीं .बच्चे के जन्म के दो दशक बाद तक इनमे मेटाबोलिक सिंड्रोम डिवलपमेंट (प्री- डायबिटीज़ कंडीशन) का जायजा लिया जाता रहा ।
इनमें से उन महिलायेंमें जो गर्भावस्था में "जेस्तेश्नल डायबिटीज़ "की लपेट में आ गई थीं उनमे सेकेंडरी डायबिटीज़ प्रोढा -वस्था में होने का ख़तरा ४४ -८६ फीसद के बीच घट गया .यह सब कमाल था "स्तन पान "का .केलिफोर्निया के कैसर पेर्मनेंते केयर ओर्गेनाइज़ेशन की गुन्दरसों के अनुसार अलबत्ता यह बतलाना मुश्किल है (अनुमेय ही है ),किस प्रकार स्तन पान इन खतरों को कम करता है ।
लेकिन आप ने यह भी जोड़ा ,इस लाभ की वजह वेट गेंन में अन्तर फिजिकल एक्टिविटी का अन्तर नहीं रहा है ।

11 टिप्‍पणियां:

  1. ज्ञानवर्धक जानकारी लिए पोस्ट..... बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  2. एक ही पोस्ट पर तीन ज्ञानवर्धक तथ्य।

    जवाब देंहटाएं
  3. आप के पोस्ट में तो ज्ञान का अपार भंडार समाया हुआ है.. बहुत सुन्दर....आभार..

    जवाब देंहटाएं
  4. वीरु जी , आप ने मेरे ब्लांम में आकर अपने अनुभव मेरे साथ बाँटे, मुझे बहुत अच्छा लगा..धन्यवाद..

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सारी उपयोगी जानकारियां मिली ....सार्थक पोस्ट

    जवाब देंहटाएं
  6. महा-स्वयंवर रचनाओं का, सजा है चर्चा-मंच |
    नेह-निमंत्रण प्रियवर आओ, कर लेखों को टंच ||

    http://charchamanch.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत महत्त्वपूर्ण तथ्य ढूंढ कर लाये हैं वीरुभाई ।
    नशा तो कोई भी हो , बुरा ही होता है । युवा पीढ़ी पर ज्यादा गलत प्रभाव पड़ता है ।

    जवाब देंहटाएं
  8. ज्ञानवर्धक जानकारी लिए
    आपको मेरी हार्दिक शुभकामनायें
    लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
    अगर आपको love everbody का यह प्रयास पसंद आया हो, तो कृपया फॉलोअर बन कर हमारा उत्साह अवश्य बढ़ाएँ।

    जवाब देंहटाएं