"ज्योतिष -शाश्त्रियों से क्षमा याचना सहित "
क्या जापान में ११ मार्च को भूकंप और सुनामी का कारण 'सुपरमून 'रहा है ?
अमरीकी भू -सर्वेक्षण विभाग के साइंसदान इसे ज्योतिष के माहिरों की खामखयाली ही मानतें हैं विज्ञान नहीं क्योंकि सीज्मिक एक्टिविटीज़ का मून -सन एलाइन्मेन्त से कोई महत्वपूर्ण रिश्ता नहीं है वैसे भी यह घटना सुपरमून की तारीख (१९मार्च )से ८ दिन पहले ही घटित हुई है महज़ इत्तेफाक रहा है यह ।
बेशक १९ मार्च को चाँद पृथ्वी के नजदीकतम होगा गत १८ सालोंमे (लूनर पेरिजी ).लेकिन उस दिन पूर्ण चन्द्र (फुल मून )यानी पूर्णिमा भी होगी .भू -विज्ञान के माहिरों के अनुसार लूनर पेरिजी किसी भी विध सीज्मिक एक्टिविटीज़ (भूकंपीय सक्रियता /गति -विधि )को असरग्रस्त नहीं करती है ।
सुपरमून का, ११ मार्च की जापान दुर्घटना के सन्निकट होना महज़ इत्तेफाक है .दूसरे यह दुर्घटना इक सप्ताह (८दिन )पहले ही घट गई है ।
चन्द्र की प्रावस्था नव चन्द्र (न्यू -मून )के भी ठीक इक सप्ताह बाद ही घटित हुई है यह घटना . चन्द्रमा की कलाएं(फेज़िज़ ऑफ़ मून ) घटतीं बढ़तीं हैं हर पखवाड़े (कृष्ण और शुक्ल पक्ष )नव चन्द्र से पूर्णिमा तक .इसीलिए कहा गया है चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात .
लेकिन केवल फुल मून और नव चन्द्र के वक्त ही चन्द्रमा पृथ्वी पर अधिकतम गुरुत्व बल डालता है .इसके बावजूद बहुत ही क्षीण सा रिश्ता रहा है 'न्यू -मून '.'"फुल मून "और सीज्मिक एक्टिविटीज़ का ।
टाइडल फोर्सिज़ का परिमाण बेशक थोड़ा सा सामान्य से ज्यादा हो जाता है चन्द्र और सूर्य के इस एलाइन्मेन्त से टेक्टोनिक प्लेटो पर थोड़ा सा फालतू बल पड़ता है . ,लेकिन वास्तविक एलाइन्मेन्त भी तो अभी ८ दिन आगे है (१९मार्च ).
देयर इज नो एस्तेब्लिश्द ओब्ज़र्वेश्नल को -रिलेशन बिटवीन सन -मून रिलेटिड पोज़िसंस(पोजिसनल इवेंट्स )एंड अर्थक्वेक्स एंड सुनामीज़ .-"सेज रत्ना श्री ,निदेशक नेहरु तारामंडल ,नै दिल्ली .".
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